Ch 7 समकालीन विश्व में सुरक्षा
एक अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. सुरक्षा से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर: खतरे से आजादी।
प्रश्न 2. अपरोध किसे कहते हैं ?
उत्तर: युद्ध की आशंका को रोकना।
प्रश्न 3. NPT का शब्द विस्तार लिखिए।
उत्तर: परमाणु अप्रसार संधि (Nuclear Nonproliferation Treaty)।
प्रश्न 4. उत्तरी गोलार्द्ध व दक्षिणी गोलार्द्ध के देशों में प्रमुख अंतर क्या है ?
उत्तर: उत्तरी गोलार्द्ध के अधिकतर देश विकसित है जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध के अधिकतर देश विकासशील अथवा अल्प विकसित।
प्रश्न 5. निशस्त्रीकरण से सम्बन्धित कोई एक संधि का उदाहरण दीजिए।
उत्तर: 1972 की जैविक हथियार संधि।
प्रश्न 6. अस्त्र नियंत्रण से सम्बन्धित कोई एक संधि का उदाहरण दीजिए।
उत्तर: 1972 की एंटी बैलेस्टिक मिसाईल संधि।
प्रश्न 7. देश के किन्हीं दो केन्द्रीय मूल्य बतायें।
उत्तर: सम्प्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता।
प्रश्न 8. CWC का शब्द विस्तार लिखें।
उत्तर: रसायनिक हथियार संधि (Chemical weapon convention)
प्रश्न 9. BWC का शब्द विस्तार लिखें।
उत्तर: जैविक हथियार संधि (Biological weapon convention)
द्विअंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. पारम्परिक सुरक्षा से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर: सैनिक हमले जिसका स्रोत कोई दूसरा देश होता है, जो सैनिक हमले की धमकी देकर किसी देश के केन्द्रीय मूल्यों जैसे सम्प्रभुता, स्वतंत्रता एवं क्षेत्रीय अखण्डता आदि के लिए खतरा पैदा करता है।
प्रश्न 2. आतंकवाद से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: इसका आशय राजनीतिक खून खराबे से है जो जानबूझकर व बिना किसी कारण निर्दोषों को निशाना बनाता है।
प्रश्न 3. शक्ति संतुलन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: शक्ति संतुलन वह व्यवस्था है, जिसमें निरन्तर प्रयास रहता है कि कोई देश शक्तिशाली बन वर्तमान संतुलन को बिगाड़ न दे।
प्रश्न 4. विश्व की सुरक्षा के खतरे के दो नए स्रोत बताइए।
उत्तर: मानवाधिकार, आतंकवाद, वैश्विक निर्धनता आदि
प्रश्न 5. सहयोगमूलक सुरक्षा से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: अपारम्परिक खतरों से निपटने के लिए सैन्य संघर्ष के बजाए अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग से रणनीति तैयार करना।
प्रश्न 6. आन्तरिक रूप से विस्थापित जन से क्या तात्पर्य है ? किसी एक उदाहरण से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: वे प्रवासी जो अपना घर छोड़कर अपने ही देश की सीमाओं में रहते हैं ‘आन्तरिक विस्थापित जन’ कहलाते हैं। जैसे – जम्मू-कश्मीर राज्य से कश्मीरी पंडित, जो देश के अन्य भागों में रहने को विवश हैं।
प्रश्न 7. किन्हीं दो आतंकवादी संगठनों के नाम लिखिए।
उत्तर: अलकायदा, हिजबुल मुजाहिदीन, आई.एस.आई.एस. आदि
प्रश्न 8. अप्रवासी व शरणार्थी में क्या अंतर है ?
उत्तर: अप्रवासी अपनी मर्जी से स्वदेश छोड़ते हैं जबकि शरणार्थी युद्ध, प्राकृतिक आपदा अथवा राजनीतिक उत्पीड़न के कारण स्वदेश छोड़ने पर मजबूर होते हैं।
प्रश्न 9. गठबंधन बनाना किस प्रकार पारम्परिक सुरक्षा नीति का एक तत्व है ?
उत्तर: गठबंधन व्यवस्था में इस तरह की संधि की व्यावस्था होती है कि कुछ विशेष स्थितियों में दोनो पक्ष एक दूसरे की मदद करेगें।
प्रश्न 10. निशस्त्राीकरण से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर: अस्त्र-शस्त्रों का अभाव या अस्त्र-शस्त्रों को नष्ट करना।
चार अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. भारत की सुरक्षा रणनीति के प्रमुख घटकों का उल्लेख कीजिए ?
