Ch 8 पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन
एक अंक वाले प्रश्न :
प्रश्न 1. “रियो सम्मेलन’ कब हुआ ?
उत्तर: 1992 में
प्रश्न 2. “वैश्विक साझी संपदा’ से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर: वैश्विक साझी संपदा उन संसाधनों को कहते हैं, जिन पर किसी एक का नहीं बल्कि पूरे वैश्विक समुदाय का अधिकार होता है।
प्रश्न 3. “क्योटो प्रोटोकॉल” क्या है ?
उत्तर: क्योटो प्रोटोकॉल जापान के शहर में हुए एक समझौते का नाम है जिसमें ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन की कमी के लक्ष्य निर्धारित किए गए।
प्रश्न 4. वैश्विक ताप वृद्धि (ग्लोबल वार्मिग) किसे कहते है ?
उत्तर: पर्यावरण प्रदूषण से विश्व के बढ़ते तापमान को ग्लोबल वार्मिंग कहते है।
प्रश्न 5. ‘मूल वासी’ किसे कहते है ?
उत्तर: मूलवासी ऐसे लोगों के वंशज हैं जो किसी स्थान पर आदिकाल से रहते आ रहें है।
प्रश्न 6. UNFCCC का पूर्ण रूप लिखे।
उत्तर: यूनाईटेड नेशन फ्रेमवर्क कन्वेंशन फॉर क्लाईमेट चेन्ज।
प्रश्न 7. UNEP का पूर्ण रूप बताये।
उत्तर: यूनाईटेड नेशन इनवायरमेंट प्रोग्राम।
प्रश्न 8. विश्व जलवायु के सम्बन्ध में अन्टार्कटिका महाद्वीप की क्या भूमिका है ?
उत्तर: विश्व जलवायु को सन्तुलित रखता है।
प्रश्न 9. उन दो देशों के नाम बताओ, जिनको क्योटो प्रोटोकॉल की बाध्यताओं से अलग रखा गया।
उत्तर: चीन और भारत।
प्रश्न 10. वायुमण्डल में ग्रीन हाऊस गैस बढ़ने से क्या प्रभाव होता है ?
उत्तर: ग्रीन हाऊस गैसे ओजोन परत को नुकसान पहुंचाती है।
प्रश्न 11. जलवायु परिवर्तन और विश्व की तापवृद्धि का क्या कारण है ?
उत्तर: बढ़ता औद्योगिकरण
प्रश्न 12. विश्व का पहला बाँध विरोधी आन्दोलन कहा हुआ था ?
उत्तर: 1980 के दशक में ऑस्ट्रेलिया में फ्रैंकलीन नदी पर इसके वन को बचाने के लिए।
प्रश्न 13. भारत में मूलवासी किस नाम से जाने जाते है ?
उत्तर: अनुसूचित जनजाति या आदिवासी।
प्रश्न 14. अंटार्कटिका किस देश के अधीन है ?
उत्तर: यह विश्व की साझी संपदा है यह किसी के अधीन नहीं।
प्रश्न 15. प्रदूषण किसे कहते है ?
उत्तर: वह तत्व है जो पर्यावरण को हानि पहुंचाता है।
प्रश्न 16. वैश्विक तापवृद्धि को प्रभावित करने वाली गैसों के नाम लिखिये।
उत्तर: कार्बन डाईऑक्साइड, मिथेन, हाइड्रो-फ्लोरो कार्बन, नाईट्रोऑक्साईड आदि।
दो अंक वाले प्रश्न :
प्रश्न 1. धारणीय या टिकाऊ विकास से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: विकास का वो पैमाना जिससे पर्यावरण को क्षति न पहुँचे तथा संसाधन आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बचे रहे, टिकाऊ विकास कहलाता है।
प्रश्न 2. ‘एजेण्डा-21’ क्या है ?
