Class 12th History Chapter - 10 उपनिवेशवाद एवं देहात (Colonialism and the Countryside) Short and Long Question Answer NCERT CBSE

Chapter - 10 

उपनिवेशवाद एवं देहात (Colonialism and the Countryside)


2 अंकों के उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1. बर्दवान की भू - संपदा को कब नीलाम किया गया था ? उस समय बर्दवान का राजा कौन था ? 

उत्तर- ( i ) बर्दवान की भू - संपदा को 1797 ई ० में नीलाम किया गया था ।

 ( ii ) उस समय बर्दवान का राजा तेजचंद था । 

प्रश्न 2. बर्दवान में की गई नीलामी की घटना क्या थी ?

 उत्तर- 1797 ई ० में बर्दवान की भू - संपदा को नीलाम किया गया था । इसका निश्चित भू - राजस्व की अदायगी नहीं कर सका था । इसे सबसे ऊँची बोली लगाने वाले को बेच दिया गया था।

 प्रश्न 3. बंगाल में ज़मींदारों की भू - संपदाएँ नीलाम क्यों कर दी जाती थीं ? 

उत्तर – बंगाल में जमींदारों की भू - संपदाएँ इसलिए नीलाम कर भू - राजस्व की माँग की गई थी । ज़मींदार इसे देने में विफल रहे । कारण यह था कि बर्दवान का राजा लगाने वाले को बेच दिया गया था । जाती थीं , क्योंकि कंपनी द्वारा उनसे बहुत अधिक भू– राजस्व की मांग की गई थी। जमींदार इसे देने में विफल रहे।

 प्रश्न 4. ब्रिटिश शासनकाल में ज़मींदारों के कौन - से दो कर्त्तव्य निश्चित किए गए ? 

उत्तर – ( i ) अपने अधीन गाँवों में भू - राजस्व एकत्र करना ।

 ( ii ) एकत्र हुए भू - राजस्व को कंपनी के पास जमा करवाना । 

प्रश्न 5. 1770 ई ० के दशक में बंगाल की ग्रामीण अर्थव्यवस्था संकट के दौर से क्यों गुजर रही थी ? 

उत्तर – ( i ) इस समय बंगाल में बार - बार अकाल पड़ रहे थे । 

( ii ) खेती की पैदावार कम होती जा रही थी । 

प्रश्न 6. कृषि के वाणिज्यीकरण से क्या अभिप्राय है ? 

उत्तर - कृषि के वाणिज्यीकरण से अभिप्राय था कि किसान अब गाँवों की आवश्यकताओं के लिए नहीं , अपितु बाज़ार में बेचने के लिए अपनी फ़सलों का उत्पादन करते थे । अतः उन्होंने कपास , पटसन , नील , चाय , गना एवं तेल के बीज आदि फ़सलों के उत्पादन पर अधिक बल दिया । इन फ़सलों की बाज़ार में बहुत अधिक माँग थी ।

 प्रश्न 7. अंग्रेजी शासन काल भारत में कृषि के वाणिज्यीकरण की दो हानियाँ लिखें।

उत्तर- ( i ) नकदी फसलों को अधिक महत्त्व दिए जाने के कारण खाद्यान्न फसलों का उत्पादन कम हो गया ।

 ( ii ) इससे ग्रामीण आत्मनिर्भरता को गहरा आघात लगा । 

प्रश्न 8 अमला कौन था ? उसे पेश आने वाली कोई दो समस्याएँ बताएँ । 

उत्तर- ( 1 ) अमला जमींदार का एक भू - राजस्व अधिकारी था ।  

( 2) फसलों के खराब होने पर रैयत उसे भू - राजस्व अदा नहीं करते थे ।

( iii ) जोतदार जो गाँव में काफी प्रभावशाली होते थे अमला के मार्ग में बाधा उत्पन्न करते थे । 

प्रश्न 9. जमीदार शब्द से आपका क्या अभिप्राय है ? 

उत्तर- ( 1 ) जमींदार विशाल भू - स्वामी होते थे । 

 ( ii ) उनका अनेक गाँवों पर नियंत्रण रहता था । 

( ii ) वे अपने अधीन गाँवों से भू - राजस्व एकत्र कर सरकार के पास जमा करवाते थे ।

 प्रश्न 10. समीदारों की शक्ति को नियंत्रित करने के उद्देश्य से कंपनी ने क्या पग उठाए ?

