Ch 4 भारत के विदेशी सम्बन्ध
एक अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. भारत की विदेश नीति की कोई दो विशेषताएँ बताइयें ?
उत्तर: गुट निरपेक्षता और पंचशील
प्रश्न 2. जवाहर लाल नेहरू ने पंचशील की घोषणा कब की?
उत्तर: 1954 में
प्रश्न 3. भारत द्वारा गुट निरपेक्षता की नीति अपनाए जाने का क्या कारण था ?
उत्तर: विश्व में चल रही गुटबाजी में न पड़कर स्वतन्त्रतापूर्वक विकास करने के लिए गुटनिरपेक्षता की नीति अपनाई।
प्रश्न 4. भारत चीन युद्ध कब हुआ?
उत्तर: 1962
प्रश्न 5. ‘नेफा’ किस राज्य को कहा जाता है ?
उत्तर: अरूणाचल प्रदेश को
प्रश्न 6. NPT का शब्द विस्तार लिखो ?
उत्तर: परमाणु अप्रसार संधि।
प्रश्न 7. भारत ने 1959 में किसे राजनीतिक शरण दी?
उत्तर: तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा को
प्रश्न 8. भारत ने अपना प्रथम परमाणु परीक्षण कब और कहाँ किया ?
उत्तर: 1974 में राजस्थान के पोखरण में
प्रश्न 9. बंगबंधु उपनाम से किसे जाना जाता है ?
उत्तर: शेख मुजीबुर्रहमान
प्रश्न 10. बांग्लादेश कब अस्तित्व में आया ?
उत्तर: 1971
प्रश्न 11. NATO का शब्द विस्तार लिखो ?
उत्तर: उत्तर अटलांटिक संधि संगठन
प्रश्न 12. भारत ने अपना दूसरा परमाणु परीक्षण कब और कहाँ किया ?
उत्तर: 1998 में राजस्थान के पोखरण में पाँच परमाणु परीक्षण।
प्रश्न 13. कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र संघ ने कब अपनी ‘विवादित क्षेत्र’ सूची से निकाल दिया ?
उत्तर: 2010
दो अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. पंचशील समझौते पर किन नेताओं ने हस्ताक्षर किए ?
उत्तर: भारत के प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू और चीन के प्रमुख चाऊएन लाई।
प्रश्न 2. भारत-चीन के मध्य विवाद के कोई दो विषयों का उल्लेख करो ?
उत्तर: तिब्बत, अरूणाचल प्रदेश सहित पूर्वोतर भारत में सीमा विवाद।
प्रश्न 3. ताशकंद समझौता किन दो देशों के मध्य हुआ और कब ?
उत्तर: भारत और पाकिस्तान 1966
प्रश्न 4. भारत और पाकिस्तान के मध्य सिंधु नदी जल बंटवारा संधि कब हुई। इस संधि में किसने मध्यस्थता की भूमिका निभाई ?
उत्तर: 1960, विश्व बैंक
प्रश्न 5. भारत ने CTBT पर हस्ताक्षर करने से क्यों मना कर दिया ?
उत्तर: क्योंकि भारत मानता है कि यह संधि भेदभाव पूर्व है।
प्रश्न 6. शिमला समझौते पर किन नेताओं ने हस्ताक्षर किए ?
उत्तर: भारत की ओर से तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और पाकिस्तान की ओर से जुल्फिकार अली भुट्टो ने।
प्रश्न 7. भारत ने एक बीस वर्षीय संधि किस देश के साथ और क्यों की?
उत्तर: 1971 में सोवियत संघ के साथ क्योंकि भारत अमेरिका चीन और पाकिस्तान की धुरी तोड़ना चाहता था।
प्रश्न 8. पाकिस्तान के किस जनरल ने 1971 में भारतीय सेनाओं के समक्ष आत्मसमर्पण किया ? उनके साथ कितने सैनिक थे ?
उत्तर: जनरल अब्दुल्ला खान नियाजी। इसके साथ १०००० सैनिकों ने भी आत्मसमर्पण किया।
प्रश्न 9. भारत चीन के मध्य प्राचीन सिल्क रूट व्यापार के लिए खोल दिया गया ? यह कौन सा रूट है ?
उत्तर: सिक्किम और तिब्बत के मध्य नाथूला दर्रा द्वारा।
प्रश्न 10. शिमला समझौते के कोई दो प्रमुख प्रावधान बताइए?
उत्तर: विवादों का शांतिपूर्ण समाधान, बल प्रयोग नहीं, LOC को मान्यता, संचार साधनों की स्थापना।
चार अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. भारत की विदेशनीति पर नेहरू जी का क्या प्रभाव है बताइए?
उत्तर: गुटनिरपेक्षता, पंचशील, क्षेत्रीय अखंडता और तेज गति से आर्थिक विकास।
प्रश्न 2. पंचशील के कोई चार सिद्धांत बताओ ?
