कक्षा : 6
विषय : सामाजिक विज्ञान (इतिहास, हमारे अतीत -1)
अध्याय : 1 – क्या, कब, कहाँ और कैसे (प्रश्न -उत्तर)
पाठ्यपुस्तक के आंतरिक प्रश्न
प्रश्न 1 – आज लोग यात्राएँ क्यों करते हैं ?
उत्तर :-1. अपने ऑफिस जाने के लिए।
2. रिश्तेदारो, परिवारों और मित्रों से मिलने के लिए।
3. घूमने के लिए।
4. शादी मे जाने के लिए।
5. पार्टी के लिए।
प्रश्न 2 – क्या तुम बता सकती हो कि कठोर सतह पर लेख लिखवाने के क्या लाभ थे। ऐसा करवाने में क्या क्या कठिनाइयां आती थी ?
उत्तर :- कठोर सतह पर लेख लिखने से हमें अपने इतिहास की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सकती थी। जो जानकरी हमें अपने परिवार, रिश्तेदारों से प्राप्त नहीं होते थे वो जानकारी हम इन लिखें लेखो से प्राप्त् कर सकते थे।शासक तथा अन्य लोग इसिलए इनको उत्कीर्ण करवाते थे ताकि आने वाले समय में सभी इनको आसानी से पढ़ सके और समझ सके। हाँ लेकिन क्योंकि सतह कठोर होती थी तो ये सब लिखने वाले लेखकारो को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
प्रश्न 3 – क्या पुरातत्त्वविदों को बहुधा कपड़ों के अवशेष मिलते होंगे ?
उत्तर :- पुरातत्त्वविद् वे होते है जो सभी स्त्रोतो का प्रयोग सुराग के रूप में अतीत में जानने का प्रयास करते थे।पुरातत्त्वविदों को कपड़ों के बहुत कम अवशेष मिलते होंगे, क्योंकि उस समय सूती कपड़े का उपयोग किया जाता था, जो समय के साथ-साथ सड़-गल जाते हैं।
इतिहास और तिथियाँ
पृष्ठ 3 – पर दो तिथियाँ हैं, उनका पता लगाओ। इनके लिए तुम किस अक्षर समूह का प्रयोग करोगी ?
उत्तर :- पृष्ठ 3 पर दो तिथियों का प्रयोग हुआ है जो है 4700 वर्ष पूर्व और 2500 वर्ष पूर्व जिसमें बी. सी. अक्षर समूह का प्रयोग करेंगे।
अन्यत्र
जैसाकि हमने पहले पढ़ा, अभिलेख कठोर सतहों पर उत्कीर्ण करवाए जाते हैं। इनमें से कई अभिलेख कई सौ वर्ष पूर्व लिखे गए थे। सभी अभिलेखों में लिपियों और भाषाओं का प्रयोग हुआ है। समय के साथ-साथ अभिलेखों में प्रयुक्त भाषाओं तथा लिपियों में बहुत बदलाव आ चुका है विद्वान यह कैसे जान पाते ह कि क्या लिखा था? इसका पता अज्ञात लिपि का अर्थ निकालने की एक प्रक्रिया द्वारा लगाया जा सकता है। इस प्रकार से अज्ञात लिपि को जानने की एक प्रसिद्ध कहानी उत्तरी अफ्रीका देश मिस्र से मिलती है। लगभग 5000 वर्ष पूर्व यहाँ राजा-रानी रहते थे।
मिस्र के उत्तरी तट पर रोसेट्टा नाम का एक कसबा है। यहाँ से एक ऐसा उत्कीर्णित पत्थर मिला है जिस पर एक ही लेख तीन भिन्न-भिन्न भाषाओं तथा लिपियों (यूनानी तथा मिस्त्री लिपि के दो प्रकारों) में है। कुछ विद्वान यूनानी भाषा पढ़ सकते थे। उन्होंने बताया कि यहाँ राजाओं तथा रानियों के नाम एक छोटे से फ्रेम में दिखाए गए हैं। इसे ‘कारतूश’ कहा जाता है। इसके बाद विद्वानों ने यूनानी तथा मिस्त्री संकेतों को अगल-बगल रखते हुए मिस्री अक्षरों की समानार्थक ध्वनियों की पहचान की। जैसाकि तुम देख सकते हो यहाँ एल अक्षर के लिए शेर तथा ए अक्षर के लिए चिड़िया के चित्र बने हैं। एक बार, जब उन्होंने यह जान लिया कि विभिन्न अक्षर किनके लिए प्रयुक्त हुए हैं, तो वे आसानी से अन्य अभिलेखों को भी पढ़ सके।
प्रश्न -1. मिस्र के रोसेट्टा नामक कस्बे में मिले पत्थर पर लेख कितनी भाषाओं तथा लिपियों में उत्कीर्णित है ?
