Class 9 History || Chapter 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय || Nazism and The Rise of Hitler Notes In Hindi




अध्याय 3: नाज़ीवाद और हिटलर का उदय

1. परिचय

  • प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता के बीच एडोल्फ हिटलर और नाज़ी पार्टी का उदय हुआ।

  • नाज़ीवाद ने जर्मनी और विश्व इतिहास पर गहरा प्रभाव डाला।


2. प्रथम विश्व युद्ध और वाइमर गणराज्य

2.1 प्रथम विश्व युद्ध का प्रभाव

  • 1914-1918 के बीच हुए प्रथम विश्व युद्ध ने जर्मनी को भारी नुकसान पहुंचाया।

  • युद्ध के बाद वर्साय की संधि (1919) में जर्मनी पर कठोर शर्तें लगाई गईं।

2.2 वाइमर गणराज्य का गठन

  • 1919 में वाइमर गणराज्य की स्थापना हुई, जो लोकतांत्रिक था।

  • वाइमर गणराज्य आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और जन असंतोष का सामना कर रहा था।


3. नाज़ी पार्टी और हिटलर का उदय

3.1 नाज़ी पार्टी का गठन

  • नाज़ी पार्टी (नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी) की स्थापना 1919 में हुई।

  • हिटलर ने 1921 में पार्टी की बागडोर संभाली और प्रचारक बन गए।

3.2 हिटलर का प्रचार और विचारधारा

  • हिटलर ने राष्ट्रवाद, यहूदी विरोध, और आर्य श्रेष्ठता के विचारों का प्रचार किया।

  • हिटलर ने 'माईन कैम्फ' (मेरी संघर्ष) पुस्तक लिखी जिसमें उन्होंने अपने विचार रखे।

3.3 नाज़ी पार्टी की लोकप्रियता

  • आर्थिक मंदी (1929) के दौरान नाज़ी पार्टी ने जर्मनों को रोजगार और स्थिरता का वादा किया।

  • नाज़ी पार्टी ने चुनावों में सफलता प्राप्त की और हिटलर 1933 में जर्मनी का चांसलर बन गए।


4. नाज़ी शासन और हिटलर की नीतियाँ

4.1 एकदलीय तानाशाही की स्थापना

  • हिटलर ने राजनीतिक दलों और विरोधियों को समाप्त कर एकदलीय तानाशाही स्थापित की।

  • गेस्टापो (गुप्त पुलिस) और SS (सुरक्षा बल) के माध्यम से लोगों पर नियंत्रण किया।

4.2 अर्थव्यवस्था और समाज

  • हिटलर ने बड़े पैमाने पर सार्वजनिक कार्य परियोजनाओं और सैन्य उद्योगों के माध्यम से बेरोजगारी को कम किया।

  • नाज़ी शासन ने जर्मन युवाओं को नाज़ी विचारधारा में प्रशिक्षित किया।

4.3 यहूदी विरोध और होलोकॉस्ट

  • हिटलर ने यहूदियों को जर्मनी की समस्याओं का कारण ठहराया।

  • नाज़ी शासन ने यहूदियों के खिलाफ कठोर कानून पारित किए और उन्हें एकत्रित कर यातना शिविरों में भेजा।

  • होलोकॉस्ट में लाखों यहूदियों को मारा गया।


5. द्वितीय विश्व युद्ध

5.1 युद्ध की शुरुआत

  • 1939 में जर्मनी के पोलैंड पर आक्रमण के बाद द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई।

  • हिटलर की सेना ने पूरे यूरोप में तेजी से विजय प्राप्त की।

5.2 युद्ध का मोड़

  • 1941 में सोवियत संघ पर आक्रमण और 1941 में पर्ल हार्बर पर जापान के हमले के बाद अमेरिका युद्ध में शामिल हुआ।

  • मित्र देशों (अमेरिका, ब्रिटेन, सोवियत संघ) ने नाज़ी जर्मनी को हराया।

5.3 युद्ध का अंत और हिटलर की मृत्यु

  • 1945 में जर्मनी ने आत्मसमर्पण किया और युद्ध समाप्त हुआ।

  • हिटलर ने बर्लिन में अपने बंकर में आत्महत्या कर ली।


6. नाज़ीवाद का प्रभाव और विरासत

6.1 मानवता पर प्रभाव

  • होलोकॉस्ट और युद्ध के दौरान नाज़ी अत्याचारों ने मानवता को गहरा आघात पहुंचाया।

  • लाखों लोगों की जान गई और व्यापक विनाश हुआ।

6.2 राजनीतिक प्रभाव

  • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र का गठन हुआ ताकि भविष्य में ऐसे युद्धों को रोका जा सके।

  • नाज़ी नेताओं पर नुरेम्बर्ग ट्रायल्स में युद्ध अपराधों के लिए मुकदमा चलाया गया।

6.3 शिक्षा और स्मरण

  • नाज़ीवाद और होलोकॉस्ट की घटनाओं को स्मरण और शिक्षा के माध्यम से जीवित रखा गया ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


महत्वपूर्ण शब्दावली

  • वाइमर गणराज्य: 1919 में स्थापित जर्मन लोकतांत्रिक सरकार।

  • नाज़ी पार्टी: नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी, हिटलर की नेतृत्व वाली पार्टी।

  • माईन कैम्फ: हिटलर की आत्मकथा और राजनीतिक विचारों की पुस्तक।

  • गेस्टापो: नाज़ी जर्मनी की गुप्त पुलिस।

  • एसएस (SS): नाज़ी जर्मनी का सुरक्षा बल।

  • होलोकॉस्ट: यहूदियों और अन्य अल्पसंख्यकों के नाज़ी शासन के दौरान नरसंहार।

यह अध्याय नाज़ीवाद के उदय, हिटलर की नीतियों, द्वितीय विश्व युद्ध, और इसके बाद के प्रभावों का विस्तृत अवलोकन प्रदान करता है।



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