Chapter - 9
शासक और विभिन्न इतिवृत (Rulers and various chronicles)
2 अंकों के उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1. 16 वा शताब्दी के आरंभ में भारत की राजनीतिक स्थिति कैसी थी ?
उत्तर- 16 वीं शताब्दी के आरंभ में भारत की राजनीतिक स्थिति अत्यंत शोचनीय थी । उस समय भारत अनेक छोटे - छोटे राज्यों में विभाजित था । इन राज्यों में सत्ता के लिए परस्पर लड़ाइयाँ चलती रहती थीं । परिणामस्वरूप वे बहुत कमज़ोर हो गए थे ।
प्रश्न 2. बाबर के आक्रमण के समय दिल्ली का सुल्तान कौन था और वह किस वंश से संबंध रखता था ?
उत्तर—(i) बाबर के आक्रमण के समय दिल्ली का सुल्तान इब्राहीम था।
( ii ) वह लोदी वंश से संबंध रखता था ।
प्रश्न 3. बाबर का जन्म कब तथा कहा हुआ था ?
उत्तर- बाबर का जन्म 14 फरवरी , 1483 ई ० को फरगना की राजधानी अंदीजान में हुआ था ।
प्रश्न 4. उजबेक कौन थे ?उनका नेता कौन था?
उत्तर- ( 1 ) उज़बेक मध्य एशिया की एक लड़ाकू जाति थी ।
(ii) उनका नेता शैबानी ख़ां था।
प्रश्न 5. बाबर फरगना का शासक कब बना तथा उसने काबुल को कब विजित किया था ?
उत्तर—(i) बाबर फरगना का शासक 1494 ईस्वी में बना था।
( ii ) उसने 1504 ई ० में काबुल को विजित किया था ।
प्रश्न 6. बाबर के भारत पर आक्रमण के दो उद्देश्य बताइए ।
उत्तर– ( i ) बाबर भारत में अपने लिए एक स्थाई साम्राज्य की स्थापना करना चाहता था ।
( ii ) वह भारत की अपार दौलत प्राप्त करना चाहता था ।
प्रश्न 7. सर्वशक्तिमान अल्लाह की कृपा और दया से यह कठिन काम मेरे लिए आसान हो गया और आधे ही दिन में वह शक्तिशाली सेना नष्ट कर दी गई । यह शब्द किसके द्वारा व किस अवसर पर कहे गये थे ?
उत्तर —ये शब्द बाबर द्वारा पानीपत की प्रथम लड़ाई में विजय के पश्चात् कहे गए थे ।
प्रश्न 8. पानीपत की प्रथम लड़ाई कब तथा किसके मध्य हुई थी?
उत्तर – ( i ) पानीपत की प्रथम लड़ाई 21 अप्रैल , 1526 ई ० को हुई थी ।
( ii ) यह लड़ाई बाबर और इब्राहीम लोदी के मध्य लड़ी गई थी ।
प्रश्न 9. पानीपत की प्रथम लड़ाई कब तथा किसके मध्य लड़ी गई थी ? इसमें किसकी विजय हुई ?
उत्तर- ( i ) पानीपत की प्रथम लड़ाई 21 अप्रैल , 1526 ई ० को बाबर तथा इब्राहीम लोदी के मध्य लड़ा गई ।
( ii ) इसमें बाबर की विजय हुई थी ।
प्रश्न 10. पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर की विजय के क्या कारण थे ?
उत्तर- ( 1 ) बाबर एक योग्य सेनापति था ।
( ii ) इब्राहीम लोदी अपनी प्रजा में बहुत बदनाम था ।
प्रश्न 11. पानीपत की पहली लड़ाई के क्या परिणाम निकले ?
उत्तर - ( i ) भारत में लोदी वंश का अंत हो गया ।
( ii ) भारत में मुगल वंश की स्थापना हुई ।
प्रश्न 12. भारत में मुगल वंश की स्थापना किसने तथा कब की थी ?
उत्तर —भारत में मुगल वंश की स्थापना बाबर ने 1526 ई ० में की थी ।
प्रश्न 13 कनवाह का युद्ध कब और किस किस के बीच लड़ा गया था ?
उत्तर— कनवाह का युद्ध 1527 ई ० में बाबर एवं राणा साँगा के मध्य लड़ा गया था ।
प्रश्न 14. कनवाह के युद्ध के दो परिणामों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर- ( 1 ) इस युद्ध में पराजय से राजपूतों की शक्ति को गहरा आघात लगा ।
( ii ) इस युद्ध में विजय से बाबर के लिए भारत में स्थायी मुगल साम्राज्य की स्थापना का कार्य सरल हो गया ।
प्रश्न 15. जिहाद शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए ।जिहाद शब्द की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर – जिहाद शब्द का अर्थ है धार्मिक युद्ध मुस्लिम आक्रमणकारियों ने जब भी भारत पर आक्रमण किया तो उन्होंने सदैव जिहाद का नारा लगाया । इसका उद्देश्य मुस्लिम सैनिकों में उत्साह भरना था । बाबर ने राणा सांगा के विरुद्ध हुई लड़ाई को जिहाद का नाम दिया था ।
प्रश्न 16. जोहर से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- जौहर से अभिप्राय उस प्रथा से था जो राजपूत स्त्रियाँ दुश्मनों से अपने सतीत्व की रक्षा के लिए सामूहिक रूप से चिता में जलकर अपने प्राणों की आहुति दिया करती थीं ।
प्रश्न 17. बाबर के भारत आगमन का क्या महत्त्व था ? .
उत्तर- ( i ) उसने भारत में एक नई युद्ध पद्धति का सूत्रपात किया ।
( ii ) उसने फिरोज तुगलक की मृत्यु के बाद कम होती जा रही थी।
प्रश्न 18.बाबर की आत्मकथा का क्या नाम था ?
उत्तर- ( i ) बाबर की आत्मकथा का नाम तुजक - ए - बाबरी था ।
( ii ) यह तुर्की भाषा में लिखी गई थी ।
( iii ) भारत में मुग़ल वंश की स्थापना से भारत के सांस्कृतिक विकास को नया प्रोत्साहन मिला ।
प्रश्न 18. बाबर की आत्मकथा का नाम बताओ । यह किस भाषा में लिखी गई थी ?
उत्तर—(i) बाबर की आत्मकथा का नाम तुजक–ए–बाबरी था।
(ii) यह तुर्की भाषा में लिखी गई थी।
प्रश्न 19. हुमायूं कब सिंहासन पर बैठा? उसके किन्हीं दो भाइयों के नाम बताएं।
उत्तर—( 1 ) हुमायूँ 1530 ई ० में सिंहासन पर बैठा ।
( 2 ) उसके दो भाइयों के नाम कामरान तथा असकरी थे ।
20. हुमायू की किन्ही दो कठिनाइयों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर— ( 1 ) हुमायू के भाइयों ने उसे सहयोग न दिया ।
( ii ) गुजरात के शासक बहादुरशाह ने उसे चैन की साँस न लेने दी ।
प्रश्न 21. हुमायू तथा शेर खां के मध्य दो निर्णायक लड़ाइयाँ कब तथा कहाँ हुई ?
उत्तर— हुमायू तथा शेर खाँ के मध्य दो निर्णायक लड़ाइयाँ 1539 ई ० में चौसा के स्थान पर तथा 1540 ई ० में कन्नौज में हुई।
प्रश्न 23. शेर खां ने शेरशाह की उपाधि कब तथा किस युद्ध को जीतने के बाद धारण की ?
उत्तर- शेर खाँ ने शेरशाह की उपाधि 1539 ई ० में चौसा के युद्ध को जीतने के बाद धारण की ।
प्रश्न 24. हुमायूँ की असफलता के दो कारण लिखिए ।
उत्तर- ( i ) हुमायूँ ने अपने साम्राज्य को अपने भाइयों में बाँट दिया था ।
( ii ) हुमायूँ अपने सभी कार्य अधूरे ही छोड़ देता था ।
प्रश्न 25. हुमायूँ के चरित्र के कोई दो दोष बताएं ।
उत्तर – ( i ) वह रंगरलियाँ मनाने का बहुत शौकीन था ।
( ii ) वह अपने सभी कार्य अधूरे ही छोड़ देता था ।
प्रश्न 26. हुमायूँ को भारत क्यों छोड़ना पड़ा ?
उत्तर- ( i ) हुमायूँ के भाइयों ने उसके लिए अनेक समस्याएँ उत्पन्न कर दी थीं ।
( ii ) शेरशाह सूरी ने हुमायूँ को चौसा एवं कन्नौज की लड़ाइयों में पराजित कर दिया था ।
प्रश्न 27. शेरशाह सूरी का मूल नाम क्या था ? उसका शासनकाल बताएँ ।
उत्तर- ( i ) शेरशाह सूरी का मूल नाम फरीद था ।
( ii ) उसने 1540 ई ० से 1545 ई ० तक शासन किया ।
प्रश्न 28. हुमायूँ को पराजित करने के पश्चात् शेरशाह की दो विजयें लिखिए ।
उत्तर- ( i ) पंजाब की विजय 1541 ई ० ।
( ii ) कालिंजर की विजय 1545 ई ० ।
प्रश्न 29. शेरशाह सूरी ने अपने साम्राज्य को कितने भागों में बाटा हुआ था ?
उत्तर- शेरशाह सूरी ने अपने साम्राज्य की 66 सरकारों में बाँटा हुआ था ।
प्रश्न 30. शेरशाह सूरी के भू - राजस्व प्रबंध की दो मुख्य विशेषताएं बताएँ ।
उत्तर- ( i ) उसने समस्त कृषि योग्य भूमि की पैमाइश करवाई ।
( ii ) उसने किसानों को सुविधानुसार भू - राजस्व नकद अथवा फ़सल के रूप में देने को कहा ।
प्रश्न 31. पट्टा शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- शेरशाह सूरी ने किसानों को पट्टा देने की प्रथा आरंभ की थी । इसके अनुसार प्रत्येक किसान द्वारा कई होता था । किसी भी अधिकारी को किसानों से अधिक भू - राजस्व वसूल करने का अधिकार न था ।
प्रश्न 32. शेरशाह सूरी द्वारा बनवाई गई दो प्रसिद्ध सड़कों के नाम बताएँ ।
उत्तर- शेरशाह सूरी द्वारा बनवाई गई दो प्रसिद्ध सड़कें- प्रथम जी ० टी ० रोड जो कलकत्ता ( कोलकाता ) मे पेशावर तक जाती थी तथा दूसरी लाहौर से मुल्तान तक जाती थी ।
प्रश्न 33 , शेरशाह सूरी ने वाणिज्य - व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कौन - से कदम उठाए ?
उत्तर – ( i ) उसने साम्राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थापना की ।
( ii ) उसने अनेक सड़कों एवं सरायों का निर्माण करवाया ।
( iii ) उसने मुद्रा प्रणाली में महत्त्वपूर्ण सुधार किए ।
प्रश्न 34. डाक - चौकी से आप क्या जानते हैं ?
उत्तर – शेरशाह सूरी ने अपने साम्राज्य में जो 1700 सराएँ स्थापित की थीं वे डाक - चौकियों का कार्य करती थीं । यहाँ बुड़सवारों द्वारा डाक को साम्राज्य के एक भाग से दूसरे भाग तक ले जाया जाता था । इससे शेरशाह सूरी संपूर्ण साम्राज्य पर कड़ा नियंत्रण रख सका ।
प्रश्न 35. शेरशाह सूरी के दो सैनिक सुधार बताए ।
उत्तर – ( i ) उसने सेना में कड़ा अनुशासन लागू किया ।
( ii ) उसने घोड़ों को दागने एवं सैनिकों का हुलिया रखने की प्रथा चलाई ।
प्रश्न 36. चेहरा का अर्थ स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- चेहरा का अर्थ है हुलिया दर्ज करना । शेरशाह सूरी के शासनकाल में प्रत्येक सैनिक का नाम , उसके पिता का नाम , उसका गाँव तथा उसके शरीर पर किसी विशेष चिह्न आदि ब्योरा दर्ज किया जाता था । अतः कोई सैनिक सरकार के साथ धोखा नहीं कर सकता था ।
प्रश्न 37. दाग शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – दाग का अर्थ है पहचान चिह्न अंकित करना । शेरशाह सूरी के समय घोड़ों को दाग दिया जाता था ताकि सैनिक घटिया किस्म के घोड़े से बढ़िया किस्म का घोड़ा न बदल सकें ।
प्रश्न 38. शेरशाह सूरी को अकबर का अग्रवर्ती क्यों कहा जाता है ?
उत्तर- ( i ) शेरशाह सूरी की भाँति अकबर ने भू - राजस्व सुधार लागू किए ।
( ii ) शेरशाह सूरी की भाँति अकबर ने जन कल्याण कार्यक्रमों को लागू किया ।
प्रश्न 39.शेरशाह सूरी का मकबरा कहां स्थित है?
उत्तर – शेरशाह सूरी का मकबरा सहसराम ( बिहार ) में स्थित है ।
प्रश्न 40. हुमायूँ ने किसे पराजित कर दिल्ली पर कब अधिकार कर लिया था ?