 उत्तर - ( i ) उनकी सैन्य टुकड़ियों को भंग कर दिया गया ।

 ( ii ) उनसे न्याय एवं स्थानीय पुलिस व्यवस्था के अधिकार छीन लिए गए ।

( iii ) उनके द्वारा लिया जाने वाला सीमा शुल्क समाप्त कर दिया गया । 

प्रश्न 11. रैयत एवं शिकमी रैयत से क्या अभिप्राय है ? अथवा रयत से आपका क्या अभिप्राय ?

उत्तर – ( 1 ) रैयत किसानों को कहा जाता था । वे कुछ जमीन खुद जोतते थे तथा भू - राजस्व जमींदार को देते थे ।

 ( ii ) शिकमी रैयत , रैयत से पट्टे पर प्राप्त जमीन को जोतते थे तथा उन्हें भू - राजस्व देते थे ।

 प्रश्न 12. जोतदार कौन थे ? वे किन अन्य नामों से जाने जाते थे ? 

उत्तर- ( i ) जोतदार गाँव के मुखिया थे ।

 ( ii ) वे हवलदार एवं गाँटीदार नामक नामों से जाने जाते थे ।

 प्रश्न 13. ग्रामीण बंगाल के बहुत से इलाकों में जोतदार एक ताकतवर हस्ती क्यों था ? 

 उत्तर- ( i ) जोतदारों के पास भूमि के बड़े - बड़े टुकड़े थे । वे किसानों के हितैषी थे । 

( ii ) उनका स्थानीय व्यापार एवं साहूकारी पर पूरा नियंत्रण था । 

प्रश्न 14 , 19 वीं शताब्दी में जमींदारों की स्थिति सुदृढ़ होने के कोई दो कारण लिखें । 

उत्तर - ( i ) इस समय कृषि उत्पादों की कीमतों में काफ़ी वृद्धि हो गई थी । 

( ii ) कंपनी ने भू - राजस्व के भुगतान संबंधी नियमों को कुछ लचीला बना लिया था । 

प्रश्न 15 , ज़मींदार लोग अपनी जमदारियों पर किस प्रकार नियंत्रण बनाए रखते थे ? 

उत्तर- ( i ) जमींदारों के लठियाल नए खरीददार को गाँवों में घुसने देते थे । थी । 

( ii ) गाँव की रैयत भी ज़मींदार के प्रति वफ़ादार रहती थी । 

प्रश्न 16 विश्व में आर्थिक महामंदी कब आई थी ?

 उत्तर- विश्व में आर्थिक महामंदी 1929 ई ० में आई थी।

 प्रश्न 17. ब्रिटिश शासनकाल में दस्तकार क्यों बर्बाद हुए ? कोई दो कारण लिखें ।

उत्तर- ( 1 ) औद्योगिक क्रांति के कारण इंग्लैंड का माल भारतीय माल की अपेक्षा अधिक सस्ता एवं सुंदर था ।

 ( ii ) अंग्रेजों ने 1813 ई ० में भारत के साथ मुक्त व्यापार की नीति अपनाई ।

 प्रश्न 18. बंगाल का इस्तमरारी ( स्थायी ) बंदोबस्त किसने और कब लागू किया ? 

 उत्तर —बंगाल का इस्तमरारी बंदोबस्त 1793 ई ० में लॉर्ड कार्नवालिस ने शुरू किया । 

प्रश्न 19. इस्तमरारी बंदोबस्त क्या है ? 