उत्तर:
- सैन्य क्षमता मजबूत करना
- अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं का सम्मान
- आन्तरिक सुरक्षा समस्या से निपटना
- आर्थिक मजबूती
प्रश्न 2. वैश्विक निर्धनता किस प्रकार मानवता के लिए एक गम्भीर खतरा है ?
उत्तर:
- आर्थिक असमानता
- अप्रवास
- शरणार्थी आदि प्रमुख कारक (विस्तारपूर्वक)
प्रश्न 3. किन्हीं दो सुरक्षा के पारम्परिक तरीके को उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर:
- निशस्त्रीकरण – 1992 की रासायनिक हथियार संधि
- अस्त्र नियंत्रण – 1972 की एंटी बैलेस्टिक मिसाइल संधि
- विश्वास की बहाली – एक दूसरे देश में सूचनाओं का आदान-प्रदान
प्रश्न 4. शक्ति संतुलन क्या है ? कोई देश इसे कैसे कायम करता है ?
उत्तर: शक्ति संतुलन वह व्यवस्था है जिसमें निरन्तर प्रयास रहता है कि कोई देश शक्तिशाली बनकर वर्तमान संतुलन को बिगाड़ न दे।
- अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाकर
- आर्थिक और प्रौद्योगिकी की ताकत बढ़ाकर
प्रश्न 5. मिलान कीजिए –
शरणार्थी — सैन्य शक्ति के संदर्भ में बाहरी व आन्तरिक खतरों से सुरक्षा
आन्तरिक विस्थापित जन — दलाई लामा
परम्परागत सुरक्षा — कश्मीरी पंडित
गैर परम्परागत सुरक्षा — मानव सुरक्षा व विश्व सुरक्षा।
उत्तर:
शरणार्थी — दलाईलामा
परम्परागत सुरक्षा — सैन्य शक्ति के संदर्भ में बाहरी व आन्तरिक खतरों से सुरक्षा।
गैर परम्परागत सुरक्षा — मानव सुरक्षा व विश्व सुरक्षा
आन्तरिक विस्थापितजन — कश्मीरी पंडित
प्रश्न 6. बाहरी खतरों से संबंधित परम्परागत सुरक्षा की धरणा के चार घटक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर: बाहरी सुरक्षा की पारम्परिक अवधारणा के अन्तर्गत
- खतरे का स्रोत कोई दूसरा, मुल्क होता है जो सैन्य हमले की धमकी देकर सम्प्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता जैसे किसी देश के केन्द्रीय मूल्यों के लिए खतरा पैदा करता है।
- सुरक्षा नीति का सम्बन्ध युद्ध की आशंका को रोकने में होता है। जिसे अपरोध कहा जाता है।
- देश शक्ति संतुलन अपने पक्ष में रखने के लिए सैन्य शक्ति के साथ आर्थिक व प्रौद्योगिक ताकत बढ़ाने में लगे रहते हैं।
- किसी देश अथवा गठबंधन की तुलना में अपनी ताकत का असर बढ़ाने के लिये देश गठबंधन बनाते हैं। गठबंधन राष्ट्रीय हितों पर आधारित होते हैं। राष्ट्रीय हित बदलने पर गठबंधन भी बदल जाते हैं।
पाँच अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. चित्र का अध्ययन करके दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
उत्तर: शान्ति का
ii) सैनिक कबूतर की सवारी कर क्या संदेश दे रहा है ?
उत्तर: शान्ति सेना।
iii) शांति सेना का उद्देश्य क्या है ? भारत ने किस देश में शान्ति सेना भेजी थी?
उत्तर: शान्ति सेना का उद्देश्य किसी देश की कानून व्यवस्था में स्थिरता लाना होता है। श्रीलंका, काँगो आदि देशों में।
प्रश्न 2. नीचे दिए गए अवतरण का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
“सिर्फ राज्य ही नहीं व्यक्तियों और समुदायों या कहें कि समूची मानवता को सुरक्षा की जरूरत है। यद्यपि इस बात पर मतभेद है कि ठीक-ठीक ऐसे कौन से खतरे हैं, जिनसे व्यक्तियों को बचाया जाना चाहिए। संकीर्ण अर्थों में व्यक्तियों और समुदायों को खून-खराबे से बचाना मानवता की सुरक्षा है, जबकि व्यापक अर्थों में यह ‘अभाव से मुक्ति’ और ‘भय से मुक्ति है।”
i.) लेखक सुरक्षा की किस अवधारणा को इंगित कर रहा है ?