उत्तर- हुमायूँ ने सिकंदर शाह सूरी को पराजित कर 1555 ई ० में दिल्ली पर अधिकार कर लिया था ।
प्रश्न 41. हुमायूँ की मृत्यु कब हुई ? उसका मकबरा कहाँ स्थित है ?
उत्तर—(i) हुमायूं की मृत्यु जनवरी, 1556 ई o में हुई।
( ii ) उसका मकबरा दिल्ली में स्थित है ।
प्रश्न 42. अकबर का जन्म कब तथा कहाँ हुआ ?
उत्तर—अकबर का जन्म 15 अक्टूबर, 1542 ईo में अमरकोट में हुआ।
प्रश्न 43. अकबर के माता - पिता का नाम लिखें ।
उत्तर- ( 1 ) अकबर की माता का नाम हमीदा बानो बेगम था । ( ii ) उसके पिता का नाम हुमायूँ था ।
प्रश्न 44. मुग़ल साम्राज्य का सर्वाधिक प्रसिद्ध एवं शक्तिशाली शासक कौन था ? उसका शासनकाल क्या था ?
उत्तर— ( i) मुग़ल साम्राज्य का सर्वाधिक प्रसिद्ध एवं शक्तिशाली शासक अकबर था ।
(ii) उसने 1556 ई o से 1605 ई o तक शासन किया।
प्रश्न 45. अकबर को राज्याभिषेक कब , कहाँ और किसने किया ?
उत्तर- अकबर का राज्याभिषेक 1556 ई ० में पंजाब के कलानौर नामक स्थान पर बैरम खाँ ने किया ।
प्रश्न 46. पानीपत की द्वितीय लड़ाई कब तथा किस - किस के बीच लड़ी गई ?.
उत्तर- पानीपत की द्वितीय लड़ाई 5 नवंबर , 1556 ई ० को अकबर तथा हेमू के बीच लड़ी गई थी ।
प्रश्न 47. पानीपत के दूसरे युद्ध के कोई दो परिणाम लिखिए ।
उत्तर - ( 1 ) इस लड़ाई के परिणामस्वरूप अकबर ने भारत में मुग़ल साम्राज्य की पुनः स्थापना की ।
( ii ) भारत में अफ़गानों की शक्ति को गहरा धक्का लगा ।
प्रश्न 48. बैरम खां कौन था ?
उत्तर- बैरम खाँ अकबर का संरक्षक एवं प्रधानमंत्री था । उसका प्रभाव 1556 ई ० से 1560 ई ० तक रहा ।
प्रश्न 49. बैरम खाँ के पतन के दो कारण लिखिए ।
उत्तर- ( i ) उसने तारदी बेग की हत्या करवा दी थी ।
( ii ) उसका अकबर के साथ मतभेद हो गया था ।
प्रश्न 50. अकबर ने मालवा को कब विजित किया ? उस समय वहाँ का शासक कौन था ?
उत्तर- ( i ) अकबर ने मालवा को 1562 ई ० में विजित किया था ।
( ii ) उस समय वहाँ का शासक बाज बहादुर था ।
प्रश्न 51. अकबर द्वारा राजपूतों के विजित किन्हीं दो प्रसिद्ध प्रदेशों के नाम बताएँ ।
उत्तर- अकबर द्वारा राजपूतों के विजित दो प्रसिद्ध प्रदेशों के नाम चित्तौड़ एवं रणथंभौर थे ।
प्रश्न 52. मेवाड़ की राजधानी का क्या नाम था ? अकबर ने इस पर कब अधिकार किया था ?
उत्तर- ( i ) मेवाड़ की राजधानी का नाम चित्तौड़ था ।
( ii ) अकबर ने इस पर 1572 ई ० में अधिकार किया था ।
प्रश्न 53. हल्दीघाटी का युद्ध कब और किसके मध्य हुआ ?
उत्तर- हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून , 1576 ई ० को मुगलों और राजपूतों के मध्य हुआ ।
प्रश्न 54. अकबर और महाराणा प्रताप के मध्य लड़ाई कहा हुई? इस लड़ाई में किसकी पराजय हुई?
उत्तर- ( i ) अकबर और महाराणा प्रताप के मध्य लड़ाई हल्दीघाटी में हुई ।
( ii ) इस लड़ाई में महाराणा प्रताप की पराजय हुई ।
प्रश्न 55. महाराणा प्रताप कौन था ?
उत्तर— महाराणा प्रताप मेवाड़ का शासक था । उसने 1572 ई ० से 1597 ई ० तक शासन किया । महाराणा प्रताप एवं अकबर के मध्य हल्दीघाटी की लड़ाई 18 जून , 1576 ई ० को हुई थी । इसमें अकबर की विजय एवं महाराणा प्रताप की पराजय हुई थी । इसके बावजूद महाराणा प्रताप ने अकबर की अधीनता को अंत तक स्वीकार नहीं किया था।
प्रश्न 56. गुजरात क्यों प्रसिद्ध था ? अकबर ने इस पर कब अधिकार किया था ?
उत्तर ( 1 ) गुजरात अपनी उपजाऊ भूमि , अच्छी बंदरगाहों एवं आयात निर्यात के प्रसिद्ध केंद्र के रूप में ) प्रसिद्ध था ।
( ii ) अकबर ने इस पर 1572-73 ई ० में अधिकार किया था ।
प्रश्न 57. अकबर के समय बंगाल एवं बिहार का शासक कौन था ? अकबर ने इन्हें कब मुगल में सम्मिलित किया था ?
उत्तर- ( 1 ) अकबर के समय बंगाल एवं बिहार का शासक दाऊद खाँ था ।
( ii ) इन्हें 1576 ई ० में मुगल साम्राज्य में सम्मिलित किया गया था ।
प्रश्न 58. अकबर के समय काबुल शासक कौन था ? अकबर ने इस पर कब अधिकार किया।
उत्तर —( 1 ) अकबर के समय काबुल का शासक मिर्जा हकीम था ।
( ii ) अकबर ने इस पर 1585 ई ० में अधिकार किया था ।
प्रश्न 59. खुतबा शब्द की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर - खुतबा शब्द का अर्थ है वफ़ादारी का प्रतिज्ञा पत्र । इसे अधीनता स्वीकार करने वाले शासक जीतने खुदा से दुआ करेंगे तथा उसके नाम से शासन चलाएँगे । वाले शासक के नाम से पढ़ते थे । इसमें वे इस बात की घोषणा करते थे कि वे अपने संरक्षक की बेहतरी के लिए खुदा करेंगे तथा उसके नाम से शासन चलाएंगे।
प्रश्न 60. अकबर की दक्षिण नीति के कोई दो उद्देश्य लिखो ।
उत्तर- ( i ) वह अपने साम्राज्य का विस्तार करना चाहता था ।
( ii ) वह दक्षिण में पुर्तगालियों के बढ़ रहे प्रभाव को समाप्त करना चाहता था ।
प्रश्न 61. दक्षिण की किस रियासत ने सबसे पहले अकबर की अधीनता स्वीकार की थी ? उस समय इस पर किसका शासन था ?
उत्तर- ( i ) दक्षिण की खानदेश रियासत ने सबसे पहले मुग़लों की अधीनता स्वीकार की थी ।
( ii ) उस समय इस पर अली खाँ का शासन था ।
प्रश्न 62. चांद बीबी कौन थी ?
उत्तर— चाँद बीबी बीजापुर की रानी और अहमदनगर के सुल्तान बुरहान - उल - मुल्क की बहन थी ।
प्रश्न 63. चाँद बीबी ने मुगलों के साथ कौन - सी संधि कब की ? इसके अनुसार कौन - सा क्षेत्र मुगलों को देना स्वीकार किया?
उत्तर- ( i ) चाँद बीबी ने मुग़लों के साथ सूपा की संधि 1596 ई ० में की ।
( ii ) इसके अनुसार उसने बरार का क्षेत्र मुगलों को देना स्वीकार किया ।
प्रश्न 64. अकबर ने अहमदनगर एवं खानदेश पर कब विजय प्राप्त की ?
उत्तर —अकबर ने अहमदनगर पर 1600 ई ० तथा खानदेश पर 1601 ई ० में विजय प्राप्त की ।
प्रश्न 65. अकबर द्वारा दक्षिण में बनाए गए तीन प्रांतों के नाम लिखें ।
उत्तर- अकबर ने दक्षिण में बरार , अहमदनगर एवं खानदेश नामक तीन प्राँत बनाए ।
प्रश्न 66. मलिक अंबर कौन था?
उत्तर - मलिक अंबर अहमदनगर राज्य का सबसे योग्य वजीर था । उसने अहमदनगर राज्य को शक्तिशाली बनाने में उल्लेखनीय योगदान दिया।
प्रश्न 67. अकबर ने राजपूतों के प्रति नई नीति क्यों अपनाई ? कोई दो कारण बताएँ ।
उत्तर- ( i ) अकबर राजपूतों के सहयोग से एक विशाल साम्राज्य स्थापित करना चाहता था ।
( ii ) यदि अकबर राजपूतों से शत्रुता मोल लेता तो उन्होंने दो - धारी तलवार की भाँति मुगल साम्राज्य की जड़ों को काट देना था ।
प्रश्न 68. अकबर की राजपूत नीति की कोई दो विशेषताएं बताएँ ।
उत्तर- ( i ) अकबर ने राजपूतों के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित किए ।
( ii ) अकबर ने राजपूतों को प्रशासन के उच्च पदों पर नियुक्त किया ।
प्रश्न 69. अकबर ने सर्वप्रथम किस राजपूत राजकुमारी के साथ विवाह तथा कब किया था?
उत्तर- ( i ) अकबर ने सर्वप्रथम विवाह अंबर के राजपूत शासक भारमल कछवाह की पुत्री के साथ किया था ।
( ii ) उसने यह विवाह 1562 ई ० में किया था ।
प्रश्न 70 , अकबर की अधीनता स्वीकार करने वाली चार राजपूत रियासतों के नाम लिखिए ।
उत्तर – अकबर की अधीनता स्वीकार करने वाली चार राजपूत रियासतों के नाम मालवा , जयपुर , जोधपुर एवं रणथंभौर थे ।
प्रश्न 71. अकबर ने हिंदुओं पर लगे कौन - से दो करों को कब समाप्त किया था ?
उत्तर- अकबर ने हिंदुओं पर लगे तीर्थ यात्रा कर को 1563 ई ० में तथा जजिया कर को 1564 ई ० में समाप्त कर दिया था ।
3 अंकों के उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 72. जज़िया से क्या भाव था ? अकबर ने इसे कब समाप्त किया था ?
उत्तर – ( 1 ) जजिया एक धार्मिक कर था जो गैर - मुसलमानों से वसूल किया जाता था ।
( ii ) अकबर ने इसे 1564 ई ० में समाप्त कर दिया था ।
प्रश्न 73. अकबर ने जजिया कर को क्यों समाप्त कर दिया ? दो कारण लिखिए ।
उत्तर- ( i ) क्योंकि यह धार्मिक पक्षपात पर आधारित था ।
( ii ) क्योंकि अकबर सबके साथ सुलह - ए - कुल की नीति अपनाना चाहता था ।
प्रश्न 74. अकबर की राजपूत नीति के कोई दो परिणाम बताओ।
उत्तर- ( i ) इससे मुग़ल साम्राज्य का विस्तार संभव हो सका।
( ii ) इससे हिंदू - मुस्लिम एकता को बल मिला ।
प्रश्न 75. जहाँगीर का वास्तविक नाम क्या था? उसका शासनकाल भी बताइए ।
उत्तर—(i) जहांगीर का वास्तविक नाम सलीम था।
(ii) उसने 1605 ई o से 1627 ई o में विवाह किया था।
प्रश्न 76. नूरजहाँ कौन थी ?
उत्तर- ( i ) नूरजहाँ जहाँगीर की पत्नी थी ।
( ii ) जहाँगीर ने उसके साथ 1611 ई ० में विवाह किया था।
प्रश्न 77. जहाँगीर के शासनकाल में मेवाड़ का शासक कौन था ?
उत्तर—(i) जहांगीर के शासनकाल में मेवाड़ का शासक राणा अमर सिंह था।
(ii) उसने मुग़लों के साथ 1615 ई o में संधि की।
प्रश्न 78. जहाँगीर की कांगड़ा विजय पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर—जहाँगीर की कांगड़ा विजय एक महत्त्वपूर्ण विजय थी। वह इस पर भौगोलिक महत्त्व के कारण अधिकार करना चाहता था। 1615 ई o में जहांगीर का कांगड़ा विजय का प्रयास विफल रहा । 1620 ई ० में शाहजादा खुर्रम ने 14 माह के घेरे के पश्चात् काँगड़ा पर अधिकार कर लिया ।
प्रश्न 79 .जहाँगीर के शासनकाल में कंधार मुगलों से कब तथा क्यों छिना ?
