कक्षा : 6
विषय : सामाजिक विज्ञान (इतिहास, हमारे अतीत -1)
अध्याय : 5 – राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य (प्रश्न -उत्तर)
पाठ्यपुस्तक के आंतरिक प्रश्न
प्रश्न 1 – लोगों ने वर्ण-व्यवस्था का विरोध क्यों किया?
उत्तर :- पुरोहितों के अनुसार सभी वर्णों का निर्धारण जन्म के आधार पर किया जाता था। कुछ राजा स्वयम् को पुरोहितो से भी श्रेष्ठ मानते थे। सब मानते थे कि ब्राह्मण माता-पिता की संतान ब्राह्मण ही होती है। जबकि कुछ लोग चाहते थे कि अनुष्ठान संपन्न करने का अधिकार सबको हो। कई इलाकों में सामाजिक आर्थिक समानता बहुत कम थी। और कई जगहों पर अभी भी वर्ण व्यवस्था का विरोध किया जाता है।
प्रश्न 2 – महाजनपदों के राजा ऋग्वेद में उल्लेखित राजाओं से किस प्रकार भिन्न थे? दो अंतर बताओ।
उत्तर :- जनपद का शाब्दिक अर्थ होता है जन बसने की जगह। 25 सौ साल पहले जब ये जनपद अधिक महत्वपूर्ण हो गए इन्हें महाजनपद कहा जाने लगा। महाजनपद के राजा राज महल में रहते थे और इनकी बड़ी बड़ी राजधानियां होती थी।राजा के पास अपनी विशाल सेना होती थी। इनके पास अपने विशेष किले होते थे जबकि ऋग्वेद के राजाओं के पास ऐसा कुछ नहीं था।
प्रश्न 3 – शिकारी व खाद्य-संग्राहक राजाओं को क्या देते होंगे ?
उत्तर :- शिकारी तथा खाद्य-संग्राहक, राजाओं को जड़ी-बूटियाँ, हिरण, बाघ जैसे जानवरों की खालें, हाथी दाँत आदि देते थे।
प्रश्न 4 – वज्जि संघ अन्य महाजनपदों से कैसे भिन्न था? कम से कम तीन अंतर बताओ।
उत्तर :-वज्जि संघ की राजधानी का नाम वैशाली था।इस संघ में कई शासक थे और कई बार ये शासक एक साथ शासन करते थे। इनके लिए परंपराओं का पालन करना आवश्यक होता था। जबकि महाजनपदों के राजा अपनी इच्छा से सभी फैसले लेते थे और अलग-अलग रूप से शासन करते थे और मूल रूप से इनकी तरफ से परंपराओं का उल्लंघन होता ही रहता था।
अन्यत्र
अपने एटलस में यूनान और एथेन्स को ढूँढो। लगभग 2500 साल पहले एथेन्स के लोगों ने एक शासन-व्यवस्था की स्थापना की, जिसे प्रजातंत्र या गणतंत्र कहते हैं।यह व्यवस्था लगभग 200 सालों तक चली। इसमें 30 साल से ऊपर के उन सभी पुरुषों को पूर्ण नागरिकता प्राप्त थी, जो दास नहीं थे। वहाँ एक सभा थी जो महत्त्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेने के लिए सालभर में कम से कम 40 बार बुलाई जाती थी।
इस सभा में सभी नागरिक भाग ले सकते थे।शासन के कई पदों पर नियुक्तियाँ लॉटरियों द्वारा की जाती थीं। सभी नागरिकों को सेना और नौसेना में अपनी सेवाएँ देनी होती थी। औरतों को नागरिक का दर्जा नहीं मिलता था।व्यापारियों तथा शिल्पकारों के रूप में एथेन्स में रहने और काम करने वाले बहुत से विदेशियों को भी नागरिक अधिकार नहीं मिले थे। एथेन्स में खदानों, खेतों, घरों और कार्यशालाओं में काम कर रहे दासों को भी नागरिक अधिकार नहीं मिले थे।
क्या एथेन्स में वास्तव में जनतंत्र था ?
