कक्षा : 7
विषय : विज्ञान
अध्याय : 2 प्राणियों में पोषण
पाठ से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1 – चित्र 2.2 में दिखाई गई अत्यधिक कुण्डलित क्षुद्रांत्र को देखकर आश्चर्यचकित है। वह इसकी लंबाई जानना चाहता है। क्या आप इसका अनुमान लगा सकते हैं ? पृष्ठ संख्या 17 में, इसकी सन्निकट लंबाई दी गई है। कल्पना कीजिए कि इतनी लंबी संरचना हमारे शरीर के छोटे–से हिस्से में किस प्रकार समायी हुई है।
उत्तर :- क्षुद्रांत्र लगभग 7.5 मीटर लम्बी अत्यधिक कुंडलित नली है। यह यकृत एवं अग्नाशय से स्राव प्राप्त करती है। यह शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है। यह एक थैली में समाई हुई होती है जिसे पित्ताश्य कहते है।
प्रश्न 2 – बूझो जानना चाहता है कि मनुष्य मावेशियों की तरह सेलुलोस को क्यों नहीं पचा सकता ?
उत्तर :- सेलुलोस का पाचन करना केवल पशुओ में पाया जाता है, मानव में नहीं।
अभ्यास :-
प्रश्न 1- उचित शब्द द्वारा रिक्त स्थानो कि पूर्ति कीजिए:-
(क) मानव पाचन के मुख्य चरण _____ , ______ , _______ , _______ एवं ______ है।
(ख) मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि का नाम___है।
(ग) आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं _____का स्राव होता है, जो भोजन पर क्रिया करते है।
(घ) क्षुद्रांत्र की आंतरिक भित्ति पर अंगुली के समान अनेक प्रवर्ध होते है जो _______ कहलाते है।
(ड़) अमीबा भोजन का पाचन _____ में करता है।
उत्तर:- (क) मानव पाचन के मुख्य चरण अंतग्रहन, पाचन, अवशोषण, स्वांगीकरण एवं निष्कासन है।
(ख) मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि का नाम यकृत है।
(ग) आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं पाचक रस का स्राव होता है, जो भोजन पर क्रिया करते है।
(घ) क्षुद्रांत्र की आंतरिक भित्ति पर अंगुली के समान अनेक प्रवर्ध होते है जो दिर्घ रोम कहलाते है।
(ड़) अमीबा भोजन का पाचन खाद्यधानी में करता है।
प्रश्न 2 – सत्य एवं असत्य कथनों को चिन्हित किजिए।
(क) मंड का पाचन आमाशय से प्रारंभ होता है।
(ख) जीभ लाला-ग्रंथि को भोजन के साथ मिलाने में सहायता करती है।
(ग) पित्ताशय मंड पित्त रस अस्थायी रूप से भंडारित होता है।
(घ) रुमिनेन्ट निगली हुई घास को अपने मुख में वापस लाकर धीरे-धीरे चबाते रहते है।
उत्तर:- (क) असत्य
(ख) सत्य
(ग) सत्य
(घ) सत्य
प्रश्न 3 – निम्न में से सही विकल्प पर (√) का चिन्ह लगाईए।
(क) वसा का पूर्णरूपेण पाचन जिस अंग में होता है, वह है:-
(i) आमाशय
(ii) मुख
(iii) क्षुद्रांत्र
(iv) बृहदांत्र
उत्तर:- क्षुद्रांत्र
(ख) जल का अवशोषण मुख्यतः जिस अंग दवारा होता है, वह है:-
(i) आमाशय
(ii) ग्रसिका
(iii) क्षुद्रांत्र
(iv) बृहदांत्र
उत्तर:- बृहदांत्र
प्रश्न 4 – कॉलम A में दिए गए कथनों का मिलन कॉलम B में दिए गए कथनों से किजिए:-
कॉलम A कॉलम B
खाद्य घटक पाचन के उत्पाद
कार्बोहाइड्रेटस वसा अम्ल एवं गीलसराल
प्रोटीन शर्करा
वसा ऐमिनो अम्ल
उत्तर:-
कॉलम A कॉलम B
खाद्य घटक पाचन के उत्पाद
कार्बोहाइड्रेटस शर्करा
प्रोटीन ऐमिनो अम्ल
वसा वसा अम्ल एवं गीलसराल
प्रश्न 5 – दीर्घरोम क्या है ? वह कहाँ पाए जाते हैं एवं उनके कार्य क्या है ?
उत्तर :- क्षुद्रांत्र की आंतरिक भित्ति पर अँगुली के समान उभरी हुई संरचनाएँ होती हैं, जिन्हें दीर्घरोम अथवा रसांकुर कहते हैं। दीर्घरोम पचे हुए भोजन के अवशोषण हेतु तल क्षेत्र बढ़ा देते हैं। प्रत्येक दीर्घरोम में सूक्ष्म रुधिर वाहिकाओं का जाल फैला रहता है। दीर्घरोम की सतह से पचे हुए भोजन का अवशोषण होता है तथा यह रुधिर वाहिकाओं में चला जाता है।
प्रश्न 6 – पित्त कहाँ निर्मित होता है ? यह भोजन के किस घटक के पाचन में सहायता करता है ?