उत्तर – ( 1 ) जहाँगीर के शासनकाल में कंधार मुग़लों से 1622 ई ० में छिना ।
( ii ) इसका कारण यह था कि जहाँगीर के विरुद्ध शाहजहाँ एवं महाबत खाँ ने विद्रोह कर दिया था ।
प्रश्न 80. शाहजहाँ का वास्तविक नाम क्या था ? उसका शासनकाल भी बताए ।
उत्तर – ( i ) शाहजहाँ का वास्तविक नाम खुर्रम था ।
( ii ) उसने 1628 ई ० से 1658 ई ० तक शासन किया ।
प्रश्न 81. शाहजहां ने अहमदनगर पर कब विजय प्राप्त की ? उस समय यहाँ का शासक कौन था ?
उत्तर- ( i ) शाहजहाँ ने अहमदनगर पर 1636 ई ० में विजय प्राप्त की ।
( ii ) उस समय यहाँ का शासक फतेह खाँ था ।
प्रश्न 82. शाहजहां की मध्य एशिया की नीति की असफलता का मुख्य कारण क्या था ? इसका क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर- ( i ) शाहजहाँ की मध्य एशिया की नीति की असफलता का मुख्य कारण यह था कि वहां के कबीले बहुत स्वतंत्रता प्रेमी थे । वे किसी की अधीनता स्वीकार करने को तैयार नहीं थे ।
( ii) इस असफलता के कारण मुगलों के गौरव को गहरी ठेस लगी ।
प्रश्न 83. किसके शासनकाल में तथा कब कंधार सदैव के लिए मुग़लों के हाथों से निकल गया था ? इस पर किसने कब्जा किया ?
उत्तर- ( i ) शाहजहाँ शासनकाल में कंधार 1649 ई ० में मुग़लों के हाथों से सदैव के लिए निकल गया था ।
( ii ) इस पर ईरानियों ने कब्जा कर लिया था ।
प्रश्न 84. मुगलों की विदेश नीति के दो उद्देश्य लिखिए ।
उत्तर- ( i ) कंधार को अपने अधीन करना ।
( ii ) उज़बेगों की शक्ति को नष्ट करना ।
प्रश्न 85. शाहजहाँ ने अहमदनगर को कब मुगल साम्राज्य में सम्मिलित किया ?
उत्तर- शाहजहाँ ने अहमदनगर को 1636 ई ० में मुग़ल साम्राज्य में सम्मिलित किया ।
प्रश्न 86. औरंगजेब का शासनकाल बताएं ।
उत्तर- औरंगजेब ने 1658 ई ० से 1707 ई ० तक शासन किया ।
प्रश्न 87. शाहजहाँ के पुत्रों के नाम लिखिए ।
उत्तर- शाहजहाँ के चार पुत्रों के नाम दारा , शुजा , औरंगजेब तथा मुराद थे ।
प्रश्न 88. औरंगजेब ने हिंदुओं पर पुनः जजिया कर कब लगाया ? इसे किस मुगल बादशाह ने तथा कब हटाया था ?
उत्तर- ( i ) औरंगज़ेब ने हिंदुओं पर पुनः जजिया कर 1679 ई ० में लगाया था ।
( ii ) इसे बादशाह अकबर ने 1564 ई ० में हटा दिया था ।
प्रश्न 89. औरंगजेब के शासनकाल में किन दो राजपूत रियासतों के साथ रहा ?
उत्तर—औरंगज़ेब के शासनकाल में मेवाड़ तथा मारवाड़ रियासतों के साथ मुगलों का संघर्ष चलता रहा।
प्रश्न 90. औरंगजेब ने मेवाड़ पर आक्रमण क्यों किया ?
उत्तर- ( i ) मेवाड़ के शक्तिशाली शासक जयसिंह की मृत्यु हो चुकी थी ।
( ii ) मेवाड़ का नया शासक राजसिंह औरंगजेब के विरुद्ध मारवाड़ की सहायता कर रहा था ।
प्रश्न 91. दुर्गादास राठौर का क्या नाम क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर—दुर्गादास राठौर मारवाड़ के राजपूतों का एक प्रसिद्ध नेता था। उसके अधीन राजपूतों ने औरंगजेब के विरुद्ध एक दीर्घकालीन संघर्ष जारी रखा तथा उसे कभी चैन की सांस नहीं लेने दी।
प्रश्न 92. औरंगजेब की राजपूत नीति क्यों मुगल साम्राज्य के लिए विनाशकारी प्रमाणित हुई ?
उत्तर- ( 1 ) राजपूत औरंगजेब के कट्टर दुश्मन बन गए ।
( ii ) राजपूत विरोधी नीति के कारण मुगल साम्राज्य को जन - धन की अपार हानि उठानी पड़ी ।
प्रश्न 93. औरंगजेब की दक्षिण नीति क्या थी ?
उत्तर- औरंगजेब दक्षिण में स्वतंत्र शिया रियासतों को नष्ट करना चाहता था । इसके अतिरिक्त वह वहाँ से आपार दौलत भी प्राप्त करना चाहता था । इस उद्देश्य से वह 25 वर्षों तक उनके साथ उलझा रहा । वह 1686 ई ० में बीजापुर तथा 1687 ई ० में गोलकुंडा पर विजय प्राप्त करने में सफल रहा । उसकी यह नीति मुग़ल साम्राज्य के लिए विनाशकारी प्रमाणित हुई ।
प्रश्न 94. औरंगजेब ने दक्षिण भारत की लड़ाइयों में कितने वर्ष बिताए ?
उत्तर- औरंगजेब ने दक्षिण भारत की लड़ाइयों में 25 वर्ष बिताए ।
प्रश्न 95 , औरंगजेब ने बीजापुर पर कब अधिकार किया ? उस समय बीजापुर का सुल्तान कौन था ?
उत्तर- ( i ) औरंगजेब ने बीजापुर पर 1686 ई ० में अधिकार किया था ।
( ii ) उस समय बीजापुर का सुल्तान सिकंदर आदिलशाह था ।
प्रश्न 96. औरंगजेब ने गोलकुंडा को कब मुगल साम्राज्य में सम्मिलित किया ? उस समय वहाँ का मुल्तान कौन था ?
उत्तर – ( i ) औरंगजेब ने गोलकुंडा को 1687 ई ० में मुग़ल साम्राज्य में सम्मिलित किया ।
( ii ) उस समय यहाँ का सुल्तान अबु - अल - हसन था ।
प्रश्न 97. दक्षिण नीति औरंगजेब के शरीर और साम्राज्य की कन कैसे बनी ?
उत्तर- ( i ) यह नीति मुग़ल साम्राज्य के लिए विनाशकारी सिद्ध हुई ।
( ii ) इस नीति के कारण मुगलों को भारी जान और माल का नुकसान हुआ ।
प्रश्न 98. मुगल साम्राज्य के पतन के कोई दो कारण लिखिए ।
उत्तर- ( i ) औरंगजेब ने ग़ैर - मुसलमानों के प्रति असहिष्णुता की नीति अपनाई । इससे उन्होंने साम्राज्य के विरुद्ध विद्रोह कर दिया ।
( ii ) औरंगजेब की दक्षिण नीति मुग़ल साम्राज्य के लिए घातक सिद्ध हुई ।
प्रश्न 99. मुगलकालीन इतिवृत्त हमें क्या जानकारी देते हैं ?
उत्तर- ( i ) बादशाह एवं उसके समय की घटनाओं की जानकारी देना ।
( ii ) दरबार , अभिजात वर्ग एवं शाही परिवार की जानकारी देना ।
( iii ) मुग़ल काल की प्रशासनिक संस्थाओं की जानकारी देना ।
प्रश्न 100. मुगल शासकों द्वारा तैयार करवाए गए इतिवृत्तों के कोई दो उद्देश्य लिखें ।
उत्तर – ( i ) बादशाह के लिए उसके अधीन क्षेत्रों से संबंधित उपयोगी जानकारियाँ एकत्रित करना ।
( ii ) भावी पीढ़ियों के लिए मुग़ल बादशाहों के विवरण उपलब्ध करवाना ।
प्रश्न 101. मुगल काल के किन्हीं दो प्रसिद्ध इतिवृत्तों एवं उनके लेखकों के नाम बताएँ ।
उत्तर -- ( i ) अकबरनामा ।इसका लेखक अबुल फज्ल था ।
( ii ) बादशाहनामा । इसके लेखक अब्दुल हमीद लाहौरी एवं मुहम्मद वारिस थे ।
प्रश्न 102. मुग़लों की मातृभाषा कौन - सी थी ? उन्होंने किसे अपनी राज्यभाषा घोषित किया ?
उत्तर—मुगलों की मातृ —भाषा तुर्की थी।
( ii ) उन्होंने फारसी को अपनी राज्यभाषा घोषित किया ।
प्रश्न 103. बाबर की आत्मकथा का क्या नाम है ? इसे किस भाषा में लिखा गया है ?
उत्तर ( 1 ) बाबर की आत्मकथा का नाम बाबरनामा है ।
( ii ) इसे तुर्की भाषा में लिखा गया है ।
प्रश्न 104. हुमायूँनामा किसने लिखा है ?
उत्तर- हुमायूँनामा हुमायूँ की बहन गुलबदन बेगम ने लिखा ।
प्रश्न 105 , अकबर ने किसे अपनी राज्यभाषा बनाया तथा क्या ?
उत्तर- ( i ) अकबर ने फ़ारसी को अपनी राज्यभाषा बनाया ।
( ii ) उस समय फ़ारसी शक्ति एवं प्रतिष्ठा की सूचक थी ।
प्रश्न 106. फ़ारसी के उत्तर हिंदवी के साथ पारस्परिक संपर्क से कौन - सी नयी भाषा अस्तित्व में आयी ?
उत्तर— फारसी के हिंदवी के साथ पारस्परिक संपर्क से उर्दू भाषा अस्तित्व में आयी ।
प्रश्न 107 , अकबर के शासनकाल में फ़ारसी में अनुवादित किए गए किन्हीं चार प्रसिद्ध ग्रंथों के नाम लिखें ।
उत्तर – ( i ) बाबरनामा ( ii ) रामायण ( iii ) महाभारत ( iv ) पंचतंत्र ।
प्रश्न 108. अकबर के शासनकाल में महाभारत का किस भाषा में अनुवाद किया गया तथा इसे क्या नाम दिया गया ?
उत्तर – ( i ) अकबर के शासनकाल में महाभारत का फ़ारसी भाषा में अनुवाद किया गया ।
( ii ) इसे रज्मनामा का नाम दिया गया ।
प्रश्न 109.अकबर के शासनकाल के किन्हीं दो प्रसिद्ध फारसी के ग्रंथों के नाम लिखें ।
उत्तर- ( i ) अकबरनामा ( ii ) मुंतखब - उल - तवारीख ।
प्रश्न 110. जहांगीर की आत्मकथा का क्या नाम है ? इसे किस भाषा में लिखा गया ?
उत्तर – ( i ) जहाँगीर की आत्मकथा का नाम जहाँगीरनामा है ।
( ii ) इसे फ़ारसी भाषा में लिखा गया ।
प्रश्न 111. आलमगीरनामा किसके शासनकाल में लिखा गया ? इसका लेखक कौन था ?
उत्तर—(i)आलमगिरनामा औरंगज़ेब के शासनकाल में लिखा गया।
( ii ) इसका लेखक मिर्ज़ा मुहम्मद काजिम था ।
प्रश्न 112. शाही किताबखाना से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- शाही किताबखाना एक ऐसा स्थान था जहाँ बादशाह की पांडुलिपियों का संग्रह रखा जाता था एवं नई पांडुलिपियों तैयार किया जाता था।
प्रश्न 113. पांडुलिपि तैयार करने में सुलेखकों एवं कोफ़तगारों की क्या भूमिका थी ?
उत्तर- पांडुलिपि तैयार करने में सुलेखक पाठ की नकल तैयार करते थे एवं कोफ़तगार पृष्ठों को चमकाते थे ।
प्रश्न 114.अकबर ने सुलेखन की किस शैली को प्रचलित किया ? इसकी कोई एक विशेषता लिखें ।
उत्तर—(i) अकबर ने सुलेखन की नस्तलिक शैली को प्रचलित किया।
( ii ) इसे लंबे सपाट प्रवाही ढंग से लिखा जाता था ।
प्रश्न 115. नस्तलिक शैली की कोई दो विशेषताएं लिखिए ।
उत्तर—(i) इसे लंबे सपाट प्रवाही ढंग से लिखा जाता था।
( ii ) इसे 5 से 10 मिलीमीटर की नोक वाले छटे हुए सरकडे जिसे कलम कहा जाता था के टुकड़े से स्याही से डुबोकर लिखा जाता था ।
116. मुगल बादशाह पांडुलिपि क्यों तैयार करवाते थे?
उत्तर— ( 1 ) पांडुलिपि को एक बहुमूल्य समझा जाता था ।
( 2) इसे बादशाह की शक्ति का प्रतीक समझा जाता था ।
प्रश्न 117. मुगलकालीन पांडुलिपियों में चित्र क्यों लगाए जाते थे ? कोई दो कारण लिखे ।
उत्तर— ( 1 ) बादशाह के उन विचारों को जिन्हें लिखित रूप नहीं दिया जा सकता था चित्रों के माध्यम से प्रकट करना।
प्रश्न 118. अबुल फल में चित्रकला के बारे में क्या लिखा?