उत्तर: रियो सम्मेलन में विकास के कुछ तौर-तरीके सिखाये गये इसे ही एजेण्डा-21 कहा गया।
प्रश्न 3. रियो सम्मेलन के किन्हीं दो परिणामों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
- ग्लोबल वार्मिंग मुख्य चिन्ता के विषय के रूप में उभरा।
- टिकाऊ विकास पर जोर।
प्रश्न 4. उत्तर-दक्षिण विभेद क्या है ?
उत्तर: उत्तर (विकसित) तथा दक्षिण (विकासशील) दोनों ही राष्ट्रों का विकास का पैमाने में अन्तर है। वहीं जहाँ विकसित देश यह मानते है कि पर्यावरण की सुरक्षा की जिम्मेदारी सबकी बराबर है वहीं विकासशील देशों का मानना है कि चूंकि इसको प्रदूषित विकसित देशों ने ज्यादा किया है तो इसकी जिम्मेवारी भी उनकी ज्यादा होनी चाहिए।
प्रश्न 5. भारत और चीन को क्योटो प्रोटोकॉल की बाध्यताओं से छूट देने का क्या कारण था ?
उत्तर: क्योंकि ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन में इनका योगदान अधिक नहीं था।
प्रश्न 6. पर्यावरण की कृषि सम्बन्धी दो समस्या क्या है ?
उत्तर:
- कृषि योग्य भूमि में कमी।
- भूमि की उर्वराशक्ति में कमी।
प्रश्न 7. किन दो देशों ने अंकिटिका पर अपना दावा पेश किया ?
उत्तर: ब्रिटेन, अर्जेटिना, चिली, नार्वे, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड।
प्रश्न 8. समुद्र तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण बढ़ने के क्या कारण है ?
उत्तर:
- तटीय इलाकों में सघन बसावट।
- तटीय जमीनी क्रियाकलाप।
प्रश्न 9. धरती के ऊपरी वायुमंडल में क्या परिवर्तन आ रहे है ?
उत्तर: ओजोन परत में छेद जिसके कारण मानव स्वास्थ्य तथा पर्यावरण को खतरा हुआ।
प्रश्न 10. मूलवासियों के अस्तित्व को सबसे बड़ा खतरा क्या है ?
उत्तर: जंगल गायब हो रहे है तथा वन्य जीवन जन्तुओं की संख्या घट रही हैं।
प्रश्न 11. पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं का अध्ययन राजनीति विज्ञान में किसलिए किया जाता है ?
उत्तर: राजनीतिक सत्ता बल प्रयोग कर उन लोगों को दण्ड दे सकती है जो प्रदूषण फैलाते है।
प्रश्न 12. विश्व की सांझी सम्पदा के आकार में निरन्तर कमी के कोई दो कारण लिखिये।
उत्तर: अंधाधुंध दोहन, बढ़ती जनसंख्या
प्रश्न 13. भारत के दो बांध विरोधी आन्दोलन बताइये।
उत्तर: नर्मदा बचाओ आन्दोलन, टिहरी आन्दोलन।
प्रश्न 14. भारत में मूलवासियों के हितों के लिए क्या उपाय किये गये ?
उत्तर:
- संवैधानिक सुरक्षा (विशेष प्रावधान)
- आरक्षण।
चार अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. बाँध विरोधी आन्दोलनों की प्रमुख चिन्तायें किन मुद्दों पर रही?
