Bhaswati Class 11 Solutions Chapter 7 भव्यः सत्याग्रहाश्रमः
अभ्यासः
प्रश्न 1.
अधोलिखितानां प्रश्नानामुत्तराणि संस्कृतभाषया देयानि-
(क) अयं पाठः कस्माद् ग्रन्थात् संकलितः?
उत्तर:
अयं पाठः सत्याग्रहगीता नाम ग्रन्थात् संकलितः।
(ख) महात्मा (गांधी) सत्याग्रहाश्रमं कस्याः (नद्याः) तीरे स्थापयामास?
उत्तर:
महात्मा (गांधी) सत्याग्रहाश्रमं सबर्मत्याः (नद्याः) तीरे स्थापयामास।
(ग) आश्रमवासिनां कृते महात्मा कीदृशः आसीत्?
उत्तर:
आश्रमवासिनां कृते महात्मा पितेव आसीत्।
(घ) अस्मिन् पाठे महात्मनः तुलना केन सह कृता?
उत्तर:
आश्रमवासिनां कृते महात्मा पितेव आसीत्।
(ङ) समृद्धिः केषां जायते?
उत्तर:
ये राज्यशासकाः धर्मेण चरन्ति तेषां समृद्धिः जायते।
(च) सत्याग्रहाश्रमः इति नाम केन कथं च दत्तम्?
उत्तर:
सत्यानुयायियुक्ताया विनीतवसतेश्च स्वयं महात्मना गान्धिना एव सत्याग्रहाश्रम इति नाम दत्तम्।
(छ) अस्य पाठस्य रचयित्री का?
उत्तर:
अस्य पाठस्य रचयित्री श्रीमती क्षमाराव अस्ति।
(ज) महात्मनः व्रतानि कानि आसन्?
उत्तर:
अहिंसा, सत्यम्, अस्तेयम्, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रहः, स्वदेशवस्तुनिष्ठा, निर्भीतः, रुचिसंयम, अन्त्यजानां समुद्धारः च महात्मनः एतानि नव व्रतानि आसन्।
(झ) महात्मा केषां दोषैः उपवासमकरोत्?
उत्तर:
अन्येषां दोषैः महात्मा गान्धी उपवासमकरोत्।
(ञ) किम् पश्यतः गान्धिनः गुणैः जनाः तस्य पदानुगाः जाताः?
उत्तर:
आत्मवत् सर्वभूतानि पश्यतः गान्धिनः गुणैः जनाः तस्य पदानुगाः जाताः।
प्रश्न 2.
अधोलिखित श्लोकाना सान्वय मातृभाषया अर्थम् लिखत-
(क) अहिंसा सत्यमस्तेय ………………. निर्भीतरुचिसंयमः।।
उत्तर:
अन्वयः – अहिंसा, सत्यम्, अस्तेयम्, ब्रह्मचर्य-अपरिग्रही, स्वदेशवस्तुनिष्ठा, निर्भीत, रुचिसंयमः च।
अर्थ – अहिंसा, सत्य, चोरी न करना, ब्रह्मचर्य का पालन, धन का सञ्चय न करना, स्वदेशी वस्तुओं पर निष्ठा, निर्भयता तथा रुचि स्वाद पर नियन्त्रण।
(ख) साक्षात् सत्यप्रदीपोऽयं ……………… हृदयान्मोहजं तमः।।
उत्तर:
अन्वयः – अयम् साक्षात् सत्यप्रदीपः स्वबन्धूनाम् हृदयात् मोहजम् तमः अपाकुर्वन् अखिलभारते दीप्यते।
अर्थ – अपने बन्धुओं के हृदय से मोह से उत्पन्न अन्धकार को दूर करता हुआ सत्य का यह दीपक साक्षात् रूप से सम्पूर्ण भारत में प्रदीप्त हो रहा है।
(ग) अधर्ममपि दृष्ट्वा ……………….. तत् प्रतिपद्यते।
उत्तर:
अन्वयः – यः अधर्मम् अपि दृष्ट्वा प्रतिबद्धं न वाञ्छति, यः सत्ये सति अपि भीत्या च तत् न प्रतिपद्यते।
अर्थ – जो व्यक्ति अधर्म को देखकर भी उसे रोकने का प्रयत्न नहीं करता तथा सत्य को जानता हुआ भी भय के कारण उसे स्वीकार नहीं करता।
प्रश्न 3.
