Chapter 8 Environment and Natural Resources NCERT Solutions

 


Chapter 8. पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन


Q1.पर्यावरण के प्रति बढ़ते सरोकारों का कारण है ?निम्नलिखित में सबसे बेहतर विकल्प चुनें |       

(क) विकसित देश प्रकृति की रक्षा को लेकर चिंतित है |

(ख) पर्यावरण की सुरक्षा मूलवासी लोगो और प्राकृतिक पर्यावासो के लिए जरूरी है |

(ग) मानवीय गतिविधियों से पर्यावरण को व्यापक नुकसान खतरे की हद तक पहुँच गया है |

(घ) इनमे से कोई नहीं |   

उत्तर :

(ग) |

Q2. निम्नलिखित कथनों में प्रत्येक के आगे सही या गलत का चिन्हं लगायें | ये कथन पृथ्वी-सम्मेलन

के बारे में है-

(क) इसमे 170 देश, हजारों स्वयंसेवी संगठन तथा अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भाग लिया |

(ख) यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्रसंघ के तत्वावधान में हुआ |

(ग) वैश्विक पर्यावरणीय मुदों ने पहली बार राजनीतिक धरातल पर ठोस आकार ग्रहण किया |

(घ) यह महासम्मेलनी बैठक थी |

उत्तर :

(क) सही, (ख) सही, (ग) सही, (घ) गलत |

(3.) विश्व की साझी विरासत के बारे में निम्नलिखित में कौन-से कथन सही हैं ?

(क) धरती का वायुमंडल,अंटार्कटिका , समुद्री सतह और बाहरी अन्तरिक्ष को विश्व की साझी विरासत

माना जाता है |

(ख) विश्व की साझी विरासत किसी राज्य के संप्रभु क्षत्राधिकार में नहीं आते |

(ग) विश्व की साझी विरासत के प्रबधक के सवाल पर उतरी और दक्षिणी देशों के बीच मतभेद है 

(घ) उतरी गोलार्द के देश विश्व की साझी विरासत को बचाने के लिए दक्षिणी गोलार्द के देशों से कही

ज्यादा चिंतित है |

उत्तर : 

(क) सही, (ख) सही, (ग) सही, (घ) गलत |

Q4. रियो सम्मेलन के क्या परिणाम हुए ?

उत्तर :

रियो सम्मलेन पर्यावरण पर हुआ सबसे महत्पूर्ण सम्मलेन माना जाता है रियो सम्मलेन के कारण पर्यावरण के मुद्दे पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थान बनाने में सफल हुए | रियो सम्मलेन में जलवायु- परिवर्तन, जैव विविधता तथा वानिकी के सम्बन्ध में कुछ नियमों का निर्माण किया गया |

Q5. विश्व की साझी विरासत का क्या अर्थ है ? इसका दोहन और प्रदूषण कैसे होता है ?

उत्तर :

विश्व की साझी विरासत का अर्थ है कीई ऐसी सम्पदा जिस पर किसी एक व्यक्ति, समुदाय या देश  का आधिकार न हो, बल्कि विश्व के सम्पूर्ण समुदाय का उस पर हक़ हो |विश्व की साझी विरासत के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति को प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने का आधिकार तथा संरक्षण का उत्तरदायित्व होता है वर्तमान समय में बढती जनसंख्या के कारण, निजीकरण एवं पर्यावरण बदलाव के कारण तथा विकसित देशों के निजी स्वार्थ के कारण बड़ी तेजी से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन और प्रदूषण  हो रहा हैं |

Q6. साझी जिमेदारी लिकिन अलग-अलग भूमिकाएँ से क्या अभिप्राय है ? हम इस विचार को कैसे

लागू कर सकता है ?

