CHAPATER -4 Alternative Centers of Power IMPORTANT QUESTION

 1. क्षेत्रीय संगठनों को बनाने क्या उद्देश्य क्या है ?

· क्षेत्रीय देशो के लोगो का कल्याण और जीवन स्तर में गुणवत्ता लाने के लिए !

· सामूहिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने तथा एक दुसरे के साथ सहयोग करने के लिए !

· आर्थिक,सामाजिक,सांस्कृतिक,तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्र में आपसी सहयोग में वृद्धि करने के लिए !

· एक-दुसरे की समस्याओं के लिए आपसी विश्वास तथा समन्यव बनाये रखने के लिए !

· शांति व सुरक्षा को बढ़ावा देने तथा अन्य अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों से आपसी सहयोग के लिए !

2. यूरोपीय संघ को बनाने के लिए उठाये गए उचित कदमो की व्याख्या कीजिये ?

· मार्शल योजना :- मार्शल योजना के तहत यूरोपीय राज्यों ने आर्थिक पुन:निर्माण करने के लिए 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना की गई !

· उतर अटलांटिक संधि संगठन(NATO) :-यूरोपीय देशो की सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए नाटो का गठन 1949 में किया गया ताकि यूरोपीय देशो के सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके !

· यूरोपीय कोयला एवं इस्पात समुदाय :- यूरोपीय देशो ने 1951 में फ़्रांस के विदेश मंत्री के सुक्षाव पर यूरोपीय कोयला एवं इस्पात समुदाय का गठन किया ! इस सुमदाय का मुख्य कार्य सदस्य राष्ट्रों के कोयला एवं इस्पात के उत्पादन और वितरण पर नियंत्रण रखना और इसके मार्ग में आने वाली बाधा को दूर करना था !

· यूरोपीय आर्थिक समुदाय (1957) :- यूरोपीय समुदाय के राज्यों के मध्य सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देने के लिए यूरोपीय आर्थिक समुदय का निर्माण किया गया !

· यूरोपीय समुदाय :- 1967 में यूरोपीय देशो के मध्य हुए सभी पूर्व में संपन्न समझौतों या संधियों को मिलाकर यूरोपीय समुदाय का गठन किया गया !

· यूरोपीय संसद का निर्माण :- 1973 में डेनमार्क,आयरलैंड तथा ब्रिटेन के सदस्य बनाने के बाद यूरोपीय समुदाय को राजनीतक स्वरूप की दिशा देने के लिए यूरोपीय संसद का निर्माण किया गया और इसका 1979 में इसका पहला प्रत्यक्ष चुनाव करवाया गया !

· यूरोपीय संघ :- जर्मनी के एकीकरण तथा सोवियत संघ के विघटन के बाद विश्व के बदलते परिवेश में 1992 में संधि के मध्यम से यूरोपीय संघ का गठन किया गया !

3. यूरोपीय संघ को शक्तिशाली क्षेत्रीय संगठन बनाने वाले कारको का वर्णन कीजिये ?

· यूरोपीय संघ को शक्तिशाली संगठन इसलिए कहा जाता है क्योकि यह एक बहुत पुराना संगठन है और इसकी आर्थिक ,राजनीतीक और सैनिक प्रभाव अन्य संगठन की तुलना में अधिक है :-

· आर्थिक प्रभाव :- १.) 2005 में यूरोपीय संघ विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी जिसका सकल घरेलू उत्पाद 12000 अरब डॉलर से भी अधिक है जो अमेरिका से लगभग ज्यादा है !

२) यूरोपीय संघ की मुद्रा यूरो अमेरिका की मुद्रा डॉलर के लिए खतरा बन सकती है

३ ) विश्व व्यापार में यूरोपीय संघ की हिस्सेदारी अमेरिका से तीन गुणा ज्यादा है जिससे वह व्यापारिक विवादों पर अपना पक्ष रख सकता है

· राजनीतिक महत्व :- विश्व राजनीती में यूरोपीय संघ का महत्वपूर्ण स्थान है क्योकि संयुक्त राष्ट्र संघ में यूरोपीय संघ का देश फ़्रांस उसका स्थाई सदस्य है और कई देश सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य है !

· सामान राजनीतिक रूप :-यूरोपीय संघ ने आर्थिक सहयोग के साथ-साथ राजनीतिक रूप भी ले लिया है इसका अपना एक झंडा ,राष्ट्रगान , स्थापना दिवस ,मुद्रा व विदेश और सुरक्षा निति है !

· सैनिक प्रभाव :- १ ) यूरोपीय संघ के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है जो अमेरिका के बाद विश्व में दुसरे स्थान पर है इसका रक्षा बजट अमेरिका के बाद दुसरे स्थान पर है !

२ ) यूरोपीय संघ के सदस्य देश फ्रांस के पास परमाणु हथियार है तथा इसके कई देशो के पास आधुनिक हथियारों का भंडारण है

३ ) विज्ञान और संचार प्रोद्योगिकी में भी यूरोपीय संघ दुसरे स्थान पर है !

· यूरोपीय संघ की सहयोग नीति :-यूरोपीय संघ की सहयोग और मेल-मिलाप की नीति के कारण पश्चिमी यूरोप के देशो ने एक दुसरे की मदद की जिसके कारण यूरोपीय संघ का प्रभाव बढ़ा है और इसमें नये सदस्य शामिल हुए है

4. आसियान शैली से क्या अभिप्राय है ?

Ans. आसियान के सदस्य देशो द्वारा अनौपचारिक टकरावरहित ,सहयोगात्मक ,मेल-मिलाप द्वारा कार्य करने की पद्धति को आसियान शैली कहा जाता है !

5. आसियान की स्थापना के प्रमुख उद्देश्य क्या है ?

