कक्षा : 6
विषय : विज्ञान
पाठ : 16 कचरा – संग्रहण एवं निपटान
अभ्यास
प्रश्न 1 – निम्नलिखित के उत्तर दीजिए
(क) लाल केंचुए किस प्रकार के कचरे को कंपोस्ट में परिवर्तित नहीं करते ?
(ख) क्या आप अपने कंपोस्ट-गड्डे में लाल केंचुओं के अतिरिक्त किसी अन्य जीव को भी देखा है ? यदि हाँ, तो उनका नाम जानने का प्रयास कीजिए। उनका चित्र भी बनाइए।
उत्तर :- (क) लाल केंचुए कुछ अपशिष्ट पदार्थ जैसे:- प्लास्टिक, नमक, अचार, तेल, सिरका, मांस एवं दूध से निर्मित अपशिष्ट कचरे को कंपोस्ट में परिवर्तित नहीं करते।
(ख) नहीं, हमने कम्पोस्ट – गड्डे में लाल केचुए के अतिरिक्त किसी अन्य जीव को नहीं देखा है।
प्रश्न-2. चर्चा कीजिए : (क) क्या कचरे का निपटान केवल सरकार का ही उत्तरदायित्व है ?
(ख) क्या कचरे के निपटान से संबंधित समस्याओं को कम करना संभव है ?
उत्तर :- (क) नहीं, कचरे का निपटान सरकार के साथ साथ एक आम आदमी का भी उत्तरदयित्व् होता है। हमारी भी यह जिम्मेवारी होती है जहा तक हो सके हमें हर जगह सफाई रखनी चहिए क्योंकि कुछ जगह ऐसी होती है जहा सिर्फ सरकार के सहयोग से हम सफाई करवा सकते है।
(ख) हां, कुछ हद तक हम ये सभी समस्याओ का निपटान कर सकते है। जो भी कचरा हम फैंक देते है उसमें से कुछ चीजें ऐसी होती है जिनको हम दोबारा प्रयोग में ला सकते है। इसके साथ जो चीजें उपयोग की है उन्हें और बिना उपयोग की चीजो को अलग अलग भी कर देना चहिए। इससे कचरे के निपटान के साथ साथ चीजो का सदुपयोग भी होगा।
प्रश्न -3. (क) घर के बचे हुए भोजन का आप क्या करते हैं ?
(ख) यदि आपको एवं आपके मित्रों को किसी पार्टी में प्लास्टिक की प्लेट अथवा केले के पत्ते में खाने का विकल्प दिया जाए, तो आप किसे चुनेंगे और क्यों ?
उत्तर :- (क) हम घर में जब भी खाना बनाते है कई बार ऐसा होता है कि खाना बच जाता है और हमें यह देखते हुए खाने को फैकने की जगह उसको फ्रिज में रखना चहिए ताकि खाना खराब न हो और हम उसे दुबारा खा सके। हम पशु पक्षियों, गाय, कुत्ते को भी खिला सकते है।
(ख) इस विकल्प में से मैं केले के पत्ते में खाना खाना पसंद करुँगा क्योंकि केले के पत्तों को हम कम्पोस्ट कर सकते है लेकिन प्लास्टिक की प्लेट को कम्पोस्ट करना थोड़ा मुश्किल होगा। और प्लास्टिक की चीजें हमारे वातावरण को बहुत नुकसान पहुचाती है जो हमारे शरीर के लिए भी हानिकारक होता है।
प्रश्न-4 (क) विभिन्न प्रकार के कागज़ के टुकड़े एकत्र कीजिए। पता कीजिए इनमें से किसका पुनः चक्रण किया जा सकता है ?
(ख) लेंस की सहायता से कागज़ों के उन सभी टुकड़ों का प्रेक्षण कीजिए जिन्हें आपने उपरोक्त प्रश्न के लिए एकत्र किया था। क्या आप कागज़ की नई शीट एवं पुनः चक्रित कागज़ की सामग्री में कोई अंतर देखते हैं ?
उत्तर:- (क) कुछ कागज के टुकड़े ऐसे होते है जिन्हें हम दोबारा उपयोग में ला सकते है। पेपर लुगदी का उपयोग डस्टबिन, और जहाजों को बनाने के लिए किया जा सकता है लेकिन प्लास्टिस कोटेड पेपर को रीसायकल करना आसान नहीं है। एकत्रित किए गए कागज़ के टुकड़े-प्लास्टिक का कागज़, समाचारपत्र, पुस्तिका के पन्ने, पुराने लिफाफे, मैगज़ीन, प्लास्टिक आदि इन में से कागज़, समाचार पत्र, पुराने लिफाफे पुस्तिका के पन्ने, मैग्ज़ीन आदि आसानी से पुनः चक्रित किए जा सकते हैं।
(ख) पुनः चक्रित कागज़, नई शीट के मुकाबले में चमकरहित और खुरदय होता है।
प्रश्न 5 – (क) पैकिंग में उपयोग होने वाली विभिन्न प्रकार की वस्तुएं एकत्र कीजिए। इनमें से प्रत्येक का किस उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाता है ? समूहों में चर्चा कीजिए।
(ख) एक ऐसा उदाहरण दीजिए जिसमें पैकेजिंग की मात्रा कम की जा सकती है।
(ग) पैकेजिंग से कचरे की मात्रा किस प्रकार बढ़ जाती है ? इस विषय पर एक कहानी लिखिए।
उत्तर :- (क) कई प्रकार की ऐसी वस्तुए होती है जिनका उपयोग हम पैकिंग करने में करते है।जैसे:- कागज, प्लास्टिक पेपर, प्लास्टिक डिब्बे, रंगदार और चमकीले कागज इत्यादि।
(ख) जब पैकेजिंग बड़े पैमाने पर की जाती है तो कम पैकेजिंग सामग्री का उपयोग किया जाता है जबकि पैक किए जाने पर उसी पदार्थ के छोटे पैकेटों को अधिक पैकेजिंग सामग्री की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, 1 किलो चाय की पत्ती और 250 ग्राम के चार पैकेट पैक करने में।
(ग) पैकेजिंग से कचरे की मात्रा बढ़ती है। क्योंकि पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पदार्थ शुरू में कचरा नहीं होता है, लेकिन उसके बाद इसे कचरा के रूप में गिना जाता है। उदाहरण के लिए, घी के टिन में, घी एक कचरा नहीं है, लेकिन घी के उपयोग के बाद टिन एक कचरा बन जाता है। इसी तरह एक फ्रीज और पैकिंग कार्डबोर्ड और लकड़ी की चादर में इस्तेमाल होने वाले बर्तन केवल कचरा हैं।
प्रश्न 6 – क्या आप के विचार में रासायनिक उर्वरक के स्थान पर अपेक्षाकृत कंपोस्ट का उपयोग उत्तम है ?
उत्तर :- रासायनिक उर्वरक के स्थान पर अपेक्षाकृत कंपोस्ट का उपयोग उत्तम है। एक तो रासायनिक उर्वरक महंगे हैं दूसरे यह हमारे परिवेश को दूषित करते हैं। हमारी मृदा को भी दूषित करते हैं। दूसरी तरफ कंपोस्ट सस्ते हैं और यह हमारे परिवेश और मृदा को दूषित नहीं करते। यह मृदा की उपजाऊ शक्ति को भी बढ़ाते हैं। इसलिए हमें रासायनिक उर्वरक की अपेक्षा कंपोस्ट का उपयोग करना चाहिए।