जीवों में विविधता
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प्रश्न1. हम जीवधारियों का वर्गीकरण क्यों करते हैं?
उत्तर: पृथ्वी पर लाखों जीव हैं। जिसके कारण प्रत्येक के बारे में अलग-अलग अध्ययन करना संभव नहीं है। इसलिए सभी जीव धारियों की समानता तथा नैतिकता को समझने के लिए उनका वर्गीकरण किया जाता है।
प्रश्न2. अपने चारों ओर फैले जीव रूपों की विभिन्नता के तीन उदाहरण दें।
उत्तर: १. विभिन्न जीवो का जीवनकाल अलग-अलग होता है। उदाहरण के लिए: मनुष्य का जीवनकाल लगभग 100 वर्ष होता है जबकि गाय 15 से 20 वर्ष तक की जीवित रहती है।
२. जीव विभिन्न आकार के होते हैं। जैसे कुछ बैक्टीरिया का आकार कुछ माइक्रोमीटर होता है जबकि नीली व्हेल या कैलिफोर्निया के रेडवुड के पेड़ कई मीटर लंबे होते हैं।
३. जीवो के रंगों में भी विविधता पाई जाती है। कुछ जीव रंगहीन या पारदर्शी होते हैं तो कुछ रंग बिरंगे।
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प्रश्न1. जीवों के वर्गीकरण के लिए सर्वाधिक मूलभूत लक्षण क्या हो सकता है?
(a) उनका निवास स्थान
(b) उनकी कोशिका संरचना
उत्तर: जीवों के वर्गीकरण के लिए ‘उनकी कोशिका संरचना’ सर्वाधिक मूलभूत लक्षण है।
प्रश्न2. जीवों के प्रारंभिक विभाजन के लिए किस मूल लक्षण को आधार बनाया गया?
उत्तर: जीवो के प्रारंभिक विभाजन के लिए कोशिका की प्रकृति अर्थात जीव प्रोकैरियोटिक है या यूकैरियोटिक को आधार बनाया गया है।
प्रश्न3. किस आधार पर जंतुओं और वनस्पतियों को एक-दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा जाता है?
उत्तर:
जंतु | वनस्पति |
१. जंतु प्रकाश संश्लेषण नहीं कर सकते हैं। | १. वनस्पति प्रकाश संश्लेषण कर सकते हैं। |
२. जंतु गति कर सकते हैं। | २. वनस्पति गति नहीं कर सकते। |
३. जंतुओं का शरीर बाहर से भोजन ग्रहण करने के अनुसार विकसित होता है। | ३. वनस्पतियों का शरीर बाहर से भोजन ग्रहण करने के अनुसार विकसित नहीं होता है। |
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प्रश्न1. आदिम जीव किन्हें कहते हैं? ये तथाकथित उन्नत जीवों से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर: आदिम जीव : वह जीव दिल की शारीरिक संरचना में प्राचीन काल से लेकर आज तक कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ है।
उन्नत जीव : उन्नत जीवो की शारीरिक संरचना में विकास के दौरान बहुत परिवर्तन हुआ है। जिससे उनकी बनावट जटिल होती है।
प्रश्न2. क्या उन्नत जीव और जटिल जीव एक होते हैं?
उत्तर: हाँ, उन्नत जीव जटिल जीवों के समान ही होंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस बात की संभावना है कि विकास के समय के साथ संरचना में जटिलता बढ़ जाएगी। इस प्रकार, यह कहना गलत नहीं है कि उन्नत या उच्चतर जीव अधिक जटिल हैं।
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प्रश्न1. मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण के मापदंड क्या है?