उत्तर (i) उसने चित्रकला को एक जादुई कला बताया ।
( ii ) उसके अनुसार चित्रकला एक ऐसी कला है जो निर्जीव वस्तुओं में भी जान डाल सकती है ।
प्रश्न 119. पैगंबर मुहम्मद ने प्राणवान वस्तुओं के चित्र बनाने पर प्रतिबंध क्यों लगाया ?
उत्तर— पैगंबर मुहम्मद ने प्राणवान वस्तुओं के चित्र बनाने पर प्रतिबंध इसलिए लगाया क्योंकि इससे लगता है कि कलाकार रचना की शक्ति को अपने हाथ में लेने का प्रयास करता है जबकि यह कार्य केवल ईश्वर का है।
प्रश्न 120. बिहजाद कौन था ?
उत्तर- ( i ) बिहजाद ईरान के सफ़ावी दरबार का प्रसिद्ध चित्रकार था ।
( ii ) उसने ईरानी चित्रकला को एक नयी दिशा प्रदान की ।
प्रश्न 121. हुमायूँ किन दो प्रसिद्ध चित्रकारों को अपने साथ ईरान से भारत लाया था ?
(i) मीर सैयद अली
( ii ) अब्दुस समद ।
प्रश्न 122 अकबर के शासनकाल का सर्वाधिक प्रसिद्ध चित्रकार कोन था ? अकबर ने उसे किस उपाधि से सम्मानित किया था ?
उत्तर- ( 1 ) अकबर के शासनकाल का सर्वाधिक प्रसिद्ध चित्रकार अब्दुस समद था ।
( ii ) अकबर ने उसे शीरीन कलम की उपाधि से सम्मानित किया था ।
प्रश्न 123. किस मुगल बादशाह का शासनकाल लघु चित्रकला के लिए प्रसिद्ध था ?
उत्तर- मुगल बादशाह जहाँगीर का शासनकाल लघु चित्रकला के लिए प्रसिद्ध था ।
प्रश्न 124. अबुल फजल कौन था ? उसने किस प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की थी ?
उत्तर- ( 1 ) अबुल फज्ल अकबर का प्रसिद्ध दरबारी इतिहासकार था ।
( ii ) उसने अकबरनामा नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की थी ।
प्रश्न 125. अबुल फजल ने अकबरनामा की रचना कब आरंभ की ? इसे कितनी जिल्दों में बांटा गया * ?
उत्तर- ( i ) अबुल फज्ल ने अकबरनामा की रचना 1589 ई ० में आरंभ की ।
( ii ) इसे तीन जिल्दों में बाँटा गया है ।
प्रश्न 126 अकबरनामा का ऐतिहासिक महत्त्व क्या है ?
उत्तर- अकबरनामा अकबर के शासनकाल की वास्तविक तस्वीर हमारे समक्ष प्रस्तुत करता है ।
प्रश्न 127. आइन - ए - अकबरी किस प्रसिद्ध ग्रंथ का हिस्सा है ? इसमें क्या वर्णन किया गया है ?
उत्तर- ( i ) आइन - ए - अकबरी अकबरनामा नामक प्रसिद्ध ग्रंथ का हिस्सा है ।
( ii ) इसमें मुग़ल साम्राज्य की प्रशासनिक पद्धति एवं भू - राजस्व प्रणाली का वर्णन किया गया है ।
प्रश्न 128. किन्हीं दो स्त्रोतों के नाम बताएँ जिनका प्रयोग अबुल फजल ने अकबरनामा को लिखते समय किया ?
उत्तर- ( i ) शासकीय दस्तावेज ( ii ) जानकार व्यक्तियोंं
प्रश्न 129 अकबरनामा की कोई दो कमियाँ लिखें ।
उत्तर- ( 1 ) अबुल फजल ने इसमें उन बातों को नजरअंदाज कर दिया जिससे उसे अकबर के नाराज़ होने का डर था।
( ii ) अकबरनामा में उस समय के लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक जीवन के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है ।
प्रश्न 130. बादशाहनामा के लेखक कौन थे ?
उत्तर- बादशाहनामा के लेखक अब्दुल हमीद लाहौरी एवं मुहम्मद वारिस थे ।
प्रश्न 131. बादशाहनामा को किस अन्य नाम से जाना जाता है ? इसमें किस मुगल बादशा शासनकाल का वर्णन किया गया है ?
उत्तर- ( 1 ) बादशाहनामा को पादशाहनामा के नाम से भी जाना जाता है ।
( ii ) इसमें मुगल बादशाह शाहजहाँ के शासनकाल का वर्णन किया गया है ।
प्रश्न 132. एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल की स्थापना किसने तथा कब की इसका उद्देश्य क्या था?
उत्तर– ( i ) एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल की स्थापना सर विलियम जोन्स ने 1784 ई ० में को ।
( ii ) इसका उद्देश्य भारतीय पांडुलिपियों का संपादन , प्रकाशन एवं अनुवाद करना था ।
प्रश्न 133 अकबरनामा का अंग्रेजी अनुवाद किसने तथा कब किया था ?
उत्तर- अकबरनामा का अंग्रेजी अनुवाद हेनरी बेवरिज ने 20 वीं शताब्दी में किया था ।
प्रश्न 134. मुग़ल बादशाहों ने राजत्व के कौन - से तीन नए सिद्धांत प्रचलित किए ?
उत्तर – ( i ) बादशाह का दैवीय सिद्धांत ( ii ) सुलह - ए - कुल ( iii ) न्यायपूर्ण प्रभुसत्ता ।
प्रश्न 135. राजत्व का दैवीय सिद्धांत से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर– राजत्व के दैवीय सिद्धांत से अभिप्राय यह है कि बादशाह इस पृथ्वी पर ईश्वर का प्रतिनिधि है । अतः बादशाह अपने कार्यों के लिए केवल ईश्वर के प्रति उत्तरदायी है ।
प्रश्न 136. अलानकुआ कौन थी ?
उत्तर- अलानकुआ एक मंगोल रानी थी । उसे सूर्य की एक किरण ने गर्भवती किया था । उसके द्वारा जन्म लेने वाली संतान पर दैवीय प्रकाश का प्रभाव था ।
प्रश्न 137. शिहाबुद्दीन सुहरावदी कौन था ?
उत्तर – शिहाबुद्दीन सुहरावर्दी ( 1153-1191 ई ० ) ईरान का एक प्रसिद्ध सूफी संत था । उसने यह विचार आध्यात्मिक मार्गदर्शन का स्रोत बन जाता है । प्रचलित किया कि दैवीय प्रकाश सर्वप्रथम राजा में संप्रेषित होता है । उसके पश्चात् राजा अपनी प्रजा के लिए में क्यों दर्शाया ?
प्रश्न 138. 17 वीं शताब्दी में मुग़ल कलाकारों ने बादशाहों के बनाए जाने वाले चित्रों में प्रभामंडल को क्यों दर्शाया?
उत्तर- 17 वीं शताब्दी में मुग़ल कलाकारों ने बादशाहों के बनाए जाने वाले चित्रों में प्रभामंडल को इसलिए दर्शाया क्योंकि वे दिखाना चाहते थे कि बादशाह को शासन करने की दैवीय शक्ति प्राप्त है ।
प्रश्न 139. सुलह - ए - कुल से क्या अभिप्राय है ? इसे किस मुगल बादशाह ने प्रचलित किया ?
उत्तर- ( i ) सुलह - ए - कुल से अभिप्राय है सभी के साथ शाँति ।
( ii ) इसे मुग़ल बादशाह अकबर ने प्रचलित किया ।
प्रश्न 140. अकबर ने सुलह - ए - कुल की नीति को प्रचलित करने के लिए कौन - से दो महत्त्वपूर्ण कदम उठाए ?
उत्तर - ( i ) उसने 1563 ई ० में तीर्थयात्रा कर को समाप्त कर दिया ।
( ii ) उसने 1564 ईo में जजिया कर को समाप्त कर दिया ।
प्रश्न 141. किस मुगल बादशाह ने तथा कब ग़ैर मुसलमानों पर पुनः जजिया कर लगा दिया है?
उत्तर- मुग़ल बादशाह औरंगजेब ने 1679 ई ० में ग़ैर मुसलमानों पर पुनः जज़िया कर लगा दिया ।
प्रश्न 142. अबुल फल के अनुसार बादशाह अपनी प्रजा के किन चार सत्यों की रक्षा करता था ? इसके बदले में वह क्या मांग करता था?
उत्तर- ( 1 ) अबुल फजल के अनुसार बादशाह अपनी प्रजा के जीवन , धन , सम्मान एवं विश्वास नामक चार स्तवो की रक्षा करता था।
( ii ) इसके बदले वह आज्ञापालन एवं संसाधनों में हिस्से की माँग करता था ।
प्रश्न 143. किस मुगल बादशाह ने शाहबुजे में सोने की अंजीरथी इसका क्या था ?
उत्तर- ( 1 ) मुसल बादशाह जहाँगीर ने शाहबुर्ज में सोने की जंजीर लगवाई थी । पहुँचा सकता था ।
( ii ) इसका उद्देश्य यह था कि कोई भी फरियादी इसे खींच कर अपनी फरियाद बादशाह के कानों तक का अपने चित्रों में सर्वाधिक उपयोग किया ? इससे क्या अभिप्राय था ?
प्रश्न 144. मुग़ल राजतंत्र के न्याय के विचार को व्यक्त करने के लिए मुगल कलाकारों ने किस प्रतीक का अपने चित्रों में सर्वाधिक उपयोग किया? इससे क्या अभिप्राय था?
उत्तर- ( i ) मुग़ल राजतंत्र के न्याय के विचार को व्यक्त करने के लिए मुगल कलाकारों ने अपने चित्रों में सर्वाधिक एक - दूसरे के साथ चिपटकर शांतिपूर्ण बैठे हुए शेर एवं बकरी का प्रयोग किया । शक्तिशाली प्रेमपूर्वक साथ - साथ रह सकते हैं ।
( ii ) इससे अभिप्राय यह दर्शाना था कि मुगल साम्राज्य एक ऐसा साम्राज्य है जहाँ कमज़ोर एवं शक्तिशाली प्रेमपूर्वक साथ–साथ रह सकते हैं।
प्रश्न 145 , मुगल काल की चार राजधानियों के नाम लिखें ।
उत्तर – ( i ) दिल्ली ( ii ) आगरा ( iii ) फतेहपुर सीकरी ( iv ) लाहौर ।
प्रश्न 146. अकबर ने आगरा में किस किले का निर्माण करवाया था ? इसे किस पत्थर से बनाया गया ।
उत्तर- ( 1 ) अकबर ने आगरा में लाल किले का निर्माण करवाया था ।
( ii ) इसे लाल पत्थर से बनाया गया था ।
प्रश्न 147. अकबर ने फतेहपुर सीकरी को कब मुगल साम्राज्य की राजधानी घोषित किया ? इसका कारण क्या था?
उत्तर—(i) अकबर ने 1569 ईo में फतेहपुर सीकरी को मुग़ल साम्राज्य की राजधानी घोषित किया था।
( ii ) इसका कारण यह था कि फतेहपुर सीकरी अजमेर को जाने वाली सीधी सड़क पर स्थित था जहाँ शेख मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह स्थित थी ।
प्रश्न 148. अकबर ने फतेहपुर सीकरी में कौन - से दो प्रसिद्ध भवन बनवाए थे ?
उत्तर- अकबर ने फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा एवं शेख सलीम चिश्ती की दरगाह बनवाई थी ।
प्रश्न 149. अकबर ने फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा का निर्माण कब और क्यों किया था ?
उत्तर -अकबर ने फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा का निर्माण 1601 ई ० में गुजरात में मुग़लों की विजय उत्तर के लिए किया था ।
प्रश्न 150 अकबर ने कब और क्यों लाहौर को मुगलों की राजधानी घोषित किया ?
उत्तर- अकबर ने 1585 ई ० में लाहौर को मुग़लों की राजधानी इसलिए घोषित किया क्योंकि वह उत्तर पश्चिम को अधिक नियंत्रण में लाना चाहता था ।
प्रश्न 151. " शाहजहाँ एक महान् भवन निर्माता था । " व्याख्या कीजिए ।
उत्तर – ( i ) शाहजहाँ ने आगरा में प्रसिद्ध ताजमहल का निर्माण करवाया ।
( ii ) उसने 1638 ई ० में शाहजहाँनाबाद को मुग़लों की नई राजधानी बनाया ।
( iii ) उसने दिल्ली में प्रसिद्ध लाल किला एवं जामा मस्जिद का निर्माण करवाया ।
प्रश्न 152. शाहजहाँ ने कब तथा किसे मुगलों की नयी राजधानी बनाया ?
