Class 9 Science Chapter 3 परमाणु एवं अणु (Atoms and Molecules) Notes In Hindi

 अध्याय - 3

परमाणु एवं अणु

❇️ रासायनिक संयोजन के नियम :-

🔹 किन्हीं दो या उससे अधिक पदार्थों के बीच रासायनिक अभिक्रिया कुछ सिद्धान्तों पर आधारित होती है । इन सिद्धान्तों को रासायनिक संयोजन के नियम कहते हैं ।

❇️ रासायनिक संयोजन के नियम :-

  • द्रव्यमान संरक्षण का नियम
  • स्थिर अनुपात का नियम

🔶 द्रव्यमान संरक्षण का नियम :-

🔹 इस नियम के अनुसार , ” द्रव्यमान का उदय या विनाश संभव नहीं है । किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान पदार्थों के द्रव्यमान का जोड़ उस अभिक्रिया के उत्पादों के द्रव्यमानों के जोड़े के बराबर होगा । 

🔶 स्थिर अनुपात का नियम :-

🔹 इस नियमानुसार कोई शुद्ध रासायनिक यौगिक सदैव उन्हीं तत्वों से निर्मित होगा जिनसे वह मिलकर निर्मित हुआ है , तथा इन तत्वों के द्रव्यमान का अनुपात सदैव समान होगा , फिर चाहे यह यौगिक किसी भी स्थान से प्राप्त किया गया हो अथवा निर्माण किसी भी पद्धति द्वारा किया गया हो ।

❇️ डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त :-

🔹 रासायनिक संयोजन के नियम पर आधारित डॉल्टन के परमाणु सिद्धान्त , ‘ द्रव्यमान संरक्षण का नियम ‘ तथा ‘ स्थिर अनुपात के नियम ‘ को सिद्ध करता है ।

❇️ डॉल्टन के परमाणु सिद्धान्त के महत्वपूर्ण अंश :-

  • सभी द्रव्य परमाणुओं से निर्मित होते हैं । 
  • परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो उत्पन्न होते हैं न ही उनका इसमें विनाश होता है । ( यह अंश द्रव्यमान संरक्षण के नियम को सिद्ध करता है ) 
  • दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं । 
  • भिन्न – भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न – भिन्न होते हैं । 
  • भिन्न – भिन्न तत्वों परमाणु परस्पर छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक का निर्माण करते हैं । ( यह अंश स्थिर अनुपात के नियम को सिद्ध करता है ) 
  • किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एक प्रकार से निश्चित होती हैं ।

❇️ परमाणु :-

🔹 आधुनिक परमाणु सिद्धान्त के अनुसार परमाणु किसी भी तत्व का वह सूक्ष्मतम भाग है जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में बिना अपने रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों को बदले , उस अभिक्रिया में प्रयुक्त होता है । 

🔹 परमाणु तत्व के सूक्ष्मतम भाग है जिन्हें किसी भी शक्तिशाली सूक्ष्मदर्शी से भी देखा नहीं जा सकता ।

❇️ परमाणु त्रिज्या का मापन :-

🔹 परमाणु त्रिज्या नैनोमीटर में मापी जाती है।

  • 10-⁹ m = 1nm 
  • 1m = 10⁹ nm

❇️ परमाणु द्रव्यमान :-

🔹 किसी भी तत्व के एक परमाणु का द्रव्यमान उसका परमाणु द्रव्यमान कहलाता है ।

🔹  वर्ष 1961 में IUPAC ने ” परमाणु द्रव्यमान की इकाई ” या ” u ” को परमाणुओं के द्रव्यमान का मापक माना ।

❇️ परमाणु द्रव्यमान की इकाई :-

🔹 एक परमाणु द्रव्यमान की इकाई का द्रव्यमान एक C¹² समस्थानिक के 1 / 12 वें हिस्से के द्रव्यमान के बराबर होता है ।

❇️ परमाणु किस प्रकार अस्तित्व में रहते हैं :-

🔹 ज्यादातर तत्वों के परमाणु अत्यधिक अभिक्रियाशील होने के कारण कभी भी मुक्तावस्था में नहीं पाए जाते । केवल निष्क्रिय गैसों के परमाणु ही मुक्तावस्था में पाए जाते हैं ।

