Chapter 9 Globalisation NCERT Solutions

 


Chapter 9. वैश्वीकरण


 

Q1. वैश्वीकरण के बारे में कौन-सा कथन सही ?

(क) वैश्वीकरण सिर्फ आर्थिक परिघटना है |

(ख) वैश्वीकरण की शुरूआत 1991 में हुई |

(ग) वैश्वीकरण और पश्चिमीकरण समान है |

(घ) वैश्वीकरण एक बहुआयामी परिघटना है |

उत्तर :

(घ) |

Q2. वैश्वीकरण के प्रभाव के बारे में कौन-सा कथन सही है ?

(क) विभिन्न देशों और समाजों पर वैश्वीकरण का प्रभाव विषम रहा है |

(ख) सभी देशों और समाजों पर वैश्वीकरण का प्रभाव समान रहा है |

(ग) वैश्वीकरण का असर सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित है |

(घ) वैश्वीकरण से अनिवार्यतया सांस्कृतिक समरूपता आती है |

उत्तर :

(क) |

Q3. वैश्वीकरण के कारणों के बारे में कौन-सा कथन सही है ?

(क) वैश्वीकरण का एक महत्वपूर्ण कारण प्रौधोगिकी है |

(ख) जनता का एक खास समुदाय वैश्वीकरण का कारण है |

(ग) वैश्वीकरण का जन्म संयुक्त राज्य अमरीका में हुआ |

(घ) वैश्वीकरण का एकमात्र कारण आर्थिक धरातल पर पारस्परिक निर्भरता है |

उत्तर :

(क) |

Q4. वैश्वीकरण के बारे कौन-सा कथन सही है ?

(क) वैश्वीकरण का संबंध सिर्फ वस्तुओं की आवाजाही से है |

(ख) वैश्वीकरण में मूल्यों का संघर्ष नहीं होता |

(ग) वैश्वीकरण के अंग के रूप में सेवाओ का महत्व गौण है |

(घ) वैश्वीकरण का संबंध विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव से है |

उत्तर :

(घ) |

Q5. वैश्वीकरण के बारे में कौन-सा कथन गलत है ?

(क) वैश्वीकरण के समर्थकों का तर्क है कि इससे आर्थिक स्म्रीदी बढगी |

(ख) वैश्वीकरण के आलोचकों का तर्क है कि इससे आर्थिक असमानता और ज्यादा बढ़ेगी |

(ग) वैश्वीकरण के पैरोकारों का तर्क है इससे सांस्कृतिक समरूपता आएगी |

(घ) वैश्वीकरण के आलोचकों का तर्क है कि इससे सांस्कृतिक समरूपता आएगी |

उत्तर :

(घ) |

Q6. विश्वव्यापी' पारस्परिक जुड़ाव क्या है ? इसके कौन-कौन से घटक है ?

उत्तर : 

विश्वव्यापी पारस्परिक जुडाव का अर्थ है, विश्व-स्तर पर अधिकांश लोगों का कई पक्षों से सम्बन्ध होना | वैश्वीकरण के कारण विश्व के एक भाग के विचार दूसरे भाग में पहुंच रहें है | एक देश विशेष की पूंजी का अनेक देशो में प्रवाह हो रहा है | एक देश विशेष की वस्तुओ का अनेक  में पहुंचना तथा खुशहाल जीवन की खोज में विदेशो में जाकर बसना इत्यादि विश्व के पारस्परिक जुडाव के अंतर्गत ही आते हैं | विश्वव्यापी पारस्परिक जुडाव  मुख्य घटक राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक पक्ष है |

Q7. वैश्वीकरण में प्रौधोगिकी का क्या योगदान है ?

उत्तर :

वैश्विककरण में प्रौद्दौगिकी का बहुत महत्व है |1990 के दशक में आई प्रौद्दौगिकी की क्रांति ने विश्व को एक छोटा सा गाँव बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है | टेलीफ़ोन, टेलीग्राफ तथा इंटरनेट जैसे संचार के साधनों ने विश्व को जोड़ने में मुख्य जोगदान दिया है | प्रौद्दौगिकि के कारण ही विश्व के अनेक देशों में विचार,एवं पूंजी की आवाजाही आसान हुई है | अतः कहा जा सकता है, कि वैश्विकरण में प्रौद्दोगिकी का बहुत अधिक योगदान है | प्रौद्दोगिकी का प्रभाव हमारे सोचने के तरीको पर भी पड़ता हैं | हम अपने बारे में जिस ढंग से सोचते है और हम सामूहिक जीवन के बारे में जिस प्रकार सोचते हैं, प्रौद्दोगिकी का उस पर असर पड़ता है 

Q8. वैश्वीकरण के संदर्भ में विकासशील देशों में राज्य की बदलती भूमिका का आलोचनात्मक

मूल्यांकन करें ?