उत्तर :- जहाँ औरतो को नागरिक का दर्जा प्राप्त न हो और व्यापारियों तथा शिल्पकारों के रूप में एथेंस में रहने और काम करने वाले बहुत से विदेशियों को भी नागरिक अधिकार न मिले हो लॉगो को किसी काम के करने की स्वतंत्रत प्राप्त न हो वहां जनतंत्र कैसे हो सकता है।
प्रश्न अभ्यास
आओ याद करें
प्रश्न 1 – सही या गलत बताओ।
- अश्वमेध के घोड़े को अपने राज्य से गुजरने की छूट देने वाले राजाओं को यज्ञ में आमंत्रित किया जाता था।
- राजा के ऊपर सारथी पवित्र जल का छिड़काव करता था।
- पुरातत्त्वविदों को जनपदों की बस्तियों में महल मिले हैं।
- चित्रित-धूसर पात्रों में अनाज रखा जाता था।
- महाजनपदों में बहुत से नगर क़िलाबंद थे।
उत्तर :- (क): अश्वमेध के घोड़े को अपने राज्य से गुजरने की छूट देने वाले राजाओं को यज्ञ में आमंत्रित किया जाता था। (सही)
(ख) राजा के ऊपर सारथी पवित्र जल का छिड़काव करता था।(गलत)
(ग) पुरातत्त्वविदों को जनपदों की बस्तियों में महल मिले हैं।(गलत)
(घ) चित्रित-धूसर पात्रों में अनाज रखा जाता था।(गलत)
(ङ) महाजनपदों में बहुत से नगर क़िलाबंद थे।(सही)
प्रशन -2. नीचे दिए गए खानों में निम्नलिखित शब्द भरो।
शिकारी-संग्राहक, कृषक, व्यापारी, शिल्पकार, पशुपालक।
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प्रश्न -3. सामाज वे कौन से समूह थे, जो गणों की सभाओं में हिस्सा नहीं ले सकते थे?
उत्तर :- स्त्रिया, दास तथा कुम्भकार गणो की सभाओ में हिस्सा नहीं ले सकते थे।
आओ चर्चा करें:-
प्रश्न 4 – महाजनपद के राजाओं ने क़िले क्यों बनवाए ?
उत्तर :- अधिकतर महाजनपदों की एक ही राजधानी होती थी।कई राजधानियों की किलेबंदी होती थी। इन महाजनपदों के शासकों के अन्य राजाओं के आक्रमणों से डर कर अपनी सुरक्षा के लिए किलो का निर्माण किया। कुछ राजा अपनी राजधानी के चारों ओर विशाल ऊंची और प्रभावशाली दीवार खड़ी करके अपनी समृद्धि और शक्ति का प्रदर्शन भी करते थे इस तरह से किले के अंदर रहने वाले लोगों और क्षेत्र पर नियंत्रण रखना भी आसान हो जाता था।
प्रश्न 5 – आज के शासकों के चुनाव की प्रक्रिया जनपदों के चुनाव से किस तरह भिन्न थी ?
उत्तर :- महाजनपदों में शासकों का चुनाव यज्ञ करके किया जाता था। अश्वमेघ यज्ञ इसी प्रकार का विशेष अनुष्ठान होता था। महायज्ञ को करने वाला राजा जन के राजा न होकर जनपदों के राजा के कह्लाते थे जबकि वर्तमान समय में अधिकतर देशों में राजा का चुनाव व्यस्क मताधिकार प्रणाली के द्वारा निश्चित अवधि के लिए किया जाता था।एक अवधि पूरी होने के बाद दोबारा से चुनाव होते और उसी राजा को दोबारा से चुन लिया जाता था या फिर ने नए शासक को चूना जाता था।
आओ करके देखें:-
प्रश्न 6 – तुम्हारी पुस्तक के अंत में दिए गए राजनीतिक मानचित्र में अपना राज्य हूँढ़ो। क्या वहाँ प्राचीन जनपद थे? अगर हाँ, तो उनके नाम लिखो। अगर नहीं, तो अपने राज्य के सबसे नज़दीक पड़ने वाले जनपदों के नाम बताओ।
उत्तर :- विद्यार्थी स्वयम् करें।
प्रश्न 7 – प्रश्न 2 के उत्तर में बताए गए समूहों में से कौन-से समूह आज भी कर देते हैं।
उत्तर :- व्यापारी,शिल्पकार,पशुपालक।
प्रश्न 8 – प्रश्न 3 के उत्तर में बताए गए समूहों में किन-किन को आज मतदान का अधिकार प्राप्त है?
उत्तर :-स्त्रियाँ, दास, कुम्भकार।