Bhaswati Class 12 Solutions Chapter 8 हल्दीघाटी
प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं ददत
(क) आर्यभुवि शाटीतः का विराजते?
उत्तर
हल्दीघाटी।
(ख) उषसि हल्दीघाटी कीदृशीं शोभां दधाति?
उत्तर
काञ्चनकाञ्चनीयाम्।
(ग) सनयः तनयः कः अस्ति?
उत्तर
प्रतापः।
(घ) के नीलेन पक्षण खम् अ
उत्तर
सुशुकाः।
(ङ) वरभुवः सुषमा कथं सम्भासते?
उत्तर
अत्युदारा।
(च) तमः सहचरी का कथिता?
उत्तर
विद्युत्।
(छ) प्रतापनृपतेः अस्रधारा कतिधा अभवत् ?
उत्तर
शतधा।
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) मूर्तिमती हल्दीघाटी कथम् आटीकते?
उत्तर
मूर्तिमती हल्दीघाटी शाटीव आटीकते।
(ख) कदा हल्दीघाटी मतिमाननीयां शोभां दधाति?
उत्तर
हल्दीघाटी मतिमाननीयां शोभाम् उषसि दधाति ।
(ग) पिकालिगीतिः किमिव मातुः पूजनं करोति?
उत्तर
पिकालिगीतिः पञ्चोपचारमिव मातुः पूजनं करोति।
(घ) कथं क्वणन्तः सुशुकाः विलसन्ति?
उत्तर
‘श्रीराम’ नाम मधुरं क्वणन्तः सुशुकाः विलसन्ति ।
(ङ) हल्दीघाटी केषां स्थली अस्ति?
उत्तर
हल्दीघाटी चकितचेतकचक्रमाणां, कटिलकन्तपराक्रमाणाम. अमराणां प्रियतमा नरपामराणां भयकरी स्थली चास्ति।
(च) वरभुवः अत्युदारा सुषमा कीदृशी भासते?
उत्तर
वरभुवः अत्युदारा सुषमा हर्षाङ्कितः भासते।
(छ) प्रकृतिः केषां पञ्चपदार्थानामुपचारेण पूजनं करोति?
उत्तर
प्रकृतिः पुष्पं, फलं, गन्धवहः समीरः, अमला खद्योतपंक्तिः, पिकालिगीतिः च इति पञ्चपदार्थानामुपचारेण पूजनं करोति।
प्रश्न 3.
अधोलिखितेषु वाक्येषु रेखाङ्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत
(क) मूर्तिमती हल्दीघाटी जयति।
उत्तर
का हल्दीघाटी जयति?
(ख) या उषसि शोभां दधाति।
उत्तर
या कदा शोभां दधाति?
(ग) तरूणां ततिः कदम्बकृतमर्मरम् आतनोति।
उत्तर
केषां ततिः कम् आतनोति?
(घ) निर्जनवने कुररी मातेव रोदिति।
उत्तर
निर्जनवने का मातेव रोदिति?
(ङ) मातुः पञ्चोपचार पूजनं करोति।
उत्तर
कस्याः पञ्चोपचार पूजनं करोति?
(च) अस्रधारा शतधा अभवत्
उत्तर
अस्रधारा कतिधा अभवत् ?
(छ) असुतः अपि प्रियतमा स्थली।
उत्तर
कस्मात् अपि प्रियतमा स्थली?
प्रश्न 4.
अधोलिखितानां पदेषु सन्धिं सन्धिच्छेदं वा कुरुत
उत्तर
(क) स्वाधीनतार्यभुवि = स्वाधीनता + आर्यभुवि।
(ख) दधाति + उषसि = दधात्युषसि।
(ग) ततिस्तरूणाम् = ततिः + तरूणाम् ।
(घ) सुशुका विलसन्ति = सुशुकाः + विलसन्ति।
(ङ) तदनु = तत् + अनु।
प्रश्न 5.
अधोलिखितपदेषु प्रकृति प्रत्ययं च पृथक् कुरुत
प्रकृतिः प्रत्ययः
उत्तर
प्रश्न 6.
अधः प्रदत्तं श्लोकं मञ्जूषाप्रदत्तपदैः रिक्तस्थानानि पूरयित्वा पुनः लिखत ”
उत्तर
प्राची यदा हसति हे प्रिय! मन्दमन्दं
वायुर्यदा वहति नन्दनजं मरन्दम्।
या प्रत्यहं किल तदा मतिमाननीयां
शोभां दधत्युषसि काञ्चनकाञ्चनीयाम् ।।
प्रश्न 7.
