एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 विज्ञान पाठ 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

 कक्षा : 8

विषय : विज्ञान
पाठ : 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

अभ्यास :-

प्रश्न 1 – कुछ रेशे संश्लेषित क्यों कहलाते हैं ?

उत्तर:-  कुछ रेशे संश्लेषित इसलिए कहलाते है क्योंकि ये रेशे मनुष्यों द्वारा बनाए जाते है। संश्लेषित रेशे तीन प्रकार के होते हैं:- नाइलॉन, रेयॉन, ऐक्रिलिक और पॉलिएस्टर।

प्रश्न 2 – सही उत्तर को चिह्नित (√) कीजिए :-

रेयॉन एक संश्लेषित रेशा नहीं है, क्योंकि:

(क) इसका रूप रेशम समान होता है।

(ख) इसे काष्ठ लुगदी से प्राप्त किया जाता है।

(ग) इसके रेशों को प्राकृतिक रेशों के समान बुना जा सकता है।

उत्तर:-  इसे काष्ठ लुगदी से प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 3 – उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(क) संश्लेषित रेशे ____ अथवा ____ रेशे भी कहलाते हैं।

(ख) संश्लेषित रेशे कच्चे माल से संश्लेषित किये जाते हैं, जो ____ कहलाते हैं।

(ग) संश्लेषित रेशे की भांति प्लास्टिक भी एक ____ है।

उत्तर:- 

(क) संश्लेषित रेशे मानव निर्मित अथवा कृत्रिम रेशे भी कहलाते हैं।

(ख) संश्लेषित रेशे कच्चे माल से संश्लेषित किये जाते हैं, जो संश्लेषण कहलाते हैं।

(ग) संश्लेषित रेशे की भांति प्लास्टिक भी एक बहुलक है।

प्रश्न 4 – नाइलॉन रेशों से निर्मित दो वस्तुओं के नाम बताइए जो नाइलॉन रेशे की प्रबलता दर्शाती हों।

उत्तर :- पैराशूट, तम्बू तथा रस्से नाइलॉन रेशे की प्रबलता को दर्शाती है।

प्रश्न 5 – खाद्य पदार्थों का संचयन करने हेतु प्लास्टिक पात्रों के उपयोग के तीन प्रमुख लाभ बताइए।

उत्तर :- खाद्य पदार्थों का संचयन करने हेतु प्लास्टिक पात्रों के उपयोग के लाभ निम्नलिखित हैं:-

(i) यह भोजन, पानी और वायु से क्रिया नहीं करते।

(ii) यह मजबूत और हल्के होते है।

(iii) यह विभिन्न आकार, रूप और रंग में उपलब्ध है।

(iv) यह चिरस्थायी होता है।

प्रश्न 6 – थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के मध्य अन्तर को स्पष्ट कीजिए।

उतर :- थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के मध्य निम्नलिखित अन्तर है:-

थर्मोप्लास्टिक :- कुछ प्लास्टिक की वस्तुएँ सरलतापूर्वक मोड़ी जा सकती है जबकि कुछ मोड़ने हेतु बल लगाने पर टूट जाती है। यह गर्म होने पर आसानी से विकृत हो जाता है तथा सरलतापूर्वक मुड़ जाता है। उदाहरण के लिए :- पॉलिथीन, PVC इत्यादि।

थर्मोसेटिंग प्लास्टिक :- ये वे प्लास्टिक है जिन्हें एक बार सांचे में ढाल दिया जाता है वो उन्हें ऊष्मा देकर नर्म नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए :- बेकलॉइट, मैलामाइन इत्यादि।

प्रश्न 7 – समझाइए, थर्मोसेटिंग प्लास्टिक से निम्नलिखित क्यों बनाए जाते हैं:-

(क) डेगची के हत्थे

उत्तर:- क्योंकि यह प्लास्टिक ऊष्मा और विद्युत का कुचालक है, आग का प्रतिरोधक है तथा अन्य प्लास्टिक की अपेक्षा ऊष्मा को सहने की अधिक क्षमता रखता है।