उत्तर : 

वैश्विकरण के कारण विकासशील देशों में राज्य कि भूमिका में आवश्यक परिवर्तन आया है वर्तमान वैश्विकरण के युग में कोई भी विकासशील देश आत्मनिर्भर नहीं हो सकता | अत: वैश्विकरण के युग में प्रत्येक विकासशील देश को इस प्रकार की विदेश एवं आर्थिक नीति का निर्माण करता है जिससे की दुसरे देशों से अच्छे सम्बन्ध बनाए जा सकें | पूंजी-निवेश के कारण विकासशील देशों ने भी अपना बाजार विश्व के लिए खोल दिए है |

    राज्य द्वारा बनाई जाने वाली आर्थिक नीतियों पर भी वैश्विकरण का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है | प्रत्येक देश आर्थिक नितियों को बनाते समय विश्व में होने वाले घटनाक्रम तथा विश्व संगठनों जैसे विश्व बैंक तथा विश्व व्यापार संगठन के प्रभाव में रहता है | राज्यों द्वारा बनाई जाने वाली निजीकरण की नीतियों, कर्मचारियों की छंटनी, सरकारी अनिदानों में कमी तथा कृषि से सम्बंधित नीतियों पर वैश्विकरण का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है |

Q9. वैश्वीकरण की आर्थिक परिणतियाँ क्या हुई है ? इस सन्दर्भ में वैश्वीकरण ने भारत पर कैसे

प्रभाव डाला है ?

उत्तर :

वैश्विकरण के कारण आर्थिक क्षेत्र में बहुत अधिक परिवर्तन हुए हैं | वैश्विकरण के कारण एक देश की पूंजी का प्रवाह अन्य देशों में हुआ | बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने अपने देश से बाहर निकलकर अन्य देशों में निवेश करना शुरू कर दिया | रोजगार की तलाश में लोग दुसरे देशों में जाकर बसने लगे है | वैश्वीकरण की आर्थिक परिणतियों का भारत पर भी प्रभाव पड़ा है | 1991 में नई आर्थिक नीति अपनाकर वैश्विकरण एवं उदारीकरण कि प्रक्रिया से जुड़ गया | नई औद्योगिक नीति द्वारा भारत ने महत्वपूर्ण करने प्रारम्भ कर दिए | 1992-93 से रुपयों को पूर्ण परिवर्तनीय बनाया गया है | पूंजी बाजार और वितीय सुधारों के लिए कदम उठाए गये है | आयात-निर्यात नीति को सुधारा गया है और इसमें प्रतिबंधो को हटाया गया है | 30 दिसम्बर, 1994 को भारत ने एक अंतर्राष्टीय समझौतावादी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए | 1 जनवरी 1995 को विश्व व्यापार संगठन की स्थापना हुई और भारत इस पर हस्ताक्षर करके इसका सदस्य बन गया | समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत ने अनेक नियमो और औपचारिकताओं को समाप्त करना शुरू कर दिया जो वर्षो से आर्थिक विकास में  बाधक बनी हुई थीं प्रशासन व्यवस्था में अनेक सुधार किये गये और नौकरशाही तंत्र की जटिलताओ लो हल्का किया गया | भारतीय प्रशासन अब तेजी से वैश्विकरण की प्रक्रिया के साथ तादातम्य स्थापित कर रहा है | 

Q10. क्या आप इस तर्क से सहमत है कि वैश्वीकरण से सांस्कृतिक विभिन्नता बढ़ रही है ?

उत्तर :

हम इस तर्क से सहमत नही है कि वैश्विकरण से सांस्कृतिक विभिन्नता बढ रही है | वैश्विकरण के कारण सांस्कृतिक विभिन्नता नहीं, बल्कि सांस्कृतिक समरूपता बढ रही है | यहाँ पर यह बात उल्लेखनीय है कि विश्व में किसी विश्व-संस्कृति का उदय नहीं हो रहा है, बल्कि यूरोपीय देश एवं अमेरिका अपनी तकनीकी एवं आर्थिक शक्ति के बल पर सम्पूर्ण विश्व पर अपनी संस्कृति लादने का प्रयत्न कर रहे है |

Q11. वैश्वीकरण ने भारत को कैसे प्रभावित किया है और भारत कैसे वैश्वीकरण को प्रभावित कर

रहा है ?

उत्तर :

वैश्विकरण ने भारत जैसे विकासशील देश को भी बहुत प्रभावित किया है | विश्व के अधिकांश विकसित देश भारत को एक बड़ी मंडी के रूप में देखते है | इसीलिए यहाँ के लोगों को आकर्षित करने के लिए तरह तरह के उपाय करते है | भारतीय लोगो ने भी वैश्वीकरण के चलते अजीविक के लिए विदेशों में बसना शुरू कर दिया हैं | यूरोप एवं अमेरिका की पश्चिमी संस्कृति बड़ी तेजी से भारत में फैल रही है | भारत में नीली जींस पहनना, पिज्जा खाना, टेलीविजन पर अनेक विदेशी चैनलों को देखना वैश्वीकरण का ही प्रभाव है | दूसरी ओर भारत ने भी वैश्वीकरण को कुछ हद तक प्रभावित हिय हैं | भारत से अधिक लोग विदेशों इ जाकर अपनी संस्कृति एवं रीति- रिवाजों को बढावा दे रहे हैं | भारत में उपलब्ध सस्ते श्रम ने विश्व के देशों को इस ओर आकर्षित किया हैं | भारत ने कंप्यूटर तथा तकनीकी के क्षेत्र में बड़ी तेजी से उन्नति करके विश्व में अपना प्रभुत्व जमाया हैं |

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