Class 9 Geography || Chapter 4 जलवायु || Climate Notes In Hindi


 

Chapter 4: जलवायु (Climate)

1. जलवायु का परिचय

  • जलवायु: किसी क्षेत्र की लंबी अवधि के मौसम की औसत स्थिति को जलवायु कहते हैं। यह वर्षभर के तापमान, वर्षा, आर्द्रता, और हवा की दिशा को शामिल करता है।

  • मौसम: मौसम एक छोटी अवधि के लिए, जैसे कि एक दिन या एक सप्ताह के लिए, मौसम की स्थिति को दर्शाता है।

2. भारत की जलवायु

भारत की जलवायु विविधतापूर्ण है और मुख्यतः चार प्रमुख प्रकार की जलवायु में विभाजित की जा सकती है:

2.1 उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु
  • विशेषताएँ: इस जलवायु में गर्मियों के दौरान उच्च तापमान और मानसून के मौसम में भारी वर्षा होती है।

  • प्रमुख क्षेत्र: उत्तर-पूर्व भारत, पश्चिमी तट और गंगा घाटी।

  • वर्षा: मानसून के दौरान वर्षा, जो आमतौर पर जून से सितंबर तक होती है।

2.2 उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु
  • विशेषताएँ: गर्मियों में गर्म और सूखा, जबकि सर्दियों में ठंडा और शुष्क।

  • प्रमुख क्षेत्र: उत्तर-पश्चिम भारत, जैसे राजस्थान और गुजरात।

  • वर्षा: वर्षा की मात्रा कम होती है और वर्षा मुख्यतः मानसून के दौरान होती है।

2.3 अर्ध-शुष्क और शुष्क जलवायु
  • विशेषताएँ: अत्यधिक गर्म और सूखा मौसम, कम वर्षा और उच्च तापमान।

  • प्रमुख क्षेत्र: थार रेगिस्तान और अन्य रेगिस्तानी क्षेत्र।

  • वर्षा: वर्षा की कमी और असमान वितरण।

2.4 समुद्री जलवायु
  • विशेषताएँ: स्थिर और समान तापमान, मौसम की कमी और अधिक आर्द्रता।

  • प्रमुख क्षेत्र: पश्चिमी तट और आइलैंड्स, जैसे लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार।

  • वर्षा: स्थिर और समान वितरण।

3. भारतीय मानसून

3.1 मानसून की विशेषताएँ
  • उष्णकटिबंधीय मानसून: भारत के मानसून की विशेषताएँ गरमियों में उच्च तापमान और भारी वर्षा शामिल हैं।

  • पूर्वी और पश्चिमी मानसून: भारतीय मानसून दो मुख्य भागों में बंटा होता है - दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्तर-पूर्व मानसून।

3.2 मानसून की अवधि
  • साउथ-वेस्ट मानसून: आमतौर पर जून से सितंबर तक भारत के अधिकांश हिस्सों में वर्षा लाता है।

  • उत्तर-पूर्व मानसून: दक्षिण भारत के पूर्वी तट पर अक्टूबर से दिसंबर तक वर्षा लाता है।

3.3 मानसून के प्रभाव
  • कृषि: भारत की कृषि मानसून पर अत्यधिक निर्भर करती है, और वर्षा की मात्रा फसल उत्पादन को प्रभावित करती है।

  • जल संसाधन: मानसून जल स्रोतों को भरता है और जलवायु को प्रभावित करता है।

4. जलवायु निर्धारण कारक

4.1 अक्षांश
  • अक्षांश का प्रभाव: अक्षांश (latitude) क्षेत्र के तापमान और जलवायु को प्रभावित करता है। ऊँचाई पर तापमान कम होता है और जलवायु ठंडी होती है।

4.2 समुद्र की निकटता
  • समुद्री प्रभाव: समुद्र के निकट होने से तापमान की उतार-चढ़ाव की सीमा कम हो जाती है और आर्द्रता बढ़ जाती है।

4.3 समुद्री धाराएँ
  • धाराओं का प्रभाव: समुद्री धाराएँ जलवायु को प्रभावित करती हैं। जैसे कि उत्तर-पश्चिमी धाराएँ ठंडी होती हैं और गर्म धाराएँ तापमान बढ़ा सकती हैं।

4.4 पर्वत श्रृंखलाएँ
  • पर्वतों का प्रभाव: पर्वत श्रृंखलाएँ जलवायु को प्रभावित करती हैं, जैसे पश्चिमी घाट मानसून की वर्षा को नियंत्रित करते हैं और हिमालय शीतलता को नियंत्रित करता है।

5. जलवायु के प्रभाव

5.1 कृषि
  • फसल विविधता: विभिन्न प्रकार की जलवायु विभिन्न प्रकार की फसलें उगाने में मदद करती है। जैसे, उष्णकटिबंधीय जलवायु में चावल, जबकि सूखा क्षेत्र में गेहूँ और ज्वार।

5.2 वनस्पति
  • वनस्पति की विविधता: जलवायु वनस्पति की वृद्धि और विविधता को प्रभावित करती है। जैसे, उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में अधिक विविधता और घनी वनस्पति होती है।

5.3 मानव जीवन
  • स्वास्थ्य और जीवनशैली: जलवायु स्वास्थ्य और जीवनशैली को प्रभावित करती है। गर्म और शुष्क जलवायु में विशेष प्रकार की बीमारियाँ और जीवनशैली होती है।

6. जलवायु परिवर्तन

6.1 जलवायु परिवर्तन के कारण
  • मानव गतिविधियाँ: औद्योगिकीकरण, वनों की कटाई, और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन जलवायु परिवर्तन के प्रमुख कारण हैं।

  • प्राकृतिक कारक: वायुमंडलीय परिवर्तन, सूर्य की गतिविधियाँ, और भौगोलिक परिवर्तन भी जलवायु परिवर्तन में योगदान करते हैं।

6.2 प्रभाव
  • प्राकृतिक आपदाएँ: जलवायु परिवर्तन बाढ़, सूखा, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ा सकता है।

  • पर्यावरणीय प्रभाव: ग्लेशियरों का पिघलना, समुद्र स्तर में वृद्धि, और वनस्पति और वन्यजीवों का संकट।

6.3 समाधान
  • जलवायु परिवर्तन निवारण: ऊर्जा संरक्षण, वनों का संरक्षण, और सस्टेनेबल प्रथाएँ अपनाकर जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण शब्दावली

  • जलवायु: किसी क्षेत्र की लंबी अवधि के मौसम की औसत स्थिति।

  • मानसून: एक मौसम प्रणाली जो भारी वर्षा और तापमान में बदलाव लाती है।

  • अक्षांश: भूमध्यरेखा से उत्तरी या दक्षिणी दिशा में किसी बिंदु की स्थिति।

  • समुद्री धाराएँ: महासागरों में पानी की प्रवाह की धाराएँ, जो जलवायु को प्रभावित करती हैं।

यह अध्याय भारत की जलवायु, उसके प्रमुख प्रकार, जलवायु निर्धारण कारक, और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझने में मदद करता है।



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