उत्तर :

विश्व का पर्यावरण तेजी से खराब हो रहा है | आधिकांश देश अन्धाधुंध प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे है | इससे मानव सभ्यता खतरे में पड गयी है | इसीलिए कहा जाता है की पर्यावरण को बचाने के लिए की सभी की साझी जिम्मेदारी हो | परन्तु उत्तरी एवं दक्षिणी गोलार्द्ध के देशों में पर्यावरण संरक्षण से सम्बंधित विचरो में मतभेद है उत्तरी गोलार्द्ध के विकासशील देशों का तर्क है, कि क्योंकि विकसित देशों ने पर्यावरण को अधिक ख़राब किया है, अतः उसे ठीक करने की जिम्मेदारी भी उनकी अधिक होनी चाहिए | संयुक्त राष्ट्र संघ के जलवायु परिवर्तन से संबंधित नियमाचार में भी कहा गया है कि प्रत्येक देश अपनी क्षमता, पर्यावरण को नुकशान पहुंचने के अनुपात में अपनी भागीदारी पर साझी परन्तु अलग-अलग भूमिकांए निभाएंगे |

7. वैश्विक पर्यावरण की सुरक्षा से जुड़े मुदे 1990 के दशक से विभिन्न देशों के प्राथमिक सरोकार

क्यों बन गए हैं ?

उत्तर :

निम्नलिखित कारणों से वैश्विक पर्यावरण की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे सन 1990 के दशक से बिभिन्न देशों के प्राथमिक सरोकार बन गए है -

(1) पर्यावरण खराब होने से कृषि योग्य भूमि खराब हो रही है |

(2) जलाशयों में बड़ी तेजी से जल-स्तर घट रहा है 

(3) मत्स्य उत्पादन कम हुआ है |

(4) विकासशील देशों की लगभग 1 अरब बीस करोड़ जनता को पीने के लिए साफ पानी उपलब्ध नहीं हो प् रहा हैं |

(5) साफ-सफाई के आभाव में लगभग 30 लाख बच्चे प्रति वर्ष मरे जाते है |

(6) वनों की कटाई से जैव विविधता की हानि हो रही है |

(7) ओजोन परत के नुकसान से पारस्थितिकी तंत्र और मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है |

Q8. पृथ्वी को बचाने के लिए जरूरी है कि विभिन्न देश सुलह और सहकर की नीति अपनाएं |

पर्यावरण के सवाल पर उतरी और दक्षिणी देशों के बीच जारी वाताराओ की रोशनी में इस कथन की

पुष्टि करे |

उत्तर :

पिछले कुछ वर्षो में विश्व का पर्यावरण बड़ी तेजी से खराब हुआ, जिसके कारण पृथ्वी के अस्तित्व को कई गंभीर खतरे पैदा हो गए हैं | इसलिए विश्व के अधिकांश देशों ने पृथ्वी को बचाने के लिए परस्पर सुलह और सहकर की नीति अपनाई | इसी संदर्भ में तथा दक्षिणी गोलार्द्ध के देशों ने पृथ्वी के संरक्षण के लिए आपस में कई बार बातचीत की |यद्दपि पृथ्वी को बचाने के लिए दोनों गोलार्द्ध के देश वचनबद्ध दिखाई पड़ते हैं, परन्तु पृथ्वी बचाने के तरीको पर दोनों गोलार्द्ध के देशों में सहमती नही बन पा रही हैं |

Q9. विभिन्न देशों के सामने सबसे गंभीर चुनौती वैश्विक पर्यावरण को आगे कोई नुकसान पहुंचे बगैर आर्थिक विकास करने की है यह कैसे हो सकता है ? कुछ उदाहरणों के साथ समझाएँ |

उत्तर :

वर्तमान परिस्थितियों में सभी देशों के सामने सबसे महत्वपूर्ण समस्या यह है कि कैसे पर्यावरण को बचाकर अपना आर्थिक विकास किया जाए | परन्तु यदि हम कुछ गौर करे तो पर्यावरण को खराब किए बिना ही देश का आर्थिक विकास किया जा सकता है | जैसे प्राक्रतिक संसाधनों का प्रयोग सीमित मात्रा में किया जाना चाहिए | जितनी पेड़ो की हम कटाई करते हैं, उतने ही पेड़ लगाने चाहिए | सौर उर्जा का अधिक-से-अधिक प्रयोग करना चाहिए | वर्षा के पानी को संरक्षित करना चाहिए |

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