NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 3

 पाठ्य पुस्तक प्रश्न

प्रश्न 1.
इफ़्फ़न टोपी शुक्ला की कहानी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा किस तरह से है?
उत्तर:
इफ्फ़न और टोपी शुक्ला अत्यंत घनिष्ठ दोस्त थे। उनकी दोस्ती उस समय हुई जब वे चौथी कक्षा में पढ़ते थे। अलग अलग जाति धर्म के होने के बाद भी उनमें जैसी मित्रता थी, वह अपने आप में अनुकरणीय थी। उनकी मित्रता आदर्श के चरम को छू रही थी। वे एक-दूसरे को दुख-दर्द समझते हैं और एक-दूसरे के प्रति घनिष्ठ लगाव और अपनापन महसूस करते हैं। इफ्फ़न के पिता के स्थानांतरण के बाद इफ़्फ़न से बिछुड़कर टोपी शुक्ला उदास रहता है और उसी दिन ठान लेता है कि किसी ऐसे लड़के से दोस्ती नहीं करेगा जिसके पिता नौकरी करते हों। इस तरह इफ्फ़न टोपी शुक्ला कहानी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।

प्रश्न 2.
इफ्फ़न की दादी अपने पीहर क्यों जाना चाहती थीं?
उत्तर:
इफ्फन की दादी ज़मींदार की बेटी थी। पीहर का घी-दूध, फलों के पेड़, कच्ची हवेली आदि उन्हें हमेशा याद आते रहते थे। यहाँ का मौलवी परिवार का वातावरण उन्हें कभी रास नहीं आया। अतः वे अपने पीहर जाना चाहती थीं।

प्रश्न 3.
इफ्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी क्यों नहीं कर पाईं?
उत्तर:
इफ़्फ़न की दादी का विवाह लखनऊ में मौलवी के साथ हुआ था। एक मौलवी के घर में नाच-गाना, बजाना, जलसा आदि बहुत ही कम होता है। इस कारण वे अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा चाहकर भी न पूरी कर पाई।

प्रश्न 4.
“अम्मी’ शब्द पर टोपी के घर वालों की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर:
टोपी के ‘अम्मी’ शब्द कहते ही उसके घरवालों की परंपराओं की दीवारें डोलने लगीं। सभी की आँखें उसके चेहरे पर जम गईं कि उनकी संस्कृति के विपरीत यह शब्द इस घर में कैसे आ गया? जब टोपी ने बताया कि उसने यह शब्द अपने दोस्त इफ़्फ़न के घर से सीखा है, तो माँ और दादी ने उसकी खूब पिटाई की अर्थात् सभी घरवालों की प्रताड़ना भरी प्रतिक्रिया उसके खिलाफ़ थी।

प्रश्न 5.
दस अक्तूबर सन् पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में क्या महत्त्व रखता है?
उत्तर:
दस अक्तूबर सन् पैंतालीस का दिन टोपी की जिंदगी में विशेष महत्त्व रखता है। इसी दिन उसके सबसे प्रिय मित्र इफ़्फ़न के पिता का तबादला मुरादाबाद हो गया। इससे वह इफ्फ़न से अलग होने के लिए विवश हो गया। अब वह अकेला और उदास-सा रहने लगा।

प्रश्न 6.
टोपी ने इफ्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही?
उत्तर:
इफ़्फ़न की दादी टोपी की दादी की भाँति कठोर एवं अनुशासनप्रिय नहीं थी, बल्कि वह स्नेहपूर्ण व्यवहार करती थी और टोपी को अपने पास बैठाकर बातें करती थी। उनकी भाषा तथा टोपी की माता की भाषा भी एक जैसी थी। अतः टोपी दादी बदलना चाहता था।

प्रश्न 7.
पूरे घर में इफ्फ़न को अपनी दादी से ही विशेष स्नेह क्यों था?
उत्तर:
इफ़्फ़न की दादी का स्वभाव बहुत अच्छा था। वे इफ़्फ़न को ही नहीं उसके मित्र टोपी को स्नेह देती थी। उन्होंने इफ्फ़न को कभी डाँटा नहीं। वे इफ्फ़न को रात में बहराम डाकू, अनार परी, बारह बुर्ज, अमीर हमज़ा, गुलबकावली हातिमताई पंचफुल्लारानी की कहानियाँ सुनाया करती थी। उसे अब्बू अम्मी और बाजी से कभी-कभार डाँट-फटकार मिलती थी, परंतु दादी ने उसे कभी डाँटा-डपटा नहीं। यही कारण है कि इफ्फ़न को उसकी दादी से ही विशेष स्नेह मिला।

प्रश्न 8.
इफ्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर खाली-सा क्यों लगा?
उत्तर:
इफ़्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर खाली-सा इसलिए लगने लगा, क्योंकि उसके घर में दादी ही उसे सबसे अच्छी लगती थी। टोपी इफ़्फ़न के घर जाने पर उसकी दादी के पास बैठा रहता था। दादी भी उसे बहुत प्यार करती थी। अब उसके घर में इफ्फ़न के अलावा उसका अपना कोई नहीं था।