उत्तर: मोनेरा
१. यह जीव स्वपोषी एवं विषमपोषी दोनों प्रकार के हो सकते हैं।
२. मोनेरा वर्ग के कुछ जीवो में कोशिका भित्ति पाई जाती है अथवा कुछ में नहीं।
३. यह जीव एक कोशिकीय तथा प्रोकैरियोटिक होते हैं।
प्रोटिस्टा
१. इस वर्ग के जीव एक कोशिकीय तथा यूकैरियोटिक होते हैं।
२. इन जीवों के शरीर में गमन के लिए सीलिया या फ्लैजेला नामक संरचनाएँ होती हैं।
प्रश्न2. प्रकाश-संश्लेषण करने वाले एककोशिक यूकैरियोटी जीव को आप किस जगत में रखेंगे?
उत्तर: प्रकाश-संश्लेषण करने वाले एककोशिक यूकैरियोटी जीवों को प्रोटिस्टा वर्ग में रखेंगे है।
प्रश्न3. वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रमों में किस समूह में सर्वाधिक समान लक्षण वाले सबसे कम जीवों को और किस समूह में सबसे अधिक संख्या में जीवों को रखा जाएगा?
उत्तर: वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रमों में सर्वाधिक समान लक्षण वाले सबसे कम जीवों को ‘जाति (स्पीशीज)’, जबकि ‘जगत’ में सबसे अधिक संख्या में जीवों को रखा जाएगा।
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प्रश्न1. सरलतम पौधों को किस वर्ग में रखा गया है?
उत्तर: सरलतम पौधों को थैलोफाइटा वर्ग में रखा गया है।
प्रश्न2. टेरिडोफाइट और फैनरोगेम में क्या अंतर है?
उत्तर:
टेरिडोफाइट | फैनरोगेम |
१. ये पौधे बीज रहित होते हैं। | १. इन पौधों में बीज उत्पन्न होते हैं। |
२. इनके जननांग कम विकसित होते हैं। | २. इनके जननांग पूर्ण विकसित होते हैं। |
३. इनमें जननांग अप्रत्यक्ष होते हैं। | ३. इनमें भ्रूण के साथ खाद्य पदार्थ संचित होते हैं। |
प्रश्न3. जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
जिम्नोस्पर्म | एंजियोस्पर्म |
१. इन्हें नग्नबीजी पौधे कहा जाता है। | १. इनके बीज फलों के अंदर ढके होते हैं। |
२. इन पौधों में फूल नहीं होते। | २. इन पौधों में फूल होते हैं। |
३. उदाहरण: पाइनस तथा साइकस। | ३. उदाहरण: चना, आम, मटर, इत्यादि। |
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प्रश्न1. पोरीफेरा और सिलेंटरेटा वर्ग के जंतुओं में क्या अंतर है?
उत्तर:
पोरीफेरा | सिलेंटरेटा |
१. इनके शरीर में अनेक छिद्र पाए जाते हैं। | १. इनमें एक देहगुहा पाई जाती है। |
२. इनमें ऊतकों का विभेदन नहीं होता। | २. शारीरिक संगठन ऊतकीय स्तर का होता है। |
३. इनका शरीर कठोर आवरण अथवा बाह्य कंकाल से ढका होता है। | ३. इनका शरीर कोशिकाओं की दो परतों (आंतरिक एवं बाह्य परत) का बना होता है। |
प्रश्न2. एनीलिडा के जंतु, आर्थोपोडा के जंतुओं से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
एनीलिडा | आर्थोपोडा |
१. ये द्विपार्श्वसममित एवं त्रिकोरिक होते हैं। | १. द्विपार्श्वसममिति पाई जाती है। |
२. वास्तविक देहगुहा पाई जाती है। | २. देहगुहा रक्त से भरी होती है। |
३. एनीलिडा का परिसंचरण तंत्र बंद होता है। | ३. आर्थ्रोपोडा में खुला परिसंचरण तंत्र पाया जाता है। |
प्रश्न3. जल-स्थलचर और सरीसृप में क्या अंतर है?
