1. वैश्वीकरण से क्या अभिप्राय है ?
वैश्वीकरण से अभिप्राय है की विश्व के देशो का सामाजिक,आर्थिक,राजनीतिक मेल-मिलाप अर्थात व्यक्ति ,वस्तु, विचार,पूंची का एक देश से दुसरे देशो से मुक्त प्रवाह !
2. विश्वव्यापी “पारस्परिक जुड़ाव” क्या है ? इसके कौन-कौन से घटक है !
विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव का अर्थ है विश्व के विभिन्न भाग का परस्पर एक दुसरे के बहुत नजदीक आना ! संचार संसाधनों के विकास के साथ यह भावना और अधिक तीव्र हुई है टेलीग्राफ,टेलीफोन और माइक्रोसॉफ्ट के नवीनतम अविष्कारों ने विभिन्न भागो के बीच संचार की क्रांति ला दी है ! छपाई व् मुद्रण ने भी बिश्व के विभिन्न भागो में रहने वाले लोगो को परस्पर जोड़ा है ! जिसके कारण आज पुरे विश्व में पारस्परिक जुडाव देखा जा सकता है !
3. विश्व के मैक-डॉनल्डीकरण से आप क्या समझते है ?
मैक-डॉनल्डीकरण से अभिप्राय है की वैश्वीकरण के बहाने विश्व पर पश्चिमी सभ्यता का विस्तार करना है जैसे विश्व में बर्गर तथा नीली जींस की लोकप्रियता बढती जा रही है और पूरा विश्व वैसे ही बनता जा रहा है जैसा अमेरिकी सांस्कृतिक जीवन शैली बनाना चाहती हो !
4. वैश्वीकरण के आर्थिक, राजनीतिक तथा सांस्कृतिक प्रभावों का वर्णन कीजिये ?
वैश्वीकरण का आर्थिक प्रभाव :-
· · सकारात्मक प्रभाव :-
· वैश्वीकरण के कारण अब धनी देशो के निवेशकर्ता अपना धन अपने देश के अलावा दुसरे देशो में भी लगते है जिससे पूंजी प्रवाह में वृद्धि हुई है !
· वैश्वीकरण के कारण पूरे विश्व में वस्तुओ के व्यापार में वृद्धि हुई है तथा रोजगार के अवसर बढे है !
· वैश्वीकरण के कारण लोगो के जीवन स्तर में सुधार आया है तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है
· वैश्वीकरण से आज संचार के साधनों जैसे इन्टरनेट ,टीवी कंप्यूटर का विकास हुआ है
· · नकरात्मक प्रभाव :-
· वैश्विकरण से पूंजी प्रवाह में वृद्धि हुई लेकिन लोगो के आवाजाही में वृद्धि नहीं हुई है क्योकि विकसित व धनी देश वीजा नीति के द्वारा अपनी राष्ट्रीय सीमओं पर अंकुश रखते है !