(ख) विद्युत प्लग/स्विच / प्लग बोर्ड

उत्तर :-  क्योंकि यह प्लास्टिक विद्युत, कुचालक और चिरस्थायी होता है।

प्रश्न 8 – निम्नलिखित पदार्थों को “पुनः चक्रित किये जा सकते हैं” और “पुनः चक्रित नहीं किये जा सकते हैं” में वर्गीकृत कीजिए :-

टेलीफोन यंत्र, प्लास्टिक खिलौने, कुकर के हत्थे, सामग्री लाने वाले थैले, बाल प्वाइंट पेन, प्लास्टिक के कटोरे, विद्युत तारों के प्लास्टिक आवरण, प्लास्टिक की कुर्सिया, विद्युत स्विच।

उत्तर:- पुन: चक्रित किए जा सकते हैं :- प्लास्टिक खिलौने, सामग्री लाने वाले थैले, बाल प्वाइंट पेन, प्लास्टिक के कटोरे, विद्युत तारों के प्लास्टिक आवरण, प्लास्टिक की कुर्सियाँ।

पुनः चक्रित नहीं किए जा सकते हैं :-  टेलिफोन यंत्र, कुकर के हत्थे, विद्युत स्विच।

प्रश्न 9 – राणा गर्मियों के लिए कमीज़े खरीदना चाहता है। उसे सूती कमीज़ें खरीदनी चाहिए या संश्लेषित ? कारण सहित राणा को सलाह दीजिए।

उत्तर :- राणा को गर्मियों के लिए सूती कमीज़े खरीदनी चाहिए क्योंकि ये बहुत ही मुलायम होती है, ये छिद्र युक्त होती है। सूती कमीज़े पसीना सोखकर शरीर को सूखा रखती है जबकि संश्लेषित कमीज़े न तो पसीना सोखती है और न ही छिद्रयुक्त होती है।

प्रश्न 10 – उदाहरण देकर प्रदर्शित कीजिए कि प्लास्टिक की प्रकृति असंक्षारक होती है।

उत्तर :- लोहे जैसी धातुओं को जब नमी और वायु में खुला छोड़ दिया जाता है तो उनमें जंग लग जाता है। परन्तु प्लास्टिक जल और वायु से अभिक्रिया नहीं करते जिससे उनका संरक्षण आसानी से नहीं हो पाता। इसलिए उनका उपयोग बहुत से रसायनों सहित विभिन्न प्रकार के पदार्थों के संचयन हेतु किया जाता है।

प्रश्न 11 – क्या दाँत साफ़ करने के ब्रुश का हैंडल और शूक (ब्रिस्टल) एक ही पदार्थ के बनाने चाहिए ? अपना उत्तर स्पष्ट करिए।

उत्तर :- नहीं, दाँत साफ करने के ब्रुश का हैंडल और शूक (ब्रिस्टल) एक ही पदार्थ के नहीं बने होने चाहिए क्योंकि ब्रुश के हैंडल का प्रयोग सहारे के लिए होता है; इसलिए यह सख्त पदार्थ से बना होना चाहिए। इसके विपरीत ब्रुश के शूक नरम मजबूत एवं लचीले रेशों के बने होने चाहिए क्योंकि अगर शूक भी हैंडल की तरह किसी सख़्त पदार्थ का बना होगा तो यह हमारे दांतो को नुकसान पहुंचा सकता है।

प्रश्न 12 – “जहाँ तक सम्भव हो प्लास्टिक के उपयोग से बचिए”, इस कथन पर सलाह दीजिए।

उत्तर :- प्लास्टिक अपघटित होने में कई वर्ष ले लेता है, यह पर्यावरण हितैषी नहीं है। यह पर्यावरण प्रदूषण का कारण बनता है। इसके अतिरिक्त जब इस संश्लेषित पदार्थ को जलाया जाता है तो पूर्णतया जलने में लम्बा समय ले लेता है। इस प्रक्रम में यह भारी मात्रा में विषैली धूम उत्सर्जित का पर्यावरण प्रदूषित करता है। यथासम्भव प्लास्टिक के उपयोग से बचना चाहिए।