उत्तर: सुरक्षा की अपारम्परिक अवधारणा
ii) सुरक्षा से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: खतरे से आजादी
iii) मानवता की सुरक्षा के समक्ष किन्हीं चार खतरों के नाम लिखिए।
उत्तर: गरीबी, बीमारियाँ, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद आदि।
छः अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. बाह्य सुरक्षा की पारम्परिक धारणा में क्या अभिप्राय है ? इस प्रकार की सुरक्षा के किन्हीं दो तत्वों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
- बाहृय सुरक्षा की पारम्परिक धारणा : किसी देश को सबसे बड़ा खतरा सैन्य खतरा माना जाता है।
- बाह्य सुरक्षा के तत्व :
- बाहरी आक्रमण के विरूद्ध अपनी रक्षा करना अथवा उसे रोकना।
- युद्ध को टालना।
- शक्ति संतुलन । गठबंधन बनाना।
प्रश्न 2. आन्तरिक व बाह्य सुरक्षा की पारम्परिक धारणाओं से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
- आन्तरिक सुरक्षा की पारम्परिक धारणा :पारम्परिक सुरक्षा की अवधारणा आन्तरिक सुरक्षा से जुड़ी हुई है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पृथ्वी पर सर्वाधिक शक्तिशाली देशों की आन्तरिक सुरक्षा कमोवेश सुनिश्चित थी। 1945 के बाद अमरीका व सोवियत संघ में एकता दिखाई देती थी और वे अपनी सीमाओं में शान्ति की अपेक्षा कर सकते थे। यूरोप में अधिकांश शक्तिशाली देशों के समक्ष अपनी सीमाओं में कोई चुनौती नहीं थी।
- बाह्य सुरक्षा की पारम्परिक धारणा – द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद का समय शीतयुद्ध का समय था, जिसमें अमरीका के नेतृत्व में पश्चिमी गठबंधन के सामने सोवियत संघके नेतृत्व में पूर्वी गठबंधन था। दोनों को एक दूसरे से सैनिक आक्रमण का खतरा था। कुछ यूरोपीय शक्तियों को अपने उपनिवेशों में स्वतंत्रता की मांग करने वाले लोगों की हिंसा के प्रति चिन्ता थी।
प्रश्न 3. देश के सामने फिलहाल जो खतरे मौजूद हैं उनमें परमाण्विक हथियार का सुरक्षा अथवा अपरोध के लिए बड़ा सीमित उपयोग रह गया है। इस कथन का विस्तार करें।
उत्तर:
- नित नये खतरे विश्व के समक्ष आ रहें है जैसे – वैश्विक तापवृद्धि, महामारियाँ, गरीबी आदि।
- आकाल, महामारियाँ व प्राकृतिक आपदाएं से मरने वालों की संख्या युद्ध, आतंकवाद से मरने वालों की तुलना में आधिक है।
- परमाणु हथियार अकाल, महामारियाँ व प्राकृतिक आपदाओं को रोकने में सक्षम नहीं हैं।
प्रश्न 4. भारतीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए किस किस्म की सुरक्षा को वरीयता दी जानी चाहिए – पारम्परिक या अपारम्परिक ? अपने तर्क की पुष्टि में आप कौन से उदाहरण देंगे?
उत्तर: भारतीय संदर्भ में दोनों ही खतरे समान रूप से गम्भीर हैं।
- भारत को 1947-48, 1965, 1971 व 1999 में पाकिस्तान के हमले का सामना करना पड़ा जबकि 1962 में चीन ने भारत पर हमला किया।
- कश्मीर व पूर्वोत्तर के राज्य अन्तर्राष्ट्रीय सीमावर्ती होने के कारण अति संवेदनशील हैं।
- भारत अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की मजबूती व वैश्विक सहयोग का पक्षधर
- गरीबी, कुपोषण, महामारियाँ व आतंकवाद आदि से भारत जूझ रहा है। स्मरणीय बिन्दु देखें।