उत्तर - ( i ) इस्तमरारी बंदोबस्त 1793 ई ० में आरंभ किया गया । 

( ii ) यह जमींदार वर्ग के साथ किया गया ।

 ( iii ) इसके अधीन किसानों का घोर शोषण हुआ । 

प्रश्न 20. स्थायी बंदोबस्त की कोई दो प्रमुख विशेषताएं लिखिए ।

 उत्तर- ( i ) ज़मींदारों को भूमि का स्वामी मान लिया गया ।

 (ii) जमींदारों से लिया जाने वाला भू– राजस्व सदैव के लिए निश्चित कर दिया गया।

प्रश्न 21. दो कारण देखकर सिद्ध कीजिए कि स्थाई बंदोबस्त कृषकों के लिए लाभप्रद नहीं था।

उत्तर—(i) सरकार ने जमींदारों को भूमि का स्वामी मान लिया था । अतः कृषकों के हितों की पूरी तरह अवहेलना की गई ।

(  ii ) कृषकों को जमींदारों की दया पर छोड़ दिया गया था । परिणामस्वरूप जमींदारों ने किसानों पर मनमाने जुल्म करने आरंभ कर दिए थे 

प्रश्न 22. स्थायी बंदोबस्त के दो प्रमुख दोष बताएं।

उत्तर- ( i ) स्थायी बंदोबस्त में कृषकों के हितों की पूरी तरह अवहेलना की गई थी ।

( ii ) स्थायी बंदोबस्त के कारण सरकार को भविष्य में भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ी ।

 प्रश्न 23. रैयतवाड़ी बंदोबस्त क्या था ?

उत्तर- ( i ) रैयतवाड़ी व्यवस्था को मद्रास तथा बंबई में लागू किया गया था ।

 ( ii ) यह व्यवस्था ज़मींदारों की अपेक्षा प्रत्यक्ष रूप में किसानों के साथ की गई थी । 

( iii ) इसमें किसानों से लिया जाने वाले भू - राजस्व 20 से 30 वर्षों के लिए निश्चित किया गया था । 

प्रश्न 24. रैयतवाड़ी बंदोबस्त को मद्रास में कब तथा किसने लागू किया था ? 

उत्तर- रैयतवाड़ी बंदोबस्त को मद्रास में 1820 ई ० में थामस मुनरो ने लागू किया था । 

प्रश्न 25. रैयतवाड़ी बंदोबस्त के कोई दो गुण बताएँ । 

उत्तर- ( i ) इससे किसानों की स्थिति अच्छी हो गई क्योंकि उन्हें भूमि का स्वामी । कारण देकर सिद्ध कीजिए कि स्थायी बंदोबस्त कृषकों के लिए लाभप्रद नहीं था । मान लिया गया था । 

( ii ) यह बंदोबस्त सरकार के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ । इससे सरकार की आय में वृद्धि हो गई । 

प्रश्न 26. महालवाड़ी व्यवस्था से आपका क्या अभिप्राय है ? 

उत्तर – ( i ) महालवाड़ी व्यवस्था महाल अथवा गाँव के समूचे भाईचारे के साथ की जाती थी ।

( ii ) यह भाईचारा सामूहिक रूप से सरकार द्वारा निश्चित भू - राजस्व की अदायगी करता था ।

प्रश्न 27. महालवाड़ी व्यवस्था किन प्रदेशों में लागू की गई थी ? 

उत्तर- महालवाड़ी व्यवस्था उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश एवं पंजाब में लागू की गई थी ।

 प्रश्न 28. महालवाड़ी व्यवस्था के दो प्रमुख गुण क्या थे ? 

उत्तर- ( 1 ) महालवाड़ी व्यवस्था सरकार के लिए लाभकारी सिद्ध हुई ।

 ( ii ) इस व्यवस्था में किसान जमींदारों के शोषण से मुक्त हो गए ।

 प्रश्न 29. महालवाड़ी व्यवस्था के दो प्रमुख दोष बताएँ । 

उत्तर - ( i ) इस व्यवस्था में निश्चित की गई भू - राजस्व की दर बहुत अधिक थी ।

 ( ii ) इस व्यवस्था में भू - राजस्व को उचित ढंग से निश्चित करना एक कठिन कार्य था । 

प्रश्न 30. किन दो कारणों से भारतीय किसान दरिद्र हो गए।

उत्तर - ( i ) किसानों से बहुत अधिक भू - राजस्व वसूल किया जाता था ।

 ( ii ) सरकार द्वारा कृषि सुधारों की उपेक्षा की गई । 

प्रश्न 31. अंग्रेजों की कृषि नीतियों का किसानों पर क्या प्रभाव पड़ा ?