अधोलिखितपदानां परिचयं दत्त-
उत्तर:
- समुद्धारः = सम् + उद् उपसर्ग, हृ धातु + घञ् प्रत्यय।
- प्रतिबद्धुम् = प्रति उपसर्ग, बध् धातु + तुमुन् प्रत्यय।
- समृद्धिः = सम् उपसर्ग, ऋध् धातु + क्तिन् प्रत्यय।
- ध्यायन् = ध्यै धातु, शतृ प्रत्यय।
- दृष्ट्वा = दृश् धातु, क्त्वा प्रत्यय।
- समाश्रित्य = सम् + आ उपसर्ग, श्रि धातु ल्यप् प्रत्यय।
- दत्तम् = दा धातु + क्त प्रत्यय।
- मत्वा = मन् धातु + क्त्वा प्रत्यय।
प्रश्न 4.
सविग्रहम् समासनाम लिखत-
उत्तर:
- सत्याग्रहाश्रमम् = सत्यस्य आग्रहः यस्मिन् तत् सत्याग्रहाश्रमम् बहुव्रीहि समास।
- महात्मा = महान् आत्मा यस्य सः; बहुव्रीहि समास।
- ब्रह्मचर्यापरिग्रही = ब्रह्मचर्यः च अपरिग्रहश्च इति: द्वन्द्व समास।
- सुकलत्रः = शोभनं कलत्रं यस्य सः बहुव्रीहि समास।
- निष्फलम् = नास्ति फलं यस्य तत्; बहुव्रीहि समास।
प्रश्न 5.
सत्याग्रहमहत्त्वमधिकृत्य मातृभाषया दश वाक्यानि लिखत-
उत्तर:
- सत्याग्रह को जीवन में धारण करने से मनुष्य निर्भीक बनता है।
- सत्याग्रह से जीवन में आत्मविश्वास उत्पन्न होता है।
- सत्याग्रह के आचरण से ही जीवन सार्थक होता है।
- सत्याग्रह से जीवन में अद्भुत् बल आता है।
- सत्याग्रह से लोग वश में आ जाते हैं।
- सत्याग्रह से उत्साह तथा धैर्य उत्पन्न होता है।
- सत्याग्रह से कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति प्राप्त होती है।
- सत्याग्रह से मन, वचन, काया तथा कर्मों को भी शक्ति प्राप्त होती है।
- सत्याग्रह का आचरण करने वाला व्यक्ति सदा विजयी एवं यशस्वी होता है।
- सत्याग्रह से बढ़कर संसार में अन्य कोई गुण नहीं है।
प्रश्न 6.
अधोलिखित शब्दानां सन्धिच्छेदं कुरुत-
उत्तर:
- नवैतानि = नव + एतानि।
- मिताशी = मित + आशी।
- मुनिर्बुद्धः = मुनिः + बुद्धः।
- दीप्यतेऽखिलभारते = दीप्यते + अखिलभारते।
- सत्यपि = सति + अपि।
- पितेव = पिता + इव।
- व्यवर्धन्त = वि + अवर्धन्त।
- सर्वदाप्याचरिष्यामः = सर्वदा + अपि + आचरिष्यामः।
प्रश्न 7.