विशेषणानि विशेष्याणि च योजयित्वा पुनः लिखत
विशेषणानि – विशेष्याणि
उत्तर
(क) सुशोचिः — शाटी
(ख) पारतन्त्र्याः — कातराः
(ग) प्रतापी — तनयः
(घ) क्वणन्तः — सुशुकाः
(ङ) शतधा — अस्रधारा
(च) नीलेन — पक्षनिवहेन
(छ) अमला — खद्योतपंक्तिः
प्रश्न 8.
अधोलिखितानां पदानां व्याकरणनुसारं पदपरिचयः दीयताम्
उत्तर
(क) स्वाधीनता = स्वाधीन शब्द + तल प्रत्यय + टाप् प्रत्यय।
(ख) माननीया =’मान् + अनीयर् प्रत्यय + टाप् प्रत्यय।
(ग) सन्तः = अस् धातु + शतृ प्रत्यय, पु. प्रथमा वि. बहुवचन।
(घ) तमः = तमस् शब्द, नपुं., प्रथमा विः एकवचन।
(ङ) सम्भासते = सम् उप. + भास् धातु, आत्मनेपदी, लट् लकार, प्रथम पुरुष एकवचन।
(च) स्थली = स्थल शब्द + ङीष् प्रत्यय।
(छ) माता = मा धातु + तृच् प्रत्यय, प्रथमा वि. एकवचन।
प्रश्न 9.
हल्दीघाटीयद्धस्य ऐतिहासिक परिचयः हिन्दी/आंग्ल/संस्कृतभाषया देयः ।
उत्तर
संस्कृत-अनुवाद-1576 तमे वर्षे मुगलशासक-अकबरस्य राजपूतशासक प्रतापस्य च मध्ये हल्दीघाटी नाम्नि स्थाने युद्धः अभवत् । महाराणाप्रतापं विहाय अन्यैः सर्वेः अपि राजपूतशासकैः मुगलानाम् अधीनता स्वीकृता किन्तु प्रतापेण एव मुगलशासकैः सह युद्धं कृतम्। हिन्दूसंस्कृतेः रक्षणार्थं तेन दृढः प्रयासः कृतः ।
तेन मुगलशासकैः सह मैत्रीसंबन्धः वैवाहिकसम्बन्धः वा नैव स्वीकृतः । मुगलशासकः अकबरः प्रतापेन सह मैत्री सम्बन्ध स्थापयितुम् इच्छति स्म किन्तु सः सफलः नाभवत् । सः वीरः पूर्णसाहसेन युद्धमकरोत् किन्तु अन्ते सः पराजितः अभवत्।
हिन्दी-अनुवाद-हल्दीघाटी का युद्ध 1576 में मुगल सम्राट अकबर तथा राजपूत शासक महाराणा प्रताप के बीच हल्दीघाटी नामक स्थान पर हुआ। महाराणा प्रताप के अतिरिक्त सभी राजपूत शासकों ने मुगलों की अधीनता स्वीकार कर ली थी केवल महाराणा प्रताप ने मुगलों से लोहा लिया।
प्रताप ने हिन्दू संस्कृति को बचाने के लिए अथक प्रयास किए। उन्होंने बाकि राजपूत शासकों की तरह मुगलों से न तो मैत्री समबन्ध स्थापित किए और न ही वैवाहिक सम्बन्धों को बढ़ावा दिया। अकबर ने अपने दूतों के द्वारा महाराणा प्रताप से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध बनाने की कोशिशें की लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। अतः अकबर ने मुगल साम्राज्य को बढ़ाने तथा महाराणा प्रताप ने हिन्दू संस्कृति को बचाने के लिए युद्ध किए। महाराणा प्रताप ने वीरता से युद्ध में संघर्ष किया किन्तु अन्त में वह हार गया।
English-Translation-The war of Haldi Ghati was fought between Mugal emperor Akbar and great Rajput administrator Maharana Pratap in 1576 at Haldi Ghati place. Except Maharana Pratap, all the Rajput administrators accepted defeat. Only Maharana Pratap fought very bravely against the Mughal.
Pratap tried very hard to save the Indian, culture and civilisation. He neither accepted friendship with Mughal emperors nor promoted marriage relationships of any type. Akbar tried to establish arricable relationship with Maharana.
He sent his messengers several time for treaty but was proved in vain. So Akbar fought for the expansion of his empire while Maharana fought to save the Indian culture and civilisation. Although Maharana fought bravely in the battle he lost in the end.
प्रश्न 10.
