NCERT Solutions for Class 12 Geography Practical Work in Geography Chapter 5 Field Surveys (Hindi Medium)
अभ्यास प्रश्न (पाठ्यपुस्तक से)
प्र० 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से एकसही उत्तर का चुनाव कीजिए।
(i) क्षेत्र सर्वेक्षण की योजना के लिए नीचे दी गयी विधियों में कौन-सी विधि सहायक है?
(क) व्यक्तिगत साक्षात्कार
(ख) द्वितीयक सूचनाएँ
(ग) मापन
(घ) प्रयोग
(ii) क्षेत्र सर्वेक्षण के निष्कर्ष के लिए क्या किया जाना चाहिए।
(क) आंकड़ा प्रवेश एवं सारणीयन
(ख) प्रतिवेदन लेखन
(ग) सूचकांकों का अभिकलन
(घ) उपर्युक्त में से कोई भी नहीं
(iii) क्षेत्र सर्वेक्षण के प्रांरभिक स्तर पर अत्यंत महत्वपूर्ण क्या है?
(क) उद्देश्यों का निर्धारण
(ख) द्वितीयक आंकड़ों का संग्रहण
(ग) स्थानिक एवं विषयक सीमाओं को परिभाषित करना
(घ) निदर्शन अभिकल्पना
उत्तर:
(i) (क) व्यक्तिगत साक्षात्कार
(ii) (ग) सूचकांकों का अभिकलन
(iii) (ग) स्थानिक एवं विषयक सीमाओं की परिभाषित करना
प्र० 2. निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
(i) क्षेत्र सर्वेक्षण क्यों आवश्यक है?
उत्तर: क्षेत्रीय सर्वेक्षण स्थानीय स्तर पर स्थानिक वितरण के प्रारूपों, उनके साहचर्य तथा अंतर्संबंधों के बारे में हमारी समझ को बढ़ाते हैं। इनके अलावा स्थानीय स्तर की सूचनाओं को एकत्रित करने में, जो कि द्वितीयक स्रोतों से उपलब्ध नहीं हैं, हमारी मदद करते हैं। इस तरह क्षेत्रीय सर्वेक्षणों का आयोजन वांछित सूचनाओं के एकत्रण में सहायक होते हैं।
(ii) क्षेत्र सर्वेक्षण के उपकरण एवं प्रविधियों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर: क्षेत्रीय सर्वेक्षण के लिए कुछ जरूरी उपकरण पर्यवेक्षक के पास होने चाहिए जैसे-प्रश्नावली कागज अथवा नोट करने योग्य डायरी, पेन, पेंसिल, रबर, शार्पनर, फीता, ऊँचाई/गहराई मापने का यंत्र, मिट्टी की अम्लीयता/क्षारीयता मापने की सामग्री, प्रदूषण को मापने की किट, दिशामापी (दिक् सूचक) आंकड़ों के प्रक्रमण के लिए उचित सॉफ्टवेयर के साथ एक लैपटॉप, कैमरा, क्षेत्रीय मानचित्र यदि उपलब्ध है तो इत्यादि। इसके अलावा द्वितीयक स्रोतों से प्राप्त आंकड़े व सूचनाएँ, भू-संपत्तियों का विवरण पत्रक एवं निर्वाचन सूची जिसमें परिवारों उनके मुखिया से संबंधित जानकारियाँ दी गई हों इत्यादि। साथ ही क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उद्देश्य, प्रयोजन को सीमांकित करते हुए उपयुक्त समय का चुनाव किया जाना चाहिए ताकि वहाँ के अधिकांश निवासियों से आप सूचनाएँ प्राप्त कर सकें।
(iii) क्षेत्र सर्वेक्षण के चुनाव के पहले किस प्रकार के व्याप्ति क्षेत्र की आवश्यकता पड़ती है?