उत्तर:
- नदियों को बचाना
- नदियों एवं उनकी घाटियों का ज्यादा टिकाऊ एवं न्याय संगत प्रबंधन।
- वनो को बचाना।
- विस्थापन की समस्या
- प्राकृतिक सन्तुलन के लिए।
प्रश्न 2. विश्व में उभरे पर्यावरण आन्दोलन के कोई चार कारण लिखिये।
उत्तर:
- विकासशील देशो मे वनों की तीव्र कटाई
- जैव विविधता को खतरा।
- कम्पनियों द्वारा संसाधनों का स्वार्थपूर्ण दोहन।
- बहुउदेशीय परियोजनाओं का दुष्परिणाम।
प्रश्न 3. विश्व की साझी विरासत का क्या अर्थ है ? इसका दोहन और प्रदूषण कैसे होता है।
उत्तर: ऐसी संपदा जिस पर किसी एक व्यक्ति या समुदाय का अधिकार नहीं वरन् संपूर्ण वैश्विक समुदाय का अधिका हो, वैश्विक साझी संपदा कहलाती है।
दोहन एवं प्रदूषण के कारण :
- निजीकरण
- गहनतर खेती
- आबादी की वृद्धि
- परिस्थितिकी तंत्र की गिरावट।
- कार्बन गैसों का अत्याधिक उर्सजन।
प्रश्न 4. साझी संपदा की सुरक्षा के संबंध में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर किये गये प्रयासों की विवेचना कीजिए।
उत्तर: साझी संपदा की सुरक्षा के संबंध में तीन प्रयास अंर्तराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किय गये है :
- रियो घोषणा पत्र (1992) – धरती की परिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए विभिन्न देश आपस में सहयोग करेंगे।
- UNFCCC (1992) – इस संधि को स्वीकार करने वाले देश अपनी क्षमता के अनुरूप पर्यावरण अपक्षय में अपनी हिस्सेदारी के आधार पर साझी परंतु अलग-अलग जिम्मेदारियाँ निभाते हुए पर्यावरण की सुरक्षा करेगें।
- क्योटो प्रोटोकॉल (1997):- इसके अंर्तगत औद्योगिक देशों के लिए ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
प्रश्न 5. पर्यावरण संरक्षण के सन्र्दभो में साझी जिम्मेदारी लेकिन अलग-अलग भूमिका के विषय में भारतीय दृष्टिकोण क्या है ?
उत्तर: भारत का विचार है कि ग्रीन हाऊस गैसों की उत्सर्जन दर में कमी करने की अधिक जिम्मेदारी विकसित देशों की है, क्योंकि इन देशों ने लम्बी अवधि तक इन गैसों का ज्यादा उत्सर्जन किया है तथा विलासिता एवं आवश्यकता में अन्तर होना चाहिए।
प्रश्न 6. प्राकृतिक वनों का क्या महत्व है ?
उत्तर:
- जलवायु सन्तुलन
- जलचक्र सन्तुलन
- जैव विविधता बरकरार
- धरती बंजर होने से बचाव।
प्रश्न 7. मूलवासी कौन है ? उनके अधिकारो पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर: मूलवासी :- संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1982 में ऐसे लोगों को मूलवासी बताया जो मौजूदा देश में बहुत दिनों से रहते चले आ रहे थे तथा बाद में दूसरी संस्कृति या जातियों ने उन्हें अपने अधीन बना लिया, भारत में ‘मूलवासी’ के लिए जनजाति या आदिवासी शब्द का प्रयोग किया जाता है 1975 में मूलवासियों का संगठन World Council of Indigeneous People बना।
मूलवासियों की मुख्य माँग यह है कि इन्हें अपनी स्वतंत्र पहचान रखने वाला समुदाय माना जाए, दूसरे आजादी के बाद से चली आ रही परियोजनाओं के कारण इनके विस्थापन एवं विकास की समस्या पर भी ध्यान दिया जाए।
प्रश्न 8. टिकाऊ विकास क्या है ? इसको कैसे लागू किया जा सकता है ?
उत्तर:
- अपरिग्रह की भावना (आवश्यकताओं में कमी)
- आवश्यकता अनुसार उत्पादन करना। iii) प्राकृतिक सह अस्तित्व।
- प्राकृतिक साधनों का उचित एवं पूर्ण प्रयोग।
प्रश्न 9. ‘रियो सम्मेलन’ की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: रियो सम्मेलन में विकास के कुछ तौर-तरीके सुझाए गए जिसे “ऐजेण्डा-21 कहा गया। इसके अर्न्तगत ‘टिकाऊ विकास’ की प्रक्रिया ऐसी हो जिससे पर्यावरण को कोई क्षति न पहुँचे तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए भी संसाधन बचे रहे।
पांच अंको वाले प्रश्न :
प्रश्न 1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
“विश्व के कुछ भागों में साफ पानी की कमी हो रही है। साझे जल संसाधन को लेकर पैदा मतभेद 21वीं सदी में फसाद की जड़ साबित होगी। इस जीवनदायी संसाधन को लेकर हिंसक संघर्ष होने की सम्भावना है”
i) विश्व के कुछ भागों में साफ पानी की कमी क्यों है ?