उत्तर :- मिस्र के रोसेट्टा नामक कस्बे में मिले पत्थर पर लेख तीन भिन्न भिन्न भाषाओ और लिपियों में उत्कीर्णित है।
प्रश्न – 2. शेर का चित्र किस अक्षर के लिए प्रयुक्त किया गया है ?
उत्तर :- शेर के चित्र के लिए एल अक्षर का प्रयुक्त किया गया है।
प्रश्न :-3. चिड़िया का चित्र किस अक्षर के लिए प्रयुक्त किया गया है ?
उत्तर :- चिड़िया के चित्र के लिए ए अक्षर का प्रयुक्त हुआ है।
कल्पना करो
तुम्हें एक पुरातत्त्वविद् का साक्षात्कार लेना है। तुम उन पाँच प्रश्नों की एक सूची तैयार करो। जिन्हें तुम पुरातत्त्वविद् से पूछना चाहोगी।
उत्तर :- 1. पुरातत्त्वविद् कैसे चीजो को खोजते थे।
2. कैसे सब चीजो के समय का पता लगाते थे।
3. खुदाई के समय कैसे सावधानी बरतते थे।
4. खुदाई का पता कैसे लगाते थे।
आओ याद करें
प्रश्न :-1. निम्नलिखित का सुमेल करो:-
नर्मदा घाटी – पहला बढ़ा राज्य
मगध – आखेट तथा संग्रह
गारो पहाड़ियां – लगभग 2500 वर्ष के पूर्व नगर
सिंधु तथा इसकी सहायक नदिया – आरम्भिक क़ृषि
गंगा घाटी – प्रथम नगर
उत्तर :-1. नर्मदा घाटी – आखेट तथा संग्रह
मगध – पहला बढ़ा राज्य
गारो पहाड़ियां – आरम्भिक कृषि
सिंधु तथा इसकी सहायक नदिया – प्रथम नगर
गंगा घाटी – लगभग 2500 वर्ष के पूर्व नगर
प्रश्न -2. पाण्डुलिपियों तथा अभिलेखों में एक प्रमुख अंतर बताओ।
उत्तर :- पाण्डुलिपि उस दस्तावेज को कहते है जो एक या अनेक व्यक्तियों द्वारा हाथ से लिखी जाती है। पाण्डुलिपि कागज, छाल, ताड के पत्रों पर लिखी जाती है। अभिलेख पत्थर या धातु जैसी अपेक्षाकृत कठोर सतह पर लिखी जाती है।
आओ चर्चा करें
प्रश्न 3 – रशीदा के प्रश्न को फिर से पढ़ो। इसके क्या उत्तर हो सकते हैं?