रिक्तस्थानानि पूरयत-
उत्तर:
- ततस्तीरे सबर्मत्या नाम्ना सत्याग्रहाश्रमः।
- अहिंसा सत्यमस्तेयं ब्रह्मचर्यापरिग्रही।
- अधर्ममपि दृष्ट्वा यः प्रतिबद्धं न बाञ्छति।
- सत्ये सत्यपि यो भीत्या न च तत् प्रतिपद्यते।
- आश्रमाद् बहिरन्यत्र लोकानां कलहेऽपि सः।
स्वमेव कारणं मत्वा तत् कलङ्कन दूयते।।
Bhaswati Class 11 Solutions Chapter 7 भव्यः सत्याग्रहाश्रमः Summary Translation in Hindi and English
1. ततस्तीरे सबर्मत्या नाम्ना सत्याग्रहाश्रमः।
महात्मा स्थापयामास सदनं सानुयात्रिकः।।
शब्दार्थ् (Word meanings):
सरलार्थ – अपने अनुयायियों के साथ महात्मा गांधी ने साबरमती नदी के तट पर सत्याग्रहाश्रम नामक रहने का स्थान बनाया।
Meaning in English:
Mahatma Gandhi made Satyagrahashrama, a place of living with his followers, on the bank of the river Sabarmati.
2. सत्यमेव प्रमाणं यन्मनोवाक्कायकर्ममिः।
तस्मिन् पुण्यनिवासे तद् यथार्थो हि स आश्रमः।।
शब्दार्थ (Word-meanings):
सरलार्थ – उस पवित्र आश्रम में मन, वचन, शरीर तथा कर्मों से सत्य का आचरण होता था, अतः वह आश्रम अपने नाम को यथार्थ सिद्ध करने वाला था।
Meaning in English:
In that sacred Ashrama, the truth was followed by thoughts, speech, body, and actions, so that Ashrama proved its name to be true.
3. अहिंसा सत्यमस्तेयं ब्रह्मचर्यापरिग्रहौ।
स्वदेशवस्तुनिष्ठा च निर्मीतरुचिसंयमः।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ- अहिंसा, सत्य, चोरी न करना, ब्रह्मचर्य का पालन, अधिक धन का संचय न करना, स्वदेशी वस्तुओं पर निष्ठा, निर्भयता तथा रुचि-स्वाद पर नियंत्रण।
Meaning in English:
Non-violence, truth, not to steal, control over the senses, not to collect much wealth, to have faith in the things made in one’s own country, fearlessness, control over taste.
4. अन्त्यजानां समुद्धारो नवैतानि व्रतानि हि।
भारतोत्कर्षसिद्ध्यर्थमाश्रमस्य महात्मनः।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ- तथा हरिजनों का उद्धार – भारत को श्रेष्ठ बनाने के लिए महात्मा गांधी के आश्रम का लक्ष्य इन नौ व्रतों को सिद्ध करना था।
Meaning in English:
and uplifting the Harijans – Mahatma Gandhi established these nine vratas to make India a great country.
5. निर्ममो नित्यसत्यवस्थो मिताशी सुस्मिताननः।
सुकलत्रः शिशुप्रेमी पितेवाश्रमवासिनाम्।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ – महात्मा गांधी निस्स्वार्थ, सर्वदा सत्त्वगुणसम्पन्न, कम भोजन करने वाला, प्रसन्न मुख वाला, सुन्दर पत्नी-युक्त, बच्चों से प्रेम करने वाला तथा आश्रम में रहने वालों के लिए पिता के समान थे।
Meaning in English:
Mahatma Gandhi was liberal and endowed with good qualities. He used to cat a small quantity of food and was agreeable looking. He had a good wife. He used to love children. So he was respected as a father by the people who lived in that Ashrama.
6. ध्यायन् क्लेशान् स्वबन्धूनां तद्धितैकपरायणः।
विराजते मुनिर्बुद्धो बोधिदुमतले यथा।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ – अपने बन्धु-बान्धवों के दुःखों का ध्यान रखने वाले तथा केवल उनके हित की चिंता करने वाले महात्मा गांधी ऐसे विराजमान होते थे जैसे बोधिवृक्ष के नीचे महात्मा बुद्ध विराजमान होते थे।
Meaning in English:
Mahatma Gandhi always took care of the troubles of his friends and relatives and also of their welfare only. He looked beautiful as Lord Buddha looked beautiful sitting under the Bodhi tree.
