Class 9 Political Science || Chapter 2 संविधान निर्माण || Constitutional Design Notes In Hindi

 


Chapter 2: संविधान निर्माण

1. संविधान निर्माण का महत्व

  • संविधान किसी भी देश की शासन व्यवस्था, नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों, और सरकारी संस्थानों की संरचना और कार्यप्रणाली को परिभाषित करता है।

  • भारतीय संविधान निर्माण ने स्वतंत्रता के बाद एक स्थिर और लोकतांत्रिक भारत की नींव रखी।

2. भारतीय संविधान निर्माण की पृष्ठभूमि

2.1 स्वतंत्रता संग्राम और संविधान की आवश्यकता
  • स्वतंत्रता संग्राम: ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ने संविधान निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • महात्मा गांधी और अन्य नेताओं: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने एक लोकतांत्रिक और समावेशी संविधान की आवश्यकता को महसूस किया।

2.2 संविधान सभा का गठन
  • स्थापना: संविधान सभा का गठन 1946 में किया गया। इसका उद्देश्य भारतीय संविधान को तैयार करना था।

  • सदस्यों की संख्या: संविधान सभा में 389 सदस्य थे, जो विभिन्न प्रांतों और रियासतों का प्रतिनिधित्व करते थे।

  • अध्यक्ष: डॉ. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया।

3. संविधान निर्माण की प्रक्रिया

3.1 प्रारूप समिति
  • अध्यक्ष: प्रारूप समिति का अध्यक्ष डॉ. भीम राव अंबेडकर को नियुक्त किया गया।

  • कार्य: समिति ने संविधान का प्रारूप तैयार किया जिसमें भारत के विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक दृष्टिकोण को शामिल किया गया।

3.2 प्रस्ताव और विचार-विमर्श
  • संविधान के प्रारूप को संविधान सभा में प्रस्तुत किया गया और उस पर व्यापक चर्चा की गई।

  • विभिन्न समितियों और उपसमितियों ने संविधान के विभिन्न हिस्सों पर विचार-विमर्श किया और आवश्यक संशोधन किए।

3.3 अंगीकरण और कार्यान्वयन
  • अंगीकरण: भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

  • मुख्य विशेषताएँ: भारतीय संविधान एक विस्तृत दस्तावेज़ है जिसमें मौलिक अधिकार, नीति-निर्देशक तत्व, और संघीय संरचना शामिल हैं।

4. संविधान की मुख्य विशेषताएँ

4.1 मौलिक अधिकार
  • उद्देश्य: मौलिक अधिकार नागरिकों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता, समानता, और न्याय प्रदान करते हैं।

  • प्रमुख अधिकार: इनमें स्वतंत्रता के अधिकार, समानता के अधिकार, और सामाजिक और आर्थिक न्याय के अधिकार शामिल हैं।

4.2 संघीय संरचना
  • संघ और राज्य: भारत एक संघीय प्रणाली है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें दोनों शक्तियाँ साझा करती हैं।

  • संविधान में प्रावधान: संविधान संघीय संरचना, केंद्रीय और राज्य शक्तियों का विभाजन, और शक्तियों के विभाजन की व्यवस्था करता है।

4.3 नीति-निर्देशक तत्व
  • उद्देश्य: नीति-निर्देशक तत्व सरकार को सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं।

  • प्रभाव: ये तत्व सरकार की नीतियों और योजनाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

4.4 आपातकालीन प्रावधान
  • प्रकार: संविधान में आपातकालीन प्रावधान होते हैं, जैसे कि राष्ट्रीय आपातकाल, राज्य आपातकाल, और वित्तीय आपातकाल।

  • उद्देश्य: इन प्रावधानों का उद्देश्य संकट की स्थिति में सरकार को विशेष शक्तियाँ प्रदान करना होता है।

5. संविधान का महत्व

5.1 न्याय और समानता
  • संविधान न्याय और समानता की गारंटी देता है, जो समाज में समान अवसर और सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करता है।

5.2 शासन की व्यवस्था
  • संविधान सरकार की संरचना, कार्यप्रणाली, और जिम्मेदारियों को स्पष्ट करता है, जिससे प्रभावी और पारदर्शी शासन सुनिश्चित होता है।

5.3 नागरिकों के अधिकार
  • यह संविधान नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें स्वतंत्रता और न्याय की गारंटी प्रदान करता है।

5.4 सामाजिक और आर्थिक विकास
  • संविधान नीति-निर्देशक तत्वों के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करता है और समाज में सुधार की दिशा में मार्गदर्शन करता है।

6. संविधान के प्रमुख दिग्गज

  • डॉ. भीम राव अंबेडकर: संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष, जिनकी नेतृत्व में संविधान का प्रारूप तैयार किया गया।

  • डॉ. राजेंद्र प्रसाद: संविधान सभा के अध्यक्ष, जिन्होंने संविधान की स्वीकृति और अंगीकरण की प्रक्रिया का नेतृत्व किया।

महत्वपूर्ण शब्दावली:

  • संविधान: एक लिखित दस्तावेज़ जो शासन प्रणाली, नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों को परिभाषित करता है।

  • संविधान सभा: एक संस्था जो संविधान को तैयार करने और अंगीकृत करने का कार्य करती है।

  • मौलिक अधिकार: संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किए गए बुनियादी अधिकार।

  • संघीय संरचना: एक प्रणाली जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें शक्तियों का साझा करती हैं।

  • नीति-निर्देशक तत्व: सरकार को सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करने वाले प्रावधान।

यह अध्याय संविधान निर्माण की प्रक्रिया, उसकी प्रमुख विशेषताओं, और उसके महत्व का विस्तृत अवलोकन प्रदान करता है।



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