प्रश्न 13 – कॉलम A के पद का कॉलम B में दिए गए वाक्य खण्डों से सही मिलान करिए।

कॉलम A           कॉलम B

पॉलिएस्टर         काष्ठ लुगदी का उपयोग कर तैयार किया जाता है

 टेफ्लॉन          पैराशूट और मोजा बनाने में उपयोग किया जाता है

 रेयॉन     न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों के निर्माण में उपयोग में लाया जाता

 नाइलॉन          कपड़े में आसानी से बल नहीं पड़ते

उत्तर :-

कॉलम A            कॉलम B

पॉलिएस्टर      कपड़े में आसानी से बल नहीं पड़ते

टेफ्लॉन     न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों के निर्माण में उपयोग में लाया जाता

रेयॉन           काष्ठ लुगदी का उपयोग कर तैयार किया जाता है

नाइलॉन      पैराशूट और मोजा बनाने में उपयोग किया जाता है

प्रश्न 14 – संश्लेषित रेशों का औद्योगिक निर्माण वास्तव में वनों के संरक्षण में सहायक हो रहा है। टिप्पणी कीजिए।

उत्तर:- ऐसा इसलिए क्योंकि संश्लेषित रेशे द्वारा बनने वाले औद्योगिक निर्माण में वनों को काटने की जरूरत नहीं होती; ये मानव निर्मित होते हैं।

प्रश्न 15 – यह प्रदर्शित करने हेतु एक क्रियाकलाप का वर्णन करिए कि थर्मोप्लास्टिक विद्युत का कुचालक है।

उत्तर :- 6 वोल्ट की एक बैटरी ले, इस बैटरी का 1 सिरा विधयुत बल्ब के अन्य टर्मिनलों के साथ एकत्रित करते समय संवाहक तारों तथा बैटरी के अन्य टर्मिनल की सहायता से एक विधयुत बल्ब से जुड़ा होता है तब बल्ब चमकता है; लेकिन जब ये दोनों टर्मिनल थर्मोप्लास्टिक से जुडते है तो हम पाते है की बिजली का बल्ब नहीं चमकता है। इसलिए हम कह सकते है कि थर्मोप्लास्टिक विधयुत का कुचालक है।

पाठ के बीच में पूछे जाने वाले अन्य प्रश्न

प्रश्न – क्या नाइलॉन के रेशे सचमुच इतने मज़बूत्त  होते है कि हम उससे पैराशूट और चट्टानों पर चढ़ने की रस्सी का निर्माण कर सकते है ?

उत्तर:-  हां, नाइलॉन के रेशे सचमुच इतने मज़बूत्त होते हैं कि हम उससे पैराशूट और चट्टानों पर चढ़ने की रस्सी का निर्माण कर सकते हैं। एक नाइलॉन का तार इस्पात के तार से अधिक प्रबल होता है। नाइलॉन को ऊन के साथ मिलाकर देर तक टिकने वाले रेशे का निर्माण किया जाता है। नाइलॉन रेशे कई उद्देश्यों के लिए काम आते है, जहां मजबूत रेशों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न – मेरी माँ जल के लिए सदैव पेट (PET) बोतलें और चावल तथा चीनी संचयन के लिए पेट जार खरीदती है। मैं जानने के लिए उत्सुक हूँ कि आखिर यह पेट है क्या!

उत्तर :-  पेट (PET) (पॉली एथीलीन टरथेलेट) एक बहुत परिचित प्रकार का पॉलिएस्टर है। इसका उपयोग बोतलें, बर्तन, फिल्म, तार और अन्य बहुत से उपयोगी उत्पादों के निर्माण हेतु किया जाता है।

प्रश्न – ओह! अब मैं समझी कि मेरी माँ रसोघर में काम करते समय पॉलिएस्टर से बने वस्त्र क्यों नहीं पहनती।

उत्तर:- ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि पॉलिएस्टर से बने वस्त्र के संश्लेषित रेशे गर्म करने पर पिघल जाते है। यह वास्तव में संश्लेषित रेशों का एक हानिकारक गुण है। यदि वस्त्रों में आग लग जाती है तो यह बहुत आपदाजनक हो सकता है। कपड़ा पिघल जाता है और पहनने वाले व्यक्ति के शरीर से चिपक जाता है। इसलिए हमें प्रयोगशाला अथवा रसोईघर में कार्य करते समय संश्लेषित वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।

0 comments: