Ncert Solutions For Class 7 Science Chapter 10 Hindi Medium

 कक्षा : 7

विषय : विज्ञान
अध्याय : 10 जीवों में श्वसन

पाठ से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1 – बूझो ने नोट किया कि जब कुछ देर तक साँस रोके रखने के बाद उसने साँस छोड़ी, तो उसे तेज़ साँस लेनी पड़ी। क्या आप उसे बता सकते हैं कि ऐसा क्यों हुआ ?

उत्तर :- ऐसा करने से हमें प्रतीत हो गया होगा कि हम सांस लिए बिना अधिक देर तक जीवित नहीं रह सकते। सांस लेने का अर्थ है ऑक्सीजन से समृद्ध वायु को अंदर खींचना और कार्बनडाइऑक्साइड से समृद्ध वायु को बाहर निकालना। यह एक सतत प्रक्रिया है जो प्रत्येक जीवन में हर समय अर्थात जीवनपर्यत होता रहता है।

प्रश्न 2 – बूझो जानना चाहता है कि क्या कॉकरोच (तिलचट्टा), घोंघे, मछली, केंचुए, चींटी और मच्छर में भी फेफड़े होते हैं ?

उत्तर :- हां, कॉकरोच (तिलचट्टा), घोंघे, मछली, केंचुए, चींटी और मच्छर में भी फेंफड़े होते हैं।

अभ्यास

प्रश्न 1 – कोई धावक दौड़ समाप्त होने पर सामान्य से अधिक तेजी से गहरी साँसें क्यों लेता है ?

उत्तर :- जब कोई धावक दौड़ता है तो वह पहले अत्यधिक व्यायाम करता है। इससे इसलिए उसे ऊर्जा की अधिक आवश्यकता होती है। अपनी ऊर्जा को पूरा करने के लिए उसे और अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता हो जाती है। इसलिए ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए धावक दौड़ समाप्त होने पर सामान्य से अधिक तेजी से गहरी सांस लेता है।

प्रश्न 2 – वायवीय और अवायवीय श्वसन के बीच समानताएँ तथा अंतर बताए।

उत्तर:- समानताएँ :- दोनों प्रकार के शासन में ऊर्जा निर्मुक्त होती है। दोनों कोशकीय प्रक्रम है। दोनों प्रकार के प्रक्रमों में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का विनिमय होता है।

वायवीय तथा अवायवीय में अंतर:-

वायवीय श्वसन :-  यह प्रक्रम ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है। ग्लूकोज का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है। इस प्रक्रम में अधिक ऊर्जा निकलती है। यह प्रकार माइटोकॉन्ड्रिया तथा कोशिकाद्रव्य में होता है।

अवायवीय श्वसन :-  यह प्रक्रम ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है। ग्लूकोज का पूर्ण ऑक्सीकरण नहीं होता। इस प्रकार में कम ऊर्जा निकलती है। यह प्रकरण केवल कोशिकाद्रव्य में होता है।

प्रश्न 3 – जब हम अत्यधिक धूल भरी वायु में सांस लेते हैं, तो हमें छींके क्यों आ जाती है ?

उत्तर :- जब हम श्वास लेते है, तो धूल कण हमारे नथुनों से नासा गुहा में चली जाती है। नासा गुहा से वायु श्वास नली से होकर हमारे फेफड़ों में जाते हैं। ऐसे कण जब नासा गुहा के पार चले जाते हैं,  तो ये गुहा की कोमल परत को उत्तेजित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हमें छींक आती है। छींकने से अवांछित कण वायु के साथ बाहर निकलते हैं। इस प्रकार केवल स्वच्छ वायु हमारे शरीर में प्रवेश कर पाती है।

प्रश्न 4 – तीन परखनलियां लीजिए। प्रत्यके को ¾ भाग तक जल से भर लीजिए। इन्हें A, B  तथा C द्वारा चिह्नत कीजिए। परखनली A में एक घोंघा रखिए। परखनली B में कोई जलीय पादप रखिए और C में एक घोंघा और पादप दोनों को रखें। किस परखनली में कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता सबसे अधिक होगी ?