महाराणाप्रतापस्य स्वातन्त्र्यसङ्घर्ष हिन्दी/आंग्ल/संस्कृतभाषया वर्णयत।
उत्तर
संस्कृत-अनुवाद-महाराणाप्रतापस्य जन्म राजपूत-शासकस्य गृहे अभवत्। बाल्यकालात् एव सः युद्धप्रेमी हिन्दूसंस्कृतेः पोषकः चासीत् । असिचालनं कृपाणचालनं अश्वारोहणं च तस्मै रोचते स्म। अन्ते मुगुलशासकाः तेन पराजिताः।
हिन्दी-अनुवाद-महाराणा प्रताप का जन्म एक राजपूत शासक के घर हुआ। बचपन से ही वे युद्ध-प्रेमी तथा हिन्दू संस्कृति के प्रबल पोषक थे। उनकी शिक्षा-दीक्षा भी ऐसे ही माहौल में हुई। वे बचपन से ही तलवार तथा भाले चलाने में निपुण थे। उनको घुड़सवारी का बड़ा शौक था। बाद में वे ऐसे राजपूत शासक के रूप में उभरे जिन्होंने मुगल शासकों से लोहा लिया।
English-Translation—Maharana Pratap was born in a Rajput family. From the childhood he was very fond of fighting and he was a true saviour of Hindu culture. He learnt to operate sword and Javelin like several other weapons. He was very fond of riding horse. Later on, he emerged as a very strong Rajput emperor who fought against Mughals.
Bhaswati Class 12 Solutions Chapter 8 हल्दीघाटी Summary Translation in Hindi and English
1.स्वाधीनताऽर्यभुवि मूर्तिमती समाना
राणा प्रताप बलवीर्यविभासमाना।
आटीकते समुपमा नहि यां सुशोचिः
शाटीव सा जयति काचन हल्दिघाटी।
हिन्दी सरलार्थ-चमकदार साड़ी की तरह, राणा प्रताप के बल एवं पराक्रम से सुशोभित स्वाधीनता की साक्षात् मूर्ति जिसके समान कोई अन्य उपमान नहीं ऐसी आर्यावर्त में स्थित हल्दीघाटी की जय हो।।
Meaning in English-Haldighati which situated in Aryavarta may be victorious which looks beautiful like a saree, which is endowed with the strength and prowess of Rana Pratap, which does not have any comparison and which is embodied in the form of freedom.
2. प्राची यदा हसति हे प्रिय! मन्दमन्दं
वायुर्यदा वहति नन्दनजं मरन्दम् ।
या प्रत्यहं किल तदा मतिमाननीयां
शोभां दधत्युषसि काञ्चनकाञ्चनीयाम्।।
हिन्दी सरलार्थ-हे प्रिय! जब पूर्व दिशा मन्द-मन्द हँसती है, जब वायु नन्दन में उत्पन्न पराग को वहन करती है उस समय विद्वानों के द्वारा सम्मानित प्रतिदिन उषाकाल में वह हल्दीघाटी स्वर्णिम शोभा को धारण करती है।
Meaning in English-Oh dear! Haldigahti looks very beautiful in the early morning by the beauty of her scholers when the east direction laughs slowly and the wind blows gently containing the pollen of the flowers which grow in he Nandan forest.
3. मा कातराः! स्पृशत मां प्रिय-पारतन्त्र्याः !
अद्यापि यन्न विहिता जननी स्वतन्त्रा।।
यत्रेदमेव गदतीव ततिस्तरूणां
शाखाकदम्ब-कृत-मर्मरमातनोति।।
हिन्दी सरलार्थ-पराधीनता से प्रेम करने वालो हे कायरो! मुझे मत छुओ क्योंकि अब तक भी तुम मातृभूमि को स्वतन्त्र नहीं कर पाए हो जहाँ वृक्षों की पंक्तियाँ मानो इसी बात को कहती हुई अपनी वृक्षशाखाओं की मर्मर ध्वनि को फैला रही हैं।
Meaning in English-oh dependence-loving cowards! Do not touch me because you are not able to make our motherland free by now even where the rows of trees are conveying this idea and they are spreading this susurration sound of their branches.