7. साक्षात्सत्यप्रदीपोऽयं दीप्यतेऽखिलभारते।
स्वबन्धूनामपाकुर्वन् हृदयान्मोहजं तमः।।
शब्दार्थ (Word-meanings):
सरलार्थ – अपने बन्धुओं के हृदयों से मोह से उत्पन्न अन्धकार को दूर करता हुआ सत्य का यह दीपक साक्षात् रुप से सम्पूर्ण भारत में प्रदीप्त हो रहा है।
Meaning in English:
Removing darkness caused by ignorance from the hearts of his friends and relatives, he is shining like a real lamp of truth throughout the entire India.
8. बलं सर्वबलेभ्योऽपि सत्यमेवातिरिच्यते।
सत्यवानबलः श्रेयान् सबलात् सत्यवर्जितात्।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ – सभी बलों में सत्य का बल सर्वश्रेष्ठ है अतः सत्यहीन बलशालियों में। बलहीन सत्यवान् भी श्रेयस्कर है।
Meaning in English:
The power of truth is greater than all other powers. so a weak person who follows the path of truth in life is greater than a powerful person who does not follow the path of truth.
9. तद् ये चरन्ति धर्मेण प्रजा वा राज्यशासकाः।
समृद्धिर्जायते तेषामन्येषां तु क्षयो धुवः।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ – इसलिए जो राजा या प्रजा धर्मपूर्वक आचरण करते हैं उनकी सदा उन्नति होती है तथा अन्य लोगों की निश्चित रूप से अवनति होती है।
Meaning in English:
So the people or the administrators who follow the path of righteousness always make progress but others certainly face downfall.
10. इति तत्रभवान् गान्धीराख्याति सहवासिनः।
अनुयायिजनांश्चान्यान् वचसा लेखतोऽपि वा।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ – ऐसा महात्मा गांधी अपने भाषणों तथा लेखों से अपने साथियों, अनुयायियों तथा अन्य लोगों को समझाते हैं।
Meaning in English:
Mahatma Gandhi thus explains to his friends, followers and other people through his speeches and written articles.
11. महात्मा प्राह-
अधर्मपि दृष्ट्वा यः प्रतिबद्धं न वाञ्छति।
सत्ये सत्यपि यो भीत्या न च तत् प्रतिपद्यते।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ : महात्मा गांधी बोले-
जो व्यक्ति अधर्म को देखकर भी उसे रोकने का प्रयत्न नहीं करता तथा सत्य को जानता हुआ भी भय के कारण उसे स्वीकार नहीं करता………….
Meaning in English:
Mahatma then said-
He who looks injustice and still does not try to check it and he who knows truthfulness but still being frightened do not accept it ……………
12. क्लीबयोरुभयोश्चापि निष्फल जीवन तयोः।
स्वार्थनाशभयाद् यत् तौ रक्षतोऽनृतजीवनम् ।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ – ऐसे दोनों नपुंसको का जीवन निष्फल है। अपने स्वार्थ के नष्ट होने के भय से ये दोनों अपने झूठे जीवन की रक्षा करते हैं।
Meaning in English:
The life of both of those cowards is useless. Due to fear of losing their self-interest both of them protect their worthless-life.
13. हिंसामपि समाश्रित्य वरं मृत्युमुखे गतम्।
न पुनः स्वात्मरक्षार्थ कृतं निन्द्यं पलायनम्।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ – हिंसा का आश्रय लेकर मृत्यु के मुख में गिरना श्रेयस्कर है किन्तु अपनी रक्षा के लिए वहाँ से भागना निन्दनीय नहीं है।
Meaning in English:
It is always desirable to follow death than to follow violence but it is not blamable to run away from there for the sake of self-protection.