उत्तर- शाहजहाँ ने 1638 ई ० में शाहजहाँनाबाद को मुगलों की नयी राजधानी घोषित किया ।
प्रश्न 153. शाहजहाँ द्वारा शाहजहाँनाबाद में बनवाए गए दो प्रसिद्ध भवनों के नाम बताएँ ।
उत्तर- ( i ) लाल किला ( ii ) जामा मस्जिद ।
प्रश्न 154. मुगल दरबार में प्रचलित कोई दो नियम बताएँ ।
उत्तर- ( 1 ) एक बार जब मुगल बादशाह सिंहासन पर बैठ जाता था तो किसी को भी अपने स्थान से कहाँ और जाने की अनुमति नहीं थी ।
( ii ) सभी दरबारियों को निश्चित व्यवहार एवं शिष्टाचार का पालन करना पड़ता था ।
प्रश्न 155. मुगल दरबार में बादशाह के अभिवादन के लिए कौन से ढंग प्रचलित थे ?
उत्तर- मुगल दरबार में बादशाह के अभिवादन के लिए सिजदा , चार तसलीम एवं जमीबीस के ढंग प्रचलित थे ।
प्रश्न 156. शाहजहाँ के शासनकाल में अभिवादन के कौन से दो नए ढंग अपनाए गए थे ?
उत्तर - शाहजहाँ के शासनकाल में अभिवादन के चार तसलीम एवं ज़मबोस नामक ढंग अपनाए गए थे ।
प्रश्न 157. सिजदा एवं जमींबोस से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- ( 1 ) सिजदा से अभिप्राय था दंडवत लेटना ।
( ii ) जमबोस से अभिप्राय था जमीन को चूमना ।
प्रश्न 158. मुगल दरबार में सिजदा के महत्त्व का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर—मुगल दरबार में सिजदा से अभिप्राय था बादशाह के समक्ष दंडवत लेटना । जो व्यक्ति ज्यादा झुक्का अभिवादन करता था उस व्यक्ति हैसियत ज्यादा ऊँची मानी जाती थी ।
प्रश्न 159 , इंग्लैंड के शासक जेम्स प्रथम ने किसे अपना राजदूत बनाकर जहांगीर के दरबार में भेजा था?
उत्तर— इंग्लैंड के शासक जेम्स प्रथम ने सर टॉमस रो को अपना राजदूत बनाकर जहाँगीर के दरबार में भेज उत्तर था ।
प्रश्न 160. झरोखा दर्शन का आरंभ किसने किया था ? इसका उद्देश्य क्या था ?
उत्तर – ( i ) झरोखा दर्शन का आरंभ मुग़ल बादशाह अकबर ने किया था ।
( ii ) इसका उद्देश्य शाही सत्ता के प्रति जन विश्वास को प्रोत्साहित करना था ।
प्रश्न 161. झरोखा दर्शन प्रथा क्या थी ?
उत्तर- झरोखा दर्शन प्रथा में मुग़ल बादशाह प्रातः काल एक झरोखे से अपनी प्रजा को दर्शन देते थे ।
प्रश्न 162. मुगल बादशाह द्वारा दीवान - ए - खास में किए जाने वाले कोई दो कार्य बताएँ ।
उत्तर ( 1 ) यहाँ मुग़ल बादशाह निजी सभाएँ करता था एवं गोपनीय मुद्दों पर चर्चा करता था ।
( ii ) यहाँ राज्य के वरिष्ठ मंत्री उसके सामने अपनी याचिकाएँ प्रस्तुत करते थे ।
प्रश्न 163. मुगल बादशाह कब विशाल पदवियाँ ग्रहण करते थे ? इन्हें किन पर अंकित किया जाता था ।
उत्तर- ( 1 ) मुगल बादशाह सिंहासनारोहण के समय अथवा किसी महत्त्वपूर्ण शत्रु पर विजय के समय विशाल पदवियाँ धारण करते थे ।
( ii ) इन्हें मुगल बादशाहों के सिक्कों एवं फरमानों पर अंकित किया जाता था ।
प्रश्न 164. मुगल बादशाहों द्वारा अभिजातों को दी जाने वाली कोई दो पदवियाँ बताएँ ।
उत्तर- ( 1 ) आसफ खाँ ( ii ) मिर्जा राजा ।
प्रश्न 165 , मुगल बादशाहा द्वारा अपने दरबारियों को दिए जाने वाले किन्हीं दो प्रकार के उपहारों के नाम लिखें ।
उत्तर- ( i ) खिल्लत ( ii ) सरप्पा ।
प्रश्न 166. नज एवं पेशकश से आपका क्या अभिप्राय है ? जाता था ।
उत्तर- ( 1 ) नऊ से अभिप्राय उस धन से था जो किसी दरबारी द्वारा बादशाह अकबर को भेंट के समय दिया ।
( ii ) पेशकश एक मोटी रकम थी जो बादशाह को पेश की जाती थी ।
प्रश्न 167. हरम से क्या अभिप्राय है?
उत्तर - हरम से अभिप्राय राजमहल के उस भाग से है जहाँ शाही परिवार से संबंधित स्त्रियाँ रहती थीं । हरम शब्द फ़ारसी से निकला है जिससे अभिप्राय है पवित्र स्थान ।
प्रश्न 168. बंगम एवं अगहा से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर ( i) मुग़ल राजघराने में शाही परिवार से आने वाली स्त्री की बेगम कहा जाता था ।
( ii ) अगहा वह स्त्री ची जो शाही परिवार से संबंधित नहीं थी ।
प्रश्न 169. मुगल काल में किन दो कारणों से अगहा एवं अगाया भी बेगम की स्थिति पा सकती थी ?
उत्तर - मुगल काल में प्रेम तथा मातृत्व के कारण अगहा तथा अगावा भी बेगम की स्थिति पा सकती थीं ।
प्रश्न 170.ख़्वाजासर कौन थे? उनके कोई दो मुख्य कार्य बताएं।
उत्तर— ( 1 ) ख़्वाजासर गुलाम हिजड़े थे ।
( ii ) उनके दो मुख्य कार्य शाही परिवार की रक्षा करना एवं व्यापारिक एजेंट के तौर पर कार्य करना था ।
प्रश्न 171. शाहजहाँ की दो प्रसिद्ध पुत्रियाँ कौन थी ?
उत्तर- शाहजहाँ की दो प्रसिद्ध पुत्रियाँ जहाँआरा एवं रोशनआरा थीं ।
प्रश्न 172. गुलबदन बेगम कौन थी ? उसने किस प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की थी ?
उत्तर—( 1 ) गुलबदन बेगम बाबर की पुत्री , हुमायूँ की बहन थी ।
( ii ) उसने हुमायूँनामा नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की थी ।
प्रश्न 173. शाहजहाँ के पुत्र दाराशिकोह का विवाह कब तथा किससे हुआ था ? इस विवाह पर कितना खर्चा आया था ?
उत्तर— ( i ) शाहजहाँ के पुत्र दाराशिकोह का विवाह 1633 ई ० में नादिरा से हुआ था ।
( ii ) इस विवाह पर कुल 32 लाख खर्चा आया था ।
प्रश्न 174. मुगल अभिजात वर्ग की कोई दो प्रमुख विशेषताएं लिखें ।
उत्तर- ( 1 ) मुग़ल अभिजात वर्ग में भर्ती का कार्य केवल बादशाह के हाथ में था ।
( ii ) इसमें विभिन्न धर्मों एवं नृ - जातीय समूहों के लोग सम्मिलित थे ।
प्रश्न 175. शेखजादे कौन थे ?
उत्तर— भारतीय मुसलमान शेखजादे कहलाते थे ।
प्रश्न 176. अकबर के शासनकाल में किन्हीं तीन प्रसिद्ध हिंदू अभिजातों के नाम लिखें ।
उत्तर- अकबर के शासनकाल के तीन प्रसिद्ध हिंदू अभिजातों के नाम टोडरमल , बीरबल एवं राजा भारमल कछवाह थे ।
प्रश्न 177. जहाँगीर के शासनकाल में अभिजात वर्ग में किसकी प्रमुखता हो गयी तथा क्यों?
उत्तर- ( i ) जहाँगीर के शासनकाल में अभिजात वर्ग में ईरानियों की प्रमुखता हो गयी ।
( ii ) इसका कारण यह था कि जहाँगीर की रानी नूरजहाँ ईरानी थी ।
प्रश्न 178 , चार चमन की रचना किसने की ? इसमें किस विषय पर प्रकाश डाला गया है ?
उत्तर- ( 1 ) चार चमन की रचना चंद्रभान ब्राह्मण ने की ।
( ii ) इसमें शाहजहाँ के शासनकाल में प्रचलित अभिजात वर्ग पर प्रकाश डाला गया है ।
प्रश्न 179. औरंगजेब के शासनकाल में अभिजात वर्ग में कौन - से दो मुख्य परिवर्तन हुए ?
उत्तर- ( i ) उसने राजपूतों की संख्या काफी कम कर दी ।
( ii ) उसने मराठों की संख्या में काफी वृद्धि की ।
प्रश्न 180 , तैनात - ए - रकाब कौन थे ?
उत्तर- तैनात - ए - रकाव अभिजातों का ऐसा सुरक्षित दल था जिसे दरबार में नियुक्त किया जाता था ।
5 अंकों के उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1. वे कौन - सी परिस्थितियां थी जिनके कारण बाबर भारत पर अधिकार करने के लिए अग्रसर हुआ?
उत्तर- ( i ) बाबर एक महत्त्वाकांक्षी शासक था । वह अपने लिए एक विशाल साम्राज्य की स्थापना कर चाहता था ।
( ii ) भारत की अपार धन संपदा ने बाबर को भारत पर आक्रमण करने के लिए प्रेरित किया ।
( iii ) बाबर के पूर्वज तैमूर ने पंजाब पर अधिकार किया था । अतः वह भारत पर अपना अधिकार समझता था ।
( iv ) बाबर भारत पर विजय प्राप्त करके उज़बेकों के विरुद्ध अपनी स्थिति को सुदृढ़ करना चाहता था ।
(v)उस समय भारत की राजनीतिक दशा बहुत कमजोर थी । इसलिए बाबर के लिए भारत आक्रमण करने का यह स्वर्ण अवसर था ।
प्रश्न 2. पानीपत की प्रथम लड़ाई के क्या परिणाम निकले?
उत्तर—(i) पानीपत की प्रथम लड़ाई एक निर्णायक लड़ाई थी । इसमें लोदी वंश का अंतिम सुल्तान इब्राहीम लोदी मारा गया । इस तरह भारत में लोदी वंश का अंत हो गया तथा भारत का राज्य अफ़गाने के हाथों से जाता रहा ।
( ii ) पानीपत की प्रथम लड़ाई में विजय के कारण भारत में मुग़ल साम्राज्य की स्थापना हुई । इससे भारत में एक नये युग का आरंभ हुआ ।
( iii ) पानीपत की विजय के पश्चात् मुगलों तथा राजपूतों के मध्य युद्ध अनिवार्य हो गया । इसका कारण यह था कि राजपूतों का राणा साँगा दिल्ली पर अपना अधिकार करना चाहता था ।
प्रश्न 3. पानीपत की प्रथम लड़ाई में बाबर क्यों विजयी हुआ ?
उत्तर- ( 1 ) 16 वीं शताब्दी में भारतीय राज्य परस्पर लड़ाइयों के कारण शक्तिहीन हो चुके थे । बाबर के लिए इन शासकों को पराजित करना आसान था ।
( ii ) दिल्ली का सुल्तान इब्राहीम लोदी अपने बुरे व्यवहार एवं अत्याचारों के कारण अपने सरदारी तथा प्रजा में बहुत बदनाम था । वे ऐसे शासक से छुटकारा पाना चाहते थे ।
( iii ) बाबर एक योग्य सेनापति था । उसको युद्धों का बहुत अनुभव था ।
( iv ) बाबर द्वारा तोपखाने के प्रयोग ने भारी तबाही की । भारतीय शासकों के सैनिक अपने तीर–कमानों तथा तलवारों से इनका मुकाबला न कर सके।
प्रश्न 4. कनवाह की लड़ाई के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर- राजपूतों की शक्ति को कुचले बिना बाबर भारत का स्वामी कभी नहीं बन सकता था । इसलिए बाबर ने राणा सांगा से टक्कर लेने का निर्णय किया । राणा सांगा न केवल मेवाड़ का अपितु उत्तरी भारत का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक था । बाबर के लिए राजपूतों का मुकाबला करना कोई आसान काम नहीं था । राजपूत अपने साहस एवं वीरता के लिए विख्यात थे । 17 मार्च , 1527 ई ० को फतेहपुर सीकरी के समीप कनवाह के स्थान पर राजपूतों ने डटकर बाबर की सेनाओं का मुकाबला किया । इस निर्णायक युद्ध में राजपूतों की पराजय हुई । इस युद्ध की शक्ति को गहरा आघात लगा । में राजपूतों की पराजय का कारण बाबर का तोपखाना तथा उचित नेतृत्व था । इस लड़ाई के परिणामस्वरूप राजपुतों की शक्ति को गहरा आघात लगा।
प्रश्न 5. कनवाह की लड़ाई के तीन कारणों का वर्णन करो ।
उत्तर – ( i ) बाबर भारत का स्वामी बनना चाहता था । ( ii) मेवाड़ का शासक राणा साँगा भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना को सहन करने को तैयार नहीं था ।
(iii) राणा साँगा ने अपने दरबार में मुगलों के विरोधियों को शरण दी थी । अतः बाबर राजपूतों से दो दो हाथ करना चाहता था ।
प्रश्न 6.बाबर की भारत विजय का क्या महत्त्व है ?
