एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 4 क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें

 कक्षा : 6

विषय : सामाजिक विज्ञान (इतिहास, हमारे अतीत -1)
अध्याय : 4
 – क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें (प्रश्न -उत्तर)

पाठ्यपुस्तक के आंतरिक प्रश्न

प्रश्न 1 – महापाषाणों के निर्माण के लिए लोगों को कई तरह के काम करने पड़ते थे। हमने जो कार्यों की सूची बनाई है उन्हें क्रमबद्ध करो। गड्ढे खोदना, शिलाखंडों को ढोकर लाना, बड़े पत्थरों को तराशना और मरे हुए हुए को दफ़नाना।

उत्तर :- गड्ढे खोदना, मरे हुए को दफ़नाना, शिलाखंडों को ढोकर लाना और बड़े पत्थरों को तराशना।

प्रश्न 2 – क्या हड़प्पा के शहरों में लोहे का प्रयोग होता था ?

उत्तर :- नहीं।

प्रश्न 3 – क्या तुम्हें लगता है कि यह किसी सरदार का शव था? अपने जवाब का कारण बताओ।

उत्तर :- यह घर सारे गांव के घरो में से सबसे बड़ा घर था। इस घर में एक अनाज का गोदाम भी था। एक आदमी को पाँच कमरे वाले आँगन में चार पैरों वाले मिट्टी के एक बड़े संदूक में दफनाया गया था। इसलिए ऐसा लगता था कि यह शव किसी सरदार का हो सकता है।

प्रश्न 4 – तुम्हारे अनुसार शरीर के बारे में उन्होंने इतनी विस्तृत जानकारी कैसे इकट्ठा की होगी ?

उत्तर :- वे मृत शरीर की चीर फाड़ करके शरीर के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते थे।

अन्यत्र

एटलस में चीन को देखो। लगभग 3500 साल पहले हम यहाँ की लेखन कला के सबसे पुराने उदाहरण पाते हैं।यह जानवरों की हड्डियों पर लिखा गया था। इन्हें भविष्यवाणी करने वाली हड्डियाँ कहा जाता है, क्योंकि यह मान्यता थी कि ये भविष्य बताती हैं। राजा लोग लिपिकारों से इन हड्डियों पर सवाल लिखवाते थे-क्या वे युद्ध जीतेंगे ? क्या फसलें अच्छी होंगी? क्या उन्हें पुत्र होंगे ? फिर इन हड्डियों को आग में डाल दिया जाता था, जहाँ इनमें गर्मी से चटककर दरारें पड़ जाती थीं। भविष्यवक्ता इन दरारों को बड़े ध्यान से देखकर भविष्यवाणी करने की कोशिश करते थे। जैसा शायद तुम भी सोच रही होगी ये भविष्यवक्ता कभी-कभी गलती भी करते थे। ये राजा शहरों में महल बनाकर रहते थे। उन्होंने बेशुमार दौलत इकट्ठी कर ली थी जिनमें बडे-बडे नक्काशी किए हुए काँसे के बर्तन शामिल थे, लेकिन वे लोहे का इस्तेमाल करना नहीं जानते थे।

प्रश्न 1 -. ऋग्वेद के राजा और इन राजाओं के बीच कोई एक फ़र्क बताइए।

उत्तर :- ऋग्वेद के राजा बड़ी राजधानियों व महलों में नहीं रहते थे, जबकि चीन के राजा शहरों में महल बनाकर रहते थे।