उत्तर: अन्वेषक के लिए सर्वेक्षण क्षेत्र को चुनाव बहुत महत्त्वपूर्ण होता है साथ ही उसे यह निर्णय करना होता है कि सर्वेक्षण संपूर्ण जनसंख्या अथवा समग्र के लिए आयोजित किया जाना है अथवा चयनित प्रतिदर्श (चुने हुए सैंपलस) पर आधारित किया जाना है। यदि अध्ययन के लिए चुना गया क्षेत्र बहुत विस्तृत नहीं है। तब समग्र अथवा सभी घटकों का सर्वेक्षण किया जा सकता है। अन्यथा बृहत आकार की स्थिति में चयनित प्रतिदर्श तक ही सीमित रहना उपयुक्त होता है।
(iv) सर्वेक्षण अभिकल्पना को संक्षिप्त में समझाएँ।
उत्तर: सर्वेक्षण की अभिकल्पना को कार्यात्मक दृष्टि से निम्नलिखित चरणों में पूरा किया जाता है
प्रथम चरण – समस्या को परिभाषित करना-सर्वेक्षण के लिए चुनी गई समस्या को सुस्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए। समस्या की प्रकृति को इंगित करते हुए सर्वेक्षण के विषय के शीर्षक तथा उपशीर्षक में उसकी झलक दिखनी चाहिए।
दूसरा चरण-उद्देश्य – सर्वेक्षण के उद्देश्यों, विशिष्ट उद्देश्यों को सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। उद्देश्य सर्वेक्षण की रूपरेखा प्रस्तुत करते हैं। उनके अनुरूप ही आंकड़ों को एकत्रित किया जाता है तथा उनके विश्लेषण की उपयुक्त विधियों का चयन किया जाता है।
तीसरा चरण-प्रयोजन – सर्वेक्षण हेतु चुने गए संदर्भित भौगोलिक क्षेत्र को सीमांकित करना, समय सीमा व प्रसंगों को सीमांकित करना ही प्रयोजन है।
चौथा चरण-विधियाँ एवं तकनीकें – चयनित समस्या से संबंधित सूचनाएँ प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय सर्वेक्षण आयोजित किए जाते हैं। सूचनाएँ अथवा आंकड़े किन स्रोतों से, किस विधि से प्राप्त हुए हैं। यह अति महत्त्वपूर्ण है साथ ही आंकड़ों के सारणीयन, प्रक्रमण, आरेखीय प्रदर्शन व मानचित्र विधियों/तकनीकों का चयन भी आवश्यक हैं।
पांचवाँ चरण-संकलन एवं परिकलन – अर्थपूर्ण विवेचन एवं विश्लेषण द्वारा ही सर्वेक्षण के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकता है। जितनी भी सूचनाएँ व आंकड़े सर्वेक्षण द्वारा प्राप्त हुए हैं उनको विभिन्न सांख्यिकीय विधियों से प्रक्रमित व प्रदर्शित करके तुलनात्मक निष्कर्ष प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए मानचित्रकारी संबंधी अनुप्रयोगों व आरेख विधियों का भरपूर उपयोग किया जा सकता है।
छठा चरण-निष्कर्ष – उपरोक्त सभी चरणों के पूरा होने पर एक रिर्पार्ट तैयार की जाती है जिसमें सर्वेक्षण के परिणाम व निष्कर्ष प्रस्तुत किए जाते हैं।
(v) क्षेत्र सर्वेक्षण के लिए प्रश्नों की अच्छी संरचना क्यों आवश्यक है?
उत्तर: क्षेत्र सर्वेक्षण में व्यक्तिगत साक्षात्कार एक महत्त्वपूर्ण क्रियाकलाप है। क्षेत्र में जाकर पर्यवेक्षक व्यक्तिगत साक्षात्कार के माध्यम से सूचनाएँ/आंकड़े एकत्र करता है। सामाजिक मुद्दों से जुड़े क्षेत्रीय सर्वेक्षणों में व्यक्तिगत साक्षात्कारों द्वारा सूचनाएँ/आंकड़े प्राप्त किए जा सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपने परिवेश से बहुत कुछ सीखता है। यदि इन अनुभवों को कुशलतापूर्वक एकत्रित किया जाता है तो, ये सूचनाओं के महत्त्वपूर्ण स्रोत हो सकते हैं। व्यक्तिगत साक्षात्कार हेतु लोगों का चयन, अभिव्यक्ति के कौशल, सामाजिकता की अभिरुचि आदि से ये सूचनाएँ प्रभावित हो सकती हैं, इसलिए साक्षात्कार में पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या सीमित, सुरुचिपूर्ण, तर्कसंगत विषय से संबंधित, कम शब्दों में अभिव्यक्ति से परिपूर्ण होनी चाहिए। प्रश्नों में असहजता नहीं होनी चाहिए। प्रश्न ऐसे होने चाहिए जिनका उत्तर बिना झिझक के दिए जा सके। प्रश्न पूछते समय उत्तरदाता यह महसूस करे कि जिस समस्या से वे लंबे समय से ग्रसित हैं, उसका निराकरण संभव है। और यह साक्षात्कार उसका एक हिस्सा है।
क्षेत्रीय सर्वेक्षण की प्रश्नावली पहले से ही तैयार होनी चाहिए और उसके संभावित उत्तरों के लिए पर्याप्त स्थान प्रश्न के सामने दिया गया हो। ताकि प्रश्नकर्ता व उत्तर दाता अपना समय व्यर्थ न गवाएँ। टेक्नीकल प्रश्न उसमें शामिल नहीं होने चाहिए।
प्र० 3. निम्नलिखित समस्याओं में से किसी एक के लिए क्षेत्र सर्वेक्षण अभिकल्पना की रचना कीजिए|
(i) पर्यावरण प्रदूषण
(ii) मृदा अपघटन
(iii) बाढ़
(iv) सूखा
(v) आपदा विषयक
(vi) भूमि उपयोग में हो रहे परिवर्तन की पहचान।