उत्तर: विश्व के हर भाग में साफ पानी समान मात्रा में उपलब्ध नहीं है।
ii) साझे संसाधन से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर: प्रकृति की वह वस्तु जिस पर सबका समान अधिकार हों
iii) दो जीवनदायी संसाधनों के नाम लिखिए।
उत्तर: जल और वायु।
प्रश्न 2. दिये गये कार्टून को देखकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
i) पृथ्वी पर पानी की मात्रा ज्यादा होने के बावजूद कार्टून में पानी के विस्तार को कम क्यों दिखाया गया है ?
उत्तर: क्योकि विश्व में स्वच्छ पानी की कमी हो रही है।
ii) पानी विश्व राजनीति का मुद्दा किस प्रकार है ?
उत्तर: क्योंकि पानी एक साझा संसाधन है।
iii) ऐसे कोई दो देशों के नाम बताईये जहाँ पानी के लिए संघर्ष हुआ।
उत्तर: इजरायल, जार्डन, सीरिया।
प्रश्न 3. दिये गये कार्टून को देखकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
i) कार्टून में दिखाये गये व्यक्ति किन श्रेणी के देशों को इंगित करते है ?
उत्तर: उत्तरी गोलार्द्ध (विकसित) तथा दक्षिणी गोलार्द्ध (विकासशील) देशों को।
ii) पर्यावरण की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न देशों की भागीदारी तय करने से संबंधित कौन-कौन से प्रयास किये गये।
उत्तर: रियो घोषणा पत्र (1992), UNFCCC (1992), क्योटो प्रोटोकॉल (1997)।
iii) पर्यावरण के मसले को लेकर धनी और गरीब देशों के नजरिए में क्या अंतर है ?
उत्तर: जहाँ धनी देशों का मानना है कि पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर सभी देश की जिम्मेदारी बराबर होनी चाहिए। वहीं दूसरी ओर विकासशील अर्थात् निर्धन देशों का मानना है कि पर्यावरण को प्रदूषित करने में भूमिका विकसित देशों की ज्यादा, अतः जिम्मेवारी भी विकसित देशों की सुनिश्चित की जानी चाहिए।
छः अंकों वाले प्रश्न :
प्रश्न 1. पर्यावरण संरक्षण के लिए अन्तराष्ट्रीय स्तर पर किये गये प्रयासों की विवेचना कीजिए।
उत्तर: पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर विभिन्न देशों की सरकारों के अतिरिक्त विभिन्न भागों में सक्रिय पर्यावरणीय कार्यकताओ ने अन्तर्राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर कई आंदोलन किये है जैसे :
- दक्षिणी देशों मैक्सिकों, चिले, ब्राजील, मलेशिया, इण्डोनेशिया, अफ्रीका और भारत के वन आंदोलन।
- ऑस्ट्रेलिया में खनिज उद्योगों के विरोध में आन्दोलन।
- थाईलैंड, दक्षिण एशिया, इंडोनेशिया, चीन तथा भारत में बड़े बाँधो के विरोध में आंदोलन जिनमे भारत का नर्मदा बचाओ आंदोलन प्रसिद्ध है।
प्रश्न 2. पर्यावरण सुरक्षा के संदर्भ में भारत द्वारा उठाए गए कदमों की विवेचना कीजिये।
उत्तर: भारत ने भी पर्यावरण सुरक्षा के विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपना योगदान दिया है :
- 2002 क्योटो प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर एवं उसका अनुमोदन।
- 2005 में जी-8 देशों की बैठक में विकसित देशों द्वारा की जा रही ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी पर जोर।
