Chapter 5: प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी (Natural Vegetation and Wildlife)
1. प्राकृतिक वनस्पति
प्राकृतिक वनस्पति उन पौधों का समूह है जो किसी क्षेत्र की जलवायु, मृदा, और अन्य भौगोलिक विशेषताओं के अनुसार स्वाभाविक रूप से उगते हैं। भारत में विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति पाई जाती है, जो विभिन्न जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार विकसित होती है।
1.1 वनस्पति की प्रमुख श्रेणियाँ
उष्णकटिबंधीय वर्षा वन
विशेषताएँ: अत्यधिक वर्षा, उच्च आर्द्रता, और गर्म तापमान। इन वनस्पतियों में हरित वनस्पतियाँ और ऊँचाई वाले वृक्ष होते हैं।
प्रमुख वनस्पतियाँ: महोगनी, टीक, साल, और बांस।
प्रमुख क्षेत्र: पश्चिमी घाट, उत्तर-पूर्व भारत, और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह।
उष्णकटिबंधीय शुष्क वन
विशेषताएँ: गर्म और सूखा मौसम, कम वर्षा। इन क्षेत्रों में जड़ी-बूटियाँ, छोटे झाड़, और तंतू वाले पौधे उगते हैं।
प्रमुख वनस्पतियाँ: खेजड़ी, बबूल, और नीम।
प्रमुख क्षेत्र: राजस्थान, गुजरात, और उत्तर-पश्चिम भारत।
उप-उष्णकटिबंधीय वन
विशेषताएँ: गर्मी और ठंडे मौसम के बीच परिवर्तनशीलता, और औसत वर्षा।
प्रमुख वनस्पतियाँ: सागवान, शीशम, और चांदी के पत्ते वाले पौधे।
प्रमुख क्षेत्र: उत्तर भारत, मध्य भारत और पूर्वी भारत के कुछ हिस्से।
मिश्रित वन
विशेषताएँ: शीतोष्ण जलवायु और विविधता की विशेषता। इसमें विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ होती हैं, जैसे कि शंकुधारी और पर्णपाती वृक्ष।
प्रमुख वनस्पतियाँ: देवदार, पाइन, और ओक।
प्रमुख क्षेत्र: हिमालय की तराई क्षेत्र और पश्चिमी घाट के ऊँचे इलाके।
रेगिस्तानी वनस्पति
विशेषताएँ: अत्यधिक शुष्क जलवायु, जिसमें बहुत कम वर्षा होती है।
प्रमुख वनस्पतियाँ: कैक्टस, एलोवेरा, और अन्य सूखा सहन करने वाले पौधे।
प्रमुख क्षेत्र: थार रेगिस्तान और अन्य रेगिस्तानी क्षेत्र।
2. वन्य प्राणी
वन्य प्राणी प्राकृतिक वनस्पति के विभिन्न प्रकारों में निवास करते हैं और उनके जीवन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। भारत में विविध प्रकार के वन्य प्राणी पाये जाते हैं, जो विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और पारिस्थितिकी तंत्र में निवास करते हैं।
2.1 प्रमुख वन्य प्राणी
जंगली जानवर
बाघ: भारत के वन्य प्राणियों में सबसे प्रमुख, विशेष रूप से सुंदरवन, कांची, और नांदी वन क्षेत्रों में।
सिंह: विशेष रूप से गिर वन में पाए जाते हैं।
हाथी: मुख्यतः दक्षिण और पूर्वी भारत के वन क्षेत्रों में रहते हैं।
तेंदुआ: पर्वतीय क्षेत्रों और वन्य जंगलों में पाए जाते हैं।
हरिण और हिरण
सांभर: घनी वनस्पति वाले क्षेत्रों में निवास करते हैं।
चीतल: खुले और वनस्पति वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
उड़ने वाले प्राणी
हवा: विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जलवायु क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
पेलिकन और बगुला: जल स्रोतों के पास पाए जाते हैं, जैसे कि दलदल और झीलों के पास।
सरीसृप और उभयचर
कोबरा और वाइपर: भारत के विभिन्न भागों में पाए जाते हैं।
मेंढ़क: विभिन्न जल स्रोतों और जंगलों में पाए जाते हैं।
3. वन्य प्राणी संरक्षण
3.1 संरक्षण के उपाय
विज्ञापन और जन जागरूकता: वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए जन जागरूकता अभियान और प्रचार।
रिजर्व और पार्क: वन्य प्राणियों के लिए सुरक्षित क्षेत्रों का निर्माण, जैसे कि राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभयारण्य।
कानूनी संरक्षण: वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए कानून और नियमों का कार्यान्वयन।
वनस्पति और पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा: प्राकृतिक आवासों और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा।
3.2 वन्य प्राणी संकट
वनों की कटाई: वनस्पति के नुकसान के कारण वन्य प्राणियों के निवास स्थान का नुकसान।
शिकार और व्यापार: वन्य प्राणियों की तस्करी और अवैध शिकार।
प्रदूषण: जल, वायु, और मृदा प्रदूषण के कारण वन्य प्राणियों की जीवनशैली प्रभावित होती है।
महत्वपूर्ण शब्दावली
प्राकृतिक वनस्पति: स्वाभाविक रूप से उगने वाले पौधों का समूह जो किसी क्षेत्र की जलवायु और मृदा पर निर्भर होता है।
वन्य प्राणी: स्वच्छंद रूप से वन्य क्षेत्रों में निवास करने वाले जीव-जंतु।
संरक्षण: वन्य प्राणियों और वनस्पतियों के जीवन और आवास की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम।
रिजर्व और पार्क: वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए निर्धारित विशेष क्षेत्रों का निर्माण।
यह अध्याय भारत की प्राकृतिक वनस्पति और वन्य प्राणियों, उनके निवास स्थान, और संरक्षण के उपायों को समझने में मदद करता है।