NCERT Solutions for Class 12 Geography Practical Work in Geography Chapter 4 Use of Computer In Data Processing and Mapping (Hindi Medium)
अभ्यास प्रश्न (पाठ्यपुस्तक से)
प्र० 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए;
(i) निम्नलिखित आंकड़ों के प्रदर्शन के लिए आप किस प्रकार के ग्राफ का उपयोग करेंगे?
(क) रेखा
(ख) बहुदंड आलेख
(ग) वृत्त आरेख
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
(ii) राज्य के अंतर्गत ज़िलों का प्रदर्शन किस प्रकार के स्थानिक आंकड़ों द्वारा होगा?
(क) बिंदु
(ख) रेखाएँ।
(ग) बहुभुज
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
(iii) एक वर्कशीट के सेल में दिए गए सूत्र में वह कौन-सा प्रचालक है जिसका पहले परिकलन किया जाता है|
(क) +
(ख) –
(ग) /
(घ) x
(iv) एक्सेल में विजार्ड फंक्शन आपको समर्थ बनाता है|
(क) ग्राफ रचना में
(ख) गणितीय और सांख्यिकीय क्रियाओं को करने में।
(ग) मानचित्र आलेखन में
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(i) (ख) बहुदंड आलेख
(ii) (ग) बहुभुज
(iii) (ग) /
(iv) (क) ग्राफ रचना में।
प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
(i) एक्सेल में विजार्ड फंक्शन आपको समर्थ बनाता है?
उत्तर: एक्सेल में विजार्ड फंक्शन के द्वारा चार्ट जिसमें दंड आरेख, प्रमुखता से बनाए जाते हैं। इसके अलावा रेखा ग्राफ, आयत चित्रे आदि भी बनाए जा सकते हैं।
(ii) एक कंप्यूटर के विभिन्न भागों की हस्तेन विधियों की तुलना में कंप्यूटर के प्रयोग के क्या लाभ हैं?
उत्तर: विभिन्न प्रकार के आलेख, आरेख, चित्र, ग्राफ व मानचित्रों के निर्माण में आंकड़ों के प्रक्रमण तथा उनकी रचना में कंप्यूटर के प्रयोग ने समय की बचत की है। साथ ही त्रुटि होने संभावना भी कम रहती है जबकि हस्तेन विधि से इसमें काफी अधिक समय लगता है तथा त्रुटि की संभावना बनी रहती है।
(iii) आंकड़ा प्रक्रमण और प्रदर्शन की हस्तेन विधियों की तुलना में कंप्यूटर के प्रयोग के क्या लाभ हैं?
उत्तर: आंकड़ों के प्रक्रमण और प्रदर्शन की हस्तेन विधियों में समय अधिक लगता है तथा त्रुटियों की संभावना बनी रहती है जबकि कंप्यूटर की मदद से आंकड़ों के प्रक्रमण व प्रदर्शन में समय कम लगता है तथा उनमें सटीकता का % उच्च रहता है।
(iv) वर्कशीट क्या होती है?
उत्तर: भूगोल में कंप्यूटर के अनुप्रयोग में एम०एस० एक्सेल एक महत्त्पूर्ण सॉफ्टवेयर है। एम०एस० एक्सेल को स्प्रेड शीट प्रोग्राम भी कहा जाता है। स्प्रेडशीट एक आयताकार पेज होता है जिसे कार्यविधि पत्र (वर्कशीट) कहते हैं। इसमें 16,384 पंक्तियाँ तथा 256 स्तंभ होते हैं। स्तंभों को अंग्रेजी के अक्षर A, B, C, D आदि पहचान दी जाती है जबकि पंक्तियों को संख्या 1, 2, 3, 4, इत्यादि पहचान दी जाती है। एक पंक्ति और एक स्तंभ के संयोजन से एक सेल का निर्माण होता है जिसमें प्रविष्टियाँ अंकित की जाती हैं। और इन्हें सुरक्षित करने के लिए उपयुक्त नाम दे दिया जाता है। जरूरत पड़ने पर इसको पुनः खोलकर कार्य संपादन कर सकते हैं।
प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में दीजिए।
(i) स्थानिक व गैर-स्थानिक आंकड़ों में क्या अंतर है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: स्थानिक आंकड़े किसी स्थान के भौगोलिक व सांस्कृतिक लक्षणों को प्रतिनिधित्व करते हैं। इनको मानचित्र पर प्रदर्शित करने के लिए बिंदु, रेखाएँ तथा बहुभुज का प्रयोग करते हैं। विद्यालय, अस्पताल, कुएँ, नलकूप, कस्बे व गाँव जैसे लक्षणों को बिंदुओं के द्वारा; सड़कों, रेलवे लाइनों, नहरों, नदियों, शाक्ति व संचार पंथों को रैखिक प्रदर्शन द्वारा, तथा प्रशासकीय इकाइयों जैसे देश, जिले, राज्य व खंड, भूमि उपयोग प्रकारों, तालाबों, झीलों आदि लक्षणों को बहुभुज विधि से प्रदर्शित करते हैं। जबकि गैर-स्थानिक आंकड़े गुण न्यास को प्रदर्शित करते हैं जैसे-आपके पास अपने विद्यालय की स्थिति दर्शाने वाला मानचित्र है। तब आप विद्यालय का नाम, कक्ष संख्या, कक्षा में विद्यार्थियों की अनुसूची, पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं, उपकरणों इत्यादि की सुविधाओं और संबंधित सूचनाओं को शामिल कर सकते हैं। इसमें आप महसूस करेंगे कि आप स्थानिक आंकड़ों के विशिष्ट गुणों की व्याख्या कर रहे होते हैं। इस तरह आप स्थानिक आंकड़ों के गुण न्यास की व्याख्या कर रहे होते हैं जिसके के कारण ये गैर-स्थानिक आंकड़े
कहलाते हैं।
(ii) भौगोलिक आंकड़ों के प्रकार कौन-से हैं?
उत्तर: भौगोलिक आंकड़ों को दो वर्गों में रखा जाता है। स्थानिक आँकड़े तथा गैर-स्थानिक आंकड़े। इनका वर्णन पहले ही प्रश्न (i) में किया जा चुका है।