Class 9 Political Science || Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज || Working of Institution Notes In Hindi


 

Chapter 4: संस्थाओं का कामकाज

1. संस्थाओं का महत्व

  • संस्थान: सरकार की कार्यप्रणाली और नागरिकों के जीवन पर प्रभाव डालने वाले संगठनों और निकायों का समूह।

  • उद्देश्य: संस्थाओं का मुख्य उद्देश्य प्रभावी शासन, नीति निर्माण, और सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करना होता है।

2. भारतीय संसद

2.1 संरचना
  • लोकसभा:

    • सदस्यों की संख्या: 545 सदस्य।

    • चुनाव: आम चुनावों के माध्यम से चुने जाते हैं।

    • कार्य: विधायिका के प्रमुख कार्यों में कानून बनाना, बजट पारित करना, और सरकार की निगरानी करना शामिल है।

  • राज्यसभा:

    • सदस्यों की संख्या: 245 सदस्य।

    • चुनाव: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा चुने जाते हैं।

    • कार्य: प्रस्तावित विधेयकों पर विचार और समीक्षा, और अन्य विधायिकाओं की मदद करना।

2.2 कार्यप्रणाली
  • संसदीय कार्यवाही: सदन की बैठकें, बहसें, और वोटिंग।

  • कमीटी प्रणाली: विधेयकों और मुद्दों की विस्तृत जांच के लिए विभिन्न समितियाँ बनायी जाती हैं।

3. कार्यपालिका

3.1 राष्ट्रपति
  • भूमिका: भारत के राष्ट्रपति देश के प्रमुख होते हैं और संवैधानिक कार्यों को निभाते हैं।

  • कार्य: कार्यकारी आदेश जारी करना, प्रधानमंत्री और कैबिनेट की नियुक्ति, और अन्य प्रमुख संवैधानिक कर्तव्य।

3.2 प्रधानमंत्री
  • भूमिका: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं और कार्यकारी शाखा की जिम्मेदारी संभालते हैं।

  • कार्य: नीति निर्माण, मंत्रिमंडल की बैठकें, और देश की आंतरिक और बाहरी नीतियों का संचालन।

3.3 मंत्रिमंडल
  • संरचना: विभिन्न मंत्रालयों के मंत्री, जो विशेष क्षेत्रों की जिम्मेदारी संभालते हैं (जैसे गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय)।

  • कार्य: नीति निर्माण, बजट प्रबंधन, और विभिन्न विभागों का प्रशासन।

4. न्यायपालिका

4.1 सुप्रीम कोर्ट
  • संरचना: भारत का सर्वोच्च न्यायालय जिसमें मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश शामिल हैं।

  • कार्य: संविधान की रक्षा, महत्वपूर्ण मामलों का निपटारा, और न्यायिक समीक्षा।

4.2 उच्च न्यायालय
  • संरचना: प्रत्येक राज्य या समूह के लिए उच्च न्यायालय।

  • कार्य: राज्य स्तर पर महत्वपूर्ण मामलों का निपटारा और कानूनी विवादों का समाधान।

4.3 निचली अदालतें
  • संरचना: जिला अदालतें और अन्य निचली अदालतें।

  • कार्य: स्थानीय स्तर पर मामलों का निपटारा, जैसे नागरिक विवाद, आपराधिक मामले आदि।

5. संघीय व्यवस्था

5.1 केंद्रीय और राज्य शक्तियाँ
  • केंद्रीय सरकार: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर कार्य करती है और प्रमुख नीतियों का निर्धारण करती है।

  • राज्य सरकारें: राज्य स्तर पर स्थानीय मुद्दों और नीतियों का प्रबंधन करती हैं।

5.2 शक्ति वितरण
  • संविधान में प्रावधान: संविधान में शक्तियों का वितरण केंद्रीय और राज्य सरकारों के बीच निर्धारित किया गया है।

  • सहयोग और संघर्ष: संघीय व्यवस्था में कभी-कभी केंद्रीय और राज्य सरकारों के बीच सहयोग और संघर्ष होते हैं।

6. संस्थाओं का कामकाज और लोकतंत्र

6.1 जवाबदेही
  • जवाबदेही: सभी सरकारी संस्थाओं को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए और अपने कार्यों का पारदर्शिता से संचालन करना चाहिए।

6.2 पारदर्शिता
  • सूचना का अधिकार: जनता को सरकारी कार्यों और निर्णयों की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार होना चाहिए।

6.3 प्रभावशीलता
  • कार्यप्रणाली: संस्थाओं का प्रभावी ढंग से काम करना सुनिश्चित करना आवश्यक है, ताकि वे समाज के विभिन्न मुद्दों का समाधान कर सकें।

महत्वपूर्ण शब्दावली

  • संसद: एक प्रमुख विधायिका संस्थान जो कानून बनाती है और सरकार की निगरानी करती है।

  • प्रधानमंत्री: कार्यकारी शाखा का प्रमुख, जो नीति निर्माण और मंत्रालयों का प्रशासन करता है।

  • सुप्रीम कोर्ट: सर्वोच्च न्यायालय जो संविधान की रक्षा और महत्वपूर्ण मामलों का निपटारा करता है।

  • संघीय व्यवस्था: सरकार की संरचना जिसमें केंद्रीय और राज्य सरकारें शक्तियाँ साझा करती हैं।

यह अध्याय भारतीय सरकार की प्रमुख संस्थाओं के कामकाज, उनके कार्यप्रणाली, और लोकतंत्र में उनकी भूमिका पर एक व्यापक अवलोकन प्रदान करता है।



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