4. वीराग्रणीरभय-युद्धकलाकलापः
क्वाऽस्तेऽद्य हा! स तनयः सनयः प्रतापी।
अत्रत्य निर्जनवनेऽथ यदा कदाचिद्
क्व मातेव रोदिति सखे! कुररी नु काचित् ।।
हिन्दी सरलार्थ-बड़े दुःख की बात है कि आज वीरों में श्रेष्ठ, युद्धकलाओं में निपुण, नीतियुक्त, प्रतापी वह पुत्र कहाँ है? हे मित्र! इस निर्जन वन में जब क्रौञ्ची रोती है तो , लगता है कि अपने वीर पुत्र प्रताप को स्मरण कर भारतमाता रो रही है।
Meaning in English–It is very sad! where is that glorious son who was a great warrior and well-versed in the art of fighting and plitics. Oh friend! whenever the Kraunchi bird cires in this lonely forest it seems to be that mother land India is weeping to remember her glorious son
5. पुष्पं फलं तदनु गन्धवहः समीरः
खद्योत-पंक्तिरमला च पिकालि-गीतिः।
अद्यापि यंत्र सरल-प्रकृति-प्रणीतं
पञ्चोपचारमिव पूजनमस्ति मातुः।।
हिन्दी सरलार्थ-आज भी सरल प्रकृति से निर्मित पुष्प, फल, सुगन्धित वायु, निर्मल जुगनु की पंक्ति तथा कोयलों के गीत-ये पाँचों मिलकर मानों भारतमाता का पूजन करते हैं।
Meaning in English-Even today it appears that all these five namely flowers, fruits, forgrant wind, the sacred glow-worms and the songs of cuckoos made up of simple-nature altogether worship the mother land India.
6. नीलेन पक्ष-निवहेन खमाहसन्तः
चञ्च्वा फलानि विमलानि समञ्चयन्तः।
‘श्रीराम’ नाम मधुरं मधुरं क्वणन्तः
अद्यापि यत्र सुशुका विलसन्ति सन्तः।।
हिन्दी सरलार्थ-आज भी जहाँ नीले पंख समूह से आकाश का उपहास करते हुए चोंच से निर्मल फलों को चमकाते हुए, श्रीराम के नाम का मधुर-मधुर शब्द करते हुए सुन्दर तोतों की तरह सज्जन सुशोभित होते हैं।
Meaning in English–Even today beautiful parrots look beautiful like the gentlemen who make fun of sky with their blue-coloured feathers, who make the fruits shine with their beaks and who produce the sound of the name of shri Rama.
7. अत्र प्रताप-नृपतेः प्रकट-प्रतापा
एकाऽपि हन्त! शतधाऽभवदस्रधारा ।
युद्धेऽधिकोशमपि शत्रुवधे क्रमेण
ज्योत्स्ना तमः-सहचरी चपलेति चित्रम् ।।
हिन्दी सरलार्थ-दुःख है कि यहाँ राजा प्रताप के तेज को प्रकट करने वाली कृपाण की ज्योत्स्ना क्रम से अन्धकार के साथ चलने वाली (म्यान) विद्युत बन गई यह विचित्र बात है।
Meaning in English-Oh! One stream of tears which manifested the prowess of king Pratap appeared to be hundred of streams of tears. It is suprising again that at the time of the killing of the enemies the light of the sword which remains in the sheath appeared to be lightning which walk with darkness simultaneously.
8. सैषा स्थली चकित-चेतकचक्रमाणां
सैषा स्थली कुटिलकुन्तपराक्रमाणाम्।
सैषा स्थली प्रियतमाऽप्यसुतोऽमराणां
सैषा स्थली भयकरी नर-पामराणाम् ।।
हिन्दी सरलार्थ-यह चेतक की अद्भुत भ्रमण-स्थली है, यह कुटिल भाले की पराक्रम-स्थली है, यह देवताओं की प्राणों से बढ़कर प्रियतम स्थली है और यही नीच-प्राणियों को भयभीत करने वाली स्थली है।
Meaning in English-This is the extra-ordinary place of walking for Chetak, this is the place of showing prowess of the crooked spear, this is the beautiful place for the Gods which is more affectionate than the life itself for them and this is the place which cause fear for the wicked people.
9. वीक्ष्य प्रभा हसित-चारु-पुरन्दराणां
सङ्ग स नृत्यममलं शिखिसुन्दराणाम्
सम्भासते वरभुवः सुषमात्युदारः
हषोङ्कितो हरितहीरक-कण्ठहारः।।
हिन्दी सरलार्थ-श्रेष्ठ भूमि की शोभा से अत्यन्त उदार और हर्ष से युक्त, हरे रंग के हीरे का कण्ठाहार वाली, अपनी प्रभा से सुन्दर इन्द्र को उपहसित करने वाली तथा मनोहारी मयूरों के निर्मल नृत्य के साथ वह सुशोभित होती है।
Meaning in English-That Haldighati looks beautiful with the charming and happy land, wearing the necklace of green-diamond which makes fun of lord Indra even and where peacocks attract people with; their beautiful dance.