❇️ अणु :-

🔹 किसी अणु का निर्माण दो या उससे अधिक परमाणुओं के बीच रासायनिक बंध उत्पन्न होने के कारण होता है । 

🔹 अणु , ( तत्वों को छोड़ ) किसी भी पदार्थ की वह सूक्ष्मतम इकाई है । जो स्वतंत्र रूप से रह सकता है और यह उस पदार्थ के सारे गुणधर्मों को प्रदर्शित कर सकता है जैसे की , H₂0 अणु जल के सम्पूर्ण गुणधर्मों को प्रदर्शित करता है । 

🔹  किसी भी अणु का निर्माण एक ही तरह के परमाणु या भिन्न – भिन्न प्रकार के परमाणुओं के बीच रासायनिक बंध होने के कारण हो सकता है ।

❇️ परमाणुकता :-

🔹 किसी एक अणु में उपस्थित परमाणुओं की संख्या को परमाणुकता कहते हैं ।

❇️ रासायनिक सूत्र :-

🔹 किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र उसके संघटक का प्रतीकात्मक निरूपण होता है । 

❇️ रासायनिक सूत्र की विशेषताएँ :-

🔹 रासायनिक सूत्र के संघटकों की संयोजकताएँ या आवेश बराबर होने चाहिए । 

🔹 धातु एवं अधातु के यौगिक की रासायनिक सूत्र की संरचना में धातु को पहले लिखा जाता है में तथा अधातु को उसके बाद ।

🔹 बहुपरमाणविक आयन के रासायनिक सूत्र में आने की स्थिति में , इस आयन को ब्रेकिट में रखा जाता है । फिर संयोजक अथवा आवेश को ब्रेकिट के नीचे लगाते हैं ।

❇️ रासायनिक सूत्र लिखने के नियम :-

  • सबसे पहले तत्वों के परमाणुओं के चिह्नों को लिखा जाता है । 
  • अब इन चिह्नों के नीचे इनकी संयोजकताओं को लिखा जाता है । 
  • अब संयोजित परमाणुओं की संयोजकताओं को क्रास करते हैं । 
  • परिणामस्वरूप पहला परमाणु दूसरे परमाणु की संयोजकता ग्रहण करता है तथा दूसरा परमाणु पहले वाले परमाणु की संयोजकता को ग्रहण करता है । 
  • संयोजकताओं को क्रास करके रासायनिक सूत्र तैयार हो जाता है ।

❇️ आणविक द्रव्यमान :-

🔹 किसी भी एक अणु में उपस्थित परमाणुओं के द्रव्यमानों के जोड़ को आणविक द्रव्यमान कहा जाता है । परमाणु द्रव्यमान की भाँति इसका मात्रक भी परमाणु की द्रव्यमान इकाई ही होता है ।

❇️ सूत्र इकाई द्रव्यमान :-

🔹 किसी पदार्थ का सूत्र इकाई द्रव्यमान उसके सभी संघटक परमाणुओं के परमाणु द्रव्यमानों का योग होता है ।

❇️ सूत्र द्रव्यमान एवं आणविक द्रव्यमान में अंतर :-

🔹 सूत्र द्रव्यमान एवं आणविक द्रव्यमान में केवल अंतर यही है कि यहाँ पर हम उस पदार्थ के सूत्र इकाई द्रव्यमान का उपयोग करते हैं , जिसके संघटक आयन होते हैं ।

❇️ आयन :-

🔹 आयन एक परमाणु या परमाणुओं का समूह होता है जिस पर कुछ आवेश ( धनात्मक आयन या ऋणात्मक ) अवश्य उपस्थित रहता है । 

  • धनावेशित आयन – Na⁺, K⁺ , Ca²+, Al³+
  • ऋणावेशित आयन– CI⁻ , S²⁻ , OH⁻ , SO₄²⁻

❇️ मोल- संकल्पना :-

🔹 किसी स्पीशीज ( परमाणु , अणु , आयन अथवा कण ) के एक मोल में मात्राओं की वह संख्या है जो ग्राम में उसके परमाणु अथवा आण्विक द्रव्यमान के बराबर होती है । किसी पदार्थ के एक मोल में कणों की संख्या निश्चित होती है जिसका मान 6.022×10²³ होता है ।

❇️ मोलर द्रव्यमान :-

🔹  मोलर द्रव्यमान किसी भी पदार्थ के एक मोल कणों के द्रव्यमानों का जोड़ होता है ।

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