Chapter-6 International Organisations IMPORTANT QUESTION

 1. हमें अन्तर्राष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?

· अन्तर्राष्ट्रीय संगठन ही विश्व के देशो में सहयोग व मेल-मिलाप को बढ़ावा दे सकते है !

· अन्तर्राष्ट्रीय संगठन ही विश्व के देशो के आपसी विवाद को हल करके शांति स्थापित कर सकते है तथा युद्ध को रोक सकते है !

· विश्व के देशो को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास करने के लिए !

· अन्तर्राष्ट्रीय संगठन ही चुनौतीपूर्ण मसलो जैसे वैश्विक तापवृद्धि, महामारी, आतंकवाद आदि का समाधान प्रभावी ढंग से ढूंढ सकते है !

· अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक धुर्वीय विश्व में अमरीका और उसके सहयोगी राष्ट्रों पर अंकुश लगाने के लिए !

2. सुरक्षा परिषद क्या है ? इसकी रचना और कार्यो का वर्णन कीजिये ?

Ans. सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र संघ का सबसे महत्वपूर्ण अंग है जिसके सदस्य देशो की संख्या 15 है जिसमे से 5 स्थाई सदस्य और 10 अस्थाई सदस्य है तथा स्थाई सदस्यों जिनमे अमरीका, चीन , फ्रांस, ब्रिटेन और रूस के पास वीटो शक्ति है जबकि इसके अस्थाई सदस्यों का चुनाव 2 वर्ष के लिए महासभा द्वारा किया जाता है !

सुरक्षा परिषद् के कार्य :-

· विश्व में शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना

· अन्तर्राष्ट्रीय झगड़ो का निपटारा करना तथा जरूरत पड़ने पर सैनिक कार्यवाही करना

· संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव की नियुक्ति के सम्बन्ध में निर्णय लेना

· यदि कोई देश किसी अन्य देश पर आक्रमण करता है तो सुरक्षा परिषद् उसके विरुद्ध आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबन्ध लगा सकती है

· सुरक्षा परिषद् के 10 अस्थाई सदस्यों की नियुक्ति का निर्णय लेना

· नए सदस्यों को शामिल करने तथा उनको निष्कासित करने से सम्बन्धित निर्णय लेना

3. संयुक्त राष्ट्र संघ की उपलब्धियाँ का वर्णन करो ?

· संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व शांति को बनाये रखने,युद्ध को रोकने तथा महाशक्तियो के बीच टकराव को कम करने में कुछ हद तक सफलता हासिल की है !

· राजनीतिक सफलता :- संयुक्त राष्ट्र संघ ने अनेक अन्तर्राष्ट्रीय विवादों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिनमे रूस-ईरान विवाद, कोरिया समस्या,कांगो संकट ,स्वेज नहर का संकट आदि !

· नि-शस्त्रीकरण :- नि-शस्त्रीकरण का अर्थ है अस्त्र-शस्त्र पर नियन्त्रण करना अर्थात हथियारों पर अंकुश लगाना संयुक्त राष्ट्र संघ ने नि-शस्त्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए इससे सम्बन्धित समय –समय पर प्रयास और सम्मेलन का आयोजन किया है !

· संयुक्त राष्ट्र संघ के फलस्वरूप ही महासभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया की बाहरी अन्तरिक्ष का प्रयोग केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जायेगा !

· अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग :- संयुक्त राष्ट्र ने विश्व के देशो को एक ऐसा मंच प्रदान किया है जहाँ अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं पर विचार-विमर्श होता है !

· संयुक्त राष्ट्र ने विभिन्न देशो के बीच राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक , वैज्ञानिक क्षेत्रो में सहयोग को बढ़ावा दिया है !

4. सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थाई सदस्यता के पक्ष में तर्क दीजिये ?

· भारत सुरक्षा परिषद् के मापदंडो पर खड़ा उतरा है इसी कारण वह सुरक्षा परिषद् में स्थाई सदस्यता की मांग करता है जिसके निम्न कारण है :-

· भारत अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी आर्थिक शक्ति बनकर उभरा है !

· भारत परमाणु शक्ति सम्पन्न एक बड़ी सैन्य ताकत है

· भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का आरम्भ से ही सदस्य है और नियमित रूप से संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में अपना योगदान देता रहा है !

· भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है और यह मानव अधिकारों का सम्मान करता है !

· भारत विश्व में सबसे बड़ी आबादी वाला दूसरा देश है तथा क्षेत्रफल की दृष्टी से बड़े देशो में से एक है

· भारत अपने भोगोलिक अर्थव्यवस्था और संस्कृति में विविधता का प्रतिनिधित्व करता है !

5. सुरक्षा परिषद् में सुधारो की मांग क्यों की जा रही है ?

· सुरक्षा परिषद् संयुक्त राष्ट्र संघ का महत्वपूर्ण तथा शक्तिशाली अंग है !अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का पूरा दायित्व सुरक्षा परिषद् को दिया गया है ! जिसके कारण अनके देशो द्वारा इसमें सुधार की मांग की जाती है जो निम्न है :-

· सदस्य संख्या में वृद्धि :- सुरक्षा परिषद् को अधिक लोकतान्त्रिक बनाने के लिए इसकी सदस्य संख्या में बढ़ोतरी की जानी चाहिए जिसमे स्थाई सदस्य की संख्या 5 से बढाकर 15 तथा अस्थाई सदस्य की संख्या 15 से बढाकर 24 की जानी चाहिए !

· वीटो की समाप्ति :- सुरक्षा परिषद् की कार्यप्रणाली को व्यवस्थित करने के लिए इनके स्थाई सदस्यों की वीटो शक्ति को समाप्त करना चाहिए ताकि सबको एक समना सदस्यता प्राप्त हो सके !

· महासभा के प्रति जवाबदेह :- सुरक्षा परिषद् को अधिक से अधिक महासभा के प्रति जवाबदेह बनाया जाना चाहिए !

· सुरक्षा परिषद के कार्यो में वृद्धि :- अभी तक सुरक्षा परिषद् को केवल राजनीतिक कार्य ही दिए जाते है जिससे इसके सदस्यों में हमेशा मतभेद होता है अत: इसमें सहयोग की भावना को बढ़ावा देने के लिए इसे आर्थिक और सामाजिक कार्य भी दिए जाने चाहिए !

6. संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की भूमिका का वर्णन कीजिये ?

भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रारम्भिक सदस्य है और इसे विष विश्व शांति के लिए महत्वपूर्ण संस्था मानता है ! संयुक्त राष्ट्र के उद्देशो की पूर्ति के लिए भारत का योगदान निम्न है :-

· भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ :- भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के लिए संन-फ्रांसिस्को सम्मेलन में भाग लिया और चार्टर पर हस्ताक्षर करके वह इसका प्राम्भिक सदस्य बना गया ! भारत की सिफारिश पर चार्टर में मानवाधिकार और मौलिक स्वतंत्रता को बिना किसी भेदभाव के अनुसार जोड़ा गया !

· अन्तर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा की स्थापना :- भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के महत्वपूर्ण उद्देश्य विश्व शांति एवं सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ! भारत ने शांति प्रयास के लिए अपनी शांति सेनाओं को कोरिया समस्या,स्वेज नहर की समस्या, और कांगो संकट में अपनी शांति सेना भेजी है !

· रंगभेद की नीति का विरोध :-भारत ने रंगभेद की नीति को विश्व शांति के लिए खतरा माना है इसलिए यह इसका विरोध अफ्रीका और एशिया में करता है !

· नि-शस्त्रीकरण का प्रयास :- भारत ने सदेव नि-शस्त्रीकरण की नीति का पालन किया है और इसका मानना है की अणु शक्ति का प्रयोग केवल मानव कल्याण के लिए किया जाना चाहिए न की अपने बल प्रयोग के लिए !

· मानवधिकार की रक्षा :- भारत ने संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर मानवाधिकार की रक्षा के प्रयास किया है ताकि विश्व में शांति की स्थापना की जा सके !

· पर्यावरण की रक्षा हेतु प्रयास :- भारत ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित पर्यावरण रक्षा से संबंधित सम्मेलन में भाग लिया और पर्यावरण के लिए जागरूकता अभियान में उसके साथ मिलकर कार्य किया है ताकि विश्व स्तर पर पर्यावरण का संरक्षण किया जा सके !

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