· वैश्वीकरण से राज्य एवं सरकार लोग कल्याणकारी नीतियों पर कम ध्यान दे रही है
· वैश्वीकरण से आज पूरे विश्व में बहुराष्ट्रीय निगमों का दबदबा देखा जा सकता है
· वैश्वीकरण से पिछड़े एवं गरीब देशो का शोषण हुआ है क्योकि बड़े राष्ट्र इनको तकनीक प्रदान करने में मनमानी करते है
वैश्वीकरण का राजनीतिक प्रभाव :-
· · सकारात्मक प्रभाव :-
· वैश्वीकरण के फलस्वरूप अब राज्यों के पास अत्याधुनिक तकनीक मौजूद है जिसके बल पर राज्य अपने नागरिको के बारे में अधिक से अधिक आंकड़े व सूचनाएं एकत्रित करके प्रभावी ढंग से कार्य कर सकते है
· वैश्वीकरण के कारण व्यापार व यातायात में वृद्धि हुई है जिससे राज्यों के अपने नागरिको को उनकी आवश्यकताओ की पूर्ति करने में सुविधा हुई है
· आपसी सहयोग से आतंकवाद पर अंकुश संभव हुआ है
· · नकारात्मक प्रभाव :-
· कल्याणकारी राज्य का स्थान उदारवादी राज्य ने ले लिया है
· वैश्वीकरण के कारण राज्य के न्यूनतम हस्तक्षेप से लोक-कल्याणकारी नीतियो में कमी आई है
· बहुराष्ट्रीय नियमो के कारण राज्य की विदेश नीति भी प्रभावित हुई है
वैश्वीकरण के सांस्कृतिक प्रभाव :-
· · सकारात्मक प्रभाव :-
· वैश्वीकरण के कारण हर देश की संस्कृति में परिवर्तन देखने को मिला है विदेशी संस्कृति के मेल से लोगो की पसंदों में वृद्धि हुई है
· वेशभूषा में परिवर्तन देखने को मिला है
· मेल-मिलाप से खाद्यय वस्तुओ पर प्रभाव देखने को मिलता है जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर आदि
· · नकरात्मक प्रभाव :-
· वैश्वीकरण के कारण विश्व संस्कृति के नाम पर पश्चिमी संस्कृति को थोपा जा रहा है
· वैश्वीकरण के कारण विश्व की समृद्ध संस्कृति धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है लोग अपनी संस्कृति को छोड़कर पश्चिमी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे है
· युवा पीढ़ी में तनाव देखने को मिलता है वह संस्कृति एवं सभ्यता को लेकर तनाव का सामना करते है जिससे नैतिकता में कमी आई है
5. वैश्वीकरण ने भारत को कैसे प्रभावित किया है और भारत कैसे वैश्वीकरण को प्रभावित कर रहा है ? वर्णन कीजिये !
वैश्वीकरण का भारत पर प्रभाव :-
· वैश्वीकरण के कारण भारत ने 1991 में निजीकरण एवं उदारीकरण की नीति अपनाई जिसके अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रो पर लगी बाधाएं हटाई गई
· वैश्वीकरण के कारण अधिकांश विकसित देश भारत को एक बड़ी मंडी के रूप में देखते है इसलिए यहाँ के लोगो को आकर्षित करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते है तथा यहां अपनी पूंची का निवेश करते है
· अनेक भारतीय लोगो ने वैश्वीकरण के कारण अपनी आजीविका को बेहतर बनाने के लिए विदेशो में बसना शुरू कर दिया है
· वैश्वीकरण के कारण यूरोप व अमेरिका की पश्चिमी सभ्यता भारत में तेजी से फ़ैल रही है जैसे नीली जींस, कोका –कोला, पिज़्ज़ा, बर्गर आदि
· वैश्वीकरण से भारत का आधुनिकरण हुआ है और लोगो के जीवन स्तर में सुधर हुआ है !
· · भारत का वैश्वीकरण पर प्रभाव :-
· भारत में उपलब्ध सस्ते श्रम ने विश्व के लोगो को अपनी और आकर्षित किया है
· भारत ने कंप्यूटर व सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में विश्व में अहम भूमिका निभाई है
· भारत ने प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व के विकासशील व पिछड़े देशो को प्रभावित किया है
· भारत से अधिक से अधिक लोग विदेश में जाकर अपनी संस्कृति एवं रीती-रिवाज को बढ़ावा दिया है
6. सांस्कृतिक समरूपता और सांस्कृतिक विभिन्नता में क्या अंतर है ?
सांस्कृतिक समरूपता :- सांस्कृतिक समरूपता से अभिप्राय है की वैश्वीकरण के कारण विभिन्न देशो की संस्कृतियों को मिलाकर एक विश्व संस्कृति को जन्म देना है !
सांस्कृतिक विभिन्नता :- सांस्कृतिक विभिन्नता से अभिप्राय है की वैश्वीकरण के कारण हर संस्कृति पहले से कही ज्यदा अलग और विशिष्ट होती जा रही है !