उत्तर: ये पांच सिद्धांत हैं-
- दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए पारस्परिक सम्मान,
- परस्पर गैर आक्रामकता,
- परस्पर गैर हस्तक्षेप,
- समानता और पारस्परिक लाभ, और
- शांतिपूर्ण सह अस्तित्व।
प्रश्न 3. 1962 के भारत चीन युद्ध का भारत के विकास पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर:
- भारत की अन्तर्राष्ट्रीय छवि को नुकसान।
- राष्ट्रीय स्वाधिमान की क्षति।
- अनावश्यक आर्थिक दबाव।
- राजनीतिक अस्थिरता।
प्रश्न 4. भारत के परमाणु कार्यक्रम की संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
- 1940 के दशक में होमी जहाँगीर भाभा के निर्देशन में शुरूआत।
- 1974 में पहला तथा 1998 में दूसरा परमाणु परीक्षण पोखरण में।
- NPT और CTBT का विरोध।
- परमाणु नीति की घोषणा एवं शांतिपूर्ण कार्यों के लिए परमाणु शक्ति का प्रयोग।
प्रश्न 5. विदेश नीति के मसले पर सभी दलों में एक सर्वसहमति है। टिप्पणी करो ?
उत्तर: भारत की विदेश नीति के मुख्य तत्व :
- गुटनिरपेक्षता
- वसुधैव कुटुम्ब की धारणा
- अन्तर्राष्ट्रीय मामलों में स्वतंत्रता पूर्वक एवं सक्रिय भागीदारी निभाना।
- पंचशील :- 29 अप्रैल 1954 को भारत के प्रधानमंत्री पं नेहरू तथा चीन के प्रमुख चाऊ एन लाई के बीच द्विपक्षीय समझौता जिसके अग्रलिखित पांच बिन्दु है :
- एक दूसरे के विरूद्ध आक्रमण न करना।
- एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना।
- एक दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता का आदर करना।
- समानता और परस्पर मित्रता की भावना।
- शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व
- निशस्त्रीकरण
- अन्तर्राष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण हल।
- साम्राज्यवाद का विरोध इत्यादि।
प्रश्न 7. सही मिलान करो।
कॉलम (क) कॉलम (ख)
i) 1950-64 के दौरान भारत की ए) तिब्बती धार्मिक नेता जो विदेश नीति का लक्ष्य सीमा पार
करके भारत चले आए।
ii) पंचशील बी) श्रेत्रीय अखंडता और सम्प्रभुता की रक्षा तथा आर्थिक विकास
iii) बांडुंग सम्मेलन सी) शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पाँच सिद्धांत
iv) दलाई लामा डी) इसकी परिणति गुटनिरपेक्ष आंदोलन में हुई।
उत्तर:
i) बी
ii) सी
iii) डी
iv) ए
पाँच अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. निम्नलिखित अवतरणों को पढ़ कर और अनलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
“भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने राष्ट्रीय ऐजेंडा तय करने में निर्णायक भूमिका निभाई। वे प्रधानमंत्री के साथ-साथ विदेश मंत्री भी थे। प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री के रूप में 1946 से 1964 तक उन्होंने भारत की विदेश नीति की रचना एवम् क्रियान्वयन पर गहरा प्रभाव डाला।
i) नेहरू जी ने विदेश नीति के उद्देश्यों की पूर्ति हेतू कौन सी नीति अपनाई ?
उत्तर: गुट निरपेक्षता की नीति
ii) भारत के प्रथम विदेश मंत्री कौन थे ?
उत्तर: पं जवाहर लाल नेहरू
iii) नेहरू जी की विदेश नीति के विरोध में कौन से दल व नेता थे और वह क्या चाहते थे?
उत्तर: भारतीय जनसंघ, स्वतंत्र पार्टी तथा डॉ. भीमराव अम्बेडकर। ये अमेरिका से नजदीकियाँ बढ़ाने के पक्षधर थे।
प्रश्न 2. संयुक्त राष्ट्र संघ के हस्तक्षेप से इस लड़ाई का अंत हुआ। बाद में भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के जनरल अयूब खान के बीच ताशकंद समझौता हुआ। सोवियत संघ ने इसमें मध्यस्थ की भूमिका निभाई। हालाँकि 1965 की लड़ाई में भारत ने पाकिस्तान को बहुत ज्याद सैन्य क्षति पहुँचाई लेकिन इस युद्ध से भारत की कठिन आर्थिक स्थिति पर और ज्यादा बोझ पड़ा।
i) 1965 के भारत-पाक युद्ध का क्या परिणाम निकला ?
उत्तर: भारतीय सेना विजयी रही और लाहौर के नजदीक तक पहुँच गई थी।
ii) ताशकंद समझौता किस वर्ष समपन्न हुआ ?
उत्तर: 1966
iii) भारत की आर्थिक स्थिति पर और ज्यादा बोझ कैसे पड़ा ?