प्रश्न 9.
टोपी और इफ्फ़न की दादी अलग-अलग मज़हब और जाति के थे, पर एक अनजान अटूट रिश्ते से बँधे थे। इस कथन के आलोक में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
टोपी और इफ्फ़न की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के थे पर एक अनजान अटूट रिश्ते से बँधे थे। वास्तव में टोपी में और इफ्फ़न की दादी प्यार के उस मज़बूत और अटूट रिश्ते से जुड़े थे, जो उम्र, जाति और धर्म का बंधन नहीं मानता है। टोपी और दादी ने एक-दूसरे का दुख समझा। उन्हें एक-दूसरे से अपनापन मिला। उनके रिश्ते में किसी तरह का स्वार्थ नहीं था। टोपी, दादी के पास आकर अपने सारे दुख भूल जाता था और दादी को भी टोपी के रूप में उन्हें समझने वाला कोई मिल जाता था।

प्रश्न 10.
टोपी नवीं कक्षा में दो बार फेल हो गया। बताइए-
(क) ज़हीन होने के बावजूद भी कक्षा में दो बार फेल होने के क्या कारण थे?
(ख) एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को किन भावात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
(ग) टोपी की भावात्मक परेशानियों को मद्देनज़र रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक बदलाव सुझाइए।
उत्तर:
(क) टोपी के ज़हीन (बुधिमान) होने के बावजूद भी नवीं कक्षा में दो बार फेल होने के निम्नलिखित कारण थे-

  1. पहले साल तो वह पढ़ ही नहीं पाया, क्योंकि घर का प्रत्येक सदस्य उससे अपना-अपना निजी कार्य करवाता रहता था, जिससे उसे पढ़ने का समय ही नहीं मिल पाता था।
  2. दूसरे वर्ष उसे टाइफाइड हो गया था, इसलिए वह पढ़ाई न कर सका और पास न हो सका अर्थात् दोनों साल वह किसी न किसी कारणवश पढ़ नहीं पाया, जो उसकी असफलता के कारण बने।

(ख) एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को बहुत-सी भावात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।
जैसे-मास्टर जी जब कमज़ोर लड़कों को समझाते, तो उसका ही उदाहरण दिया जाता कि क्या बात है राम अवतार (या कोई भी बच्चा) बलभद्र की तरह इसी दर्जे में टिके रहना चाहते हो?’ मास्टर जी के ऐसा कहते ही सभी जोरों से हँसने लगते। हँसने वाले वे होते, जो पिछले साल उससे पीछे थे। अगले साल भी उसे उसी कक्षा में बैठना पड़ा, तो वह बिलकुल ही भोंदू हो गया, क्योंकि उसका कोई दोस्त नहीं रह गया था। आठवीं कक्षा वाले दसवीं कक्षा में थे, तो सातवीं वाले बच्चे उसके साथ थे। वह अपने भरे-पूरे घर की तरह स्कूल में भी अकेला हो गया था। मास्टरों ने भी उसपर ध्यान देना छोड़ दिया था। उससे कक्षा में कोई सवाल न पूछा जाता था। कई लड़के ऐसे-ऐसे कटाक्ष करते कि वह बिलबिला उठता। घर में भी दादी, माँ, भाई आदि के तीखे बाण सहने पड़ते।

(ग) टोपी जैसे बालकों की भावात्मक परेशानियों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में जो आवश्यक बदलाव होने चाहिए, उनमें प्रमुख हैं-टोपी जैसी भावात्मक परेशानियों से पीड़ित विद्यार्थियों पर माता-पिता तथा शिक्षकगण विशेष ध्यान दें। उनके साथ माता-पिता तथा शिक्षकों का सहानुभूति तथा प्यार भरा उपचारात्मक व्यवहार होना चाहिए। विद्यालयों में हतोत्साह की जगह प्रोत्साहन होना चाहिए, सफलता और असफलता दोनों ही जीवन के पहलू हैं, यह उन्हें समझाया जाना चाहिए। शिक्षा के लिए विशेष प्रबंध होना चाहिए, जैसे-उपचारात्मक शिक्षा प्रणाली वस्तुनिष्ठ प्रश्नावली तथा दिलचस्पी से पढ़े जाने वाले विषय हो। साथ ही वैकल्पिक शिक्षा की ओर भी रुझान होना चाहिए।

प्रश्न 11.
इफ्फ़न की दादी के मायके को घर कस्टोडियन में क्यों चला गया?
उत्तर:
इफ़्फ़न की दादी की बातचीत से लगता था कि वह पूरब अर्थात् लखनऊ से पूरब किसी स्थान की रहने वाली थीं। उनका विवाह लखनऊ के एक मौलवी परिवार में हो गया। देश में जब विभाजन हुआ तब उनके मायके वाले अपना घर जमीन आदि छोड़कर पाकिस्तान जा बसे। परिवार के सभी सदस्यों के चले जाने से उनका घर लावारिस हो गया और कस्टोडियन में चला गया।

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