Ans. आर्थिक विकास के लिए तथा क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के पांच देशो इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड ने मिलकर 1967 में आसियान की स्थापना की जिसका मुख्य उद्देश्य है :-

Ø इस क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा को आपसी सहयोग से स्थापित करना !

Ø आर्थिक विकास को बढावा देना तथा इसके साथ-साथ सामाजिक व सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देना !

Ø इस क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए साझा बाजार स्थापित करना !

Ø संयुक्त राष्ट्र संघ के दायरे में रहकर कानून के शासन को बढ़ावा देना

Ø आपसी सहयोग से विभिन्न साझी समस्याओं जैसे आतंकवाद,पर्यावरण,गरीबी,बेरोजगारी आदि का हल ढूढना !

6. आसियान समुदाय के प्रमुख स्तम्भों का वर्णन कीजिये ?

Ans. आसियान विश्व का तेजी से आर्थिक प्रगति करने वाले समूहों में से एक है 2003 में इसमें अपने उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु अपने संगठन में तीन स्तंभों को आधार बनाया :-

Ø आसियान सुरक्षा समुदाय :-इसका उद्देश्य है की क्षेत्रीय विवादों को सैनिक टकराव में बदलने से रोकना ! आसियान देशो में शांति , निष्पक्षता, सहयोग और सम्प्रभुता के अधिकारों का सम्मान करना !

Ø आसियान आर्थिक समुदाय :- इस समुदाय का उद्देश्य है की इस क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए साक्षा बाजार तथा उत्पाद तैयार करना , आर्थिक विवादों को निपटाना, मौजूदा व्यवस्था में सुधार लाना !

Ø आसियान सामाजिक,सांस्कृतिक समुदाय :- इस समुदाय का उद्देश्य है की आसियान देशो के बीच मतभेद की जगह बातचीत और सहयोग को बढ़ावा देना, आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक-सांस्कृतिक विकास प्राप्त करना !

7. चीन की आर्थिक अर्थव्यवस्था का वर्णन करो जिससे 1970 के बाद चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था में नीतिगत परिवर्तन लाये?

अथवा

आज की चीनी अर्थव्यवस्था नियंत्रित अर्थव्यवस्था से किस प्रकार भिन्न है ?

Ans. 1970 के दशक के बाद चीन ने अपनी विदेश नीति में परिवर्तन कर अपनी समाजवादी अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देने के लिए चीन ने समाजवादी और पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का मिश्रण कर अपना विकास का मोडल को अपनाया !

Ø एकांतवास की नीति :- 1972 में चीन ने राजनीतिक तथा आर्थिक एकांतवास की नीति को समाप्त कर अमरीका के साथ अपने सम्बन्ध स्थापित किये !

Ø आधुनिकीकरण :- 1973 में चीन के प्रधानमंत्री चाऊ इन लाई ने कृषि,सेना,और विज्ञान प्रोद्योगिकी में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को आरम्भ किया गया

Ø खुले द्वार की नीति :- 1978 में चीन द्वारा खुले द्वार की नीति को अपनाया गया जिसके माध्यम से विदेशी पूंजी के निवेश के अवसर चीन में शुरू हुए !

Ø कृषि का निजीकरण :- 1982 में चीन ने कृषि का निजीकरण कर दिया जिससे कृषि के क्षेत्र में अधिक वृद्धि देखने को मिली !

Ø उद्द्योगो का निजीकरण :- 1998 चीन द्वारा उद्द्योगो को बढ़ावा देने के लिए इसका निजीकरण कर दिया गया और इसी के साथ चीन ने sez (special economic zone) को अपनाया ताकि इन क्षेत्रो में उद्द्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके !

Ø विश्व व्यापार संगठन :- 2001 में चीन ने विश्व व्यापार संगठन की सदस्यता ग्रहण की जिससे इसने अपने व्यापारिक संबंधो को अन्य देशो के लिए खोल दिया जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला !

8. भारत और चीन के बीच विवाद के कारणों का वर्णन करो ?

Ans. भारत और चीन दोनों पड़ोसी देश है लेकिन फिर भी दोनों देशो के मध्य कुछ ऐसे मुद्दे है जिससे दोनों के बीच तनाव की स्थति उत्पन्न होती है :-

Ø सीमा विवाद :- 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण कर भारत के एक विस्तृत भू-भाग पर अपना अधिकार कर लिया जिसे चीन आज भी अपना क्षेत्र का भाग बदलाता है जिसको लेकर दोनों देशो के बीच मदभेद देखने को मिलता है !

Ø मैकमोहन रेखा :- मैकमोहन रेखा दोनों देशो के बीच सीमा का निर्धारण करती है 1914 में भारत –चीन- तिब्बत के प्रतिनीधियों ने एक सम्मेलन द्वारा इसका निर्धारण किया गया लेकिन चीन ने इसको मानने से इनकार कर दिया और यह आज भी विवाद का एक मुद्दा है !

Ø चीन द्वारा पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करवाना :- चीन ने सदा ही पाकिस्तान को हथियारों की पूर्ति करता है इस सम्बन्ध में भारत ने कईबार चीन का विरोध किया क्योंकि पाकिस्तान इन हथियारों का प्रयोग भारत के खिलाफ करता है !

Ø तिब्बत विवाद :- तिब्बत को चीन अपना राज्य मानता है और इस पर वह अपना प्रभुत्व बताता है और इसी कारण भारत द्वारा तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा को भारत में शरण देने से चीन ने भारत का विरोध किया !

Ø भारत के पडोसी देशो में चीन की गतिविधियाँ :- भारत के पडोसी देशो में चीन की बढती गतिविधियाँ भी भारत के खिलाफ माना जाता है क्योंकि इसके माध्यम से चीन भारत को घेरने की कोशिश कर सकता है !

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