उत्तर:
जल-स्थलचर | सरीसृप |
१. इनमें शल्क नहीं पाए जाते। | १. इनके शरीर पर शल्क होते हैं। |
२. त्वचा पर श्लेष्म ग्रंथियाँ पाई जाती हैं। | २. इनमें श्लेष्म ग्रंथियाँ नहीं होतीं। |
३. ये जल में अंडे देते हैं। | ३. इन्हें जल में अंडे देने की आवश्यकता नहीं पड़ती हैं। |
प्रश्न4. पक्षी वर्ग और स्तनपायी वर्ग के जंतुओं में क्या अंतर है?
उत्तर:
पक्षी | स्तनपायी |
१. इनका शरीर पंखों से ढका होता हैं। | १. इनके शरीर में बाल होते हैं। |
२. उनकी चोंच होती है। | २. चोंच अनुपस्थित होती हैं। |
३. ये सभी अंडे देते हैं। | ३. इनमें से कुछ अंडे देते हैं तथा कुछ बच्चों को जन्म देते हैं । |
अभ्यास के प्रश्न और उत्तर
प्रश्न1. जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ है?
उत्तर: जीवों के वर्गीकरण के निम्नलिखित लाभ हैं:
१. यह जीवों के विकास को समझने में हमारी मदद करता है।
२. यह विभिन्न जीवों के बीच समानता और विभिन्नता के बारे में बताता है।
३. यह विभिन्न प्रकार के जीवों के अध्ययन को हमारे लिए आसान बनाता है।
प्रश्न2. वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए दो लक्षणों में से आप किस लक्षण का चयन करेंगे?
उत्तर: हम उस लक्षण का चयन करेंगे जो पहले पोषण के स्त्रोत तथा शारीरिक संगठन को निर्धारित करता हों।
प्रश्न3. जीवों के पाँच जगत में वर्गीकरण के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: १. जीव एककोशिकीय है या बहुकोशिकीय।
२. कोशिका यूकैरियोटिक है या प्रोकेरियोटिक।
३. जीव स्वपोषी है या विषमपोषी।
४. जीव का शारीरिक विकास कहां तक हुआ है।
प्रश्न4. पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन हैं? इस वर्गीकरण का क्या आधार है?
उत्तर: पादप जगत के प्रमुख वर्ग निम्नलिखित हैं:
१. थैलोफाइटा
२. ब्रायोफाइटा
३. टेरिडोफाइटा
४. जिम्नोस्पर्म
५. एंजियोस्पर्म
वर्गीकरण का आधार:
१. पादप शरीर के प्रमुख घटक पूर्ण रूप से विकसित एवं विभेदित है या नहीं।
२. पादप शरीर में बीज धारण की क्षमता है या नहीं।
३. पादप शरीर में जल तथा अन्य पदार्थ को संवहन करने में विशिष्ट उत्तकों की उपस्थिति है अथवा नहीं।
प्रश्न5. जंतुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अंतर क्या है?
उत्तर: शारीरिक संगठन मूल अंतर है। पौधे स्वपोषी हैं। ये प्रकाश संश्लेषण के लिए क्लोरोफिल का प्रयोग करते हैं। अपना खाना स्वयं बना सकते हैं लेकिन वही जंतुओं को खाने के तलाश में एक जगह से दूसरी जगह जाना पड़ता है। पौधें बीच उत्पन्न करते हैं वही जंतु बच्चे को जन्म देते हैं।
प्रश्न6. वर्टीब्रेटा (कशेरुक प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: इन जीवों में नोटोकॉर्ड, मेरुरज्जु, त्रिकोरिक शरीर, युग्मित क्लोम थैली तथा देहगुहा पाई जाती है।
कशेरुक जंतुओं में वास्तविक मेरुदंड एवं अंतःकंकाल भी पाया जाता है। इस कारण इन जंतुओं में पेशियों का वितरण अलग होता है। इनमें ऊतकों एवं अंगों का जटिल विभेदन पाया जाता है। उपरोक्त लक्षणों के आधार पर वर्टीब्रेटा को पाँच वर्गों में विभाजित किया जाता है:
१. मत्स्य वर्ग
२. जल स्थलचर
३. सरीसृप
४. पक्षी
५. और स्तनपाई।