उत्तर- ( i ) बाबर ने भारत में एक नई युद्ध पद्धति की शुरुआत की । उसकी विजयों ने भारत में बारूद तथा तोपखाने को लोकप्रिय बनाया ।
( ii ) बाबर का भारत आगमन पूरे भारत में एक विशाल साम्राज्य स्थापित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम था ।
(iii) भारत में मुगल वंश की स्थापना भारतीय कला एवं साहित्य के लिए एक नए युग का श्रीगणेश था ।
(iv)बाबर ने राज्य की एक नई अवधारणा प्रस्तुत की जो बादशाह के सम्मान और शक्ति पर आधारित थी ।
प्रश्न 7. बाबरनामा पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर- बाबरनामा बाबर की आत्म कथा का नाम है । इसकी रचना बाबर ने तुर्की भाषा में की थी । अकबर के शासनकाल में इसका फ़ारसी में अनुवाद किया गया था । इसमें बाबर ने भारत संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तृत प्रकाश डाला है । उसका यह वर्णन ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बहुत प्रमाणिक है ।
प्रश्न 8. हुमायूँ की असफलता के क्या कारण थे ?
उत्तर - ( i ) हुमायूँ द्वारा अपने भाइयों के लिए किया गया साम्राज्य विभाजन एक महान् राजनीतिक भूल थी ।
(ii) हुमायूँ को विरासत में खाली खजाना मिला जिस कारण उसे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा ।
(iii)हुमायूँ को रंगरलियाँ मनाने तथा शराब आदि का बहुत शौक था ।
(iv) हुमायूँ के विरोधी शत्रु बहादुर शाह तथा शेर खाँ बहुत चतुर तथा शक्तिशाली थे ।
( v ) हुमायूँ में दृढ़ संकल्प का अभाव था । वह कार्य को संपूर्ण किए बिना दूसरे कार्य को आरंभ कर देता था।
प्रश्न 9.हुमायूँ को भारत क्यों छोड़ना पड़ा?
उत्तर—(i)हुमायूँ के भाइयों ने उसके लिए अनेक समस्याएँ उत्पन्न कर दी थीं ।
(ii) हुमायूँ में दृढ़ संकल्प का अभाव था । वह एक कार्य को संपूर्ण किए बिना दूसरे कार्य को आरंभ कर देता था ।
( iii ) हुमायूँ को रंगरलियां मनाने तथा शराब पीने का बहुत शौक था ।
( iv) शेरशाह सूरी ने हुमायूँ को चौसा एवं कन्नौज की लड़ाइयों में पराजित कर दिया था ।
प्रश्न 10.शेरशाह सूरी के प्रमुख प्रशासनिक सुधारों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर— ( 1 ) शेरशाह सूरी ने प्रशासन की सुविधा के लिए अपने साम्राज्य की कई प्रशासनिक इका विभाजित किया । इनमें बड़े योग्य एवं ईमानदार कर्मचारियों को नियुक्त किया गया ।
( ii ) वह निष्पक्ष न्याय के लिए बहुत प्रसिद्ध था । उस समय अपराधियों को कठोर दंड दिए जाते थे।
( iii ) कृषि और व्यापार को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष प्रयास किए गए ।
( iv ) जन कल्याण के लिए सड़कों तथा सरायों का निर्माण करवाया गया था ।
( v ) सेना को अधिक शक्तिशाली बनाया गया । सैनिकों के प्रशिक्षण तथा अनुशासन पर विशेष दिया गया ।
प्रश्न 11. वाणिज्य और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए शेरशाह ने क्या उपाय किए ?
उत्तर ( 1 ) आवागमन के साधनों का विकास किया गया ।
( ii ) व्यापारियों की जान - माल की सुरक्षा का प्रबंध किया गया ।
( ii ) राज्य कर्मचारियों को आदेश दिया गया कि वे व्यापारियों के साथ अच्छा व्यवहार करें । को मृत्यु हो जाने पर उसका सामान जब्त नहीं किया जाता था ।
( iv ) चुंगी कर अब अनेक स्थानों की अपेक्षा केवल दो स्थानों पर लिया जाने लगा ।
( v ) मुद्रा प्रणाली में महत्त्वपूर्ण सुधार किए गए ।
प्रश्न 12. शेरशाह सूरी के भू - राजस्व संबंधी सुधारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – ( i )कृषि योग्य भूमि की पैमाइश करवाई गई ।
(ii)भू - राजस्व भूमि की उपजाऊ शक्ति के आधार पर लिया जाता था । इसलिए भूमि को मध्यम और निम्न कोटियों में बाँटा गया ।
(iii)कर्मचारियों को निर्देश दिए गए कि वे किसानों को किसी प्रकार से भी परेशान न करें ।
(iv) किसानों की सुविधा के लिए उनके अधीन बुआई का क्षेत्रफल , फ़सल की किस्म और कि द्वारा दिए जाने वाले कर को एक पट्टे पर लिख कर उन्हें दिया जाता था ।
( v ) किसान अपना भू - राजस्व नकद या अनाज के रूप में दे सकते थे ।
प्रश्न 13. शेरशाह सूरी के सैनिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – ( i )उसने एक विशाल एवं शक्तिशाली सेना का गठन किया ।
(ii) उसने सेना के प्रशिक्षण पर विशेष बल दिया ।
(iii)उसने सेना में अनुशासन को सख्ती से लागू किया ।
( iv)उसने घोड़ों दागने तथा सैनिकों का हुलिया रखने की प्रथा का प्रचलन किया ।
( v ) उसने महत्त्वपूर्ण स्थानों पर नए दुर्गों का निर्माण किया एवं पुराने दुर्गों की मुरम्मत करवाई ।
प्रश्न 14. पानीपत की दूसरी लड़ाई के मुख्य परिणाम क्या हुए ?
उत्तर- ( i ) इस युद्ध के परिणामस्वरूप भारत में अफ़गान साम्राज्य के पुनः स्थापित हो जाने की संभावना के लिए जाती रही । हेमू बहुत बड़ी सेना सहित पराजित हुआ । इससे अफ़गानों की शक्ति गहरा आघात पहुँचा । अधिकार जमा लिया था । उसकी पराजय तथा मृत्यु से उसकी सब आशाओं पर पानी फिर ( ii ) भारत में पुन : मुग़ल साम्राज्य स्थापित हो गया । हेमू ने इस युद्ध से पहले आगरा तथा दिल्ली यदि इस युद्ध में मुग़ल हार जाते तो भारत का इतिहास कुछ और ही होना था ।
( iii ) पानीपत की दूसरी लड़ाई वस्तुतः वैरम खाँ के उत्साह एवं प्रयासों से जीती गई थी । अतः उसकी ख्याति दूर–दूर तक फैल गई। वह अब पहले सेअधिक शक्तिशाली बन गया था।
प्रश्न 15. बैरम खाँ के पतन के क्या कारण थे ?
उत्तर- ( 1 ) बैरम खाँ की शक्ति ने उसे अभिमानी बना दिया था । अतः वह प्रत्येक कार्य में अपनी मनमर्जी करने लगा । सरदार बैरम खाँ से रुष्ट हो गए ।
( ii ) बैरम खाँ ने अपनी व्यक्तिगत शत्रुता के कारण तारदी बेग की हत्या करवा दी थी । इससे अनेक सरदार बैरम खां से रूष्ट हो गए।
( iii ) बैरम खाँ शिया मत में विश्वास रखता था । अतः उसने इस धर्म के लोगों को राज्य के उच्च पदों पर नियुक्त करना आरंभ कर दिया था । सुन्नी मुसलमान इसे सहन करने को तैयार नहीं थे ।
( iv ) बैरम खाँ ने अकबर के शिक्षक पीर मुहम्मद को पदच्युत कर दिया था । अकबर के लिए यह बात असहनीय थी ।
( v ) अकबर अब वयस्क हो चुका था । अतः वह स्वयं शासन संभालना चाहता था ।
प्रश्न 16 अकबर ने मालवा पर किस प्रकार अधिकार किया ? मा भेजी ।
उत्तर- अकबर ने मालवा को अपने अधीन करने के लिए 1561 ई ० में अधम खाँ एवं पीर मुहम्मद के नेतृत्व समय मालवा में बाज बहादुर का शासन था संगीत व्यस्त रहने के कारण बाज बहादुर ने सेना को शक्तिशाली बनाने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया । अतः वह सुगमता से मुग़ल सेना से पराजित हो गया । वह भाग कर खानदेश चला गया । अवसर मिलने पर बाज बहादुर ने मालवा पर आक्रमण करके पीर मुहम्मद को पराजित कर दिया । अब अकबर ने अब्दुल्ला खाँ के नेतृत्व में बाज बहादुर के विरुद्ध सेना भेजी । बाज बहादुर ने अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली । इस तरह 1562 ई ० में मालवा पर मुग़लों का अधिकार हो गया ।
प्रश्न 17.अकबर ने दक्षिणी राजनीति में किन उद्देश्यों से हिस्सा लिया ?
उत्तर – ( 1 ) अकबर उत्तरी भारत की तरह दक्षिणी भारत में भी अपनी प्रभुता स्थापित करना चाहता था ।
(ii)वह दक्षिण में पुर्तगालियों के बढ़ रहे प्रभाव को समाप्त करना चाहता था ।
(iii) वह उत्तरी एवं दक्षिणी राज्यों को एक शासन के अधीन लाकर भारत में राजनीतिक एकता स्थापित करना चाहता था ।
( iv ) दक्षिणी राज्यों में उस समय सत्ता के लिए आपसी संघर्ष चल रहा था । अकबर इस आपसी फूट का लाभ उठाना चाहता था ।
प्रश्न 18. चाँद बीबी कौन थी ?
उत्तर- चाँद बीबी अहमदनगर के सुल्तान बुरहान - उल - मुल्क की बहन तथा बीजापुर की रानी थी । 1595 ई ० में राजकुमार मुराद तथा अब्दुर्रहीम खान - ए - खाना के नेतृत्व में एक विशाल मुग़ल सेना अहमदनगर को विजित किया , परंतु वे मुगलों को पराजित न कर पाए । इसलिए उन्होंने 1596 ई ० में मुग़लों के साथ सूपा की संधि कर ली । इस संधि के अनुसार बरार का प्रदेश मुग़लों को मिल गया और मुग़लों ने बुरहान - उल - मुल्क के लड़के बहादुर निजाम शाह की अहमदनगर का सुल्तान मान लिया । शीघ्र ही चाँद बीबी के विरोधियों ने उसकी हत्या कर दी ।
प्रश्न 19.अकबर की राजपूत नीति की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं ?
उत्तर- ( i ) अकबर ने राजपूतों से विवाह संबंध स्थापित किए ।
( ii ) अकबर ने योग्यता के आधार पर राजपूतों को राज्य के उच्च पदों पर नियुक्त किया ।
( iii ) अकबर ने राजपूतों को पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान की थी । उसने उन पर लगे तीर्थ यात्रा कर एवं जजिया कर को हटा दिया था ।
( iv ) अकबर ने राजपूत राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया ।
( v ) अकबर ने उन राजपूत राज्यों के साथ युद्ध किए जिन्होंने उसकी अधीनता को स्वीकार नहीं किया।
प्रश्न 20.राजपूत राज्यों के प्रति अकबर की नीति किस सीमा तक सफल हुई ?
