NCERT Solutions for Class 5 पर्यावरण अध्ययन Chapter 17 फांद ली दीवार
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 155)
पता करो
प्रश्न 1.
क्या तुम्हारे घर के आस-पास भी कोई खेलने की जगह है?
उत्तर: हाँ, मेरे घर के पास में एक पार्क है जहाँ खेलने की जगह है।
प्रश्न 2.
वहाँ कौन-कौन-से खेल खेले जाते हैं? कौन-कौन खेलता है?
उत्तर:
वहाँ पर क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीवॉल, कबड्डी आदि खेला जाता है। प्रायः वहाँ पर बच्चे खेलते हैं।
प्रश्न 3.
क्या वहाँ तुम्हारी उम्र के बच्चों को भी खेलने का मौका मिलता है?
उत्तर:
हाँ, मेरी उम्र के बच्चों को भी वहाँ खेलने का मौका मिलता है।
प्रश्न 4.
वहाँ खेल के अलावा और क्या-क्या होता है?
उत्तर:
खेल के अलावे बहुत सारे लोग वहाँ पर टहलने या दौड़ने आते हैं। मुहल्ले के और बहुत सारे लोग वहाँ पर गपशप करते हैं।
बताओ
प्रश्न 1.
क्या तुम्हारे घर में किसी ने तुम्हें कुछ खेलने से रोका है?
उत्तर:
नहीं, मुझे मेरे घर में किसी ने खेलने से नहीं रोका है। हाँ, पढ़ाई के समय में खेलना मना रहता है।
प्रश्न 2.
कौन-कौन-से खेल?
उत्तर:
कोई खेल नहीं।
प्रश्न 3.
किसने रोका? क्यों? फिर तुमने क्या किया?
उत्तर:
नहीं, मुझे किसी ने नहीं रोका है। हाँ, कुछ पड़ोसियों के खिड़की के सीसे मेरे क्रिकेट के बॉल से टूट जाने के कारण। वे कभी-कभी रोकते हैं।
प्रश्न 4.
क्या किसी ने तुम्हारी मदद की, खेलने के लिए प्रोत्साहित किया?
उत्तर:
हाँ, मेरे पिताजी उस स्थिति में मेरी मदद करते हैं तथा खेलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 158)
चर्चा करो
प्रश्न 1.
क्या तुम्हारे इलाके या स्कूल में लड़के और लड़कियाँ अलग-अलग तरह के खेल खेलते हैं? अगर हाँ, तो लड़के क्या खेलते हैं और लड़कियाँ क्या खेलती हैं?
उत्तर:
नहीं, मेरे स्कूल में सभी तरह के खेल के लिए लड़के तथा लड़कियों दोनों की टीमें हैं।
प्रश्न 2.
तुम क्या सोचते हो कि लड़के-लड़कियों के खेल और खेलने के तरीकों में कोई अंतर होता है?
उत्तर:
नहीं, मैं सोचता हूँ कि लड़के तथा लड़कियों के खेल और खेलने के तरीकों में कोई अंतर नहीं होता है।
प्रश्न 3.
तुम्हें क्या लगता है, लड़के-लड़कियों के खेलों में अंतर करना चाहिए या नहीं?
उत्तर:
नहीं, मुझे लगता है लड़के और लड़कियों के खेलों में किसी भी तरह का अंतर नहीं करना चाहिए।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 159)
लिखो।
प्रश्न 1.
क्या तुमने या तुम्हारे किसी दोस्त ने कभी अपने स्कूल, क्लास या मोहल्ले की न में रा है? किसके साथ? कौन-सा खेल?
उत्तर:
हाँ, मैं तथा मेरा दोस्त अपने स्कूल की जूनियर क्रिकेट टीम के लिए खेलते हैं। हमलोगों ने दूसरे स्कूल की क्रिकेट टीम के साथ क्रिकेट खेला है।
प्रश्न 2.
टीम के लिए खेलना या अपने लिए खेलने में क्या अंतर है? तुम्हें क्या अच्छा लगता है? क्यों?