उत्तर: 1965 में देश में भयंकर अकाल पड़ा। इससे पूर्व 1962 में चीन से हारने के बाद रक्षा क्षेत्र पर अधिक ध्यान देना पड़ा। 1965 की लड़ाई से अर्थव्यवस्था पर अत्याधिक बोझ पड़ गया।
प्रश्न 3. 1962 के युद्ध में भारत को सैनिक पराजय झेलनी पड़ी और भारत-चीन सम्बन्धों पर इसका दीर्घकालिक असर हुआ। 1976 तक दोनों के बीच कूटनीतिक सम्बन्ध समाप्त ही रहे। इसके बाद धीरे-धीरे दोनों के बीच में भी अब वैचारिक मुद्दों की जगह व्यावहारिक मुद्दे प्रमुख होते गए। इसलिए चीन भारत के साथ सम्बन्ध सुधारने के लिए विवादास्पद मामलों को छोड़ने को तैयार हो गया। 1981 में सीमा-विवादों को दूर करने के लिए वार्ताओं की श्रृंखला भी शुरू की गई।
i) 1962 के संघर्ष के परिणामस्वरूप, भारत के सैनिक पराजय क्यों झेलनी पड़ी?
उत्तर: 1962 में भारत को पराजय इसलिए झेलनी पड़ी क्यांकि भारत की सैनिक तैयारी अच्छी नहीं भी तथा राजनैतिक नेतृत्व इस मुद्दे पर गंभीर नहीं था।
ii) भारत और चीन के सम्बन्ध धीरे-धीरे कब सुधरने प्रारम्भ हुए।
उत्तर: भारत और चीन के सम्बन्ध 1976 के बाद धीरे-धीरे सुधरने प्रारम्भ हुए।
iii) सत्तर के दशक में चीन की नीति में क्या परिवर्तन हुआ ?
उत्तर: सत्तर के दशक में चीन में राजनैतिक परिवर्तन हुआ तथा अब उसकी नीति में वैचारिक मुद्दों की जगह व्यावहारिक मुद्दों ने ले ली।
छः अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. किसी राष्ट्र का राष्ट्रीय नेतृत्व किस तरह उस राष्ट्र की विदेश नीति को प्रभावित करता है ? भारत की विदेश नीति से कोई दो उदाहरण देते हुए संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
- नेतृत्व करने वाले दल की विचारधारा का प्रभाव।
- दल के ऐतिहासिक चरित्र का प्रभाव।
- नेहरू जी द्वारा गुटनिरपेक्षता की नीति का पालन करना।
- प्रधानमंत्री श्री राजीवगांधी द्वारा पड़ोसी देशों से संबंध सामान्य बनाना।
- वाजपेयी द्वारा परमाणु नीति की घोषणा।
प्रश्न 2. 1977 के पश्चात् विश्व राजनीति में आए नाटकीय बदलावों का भारत की विदेश नीति पर पड़े प्रभावों का वर्णन करो।
उत्तर:
- जनता पार्टी सरकार द्वारा सच्ची गुटनिरपेक्षता नीति का पालन।
- सोवियत संघ के प्रति झुकाव का अंत।
- चीन व अमेरिका के साथ संबंधो में सुधार।
- क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने पर जोर।
- सैन्य हितों के स्थान पर आर्थिक हितों पर जोर।
- 1990 के दशक में अमेरिका समर्थित नीतियों की आलोचना।
प्रश्न 3. भारत-चीन संबंधों में मतभेद और सहमति के बिन्दु बताइए।
उत्तर:
- मतभेद :- सीमा विवाद, पाकिस्तान को भारत विरोधी गतिविधियों में समर्थन, तिब्बत विवाद आदि।
- सहमति :- पर्यावरण मुद्दों पर विकसित देशों के खिलाफ, WTO में विकासशील देशों का पक्ष, आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर सहमति।
प्रश्न 4. भारत द्वारा परमाणु नीति एवं कार्यक्रम अपनाने के कोई चार कारण लिखिए।
उत्तर:
- भारत की परमाणु नीति भारत शांतिपूर्ण कार्यों हेतू परमाणु शक्ति का प्रयोग करेगा।
- भारत अपनी सुरक्षा आवश्यकतानुसार परमाणु हथियारों का निर्माण करेगा।
- भारत परमाणु हथियारों का प्रयोग पहले नहीं करेगा।
- परमाणु हथियारो को प्रयोग करने की शक्तिसर्वोच्च राजनीतिक सत्ता के हाथ होगी।
- भारतीय विदेश नीति के बारे में राजनीतिक दल थोड़े बहुत मतभेदों के अलावा राष्ट्रीय अखण्डता, अन्तर्राष्ट्रीय सीमा रेखा की सुरक्षा तथा राष्ट्रीय हितों के मसलों पर व्यापक सहमति है।
- 1991 में शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद विदेश नीति का निर्माण अमेरिका द्वारा पोषित उदारीकरण व वैश्वीकरण को ध्यान में रखकर किया जाने लगा तथा क्षेत्रीय सहयोग को भी विशेष महत्व दिया गया।