उत्तर- ( 1 ) राजपूत मुगल साम्राज्य के रक्षक बन गए । उन्होंने मुगल साम्राज्य की रक्षा हेतु अपने रक्त की अंतिम बूंद तक बहा दी ।
( ii) राजपूतों के सहयोग से मुगलों के पास एक शक्तिशाली सेना का गठन हो गया ।
( iii) अकबर की राजपूत नीति के परिणामस्वरूप राजपूतों एवं मुसलमानों को एक - दूसरे के निकट आने का स्वर्ण अवसर प्राप्त हुआ ।
( iv ) इससे कला एवं साहित्य के विकास में एक नए युग का सूत्रपात हुआ ।
( v ) राजपूतों के कारण अकबर अपनी प्रजा को उत्तम प्रशासन दे पाया । इसका कारण यह था कि राजपूत प्रशासनिक कार्यों में बहुत योग्य थे ।
प्रश्न 21. महाराणा प्रताप के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर — महाराणा प्रताप भारत के महान देशभक्तों में से एक था । वह राणा उदय सिंह की मृत्यु के पश्चात् 1572 ई ० में मेवाड़ का नया शासक बना था । उसने मुगलों की अधीनता को स्वीकार करने से स्पष्ट इन्कार कर दिया था । उसने मेवाड़ को मुग़लों से स्वतंत्र रखने का प्रण लिया । इस उद्देश्य से उसने अपनी सैनिक शक्ति को सुदृढ़ करना आरंभ कर दिया । महाराणा प्रताप को अपने अधीन करने के लिए अकबर ने मान सिंह तथा आसफखाँ के अधीन एक सेना भेजी । महाराणा प्रताप तथा मुग़ल सेनाओं के मध्य हल्दीघाटी के स्थान पर 18 जून , 1576 ई ० को घमासान युद्ध हुआ । महाराणा प्रताप ने बहुत वीरता से मुगल सेनाओं का मुकाबला किया परंतु साधनों की कमी के कारण उसको पराजित होना पड़ा । महाराणा प्रताप को वनों में शरण लेनी पड़ी परंतु इसके बावजूद उसने मुग़लों से अपना संघर्ष जारी रखा । 1597 ई ० में उसने अपनी मृत्यु से पूर्व मुग़लों से मेवाड़ के अधिकतर क्षेत्र विजय कर लिए थे । मरते समय उसने अपने पुत्र अमर सिंह से यह वचन लिया कि वह कभी भी मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं करेगा । इस प्रकार महाराणा प्रताप ने स्वतंत्रता के लिए भारतीयों में एक नई रूह फूंकी ।
प्रश्न 22. अकबर को मुगल बादशाहों में सबसे महानतम क्यों माना जाता है ?
उत्तर—(i) उसने एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की।
( ii ) उसने एक उच्च कोटि का शासन प्रबंध स्थापित किया ।
( iii ) उसने सभी धर्मों के प्रति सहनशीलता की नीति अपनाई ।
( iv ) उसने कला तथा साहित्य को प्रोत्साहित किया ।
( v ) उसने अनेक सामाजिक सुधारों को लागू किया ।
प्रश्न 23. जहाँगीर के शासनकाल की किन्हीं तीन घटनाओं का वर्णन कीजिए ।
उत्तर- ( i ) जहाँगीर ने 1612 ई ० में बंगाल में उस्मान खा के विद्रोह का दमन किया ।
( ii ) जहाँगीर ने 1615 ई ० में मेवाड़ के शासक राणा अमर सिंह के साथ संधि की ।
( iii ) जहाँगीर के शासनकाल में 1622 ई ० में कंधार मुग़लों से छिन गया ।
प्रश्न 24. जहाँगीर के नूरजहों के साथ विवाह के क्या विनाशकारी प्रभाव पड़े ?
उत्तर- ( i ) नूरजहाँ की चालों के कारण कंधार 1622 ई ० में मुगलों के हाथों से निकल गया ।
( ii ) नूरजहाँ जहाँगीर की मृत्यु के पश्चात् मुगल सिंहासन पर अपने दामाद शहरयार को बैठाना चाहती थी ।इससे शहजादा खुर्रम ( शाहजहाँ ) भड़क उठा तथा उसने विद्रोह कर दिया । इससे मुगलों के गौरव को गहरा आघात लगा।
( iii ) महाबत खाँ मुगल साम्राज्य का एक प्रसिद्ध सेनापति था । नूरजहाँ उसके बढ़ते हुए प्रभाव से ईष्या करती थी। अतः 1626 ई ० में उसने विद्रोह कर दिया । इससे मुगल राजनीति पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा ।
प्रश्न 25. शाहजहां की मध्य एशिया की नीति क्यों असफल रही? इसका क्या परिणाम हुआ?
उत्तर- शहजहा मध्य एशिया के प्रदेश प्राप्त करके अपनी शान बढ़ाना चाहता था । इस उद्देश्य से उसने 1646 ई ० में शहजादा मुराद एव 1647 ई ० में शहजादा औरंगजेब के नेतृत्व में बलख तथा बदख्शों पर विजय पाने के लिए सेना भेजी । यद्यपि मुग़लों ने बलख को आसानी से जीत लिया परंतु उनकी यह विजय स्थायी सिद्ध न हुई । वहाँ के स्वतंत्रता प्रेमी कबीलों ने अपने छापामार आक्रमणों द्वारा मुगलों के नाक में दम कर दिया । परिणामस्वरूप मुगलों को विवश होकर वापस भारत आना पड़ा । वापसी के समय हजारा नामक कबीले के लोगों ने मुगल सेनाओं पर अचानक इस कारण मुग़लों के गौरव को भारी ठेस लगी जिसका साम्राज्य पर बहुत विनाशकारी प्रभाव पड़ा । आक्रमण करके उनमें भगदड़ पैदा कर दी । इस तरह शाहजहाँ की मध्य एशिया की नीति पूर्ण रूप में असफल रही ।
प्रश्न 26. औरंगजेब के शासनकाल में राजपूतों के विद्रोह के क्या कारण थे ?
उत्तर- ( i ) उसने हिंदुओं के अनेक प्रसिद्ध मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था ।
( ii ) उसने हिंदुओं पर 1679 ई ० में पुनः जजिया कर लगा दिया था ।
( iii ) उसने हिंदुओं को सरकारी पदों से हटा दिया था ।
( iv ) उसने हिंदुओं को बलात् मुसलमान बनाने के भरसक प्रयास किए ।
( v ) औरंगजेब ने हिंदुओं पर मुसलमानों की अपेक्षा अधिक चुंगी कर लगाया ।
प्रश्न 27. औरंगजेब की राजपूत नीति के किन्हीं तीन प्रभावों को बताइए ।
उत्तर – ( i ) राजपूत औरंगजेब के कट्टर दुश्मन बन गए ।
( ii ) राजपूत विरोधी नीति के कारण मुग़ल साम्राज्य को जन - धन की अपार हानि उठानी पड़ी ।
( iii ) इस नीति से मुग़ल साम्राज्य के लिए घातक परिणाम निकले तथा उसका पतन आरंभ हो गया ।
प्रश्न 28. औरंगजेब की धार्मिक नीति मुगल साम्राज्य के लिए क्यों विनाशकारी प्रमाणित हुई ?
उत्तर – ( i ) औरंगजेब की हिंदू विरोधी नीति के कारण उनके मन में प्रतिशोध की ज्वाला भड़क उठी ।
( ii ) औरंगजेब की धार्मिक नीति के कारण जाटों , सतनामियों , सिखों तथा राजपूतों ने मुग़लों के विरुद्ध शस्त्र उठा लिए । इससे साम्राज्य में अशांति फैली ।
( iii ) औरंगजेब ने हिंदुओं को उनके सरकारी पदों से वंचित कर दिया । इससे शासन व्यवस्था में अव्यवस्था फैली ।
( iv ) विद्रोहों को कुचलने में औरंगज़ेब को काफी धन का व्यय करना पड़ा । इससे राज्य को काफी आर्थिक हानि हुई ।
( v ) औरंगज़ेब की धार्मिक नीति के कारण राजपूत मुगलों के घोर विरोधी हो गए । इससे मुग़ल साम्राज्य को गहरा आघात लगा ।
प्रश्न 29. औरंगज़ेब की बीजापुर विजय का संक्षिप्त वर्णन करें ।
उत्तर —औरंगजेब द्वारा बीजापुर को विजित करने के लिए 1665 ई ० में जय सिंह के अंतर्गत तथा 1679 ई में दिलेर खाँ के अंतर्गत भेजे गए अभियान बुरी तरह विफल रहे । इसलिए 1685 ई ० में शहजादा आजम के अंतर्गत बीजापुर के विरुद्ध एक विशाल सेना भेजी गई । बीजापुर के सैनिकों ने लगभग 15 माह तक मुगल सेनाओं को आगे विवश होकर बीजापुर के सुल्तान सिकंदर आदिल शाह ने मुग़लों के सम्मुख शस्त्र डाल दिए । इस प्रकार सितंबर , बढ़ने से रोके रखा । अंतत : औरंगज़ेब स्वयं बीजापुर पहुँचा । उसके अंतर्गत मुगल सेनाएं बहुत वीरतापूर्वक लड़ीं । अंततः • 1686 ई ० में बीजापुर मुग़ल साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया गया ।
प्रश्न 30. औरंगजेब की दक्षिण नीति मुगल साम्राज्य के लिए किस प्रकार विनाशकारी सिद्ध हुई ?
उत्तर —औरंगजेब दक्षिण को विजित करने के लिए 25 वर्ष तक वही रहा । बीजापुर तथा गोलकुंडा की रियासतों करने पड़े । इन लड़ाइयों में उलझे होने के कारण औरंगजेब उत्तरी भारत की ओर ध्यान न दे पाया । फलस्वरूप को मुगल साम्राज्य में सम्मिलित करके औरंगजेब ने बहुत बड़ी भूल की । इस कारण उसे मराठों के साथ निरंतर बुद्ध निरंतर युद्धों के कारण कृषि और व्यापार पर भी विनाशकारी प्रभाव पड़ा । फलस्वरूप औरंगजेब के विरुद्ध व भारत में अशांति एवं अराजकता फैल गई । स्थान - स्थान पर विद्रोह होने लगे । प्रशासकीय ढाँचा बिल्कुल बिगड़ गया । होने आरंभ हो गए । इस प्रकार औरंगजेब सुख की साँस न ले पाया ।
प्रश्न 31. मुगल साम्राज्य के पतन के लिए औरंगजेब की कौन - सी नीतियाँ उत्तरदायी थी ?
उत्तर—(i)औरंगजेब ने केंद्रीयकरण की नीति अपनाई थी जिसके कई दुष्परिणाम निकले ।
(ii) औरंगजेब ने ग़ैर - मुसलमानों के प्रति असहनशीलता की नीति अपनाई । इस कारण राजपूत , सिंधु मराठे , जाट तथा सतनामी मुग़ल साम्राज्य के कट्टर शत्रु बन गए ।
( iii ) औरंगज़ेब ने अपनी नीतियों द्वारा राजपूतों को अपना घोर विरोधी बना लिया था । इसके घातक परिणाम निकले ।(iv)औरंगजेब की दक्षिण नीति मुग़ल साम्राज्य के लिए विनाशकारी प्रमाणित हुई ।
( v ) औरंगजेब बहुत संदेहशील व्यक्ति था । इस कारण राज्य के बहुत से लोग उसके विरुद्ध हो गए ।
प्रश्न 32. मुगलकालीन इतिवृत्त हमें क्या जानकारी देते हैं ?
उत्तर- ( i ) बादशाह एवं उसके समय की घटनाओं की जानकारी देना ।
( ii ) दरबार , अभिजात वर्ग एवं शाही परिवार की जानकारी देना ।
( iii ) मुगल काल की प्रशासनिक संस्थाओं की जानकारी देना ।
प्रश्न 33. मुग़ल शासकों द्वारा तैयार करवाए गए इतिवृत्तों के कोई तीन उद्देश्य लिखें ।
उत्तर- ( i ) बादशाह के लिए उसके अधीन क्षेत्रों से संबंधित उपयोगी जानकारियाँ एकत्रित करना ।
( ii ) लोगों के सामने एक प्रबुद्ध राज्य की तस्वीर प्रस्तुत करना ।
( ii ) भावी पीढ़ियों के लिए मुगल बादशाहों के विवरण उपलब्ध करवाना ।
प्रश्न 34. अकबर ने फ़ारसी को राज्य भाषा क्यों घोषित किया ?
उत्तर - ( i ) अकबर ने फ़ारसी को राज्य भाषा इसलिए घोषित किया था कि वह ईरान के साथ सांस्कृतिक एवं बौद्धिक संपर्क बनाए रखना चाहता था ।
( ii ) मुग़ल दरबार में पद पाने की इच्छा रखने वाले ईरानी एवं मध्य एशिया के लोगों ने बादशाह को इस भाषा को अपनाए जाने के लिए प्रेरित किया ।
( iii ) उस समय फ़ारसी को शक्ति एवं प्रतिष्ठा का सूचक समझा जाता था । अतः अकबर ने इ अपनाने में कोई संकोच नहीं किया ।
( iv ) इस भाषा को बादशाह , शाही परिवार एवं दरबार के अभिजात वर्ग के लोग बोलते थे । अतः वह भाषा उनकी प्रथम पसंद बन गई ।
( v ) शीघ्र ही फ़ारसी लेखाकारों , लिपिकों तथा अन्य अधिकारियों में भी लोकप्रिय हो गई
प्रश्न 35. नस्तलिक शैली से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर - नस्तलिक शैली सुलेखन की एक कला थी । इसे मुगल बादशाह अकबर द्वारा अपनाया गया था । यह की नोक के मध्य में एक छोटा - सा सुराख कर दिया जाता था ताकि यह स्याही को सुगमता से सोख लें । घंटे हुए सरकंडे जिसे कलम कहा गया था के टुकड़े से स्याही से डुबोकर लिखा जाता था । आमतौर पर कलम की लोक के मध्य में एक छोटा सा सुराख कर दिया जाता था। ताकि यह स्याही को सुगमता से सोख लें।
प्रश्न 36. मुग़ल पांडुलिपियों तैयार करने में चित्रकारी की क्या भूमिका थी ?