उत्तर :- हम एक दिन पहले क्या हुआ इसके बारे में टीवी पर देख सकते है। रेडियो पर सुन सकते है। कुछ साल पहले क्या हुआ जो व्यक्ति जीवित है उनसे जान सकते है। और सौ वर्षौ पहले क्या हुआ था इसके बारे में जानने के लिए भी हम कई तरीके अपना सकते है। इसके लिए भी लेखकों, व्यक्तियों ने कई सारी चीजें एकत्रित की हुई है। जिनके बारे में हम एकत्रित किए हुए पाण्डुलिपि, अभिलेख, किताबों, चित्रो,मुर्तिया इन सबसे हमें अच्छे से जानकारी प्राप्त हो सकती है।
प्रश्न 4 – पुरातत्त्वविदों द्वारा पाई जाने वाली सभी वस्तुओं की एक सूची बनाओ। इनमें से कौन-सी वस्तुएँ पत्थर की बनी हो सकती हैं ?
उत्तर :- पुरातत्वविदों द्वारा पाई जाने वाली सभी वस्तुए:-
1 .सिक्के
2. हथियार
3. आभूषण
4. चित्र
5. मुर्तिया
6. ईंटों से बनी इमारतों के अवशेष
पत्थर से बनी हुई वस्तुए :-
1 .इमारते
2. मुर्तिया
3. औजार
प्रश्न 5 – साधारण स्त्री तथा पुरुष अपने कार्यों का विवरण क्यों नहीं रखते थे? इसके बारे में तुम क्या सोचती हो ?
उत्तर :- अपने कार्यों का विवरण न करने के लिए कई कारण हो सकते है।
जैसे :- राजा, महाराजा जो भी कार्य करते थे उन्हें तो चित्र, मूर्तियां,लोह स्तम्भ पर बनवाकर दिखा देते लेकिन साधारण स्त्री और पुरुष के पास पैसे नहीं होते थे तो वे कैसे अपने कार्यों को सबके सामने दिखाते। उस समय लोगों का जीवन बहुत कष्टमय होता था जा उनके पास खाने पीने को पैसे नहीं होते थे तो वे अपने किये हुए कामों का विवरण कैसे करते।
प्रश्न 6 – कम से कम दो ऐसी बातों का उल्लेख करो, जिनसे तुम्हारे अनुसार राजाओं और किसानों के जीवन में भिन्नता का पता चलता है।
उत्तर :- 1. राजाओं का जीवन बिना किसी कठनाई के चलता था। उन्हें तो हर चीज़ तैयार मिलती थी। किसी चीज़ के लिए परेशानी नहीं होती थी। लेकिन किसानों का जीवन कष्टदायी होता था। वे तो सुबह पहले खेत में चलें जाते उन्हें तो ये भी नहीं पता चलता कब सुबह हो गई कब रात हो गई।
2. राजाओं का काम अपनी सेना को संभालना और अपनी प्रजा का नेतृत्व करना होता था और आराम से जीवन व्यतीत होता था जबकि किसानो का जीवन सिर्फ खेती में चला जाता था।
आओ करके देखें
प्रश्न 7 – पृष्ठ 1 पर शिल्पकार शब्द का पता लगाओ। आज प्रचलित कम से कम पाँच भिन्न-भिन्न शिल्पों की सूची बनाओ। क्या ये शिल्पकार
(क) स्त्री,
(ख) पुरुष,
(ग) स्त्री तथा पुरुष दोनों होते हैं ?
उत्तर :
प्रश्न 8 – अतीत में पुस्तकें किन-किन पर लिखी गई थीं? तुम इनमें से किन पुस्तकों को पढ़ना पसंद करोगी ?
उत्तर :-अतीत में पुस्तके इन विषयो पर लिखी जाती थी कि राजा कैसे अपना जीवन बिताते थे। प्रजा के साथ कैसे रहते थे। सभी लॉगो के प्रति उनका व्यवहार कैसा होता था। अपनी प्रजा की रक्षा कैसे करते थे। उनके पहनावा कैसा होता था। धर्म, जाती, लिंग के आधार पर उनके विचार कैसे होते थे। सबका खाना पीना, रहन- सहन कैसा होता था। हम वो पुस्तके पढ़ना पसंद करेंगे जिसमें यह बताया हो कि किस चीज़ का अविष्कार कब और कैसे हुआ। और उसका यह नाम ही क्यूँ रखा गया।