कक्षा : 7
विषय : विज्ञान
अध्याय : 9 मृदा
पाठ से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1 – मैं जानना चाहता हूँ, मटका और सुराही बनाने के लिए किस प्रकार की मृदा का उपयोग किया जाना चाहिए।
उत्तर :- इसके लिए हम बंजर भूमि से सूखी मिट्टी प्रयोग में ला सकते है।
प्रश्न 2 – बूझो को आश्चर्य है कि दोनों वर्गों में पानी के अवशोषण में अंतर क्यों था ?
उत्तर :- क्योंकि एक घर के फर्श पर पानी के आमाप का वर्ग अंकित किया गया तथा दूसरा कच्ची सड़क पर। उन्होंने एक ही समय पर दोनों वर्ग स्थानों पर एक एक बोतल पानी डाल दिया। तब उन्हें अंतर मिला कि फर्श पर गिरा पानी वर्ग की सीमा के बाहर बह गया और अवशोषित हो गया जबकि कच्ची सड़क पर डाला गया पानी अवशोषित हो गया।
अभ्यास
प्रश्न 1 – प्रश्न एक और दो में सबसे उपयुक्त उत्तर को चिह्नित करें।
1 . शैल कणों के अतिरिक्त मृदा में होते हैं:-
(क) वायु और जल
(ख) जल और पादप
(ग) खनिज, जैव पदार्थ, वायु और जल
(घ) जल, वायु और पादप
उत्तर :- (ग) खनिज, जैव पदार्थ, वायु और जल
प्रश्न 2 – जल धारण क्षमता सबसे अधिक होती है
(क) बलुई मृदा में
(ख) मृण्मय मृदा में
(ग) दुमटी मृदा में
(घ) बालू और दुमट के मिश्रण में
उत्तर :- (ख) मृण्मय मुद्रा में
प्रश्न 3 – कॉलम A में दी गई वस्तुओं का कॉलम B में दिए गए गुणों से मिलान कीजिए
कॉलम A | कॉलम B |
जीवों को उन आवास देने वाली | बड़े कण |
मृदा की ऊपरी परत | सभी प्रकार की मृदा |
बलुई मृदा | गहरे रंग की |
मृदा की मध्य परत | सघन छोटे कण |
मृण्मय मृदा | ह्यूमस की कम मात्रा |
उत्तर:-
कॉलम A | कॉलम B |
जीवों को उन आवास देने वाली | सभी प्रकार की मृदा |
मृदा की ऊपरी परत | गहरे रंग की |
बलुई मृदा | बड़े कण |
मृदा की मध्य परत | ह्यूमस की कम मात्रा |
मृण्मय मृदा | सघन छोटे कण |
प्रश्न 4 – समझाइए कि मृदा कैसे बनती है ?
उत्तर :- मृदा अनेक परतों की बनी होती है। वायु, जल तथा जलवायु द्वारा चट्टानों के टूटने से मृदा बनती है। यह प्रकरण अपक्षय कहलाता है। किसी मृदा की प्रकृति उन शैलों पर निर्भर करती है जिससे इसका निर्माण हुआ है और यह उन वनस्पतियों की किस्मों पर भी निर्भर करती है। चट्टानों के कणों और ह्यूमस के मिश्रण को मृदा कहते है।
प्रश्न 5 – मृण्मय मृदा किस प्रकार फसलों के लिए उपयोगी है ?
उत्तर :- मृण्मय मृदा में ह्यूमस होता है तथा इसमें जल धारण क्षमता बहुत अधिक होती है। जिन फसलों को अधिक जल की आवश्यकता होती है वे फसलें इस मृदा में अच्छी प्रकार से उग सकती हैं। जैसे:- गेहूं, चना, बाजरा, शकरकंदी।
प्रश्न 6 – मृण्मय मृदा और बलुई मृदा के बीच अंतर बताएं।
उत्तर :- मृण्मय मृदा :- इसमें छोटे कणों का अनुपात अधिक होता है। इसमें जल दर कम होती है। इस मृदा के कणों के बीच रिक्त स्थान कम होता है। जल धारण करने की क्षमता अधिक होती है।
बलुई मुद्रा :- इसमें बड़े कणों का अनुपात अधिक होता है। इस मृदा में जल की दर अधिक होती है। इस मृदा में कणों के बीच रिक्त स्थान अधिक होता है। जल करने करने की क्षमता बहुत कम होती है।
प्रश्न 7 – मृदा की अनुप्रस्थ काट का चित्र बनाएं और विभिन्न परतों उन नामांकित कीजिए।
उत्तर:-
प्रश्न 8 – रजिया ने खेत में अंत:स्त्रवण की दर से संबंधित एक प्रयोग किया। उसने देखा कि उसके द्वारा लिए गए मृदा के नमूने में 200ml जल को अंत:स्त्रवण करने में 40 मिनट लगे। अंत:स्त्रवण की दर परिकलित कीजिए।
उत्तर :- जल की कुल मात्रा = 200ml
अंत:स्त्रवण में लगा समय = 40 मिनट
अंत:स्त्रवण की दर = जल की मात्रा / लिया गया समय
= 200ml/40 min = 5ml/min
प्रश्न 9 – समझाइए कि मृदा प्रदूषण तथा मृदा अपरदन को किस प्रकार रोका जा सकता है ?
उत्तर :- मृदा प्रदूषण को रोकने के उपाय:-
- अपशिष्ट रसायनों तथा उत्पादों को मृदा में मिलने देने से पहले उन्हें अच्छे से उपचारित कर लेना चाहिए।
- कीटनाशकों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए।
मृदा प्रदूषण को रोकने के उपाय:-
- हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए।
- खेत में वनस्पति को लगाना चाहिए।
- फसल चक्र अपनाकर।
- पेड़ों की कटाई को कम करके एवं व नष्ट होने से बचाकर।
प्रश्न 10 – निम्नलिखित वर्ग पहेली को दिए गए संकेतों की सहायता से हल कीजिए:-
सीधे :- 1. इसके बने थैलों के अपशिष्ट से मृदा का प्रदूषण होता है।
2. इस प्रकार की मृदा से सूक्ष्म कणों का अनुपात अपेक्षाकृत अधिक होता है।
4. इस प्रकार की मृदा में सूक्ष्म तथा बड़े कणों की मात्रा लगभग समान होती है।
5. मृदा परिच्छेदिका की परत।
8. वनस्पति न होने पर यह मृदा को उड़ा ले जाती है।
9. इस प्रकार की मृदा सुवातित एवं शुष्क होती है।
10. किसी मृदा द्वारा पानी को रोकने की क्षमता।
ऊपर से नीचे :-
2. भूमि की ऊपरी परत , जो पौधों को आधार प्रदान करती है।
3. पवन तथा प्रवाही जल के कारण मृदा पर प्रभाव।
6. मृदा के जल के अवशोषण की प्रक्रिया
7. किसी स्थान की मृदा की काट परिच्छेदिका
उत्तर :- सीधे ऊपर से नीचे
पोलीथिन मृदा
मृण्मय अपरदन
दुमट अंत:स्त्रवण
आधारशैल प्रोफाइल
पवन बलुआ
जलधारण