उत्तर:
अपने लिए खेलना अर्थात् अपने आँप को टीम में स्थापित करना होता है, जबकि टीम के लिए खेलने का अर्थ टीम भावना से खेलना तथा जीतने के लिए खेलना। मुझे टीम के लिए खेलना अच्छा लगता है। इसलिए कि जब पूरी टीम खेलती है तभी टीम जीतती है।
प्रश्न 3.
तुम्हारी टीम अफसाना के शोलापुर वाली टीम जैसी है या नागपाड़ा की टीम जैसी? क्यों?
उत्तर:
हमारी टीम नागपाड़ा के टीम के जैसी है। क्योंकि नागपाड़ा के टीम के सदस्य एक दूसरे की इज्जत करते हैं, किसी की गलती के लिए उनका मखौल नहीं उड़ाते बल्कि गलती से सीखने का प्रयास करते हैं। उनकी टीम में एकजुटता है तथा सभी लोग टीम के लिए टीम भावना से खेलते हैं तथा जीतते हैं।
प्रश्न 4.
टीम में रहते हुए भी टीम के लिए खेलना या सिर्फ अपने लिए खेलने में से तुम्हें क्या अच्छा लगता है? क्यों?
उत्तर:
मुझे हमेशा टीम के लिए खेलना अच्छा लगता है। क्योंकि टीम के लिए खेलने से ही टीम जीतती है और जब टीम जीतती है तो हम जीतते हैं।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 160)
चर्चा करो ।
प्रश्न 1.
अपने स्कूल या इलाके की तरफ से तुमने किसी खेल या प्रतियोगिता में कभी हिस्सा लिया है? तब तुम्हें कैसा लगा?
उत्तर:
हाँ, मैंने अपने स्कूल की तरफ से कई खेल तथा प्रतियोगिताओं में भाग लिया है। उस समय मुझे काफी अच्छा लगता | है, मुझे लगता है मुझे स्कूल का नाम रोशन करना है तथा मैं स्कूल का एक अभिन्न हिस्सा हूँ।
प्रश्न 2.
क्या तुम खेलने के लिए दूसरी जगह गए थे? कैसी थी वह जगह? तुम्हें दूसरी जगह जाना कैसा लगा?
उत्तर:
हाँ, मैं खेलने के लिए दूसरे शहर में गया था। वह जगह भी काफी अच्छी थी। मुझे दूसरी जगह जाना बहुत अच्छा लगा।
प्रश्न 3.
क्या तुमने भारत और दूसरे देशों के बीच कोई मैच देखे हैं? कौन-से?
उत्तर:
हाँ, मैंने भारत और दूसरे देशों के बीच कई मैच देखा है। क्रिकेट विश्व कप 2011.
प्रश्न 4.
हम भारत के क्रिकेट खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं, उन्हें चाहते हैं। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
क्योंकि आज क्रिकेट एक बहुत ही प्रसिद्ध खेल है। चूंकि भारतीय क्रिकेट टीम ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बहुत सारे मैच जीते हैं, वे हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। इसलिये ऐसा होता है कि उन्हें सारे लोग जानते हैं।
प्रश्न 5.
क्या किसी और खेल के भारतीय खिलाड़ियों को भी ऐसे ही सब जानते और चाहते हैं? हाँ या नहीं?
उत्तर:
हाँ, अन्य कुछ खेलों के भारतीय खिलाड़ियों को भी ऐसे ही सब जानते हैं।
प्रश्न 6.
तुम्हें इसके बारे में क्या लगता है? जैसे भारत के फुटबॉल या कबड्डी टीम के खिलाड़ियों को तुम पहचानते हो?
उत्तर:
हाँ, भारत के फुटबॉल या कबड्डी के खिलाड़ी भी जब राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाते हैं तो लोग उन्हें जानने लगते हैं। मैं भारत के कई फुटबॉल तथा कबड्डी टीम के खिलाड़ियों को पहचानता हूँ।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 162)
चर्चा करो।
प्रश्न 1.
लड़कियों को पढ़ाई, खेल या उनकी पसंद के कामों से रोका जाए तो क्या होगा?
उत्तर:
यदि ऐसा हो, तो समाज में कई सारी विसंगतियाँ आ जायेंगी।
प्रश्न 2.