14. करोति मनसा हिंसा स हि भीरुः पलायिता।
आत्मनो मृत्युकातर्यादात्महिंसा करोति च।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ – जो मन से भी हिंसा करता है वह कायर तथा सच्चाई से भागने वाला होता है और वह अपनी मृत्यु के भय से आत्महिंसा ही करता है।
Meaning in English:
He is really a coward and runs away from truthfulness who troubles others by thoughts even and he hurts himself due to fear of his death.
15. अत एव मया दत्तं नाम सत्याग्रहाश्रमः।
सत्यानुयायियुक्ताया विनीतवसतेर्मम।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ – सत्य के अनुयायियों से युक्त होने के कारण तथा सज्जनों की बस्ती होने के कारण ही मैंने इस आश्रम को सत्याग्रहाश्रम का नाम दिया है।
Meaning in English:
I have given the name Satyagrahashrama to this hermitage as it is endowed with the followers of truth and as it is an inhabited place of the good people.
16. इति सत्यादिधर्माणाममोघं बलमद्भुतम्।
वर्णयन् ग्राहमामास व्रतानि सुबहून् गुरुः।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ – इस प्रकार सत्यादि धर्मों के आचरण में सार्थक तथा अद्भुत बल होता है – ऐसा वर्णन करते हुए आचार्य गान्धी जी ने अनेक लोगों को व्रत ग्रहण करवाए।
Meaning in English:
Thus there is fruitful and wonderful power in following truth and such other dharmas (qualities)-explaining thus Gandhiji asked people to follow various religious vows.
17. अपराधे कृतेऽप्यन्यैः सत्यसारे तदाश्रमे।
स्वीकृत्य दोषसर्वस्वमुपवासैस्तपस्यति।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ – सत्य के सार रूप उस आश्रम में अन्य लोगों के द्वारा अपराध किए जाने पर उन दोषों को स्वीकार करके महात्मा गाँधी उपवास करके तपस्या करते थे।
Meaning in English:
When the people committed offenses in that hermitage in which truthfulness was followed, Mahatma Gandhi used to accept their offenses and he used to follow austerity by fasting (by not eating food).
18. आश्रमाद् बहिरन्यत्र लोकानां कलहेऽपि सः।
स्वमेव कारणं मत्वा तत् कलङ्कन दूयते।।
सरलार्थ – अन्यत्र आश्रम से बाहर भी लोगों में झगड़ा हो जाने पर वह महात्मा अपने को ही कारण मानकर उस दोष से दुःखी होता था।
Meaning in English:
When some quarrel took place among the people even somewhere else or outside the hermitage, Mahatma Gandhi used to consider himself guilty for that offense and felt sorry for that.
19. आत्मवत्सर्वभूतानि पश्यतोऽस्य पदानुगाः।
गुणैः परवशीभूता व्यवर्धन्त सहसशः।।
शब्दार्थ (Word-meanings):
सरलार्थ – सभी लोगों को अपने समान देखने वाले उस महात्मा के अनुयायी उसके गुणों के वशीभूत होकर हजारों की संख्या में बढ़ने लगे।
Meaning in English:
He considered all the people as his own self. So his followers, being fascinated by his merits, increased in thousands.
20. सर्वदाप्याचरिष्यामः सत्यादिनवकं व्रतम्।
इति जातसमुत्साहै: सधैर्य निश्चितं जनैः।।
शब्दार्थ (Word meanings):
सरलार्थ – अत्यन्त उत्साहपूर्वक तथा धैर्यपूर्वक तब लोगों ने यह निश्चय किया कि “हम सब सदा सत्यादि नौ व्रतों का आचरण करेंगे।
Meaning in English:
Then with great enthusiasm and with firmness people decided that we will always follow these truth and other nine religious vows.