उत्तर :- परखनली A में केवल घोंघा है और यह कार्बन डाइऑक्साइड गैस छोड़ता है।

परखनली B में एक जलीय पादप हैं। यह प्रकाश संश्लेषण क्रिया के लिए परखनली में से कार्बन डाइऑक्साइड गैस ले रहा है।

परखनली C में दोनों घोंघा तथा जलीय पादप हैं। जलीय पादप घोंघे द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड गैस को लेता है।

इसलिए परखनली A में कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता अधिक हो।

प्रश्न 5 – सही उत्तर (√) पर निशान लगाइए

(क) तिलचट्टों के शरीर में वायु प्रवेश करती है उनके:-

(i) फेफड़ों द्वारा

(ii) क्लोमों द्वारा

(iii) श्वास रंध्रो द्वारा

(iv) त्वचा द्वारा

उत्तर:- (iii) श्वास रंध्रो द्वारा

(ख) अत्यधिक व्यायाम करते समय हमारी टांगों में इस पदार्थ के संचयन के कारण एंठन होती है वह है:-

(i) कार्बन डाइऑक्साइड

(ii) लैक्टिक अम्ल

(iii) ऐल्कोहॉल

(iv) जल

उत्तर:- (ii) लैक्टिक अम्ल

(ग) किसी सामान्य वयस्क व्यक्ति की विश्राम अवस्था में औसत श्वसन दर होती है:-

(i) 9 -12 मिनट

(ii) 15 – 18 मिनट

(iii) 21 – 24 मिनट

(iv) 30 – 33  मिनट

उत्तर:- 15 – 18 मिनट

(घ) उच्छ्वसन के समय पसलियां:-

(i) बाहर की ओर गति करती है।

(ii) नीचे की ओर गति करती है।

(iii) ऊपर की ओर गति करती है।

(iv) बिल्कुल गति नहीं करती है।

उत्तर:- नीचे की ओर गति करती है।

प्रश्न 6 – कॉलम A में दिए गए शब्दों का कॉलम B के साथ मिलान कीजिए:-

कॉलम Aकॉलम B
यीस्ट केंचुआ
डायफ्राम (मध्यपट)क्लोम
त्वचाऐल्कोहॉल
पत्तियाँवक्ष – गुहा
मछलीरंध्र
मेंढकफेफड़े और त्वचा
श्वासप्रणाल (वातक)

उत्तर:-

कॉलम Aकॉलम B
यीस्टऐल्कोहॉल
डायफ्राम (मध्यपट)वक्ष – गुहा
त्वचाकेंचुआ
पत्तियाँरंध्र
मछलीक्लोम
मेंढक फेफड़े और त्वचा

प्रश्न 7 – बताइए कि निम्नलिखित वक्तव्य ‘सत्य’ है अथवा असत्य:-

(क) अत्यधिक व्यायाम करते समय व्यक्ति की श्वसन दर धीमी हो जाती है।

(ख) पादपों में प्रकाश-  संश्लेषण केवल दिन में जबकि श्वसन केवल रात्रि में होता है।

(ग) मेंढक अपनी त्वचा के अतिरिक्त अपने फेफड़ों से भी शोषण करते हैं।

(घ) मछलियों में श्वसन के लिए फेफड़े होते हैं।

(च) अंत: श्वसन के समय वक्ष -गुहा का आयतन बढ़ जाता है।

उत्तर:- (क) असत्य, (ख) असत्य, (ग) सत्य, (घ) असत्य, (च) सत्य।

प्रश्न 8 -दी गई पहली के प्रत्येक वर्ग में जीवों के शवसन से संबंधित हिन्दी वर्णाक्षर अथवा संयुक्ताक्षर दिए गए हैं इनको मिलाकर जीवों तथा उनके शवसन अंगों से संबंधित शब्द बनाए जा सकते हैं। शब्द वर्गों के जाल में किसी भी दिशा में ऊपर,  नीचे अथवा विकर्ण में पाए जा सकते हैं। शासन तंत्र तथा जीवों के नाम खोजिए।

इन शब्दों के लिए संकेत नीचे दिए गए हैं।

(1) कीटों की वायु नालियाँ

(2) वक्ष गुहा को घेरे हुए हड्डियों की संरचना

(3) वक्ष गुहा का पेशीय जल

(4) पत्ती की सतह पर सूक्ष्म छिद्र

(5) कीट के शरीर के पार्श्व भागों के छोटे छिद्र

(6) मनुष्य के श्वसन अंग

(7) वे छिद्र जिनसे हम सांस भीतर लेते हैं।

(8) एक अवायवीय जीव

(9) श्वासप्रणाली तंत्र वाला एक जीव

उत्तर:- 1. श्वासप्रणाली

2. पसलियां

3. डायाफ्राम

4. रंध्र

5. श्वास रंध्र

6. फेफड़े

7. नासाद्वार

8. यीस्ट

9. तिलचट्टा

प्रश्न 9 – पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीजन सिलिंडर ले जाते है, क्योंकि:-

(क) पांच किलोमीटर से अधिक उचाई पर वायु नहीं होती।

(ख) वहाँ उपलब्ध वायु की मात्रा की भूतल पर उपलब्ध मात्रा से कम होती है।

(ग) वहाँ वायु तथा भूतल के ताप से अधिक होता है।

(घ) पर्वत पर वायुदाब भूतल की अपेक्षा अधिक होता है।

उत्तर :- वहाँ उपलब्ध वायु की मात्रा भूतल पर उपलब्ध मात्रा से कम होती है।

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