एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 विज्ञान पाठ 14 जल

 कक्षा : 6

विषय : विज्ञान
पाठ : 14 जल

अभ्यास

प्रश्न 1 – नीचे दिए गए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(क) जल को वाष्प में परिवर्तित करने के प्रक्रम को …………… कहते हैं।

(ख) जलवाष्प को जल में परिवर्तित करने के प्रक्रम को …………… कहते हैं।

(ग) एक वर्ष या इससे अधिक समय तक वर्षा न होना उस क्षेत्र में …………. लाता है।

(घ) अत्यधिक वर्षा से …………… आती है।

उत्तर :- (क) जल को वाष्प में परिवर्तित करने के प्रक्रम को वाष्पन कहते हैं।

(ख) जलवाष्प को जल में परिवर्तित करने के प्रक्रम को संघनन कहते हैं।

(ग) एक वर्ष या इससे अधिक समय तक वर्षा न होना उस क्षेत्र में सूखा लाता है।

(घ) अत्यधिक वर्षा से बाढ़ आती है।

प्रश्न 2 – नीचे लिखे में से प्रत्येक का क्या यह वाष्पन अथवा संघनन के कारण से है।

(क) ठंडे जल से भरे गिलास की बाहरी सतह पर जल की बूंदों का दिखना।

(ख) गीले कपड़ों पर इस्त्री करने पर भाप को ऊपर उठना।

(ग) सर्दियों में प्रात:काल कोहरे का दिखना।

(घ) गीले कपड़े से पोंछने के बाद श्यामपट्ट कुछ समय बाद सूख जाता है।

(ङ) गर्म छड़ के ऊपर जल छिड़कने से भाप का ऊपर उठना।

उत्तर :- (क) ठंडे जल से भरे गिलास की बाहरी सतह पर जल की बूंदों का दिखना। (संघनन)

(ख) गीले कपड़ों पर इस्त्री करने पर भाप को ऊपर उठना।(वाष्पन)

(ग) सर्दियों में प्रात:काल कोहरे का दिखना।(संघनन)

(घ) गीले कपड़े से पोंछने के बाद श्यामपट्ट कुछ समय बाद सूख जाता है।(वाष्पन)

(ङ) गर्म छड़ के ऊपर जल छिड़कने से भाप का ऊपर उठना।(वाष्पन)

प्रश्न 3 – निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है ?

(क) वायु में जलवाष्प केवल मानसून के समय में उपस्थित रहती है।

(ख) जल महासागरों, नदियों तथा झीलों से वाष्पित होकर वायु में मिलता है परंतु भूमि से वाष्पित नहीं होता।

(ग) जल के जलवाष्प में परिवर्तन की प्रक्रिया वाष्पन कहलाती है।

(घ) जल का वाष्पन केवल सूर्य के प्रकाश में ही होता है। 

(ङ) वायु की ऊपरी परतों में, जहाँ यह और अधिक ठंडी होती है, जलवाष्प संघनित होकर छोटी-छोटी जलकणिकाएँ बनाती है।

उत्तर :- (क) वायु में जलवाष्प केवल मानसून के समय में उपस्थित रहती है। (सत्य)

(ख) जल महासागरों, नदियों तथा झीलों से वाष्पित होकर वायु में मिलता है परंतु भूमि से वाष्पित नहीं होता। (असत्य)

(ग) जल के जलवाष्प में परिवर्तन की प्रक्रिया वाष्पन कहलाती है। (सत्य)

(घ) जल का वाष्पन केवल सूर्य के प्रकाश में ही होता है। (असत्य)

(ङ) वायु की ऊपरी परतों में, जहाँ यह और अधिक ठंडी होती है, जलवाष्प संघनित होकर छोटी-छोटी जलकणिकाएँ बनाती है। (सत्य)

प्रश्न 4 – मान लीजिए कि आप अपनी स्कूल यूनिफार्म को वर्षा वाले दिन शीघ्र सुखाना चाहते हैं। क्या इसे किसी अँगीठी या हीटर के पास फैलाने पर इस कार्य में सहायता मिलेगी ? यदि हाँ, तो कैसे ?

उत्तर :- हीटर या अंगीठी में बहुत अधिक गर्मी होती है, परिणामस्वरूप वाष्पीकरण की दर तेज़ होगी, इसलिए अंगीठी या हीटर के पास लगाई जाने वाली गीली कोठरी जल्द ही सूख जाएगी और पानी में  गीली स्कूल वर्दी वाष्पित हो जाएगी और हवा में मिल जाएगी।

प्रश्न 5 – एक जल की ठंडी बोतल रेफ्रिजरेटर से निकालिए और इसे मेज़ पर रखिए। कुछ समय पश्चात् आप इसके चारों ओर जल की गड्डमड्ड बूंदें देखेंगे। क्यों ?

उत्तर :- जब वायु वाष्प के साथ वाष्प ठंडी बोतल के संपर्क में आती है, तो पानी की बूंदें पानी की बूंदों के रूप में संघनित हो जाती हैं और बोतल की सतह पर एकत्र हो जाती हैं।  इस प्रक्रिया के फलस्वरूप बड़ी संख्या में पानी की बूंदें बोतल की सतह पर एकत्रित हो जाती हैं। इसलिए जल की ठंडी बोतल फ्रिज से निकाल कर बाहर रखने पर कुछ समय बाद बोतल की बाहरी सतह पर जल की बूंदें दिखाई देंगी।

प्रश्न-6. चश्मों के लेंस साफ़ करने के लिए लोग उस पर फेंक मारते हैं तो लेंस भीग जाते हैं। लेंस क्यों भीग जाते हैं ? समझाइए।

उत्तर :- क्योंकि जब हम लेंस साफ़ करने के लिए उस परं फूक मारते हैं, तो हमारे द्वारा मारी गई फैंक में वायु के साथ जल वाष्प भी होते हैं, जो शीशे के संपर्क में आते ही पानी की बूंदों में परिवर्तित हो जाते हैं और लेंस भीग जाते हैं।

प्रश्न 7 – सूखा कब पड़ता है ?

उत्तर:- .सूखा उस स्थिति को कहते हैं जब वर्षा आवश्यकता से कम होती है। इस स्थिति में भूमिगत जल का स्तर भी कम हो जाता है और जीवन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। भारत में सूखा दक्षिण-पश्चिम मानसून के कमज़ोर होने से पड़ता है। कम वर्षा या मानसून के अपने निश्चित समय से देरी से आने के कारण सूखे की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

प्रश्न 8 – बादल कैसे बनते है ?

उत्तर:- समुद्र, झील, तालाब और नदियों का पानी सूरज की गर्मी से वाष्प बनकर ऊपर उठता है। इस वाष्प से बादल बनते हैं। ये बादल जब ठंडी हवा से टकराते हैं तो इनमें रहने वाले वाष्प के कण पानी की बूँद बन जाते हैं। ठीक वैसे ही जैसे कमरे की हवा में रहने वाली वाष्प फ्रिज से निकाले गए ठंडे के कैन से टकरा कर पानी की बूँद बन जाती है।

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