 उत्तर- ( i ) इससे किसानों की दशा दयनीय हो गई । 

( ii ) किसान अब ऐसी फ़सलों को उगाने के लिए मजबूर हुए जिन्हें सुगमता से बाजार में बेचा जा सकता था । 

प्रश्न 32. पांचवीं रिपोर्ट ब्रिटिश संसद में कब पेश की गई थी ? इसका उद्देश्य क्या था ? अथवा पाँचवीं रिपोर्ट क्या है ? 

उत्तर- ( i ) पाँचवीं रिपोर्ट ब्रिटिश संसद में 1813 ई ० में पेश की गई थी । 

( ii ) इसका उद्देश्य भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की गतिविधियों पर नियंत्रण रखना था ।

 प्रश्न 33. पाँचवीं रिपोर्ट को तैयार करते समय प्रयोग किए गए कोई दो स्त्रोतों के नाम लिखिए ।

 उत्तर- ( 1 ) ज़मींदारों एवं रैयतों की अर्जियाँ । 

( ii ) भिन्न - भिन्न जिलों के कलेक्टरों की रिपोर्ट ।

प्रश्न 34. पहाड़िया कौन थे ? 

उत्तर – ( i ) पहाड़िया लोग ब्रिटिश शासनकाल में राजमहल की पहाड़ियों के इर्द - गिर्द रहते थे । 

( ii ) वे अपना निर्वाह झूम खेती एवं वनों से मिलने वाले उत्पादों से करते थे ।

 प्रश्न 35. पहाड़ियों की झूम खेती की कोई दो विशेषताएं लिखिए । 

उत्तर- ( i ) वे अपने कुदाल द्वारा ज़मीन को थोड़ा खरोंच कर बीज डाल देते थे ।

 ( ii ) वे कुछ वर्षों तक एक स्थान पर खेती करने के पश्चात् नए क्षेत्र में चले जाते थे ।

 प्रश्न 36. पहाड़ियों के जीवन में वनों का क्या महत्त्व था ?

उत्तर- ( i ) वे इमली के पेड़ों के मध्य झोंपड़ियाँ बना कर रहते थे । 

(ii) वे वनों में शिकार करते थे एवं महुआ के फूल एकत्र करते थे ।

 ( iii ) उनके पशुओं के लिए पेड़ों के नीचे उगने वाले छोटे - छोटे पौधे चारे का काम करते थे । 

प्रश्न 37. पहाड़िया लोगों के जीवन की कोई दो विशेषताएँ लिखिए ।

 उत्तर- ( i ) वे झूम खेती करते थे । 

( ii ) वनों का उनके जीवन में विशेष महत्त्व होता था ।

प्रश्न 38. पहाड़ियों के मुखिया के कोई दो कर्त्तव्य बताएं । 

उत्तर- ( i ) वह अपने समूह में एकता बनाए रखता था ।

( ii ) वह समूह के लोगों में उत्पन्न होने वाले झगड़ों का निर्णय करता था । 

प्रश्न 39. पहाड़िया लोगों के आक्रमणों से बचाव के लिए जमींदार एवं व्यापारी क्या करते थे?

उत्तर–(i) जमींदार पहाड़ी मुखिया ओं को वार्षिक खिराज देते थे।

( ii ) व्यापारी उन्हें कुछ पथ कर देते थे । 

 प्रश्न 40. अंग्रेजों ने वनों का सफ़ाया करने तथा वहाँ से पहाड़ियों को हटाने का निर्णय क्यों किया ? 

उत्तर- ( i ) अंग्रेज़ वनों का सफ़ाया करके कृषि का विस्तार करना चाहते थे । 

( ii ) वे वनवासियों को अपने लिए एक बड़ी सिरदर्दी मानते थे । इसलिए वे उन पर नियंत्रण पाना चाहते थे।

 प्रश्न 41. ऑगस्टस क्लीवलैंड कौन था ? उसने पहाड़ियों के प्रति क्या नीति अपनाई ?