प्रश्न अभ्यास

आओ याद करें:-

प्रश्न -1. निम्नलिखित को समेल करो।

सूक्त सजाये गए पत्थर

रथ अनुष्ठान

यज्ञ अच्छी तरह से बोला गया

दास युद्ध में प्रयोग किया जाता था

महापाषाण गुलाम

उत्तर :- सूक्त अच्छी तरह से बोला गया

रथ युद्ध में प्रयोग किया जाता था

यज्ञ अनुष्ठान

दास गुलाम

महापाषाण सजाये गए पत्थर

प्रश्न 2 – (क) …………………… के लिए दासों का इस्तेमाल किया जाता था।

(ख) …………………… में महापाषाण पाए जाते हैं।

(ग) जमीन पर गोले में लगाए गए पत्थर या चट्टान …………………… का काम करते थे।

(घ) पोर्ट-होल का इस्तेमाल …………………… के लिए होता था।

(ङ) इनामगाँव के लोग …………………… खाते थे।

उत्तर :-(क) मालिक की सेवा करने के लिए दासों का इस्तेमाल किया जाता था।

(ख) दक्कन, दक्षिणी भारत, उत्तरपूर्वी भारत और कश्मीर में महापाषाण पाए जाते हैं।

(ग) जमीन पर गोले में लगाए गए पत्थर या चट्टान चिह्नों का काम करते थे।

(घ) पोर्ट-होल का इस्तेमाल पत्थरों से बने हुए कमरे में जाने के लिए होता था।

(ङ) इनामगाँव के लोग अनाज, फल और मांस खाते थे।

आओ चर्चा करें

प्रश्न 3 – आज हम जो किताबें पढ़ते हैं वे ऋग्वेद से कैसे भिन्न हैं?

उत्तर :- ऋग्वेद की रचना वैदिक प्रार्थनाओं के रूप में ऋषियो के द्वारा की गई थी।इन प्रार्थनाओ को अक्षरों और शब्दों या वाक्य में बांटकर उनका उच्चारण और श्रवण किया जाता था। यह कागज पर लिखित रूप में नहीं थे। इसलिए इन्हें पढ़ा नहीं जा सकता था। जबकि आधुनिक यानी आज हम जो किताबें पढ़ते है वो कागज पर छपी होती है और हम इन्हें आसानी से पढ़ सकते हैं। इसलिए आधुनिक किताबें ऋग्वेद से भिन्न है।

प्रश्न 4 – पुरातत्त्वविद् कब्रों में दफ़नाए गए लोगों के बीच सामाजिक अंतर का पता कैसे लगाते हैं?

उत्तर :- पुरातत्वविद् कब्रों में दफनाये गए लॉगो के बीच सामाजिक अंतर का पता कंकाल के साथ पाई जाने वाली चीजो से लगाते थे। वे यह मानते थे कि कंकाल के साथ पाई गई चीजें मरे हुए व्यक्ति की ही रही होगी। उदाहरण के लिए एक कब्र में 33 सोने के मनके और शंख पाए गए है। दूसरे कंकालों के पास कुछ मिट्टी के बर्तन ही पाए गए है। ये चीजेंं इन लॉगो की सामजिक स्थिति के अंतर को दर्शाती है।

प्रश्न 5 – एक राजा का जीवन दास या दासी के जीवन से कैसे भिन्न होता था?

उत्तर :- एक राजा का जीवन दास या दासी से कई प्रकार से भिन्न हो सकता है। दास या दासी वे होते है जिनसे राजा अपने सारे काम करवाते थे। उनको कोई भी काम मना करने पर उन्हें सजा दी जाती थी। राजा का जीवन एश्वर्या और खुशहाल जिंदगी से परिपूर्ण था। लेकिन दास और दासी के जीवन में कठिनाइयों के अलावा कुछ भी नहीं था। अगर उन्हें दो पल की ख़ुशी मिलती भी तो राजा सब बर्बाद करदेता था।

आओ करके देखें:-

प्रश्न 6 – पता करो कि तुम्हारे विद्यालय के पुस्तकालय में धर्म के विषय पर किताबें हैं या नहीं। उस संग्रह से किन्हीं पाँच पुस्तकों के नाम बताओ।

उत्तर : छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 7 – एक याद की हुई कविता या गीत लिखो। तुमने उस कविता या गीत को सुनकर याद किया था या पढ़कर?

उत्तर : छात्र स्वयं करें।

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