उत्तर- मुगल पांडुलिपियों तैयार करने में चित्रकारी की उल्लेखनीय भूमिका होती थी । एक मुगल बादशाह के शासन की घटनाओं का विवरण देने वाले इतिहासों में लिखित पाठ के साथ ही उन घटनाओं को चित्रों के माध्यम से भी दर्शाया जाता था । अतः जब किसी पुस्तक में घटनाओं अथवा विषयों को दृश्य रूप में दर्शाना होता था तो अलग से चित्र बना लेते थे । बाद में इन चित्रों को पांडुलिपि में संबंधित पृष्ठ पर लगा दिया जाता था । ये सभी मुलखक उसके आस - पास के पृष्ठों को खाली छोड़ देते थे । चित्रकार विषय का अध्ययन कर उसके अनुरूप सचित्र होते थे । इन चित्रों द्वारा पांडुलिपि की सुंदरता को चार चांद लगाए जाते थे ।
प्रश्न 37. जहांगीर के शासनकाल में चित्रकला के क्षेत्र में हुई प्रगति का विवरण दीजिए ।
उत्तर - जहाँगीर के शासनकाल को चित्रकला का स्वर्ण युग कहा जाता है । जहाँगीर स्वयं एक अच्छा चित्रकार था । उसके शासनकाल में मुग़ल चित्रकला पूर्ण रूप से भारतीय बन चुकी थी । जहाँगीर ने राजदरबारों के दृश्यों तथा अन्य घटनाओं के साथ - साथ पशु - पक्षियों तथा मनुष्यों की चित्रकारी को बहुत प्रोत्साहित किया । जहाँगीर के समय सूक्ष्म चित्रकारी का विकास आरंभ हो चुका था । उस्ताद मंसूर जहाँगीर के दरबार का सबसे प्रख्यात चित्रकार था । अब्दुल हसन , फारुख बेग , मुराद , माधव , मनोहर , तुलसी तथा केशव जहाँगीर के अन्य प्रख्यात चित्रकार थे ।
प्रश्न 38.अकबरनामा ' पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर- अबुल फ़ज़्ल का अकबरनामा निस्संदेह मुगल साम्राज्य के इतिहास को जानने का एक प्रामाणिक एवं महत्त्वपूर्ण स्रोत है । यह अकबर के शासनकाल की वास्तविक तस्वीर हमारे समक्ष प्रस्तुत करता है । अबुल फज्ल ने इतिहास लेखन में बौद्धिक तत्त्व का समावेश किया । उसने इतिहास लेखन को एक नई दिशा प्रदान की । उसने इसे लिखते समय विवेकपूर्ण एवं धर्म निरपेक्ष दृष्टिकोण अपनाया । वह कट्टरवाद एवं परंपरावाद से कोसों दूर रहा । उसने अकबरनामा में उन घटनाओं का वर्णन किया है जो उसकी आँखों देखी थीं अथवा जिनकी प्रामाणिकता उसने अन्य से जाँच कर ली थी ।
प्रश्न 39. बादशाहनामा और इसके महत्व के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर—बादशाहनामा को शाहजहाँ के शासनकाल से संबंधित सबसे बहुमूल्य एवं प्रामाणिक स्रोत माना जाता है । इसमें शाहजहाँ के शासनकाल से संबंधित 30 वर्षों की घटनाओं का विवरण दिया गया है । इसके प्रथम 20 वर्षों का वरण अब्दुल हमीद लाहौरी द्वारा तथा बाद के 10 वर्षों का विवरण मुहम्मद वारिस द्वारा दिया गया है । इसमें शाहजहाँ के पूर्वजों , शाहजहाँ के शासनकाल के शेखों , विद्वानों एवं कलाकारों के जीवन का भी वर्णन किया गया है ।
प्रश्न 40. सुलह - ए - कुल से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर—. सुलह - ए - कुल से अभिप्राय था सबके साथ शाँति । मुग़ल बादशाह अकबर ने सुलह - ए - कुल को अपने लम्राज्य में लागू किया । वह विभिन्न धर्मों का सहयोग तलवार के बल पर नहीं अपितु प्रेम के बल से प्राप्त करना बहता था । अतः उसने मुगल साम्राज्य के सभी अधिकारियों को प्रशासन में सुलह - ए - कुल के नियमों का अनुपालन करने के आदेश जारी किए । उसने 1563 ई ० में तीर्थयात्रा कर तथा 1564 ई ० में जजिया कर को दुसलमान आदि सम्मिलित थे । इन्हें दिए गए पद एवं ईनाम पूरी तरह से उनकी बादशाह के प्रति सेवा एवं निष्ठा हटा दिया था । इसके अतिरिक्त उसके अधीन अभिजात वर्ग में ईरानी , तूरानी , अफ़ग़ानी , राजपूत एवं भारतीय पर आधारित थे । निस्संदेह इससे मुगल इतिहास में एक नये युग का सूत्रपात हुआ।
प्रश्न 41. झरोखा दर्शन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- मुगल बादशाह प्रातः कालीन नमाज़ के पश्चात् सूर्योदय के समय पूर्व की ओर मुँह किए झरोखा दर्शन के लिए आता था यहां वह लगभग एक घंटा रहता था अकबर ने इस संस्था को आरंभ किया था। झरोखे के लिए शाही महलों में एक निर्धारित खिड़की होती थी । इसके नीचे एक विस्तृत प्रांगण दिखाई देता था जहाँ छोटे के लिए आता था । यहाँ वह लगभग एक घंटा रहता था । अकबर ने इस संस्था की आरंभ किया था । झराख के लिए । अमीर - गरीब , स्त्री - पुरुष प्रत्येक वर्ग के लोग बादशाह के दर्शन के लिए इकट्ठे होते थे । वे बिना किसा अवध के बादशाह के समक्ष अपनी फरियाद कर सकते थे । बादशाह अकबर तत्काल उनका निवारण कर देता था । इसक -बड़े , पर चर्चा करता था । पश्चात् बादशाह यहाँ सेना का निरीक्षण करता था तथा पशुओं के युद्ध को देखता था ।
प्रश्न 42. मुगल बादशाह द्वारा दीवान - ए - खास में किए जाने वाले कोई तीन कार्य बताए ।
उत्तर- ( i ) यहाँ मुगल बादशाह निजी सभाएं करता था एवं गोपनीय मुद्दों पर चर्चा करता था।
( ii ) यहाँ राज्य के वरिष्ठ मंत्री उसके सामने अपनी याचिकाए प्रस्तुत करते थे ।
( iii ) यहाँ बादशाह उच्च कलाकारों के कार्यों को देखता था ।
प्रश्न 43. मुगल काल में हरम क्या था ?
उत्तर- मुगल काल में हरम शब्द का प्रयोग राजमहल के उस भाग के लिए किया जाता था जहा शाही परिवार बादशाह की पलियाँ , उपपत्नियाँ , उसके निकट के एवं दूरवर्ती रिश्तेदार जिनमें माता , सौतेली माताएं एवं उपमाताएँ से संबंधित स्त्रियाँ रहती थीं । हरम शब्द फारसी से निकला है जिससे अभिप्राय है पवित्र स्थान मुग़ल परिवार में बहनें , पुत्रियाँ , पुत्र वधुएँ , चाचियाँ , मौंसियाँ एवं बच्चे आदि सम्मिलित थे । इनके अतिरिक्त हरम में महिला गुलाम एवं नौकरानियाँ भी सम्मिलित थीं ।
प्रश्न 44. मुग़ल अभिजात वर्ग की मुख्य विशेषताएँ लिखिए ।
उत्तर – मुगल अभिजात वर्ग मुग़लों की एक शक्तिशाली एवं प्रभावशाली संस्था थी । इसने मुग़लों की राजनीति एवं प्रशासन में उल्लेखनीय भूमिका निभाई । यद्यपि मुगल अभिजात वर्ग की स्थापना का श्रेय मुग़ल बादशाह बाबर को दिया जाता है किंतु मुगल बादशाह अकबर ने इसे एक नयी दिशा प्रदान की । मुग़ल अभिजात वर्ग में भर्ती का कार्य केवल बादशाह के हाथ में था । वह केवल उस मनसबदार को अभिजात वर्ग में सम्मिलित करता था जो उसकी नजर में खरे उतरते थे । अभिजात वर्ग मुगल साम्राज्य का एक शक्तिशाली एवं विशेषाधिकार प्राप्त गुट था । अतः एक आम व्यक्ति के लिए इसमें सम्मिलित होना इतना सुगम नहीं था , चाहे वह कितनी भी योग्यता क्यों न रखता हो ।
प्रश्न 45. मुगल अख़बारात में दर्ज की जाने वाली कोई तीन सूचनाएँ बताएँ ।
उत्तर- ( i ) दरबार की बैठकों की तिथि एवं समय ।
( ii ) दरबार में पद एवं पदवियों का दिया जाना ।
( iii ) दरबार में राजनयिक शिष्टमंडलों का आगमन एवं उनका स्वागत ।
प्रश्न 46. मुगल शासन में बादशाह की क्या स्थिति थी ?
उत्तर – बादशाह को मुगल तथा मुख्य न्यायाधीश होता शासन का ' धुरा ' था । उसके मुख से निकला प्रत्येक अधिकार प्राप्त कहा जाता था । वह सेना का मुख्य सेनापति , मुख्य कार्यपालक शब्द कानून समझा जाता था । वह ही सारे देश की नीतियाँ तैयार करता था मुग़ल बादशाह को व्यापक विशेष थे । जैसे - सिंहासन पर बैठना , मृत्यु दंड देना , अपने नाम के सिक्के जारी करना , झरोखा दर्शन देना , उपाधियाँ देना , शाही आदेशों पर मुहर लगाना आदि । प्रशासन संबंधी परामर्श देने के लिए मुगल बादशाह ने कई मंत्री नियुक्त किए , परंतु उनके परामर्श को मानना या न मानना बादशाह की इच्छा पर निर्भर करता था ।
प्रश्न 47. मुगल प्रशासन में दीवान - ए - आला कौन था ?
उत्तर —वह मुगल राज्य का वित्त मंत्री था । वह राज्य की आय तथा व्यय का ब्यौरा रखता था । उसके हस्ताक्ष नियम बनाता था । वह प्रांतीय दीवानों की नियुक्ति के लिए बादशाह को सिफ़ारिश करता था तथा उनके कार्यों के व्यक्ति वित्तीय कोष में से धन नहीं निकलवा सकता था । वह भू - राजस्व वसूल करने संबंधी भी बारे में बादशाह को जानकारी देता था । वह करों का पूर्ण विवरण रखता था तथा इसे बादशाह के सम्मुख प्रस्तुत करता था । वह अपना न्यायालय भी लगाता था तथा भू - राजस्व संबंधी मुकद्दमों का निर्णय देता था ।
प्रश्न 48. मुगल प्रशासन में मीर बक्शी के मुख्य कारण क्या थे?
उत्तर- मीर बख्शी केंद्र में मुगलों के वेतन विभाग का अध्यक्ष था । वह सभी सैनिक एवं गैर - सैनिक अधिकारियों को वेतन बाँटता था । वेतन संबंधी सभी बिल उसके द्वारा ही पास किए जाते थे । वह सभी मनसबदारों के नाम , पद एवं उनको दिए जाने वाले वेतन का रिकॉर्ड रखता था । मनसबदारों की भर्ती , पदोन्नति तथा स्थानांतरण बादशाह मीर बख़्शी की सिफ़ारिश पर करता था । वह प्राँतीय बख़्शियों के कार्यों की भी देखभाल करता था ।
प्रश्न 49. मुग़ल काल में सूबेदारों के मुख्य कार्य क्या थे ?
उत्तर — वह मुग़लों के प्रांतीय शासन प्रबंध का मुखिया होता था । उसका मुख्य कार्य प्राँतों में शाँति बनाए रखना तथा कानून व्यवस्था को लागू करना था । वह लोगों के कल्याण एवं समृद्धि के लिए सड़कों , नहरों , कुओं , बागों तथा अस्पतालों का निर्माण करवाता था । वह कृषि के विकास के लिए भी विशेष ध्यान देता था । वह अपने अधीन सेना में अनुशासन कायम रखता था । वह लगान इकट्ठा करने में भी दीवान की सहायता करता था । वह लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता के संबंध में पूरा ध्यान देता था ।
प्रश्न 50. कोतवाल कौन था ? उसके क्या कार्य थे ?
उत्तर —कोतवाल पुलिस अधिकारी था । उसका मुख्य कार्य शहर में शांति व्यवस्था का प्रबंध करना था । वह शहर में रहने वाले बदमाश व्यक्तियों , वेश्याओं , शराब तथा नशीली वस्तुओं को बेचने वालों पर कड़ी नजर रखता था । वह अपराधों को रोकता था तथा जेलों की व्यवस्था करता था । वह बाज़ार एवं मंडियों की देखभाल करता था । वह विदेशों से आने वाले व्यक्तियों पर कड़ी नज़र रखता था । वह शहर में कब्रिस्तानों का प्रबंध करता था । वह शहर की पहरेदारी का भी प्रबंध करता था।