- नेशनल ऑटो-फ्यूल पॉलिसी के अंर्तगत वाहनों में स्वच्छ ईधन का प्रयोग।
- 2001 में उर्जा सरंक्षण अधिनियम पारित किया।
- 2003 में बिजली अधिनियम में नवीकरणीय उर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया गया।
- भारत में बायोडीजल से संबंधित एक राष्ट्रीय मिशन पर कार्य चल रहा है।
- भारत SAARC के मंच पर सभी राष्ट्रों द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा पर एक राय बनाना चाहता है।
- भारत में पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए 2010 में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) की स्थापना की गई। भारत विश्व का पहला देश है जहाँ अक्षय उर्जा के विकास के लिए अलग मन्त्रालय है।
- कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में प्रति व्यक्ति कम योगदान (अमेरिका 16 टन, जापान 8 टन, चीन 06 टन तथा भारत 01.38 टन।
प्रश्न 3. वैश्विक राजनीति में पर्यावरण की चिन्ता अपरिहार्य है। स्पष्ट करें
उत्तर: निम्न कारणों से वैश्चिक राजनीति में पर्यावरण की चिन्ता अपरिहार्य है :
- बढ़ता प्रदूषण
- ओजोन परत में छेद
- स्वच्छ पेयजल की कमी।
- जैव विविधता को खतरा
- उपजाऊ जमीन, मस्त्य भंडार, चारगाह का तेजी से घटना
- जल चक्र गड़बड़ाने का खतरा
- प्राकृतिक संसाधनों का दोहन
- जनसंख्या विस्फोट।
प्रश्न 4. विश्व में पर्यावरण प्रदूषण के क्या कारण है और इसका संरक्षण कैसे किया जा सकता है ? विचार प्रकट करे।
उत्तर: विश्व में पर्यावरण प्रदूषण के उत्तरदायी कारक :
- जनसंख्या वृद्धि
- वनो की कटाई
- उपभोक्ता वादी संस्कृति को बढ़ावा
- संसाधनों का अत्याधिक दोहन
- औद्योगिकीकरण को बढ़ावा।
- परिवहन के अत्यधिक साधन।
संरक्षण के उपाय :- i) जनसंख्या नियंत्रण ii) वन संरक्षण iii) पर्यावरण मित्र तकनीक का प्रयोग iv) प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित प्रयोग। v) परिवहन के सार्वजनिक साधनों का प्रयोग vi) जन जागरूकता कार्यक्रम vii) अर्न्तराष्ट्रीय सहयोग।
प्रश्न 5. “सांझी जिम्मेदारी लेकिन अलग-अलग भूमिकाएँ से क्या अभिप्राय है ? हम इस विचार को कैसे लागू कर सकते है ?
उत्तर:
“साझी जिम्मेदारी भूमिकाएँ अलग-अलग :- स्मरणीय बिन्दु देखें।
विचार को लागू करने के उपाय :
- पर्यावरण संरक्षण हेतु अंतर्राष्ट्रीय कानून विकासशील देशों के अनुकूल हो।
- पर्यावरण संरक्षण हेतु संयुक्त कोष।
- व्यक्तिगत, क्षेत्रीय, राजकीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास।
- साझी संपदा तथा संसाधनों पर अनुसंधान कार्य।
प्रश्न 6. पृथ्वी को बचाने के लिए जरूरी है कि विभिन्न देश सुलह और सहकार की नीति अपनाएँ, पर्यावरण के सवाल पर उत्तरी और दक्षिणी देशों के बीच जारी वार्ताओं की रोशनी में इस कथन की पुष्टि करें।
उत्तर:
- पर्यावरण के मसले पर सभी देशों की बराबर भागीदारी होनी चाहिए।
- UNFCCC के तहत विकासशील देशों को गैस उत्सर्जन कम करने की बाध्यता से मुक्त रखा जाये।
- संयुक्त राष्ट्र संघ के अंतर्गत एक मंच पर सभी राष्ट्रों द्वारा संयुक्त प्रयास किया जाये।