अगर तुम्हें किस खेल या ड्रामे में शामिल होने से रोका जाए तो तुम्हें कैसा लगेगा?
उत्तर:
मुझे अच्छा नहीं लगेगा।
प्रश्न 3.
खेल के क्षेत्र में जमने किन-किन महिला खिलाड़ियों के बारे में सुना है? कौन-कौन और किस खेल में हैं?
उत्तर:
सानिया नेहवाल – बैडमिंटन
सानिया मिर्जा – टेनिस
पी.टी. उषा – धावक
कर्नम मल्लेश्वरी – भारोत्तोलन
ज्वाला गुट्टा – बैडमिंटन
प्रश्न 4.
तुमने खेल के अलावा और किस क्षेत्र में पहचान बनाने वाली महिलाओं के बारे में सुना है?
उत्तर:
हाँ, मैने खेल के अलावा स्पेस रिसर्च, पुलिस, सेना, लेखन, अभिनय, गायन, व्यापार आदि कई क्षेत्रों में पहचान बनाने वाली कई महिलाओं के बारे में सुना है।
प्रश्न 5.
तुम्हें क्या लगता है कि पहचान बनाने वाली महिलाओं के नाम पुरुष या लड़कों के नामों की अपेक्षा कम जाने जाते हैं? ऐसा क्यों?
उत्तर:
नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता। पहचान बनाने वाली महिलाओं के नाम पुरुषों के नाम की तरह ही जाने जाते हैं।
प्रश्न 6.
अगर सभी लड़कियों को खेल या ड्रामे का मौका न दिया जाए तो ऐसी दुनिया तुम्हें कैसी लगेगी? ऐसा ही सभी लड़कों के साथ हो तो तुम्हें कैसा लगेगा?
उत्तर:
ऐसी दुनिया मुझे बिल्कुल अधूरी तथा पिछड़ी हुई लगेगी।
प्रश्न 7.
क्या तुम किसी लड़की या महिला को जानते हो, जिसके जैसा तुम बनना चाहते हो? फिल्म एक्टर और मॉडल छोड़कर कुछ और सोचो।
उत्तर:
सुनिता विलियम, कल्पना चावला जिन्होंने अंतरिक्ष शोध में अपनी पहचान बनाई।
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 163)
सोचकर लिखो
प्रश्न 1.
अखबार की रिपोर्ट में लिखा था, अफ़साना दीवार फाँद चुकी है। लिंग-भेद की दीवार भी जो इसकी माँ ने खड़ी की है। सोचकर अपने शब्दों में लिखो कि वह कौन-सी दीवार थी। लिंग-भेद का क्या मतलब होगा?
उत्तर:
हमारे समाज में कई जगहों पर अभी भी लड़के तथा लड़कियों में फर्क किया जाता है, लोग लड़कियों को लड़के की श्रेणी में नहीं रखना चाहते हैं जबकि हमारा इतिहास साक्षी है कि लड़कियों तथा स्त्रियों का समाज के लिए स्मरणीय योगदान रहा है। लड़के तथा लड़कियों में भेद को लिंग भेद कहा जाता है।
हम क्या समझे
प्रश्न 1.
तुम क्या सोचते हो लड़के-लड़कियों के खेलों में अंतर करना चाहिए कि नहीं। लिखो।
उत्तर:
मैं समझता हूँ, लड़के तथा लड़कियों के खेलों में कोई या किसी भी प्रकार से अंतर नहीं किया जाना चाहिए।
प्रश्न 2.
अगर तुम अपनी टीम के लीडर बनोगे तो अपनी टीम को तुम कैसे तैयार करोगे?
उत्तर:
यदि मैं अपनी टीम का लीडर बनूंगा, तो अपनी टीम को नागपाड़ा के टीम की तरह तैयार करना चाहूंगा। मैं अपनी टीम को निम्नांकित तरीके से तैयार करूंगा
- मेरे टीम के खिलाड़ी सभी की इज्जत करें
- मेरे टीम के सदस्य सभी को प्रोत्साहित करें
- मेरे टीम के सदस्य टीम के लिए तथा टीम भावना से खेलें
- गलतियों पर किसी का मखौल नहीं उड़ायें आदि।