उत्तर :- यकृत गहरे लाल – भूरे रंग की ग्रंथि है, जो उदर के ऊपरी भाग में दाहिनी (दक्षिण) ओर अवस्थित होती है। यह शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है। यह पित्त रस नष्ट स्रावित करती है, जो एक थैली में संग्रहित होता रहता है। इसे पित्ताशय कहते है। पित्त रस जिससे वसा के पाचन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रश्न 7 – उस कार्बोहाइड्रेट का नाम लिखिए जिसका पाचन रूमिनेंट द्वारा किया जाता है परन्तु मानव द्वारा नहीं। इसका कारण बताइए।
उत्तर :- रुमिनैन्ट सेलुलोस नामक कार्बोहाइड्रेट का पाचन कर सकते है, परन्तु मानव नहीं कर सकता। इसका कारण यह है कि रूमिनैन्टस में क्षुद्रांत्र एवं बृहदांत्र के बीच थैली जैसे संरचना में सेलुलोस को पचाने वाले जीवाणु पाए जाते है , जबकि मानव आहार – नाल में सेलुलोस को पचाने वाले जीवाणु नहीं पाए जाते।
प्रश्न 8 – क्या कारण है कि हमें ग्लूकोस से ऊर्जा तुरंत प्राप्त होती है ?
उत्तर:- शरीर में अत्यधिक ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट के पाचन से प्राप्त होती है। ग्लूकोस कार्बोहाइड्रेट का सरलतम रूप है। शरीर में ग्लूकोस का पाचन एवं सीधा ही अवशोषण हो जाता है, जिस कारण ग्लूकोस से तुरंत ऊर्जा प्राप्त होती है।
प्रश्न 9 – आहार नाल के कौन-से भाग द्वारा निम्न क्रियाएँ संपादित होती हैं।
(i) पचे भोजन का अवशोषण ____________
(ii) भोजन को चबाना _________
(iii) जीवाणु नष्ट करना _______
(iv) भोजन का संपूर्ण पाचन _______
(v) मल का निर्माण _______
उत्तर:- (i) क्षुद्रांत्र
(ii) मुँह गुहिका
(iii) आमाशय
(iv) क्षुद्रांत्र
(v) बृहदांत्र
प्रश्न 10 – मानव एवं अमीबा के पोषण में कोई एक समानता एवं एक अंतर लिखिए।
उत्तर:- समानता :- मानव एवं अमीबा दोनों में भोजन का पाचन रसों द्वारा होता है।
अंतर :- मानव को भोजन पचाने के लिए उसे चबाना पड़ता है, परन्तु अमीबा को ऐसा कुछ नहीं करना होता।
प्रश्न 11- कॉलम A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम B के उचित कथन से कीजिए।
कॉलम A कॉलम B
लाल-ग्रंथि पित्त रस का स्रवण
आमाशय बिना पचे भोजन का भण्डारण
यकृत लाला रस स्रावित करना
मलाशय अम्ल का निमोर्चेंन
क्षुद्रांत्र पाचन का पूरा होना
बृहदांत्र जल का अवशोषण
मल त्याग
उत्तर:-
कॉलम A कॉलम B
लाला-ग्रंथि लाला रस स्रावित करना
आमाशय अम्ल का निमोर्चेंन
यकृत पित्त रस का स्रवण
मलाशय बिना पचे भोजन का भण्डारण
क्षुद्रांत्र पाचन का पूरा होना
बृहदांत्र जल का अवशोषण
प्रश्न 12 – चित्र 2.11 में दिए हुए पाचन तंत्र के आरेख को नामांकित कीजिए:-
उत्तर:-
प्रश्न 13 – क्या हम केवल हरी सब्जियों/घास का भोजन कर जीवन निर्वाह कर सकते हैं ? चर्चा कीजिए।
उत्तर:- नहीं, केवल हरी सब्जियां या घास का भोजन से जीवन निर्वाह नहीं हो सकता। हरी सब्जियों में थोड़ी मात्रा में सेलूलोस , विटामिन तथा खनिज लवण होते हैं जो जीवन निर्वाह के लिए पर्याप्त नहीं हैं । जीवित रहने के लिए हमें दूसरे पोषकों जैसे कार्बोहाइड्रेट , प्रोटीन तथा वसा की भी आवश्यकता होती है । इसलिए हमें ऐसे आहार की आवश्यकता होती है जिसमें भोजन के सभी घटक आवश्यक मात्रा में उपलब्ध हो ।