class 11th chapter-2 भारतीय संविधान में अधिकार IMPORTANT QUESTION

 1. मौलिक अधिकार से आप क्या समझते है ?

Ans. मौलिक अधिकार वह अधिकार होते है जो किसी भी नागरिक को संविधान द्वारा प्राप्त होते है !

2. भारतीय संविधान में कौन-कौन से मौलिक अधिकार प्रदान किय गए है ?

Ans. भारतीय संविधान में छ: मौलिक अधिकार की व्याख्या की गई है :-

I. समता का अधिकार अनुच्छेद 14 से 18 तक

II. स्वंतन्त्रता का अधिकार अनुच्छेद 19 से 22 तक

III. शोषण के विरुद्ध अधिकार अनुच्छेद 23 और 24

IV. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 25 से 28 तक

V. संस्कृति और शैक्षिक अधिकार अनुच्छेद 29 और 30

VI. संवैधानिक उपचारों का अधिकार अनुच्छेद 32

3. समता के अधिकार से आप क्या समझते है ?

Ans. समता के अधिकार से अभिप्राय है की सभी लोगो को कानून के समझ समानता, धर्म, जाति,लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव की मनाही और रोजगार में अवसर की समानता तथा पदवियो का अंत और छुआछुत की मनही से है !

4. स्वतंत्रता के अधिकार से आप क्या समझते है ?

· भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

· शांतिपूर्ण ढंग से जमा होने और सभा करने की स्वतंत्रता

· भारत में कही भी आने जाने की स्वतंत्रता

· भारत के किसी भी भाग में बसने और रहने की स्वतंत्रता

· कोई भी पेशा चुनने और व्यापार करने की स्वतंत्रता

5. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार से आप क्या समझते है ?

Ans. धार्मिक स्वतंत्रता का अर्थ है की आस्था और प्रार्थना करने के आजादी, धर्म का प्रचार प्रसार करने की स्वतंत्रता, तथा किसी भी धर्म को अपनाने की स्वतंत्रता और धार्मिक मामलो के प्रबन्धन और धार्मिक संस्थाओ में धार्मिक निर्देश देने की स्वतंत्रता है !

6. राज्य के नीति निर्देशक तत्वों को परिभाषित कीजिये ?

Ans. वह अधिकार जो नागरिको को मौलिक अधिकार के अलावा प्राप्त है तथा यह अधिकार राज्यों द्वारा दिया गया है जिस राज्य के नीति निर्देशक तत्व कहा जाता है जिसके लागु न होने पर न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती ! जैसे न्यूतम मजदूरी

Q.7 मौलिक अधिकार की सुरक्षा के लिए न्यायपालिका की भूमिका का वर्णन करे ?
ANS. मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए न्यायपालिका द्वरा पांच प्रकार के रिट जरी किये जाते है
1.बंदी प्रत्यक्षीकरण :- बंदी प्रत्यक्षीकरण के द्वरा न्यायालय किसी गिरफ्तार व्यक्ति को न्यायालय के सामने प्रस्तुत करने का
आदेश देता है यदि गिरफ्तारी का तरीका अथवा कारण गैर कानूनी है तो न्यायालय उस व्यक्ति को छोड़ने
का देता है !
2.परमादेश :- जब न्यायालय को लगता है की कोई सावर्जनिक पदाधिकारी अपने कानून तथा सवेधानिक दायित्व का पालन नहीं
कर रहा है जिसके कारण किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकार प्रभावित हो तो वह यह आदेश देता है.
3.निषेध-आदेश :- जब कोई निचली अदालत अपने अधिकार झेत्र का अतिक्रमण करके किसी मुक़दमे की सुनवाई करती है तो
ऊपरी अदालत (उच्च न्यायालय या सर्वाच्च न्यायालय) उसे ऐसा करने से रोकने हेतु निषेध आदेश जारी करता
है
4. अधिकार पृच्छा :- जब न्यायालय को लगता है की कोई ऐसे पद पर आसीन हो गया है जिस पर उसका कोई कानूनी अधिकार
नही है तब न्यायालय द्वरा अधिकार पृच्छा के माध्यम से उसे कार्य करने से रोक दिया जाता है
5. उत्प्रेरछा रिट :- जब कोई निचली अदालत अथवा सरकारी अधिकारी बगैर अधिकार के कोई कार्य करता है तो न्यायालय उसके
सामने विचारधीन मामले को उससे लेकर इस रिट द्वरा ऊपरी अदालत अथवा अधिकारी को हस्तान्तरित कर
दिया जाता है

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Q.8 मौलिक अधिकार तथा राज्य के निति निर्देशक तत्व के मध्य अंतर को लिखिए? ANS. मौलिक अधिकार तथा राज्य के निति निर्देशक तत्व में निम्नलिखित अंतर है

मौलिक अधिकार निति निर्देशक तत्व
1.मौलिक अधिकार तथा निति निर्देशक तत्व दोनों एक 1. .मौलिक अधिकार तथा निति निर्देशक तत्व दोनों
एक दुसरे के पूरक होते है दुसरे के पूरक होते है
2.मौलिक अधिकार के हनन पर व्यक्ति को न्यायलय में 2.निति निर्देशक तत्व के हनन पर व्यक्ति को
अपील करने का अधिकार है न्यायलय में अपील करने का अधिकार नही है
3.मौलिक अधिकार सविधान द्वरा दिए गए है 3.निति निर्देशक तत्व व्यक्ति को राज्य द्वरा दिए गये
4.मौलिक अधिकार सिमित है 4.निति निर्देशक तत्व असीमित है
5.मौलिक अधिकार व्यक्ति के अधिकारों को संरक्षित करता 5.निति निर्देशक तत्व पूर्ण समाज के हित की
है बात करता है

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