 उत्तर – ( 1 ) ऑगस्टस क्लीवलैंड 1780 के दशक में भागलपुर का कलेक्टर था । 

( ii ) उसने पहाड़ियों के प्रति मित्रता की नीति अपनाई । 

प्रश्न 42. फ्रांसिस बुकानन ने राजमहल की यात्रा कब की थी ? पहाड़िया लोग उसे किस दृष्टि से देखते थे।

 उत्तर – ( i ) फ्रांसिस बुकानन ने 1810-11 ई ० में राजमहल की यात्रा की थी ।

 ( ii ) पहाड़िया लोग उसे संदेह की दृष्टि से देखते थे ।

 प्रश्न 43 हल एवं कुदाल के मध्य लड़ाई क्या थी ? 

उत्तर- हल एवं कुदाल के मध्य लड़ाई संथालों एवं पहाड़ियों के मध्य संघर्ष था । पहाड़िए कृषि के लिए दाल एवं संथाल कृषि के लिए हल का प्रयोग करते थे । कुदाल एवं हल को दोनों अपनी - अपनी शक्ति का प्रतीक नते थे । 

प्रश्न 44. संथालों का राजमहल की पहाड़ियों में आगमन कब हुआ ? वे कौन - कौन सी दो मुख्य फसले जाते थे ?

उत्तर– ( i ) संथालों का राजमहल की पहाड़ियों में आगमन 1800 ई ० में हुआ । 

( ii ) वे वहाँ चावल एवं कपास की दो मुख्य फ़सलें उपजाते थे । 

प्रश्न 45. फ्रांसिस बुकानन ने गंजुरिया पहाड़ की यात्रा कब की थी ? वह यहाँ की किन दो फ़सलों गुणवत्ता को विश्व स्तर की मानता है ?

उत्तर- ( i ) फ्रांसिस बुकानन ने गंजुरिया पहाड़ की यात्रा 1810 ई ० में की थी । 

( ii ) वह यहाँ की तंबाकू एवं सरसों नामक फसलों की गुणवत्ता को विश्व स्तर की मानता है ।

 प्रश्न 46. अंग्रेजों ने पहाड़ियों के स्थान पर संथालों को बसाने की नीति क्यों अपनाई ? . 

उत्तर- अंग्रेज़ राजमहल की पहाड़ियों के वनों की सफाई करके वहाँ स्थायी कृषि करवाना चाहते थे । पहाड़िए इसके लिए किसी सूरत में तैयार नहीं थे जबकि संथालों को इसके लिए कोई संकोच नहीं था । अतः अंग्रेजों ने साड़ियों के स्थान पर संथालों को बसाने की नीति अपनाई । 

प्रश्न 47. दामिन - इ - कोह क्या थी ? 

उत्तर- दामिन - इ - कोह 1832 ई ० में संथालों के अधीन प्रदेश था । इसे संथालों की भूमि घोषित किया गया । उन्हें स्थायी कृषि करनी थी । इस कारण संथालों ने अपना खानाबदोश जीवन को छोड़ दिया । इससे उनके वन में अनेक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आए ।

प्रश्न 48. पहाड़िया लोगों की आजीविका संथालों की आजीविका से किस रूप से भिन्न थी ? 

उत्तर- ( i ) पहाड़िया लोग झूम खेती करते थे जबकि संथाल स्थायी खेती करते थे । 

( ii ) पहाड़िया लोग वनों को विशेष महत्त्व देते थे जबकि संथाल ऐसा नहीं सोचते थे ।

 प्रश्न 49. पहाड़िया लोगों ने बाहरी लोगों के आगमन पर कैसी प्रतिक्रिया दर्शाई ?

 उत्तर- पहाड़िया लोगों ने बाहरी लोगों के आगमन पर घोर विरोध किया ।

 प्रश्न 50. बाहरी लोगों आगमन पर पहाड़िया लोगों को किन समस्याओं  का सामना करना पड़ा।

 उत्तर - ( i ) नई जमीनों के दुर्लभ होने पर पहाड़िया लोग झूम खेती न कर सके ।

 ( ii ) संथालों द्वारा वनों की सफ़ाई से पहाड़िया लोगों को शिकार की समस्या आ गई ।

3 अंकों के उत्तरों वाले प्रश्न

 प्रश्न 1. जमींदार राजस्व की अदायगी में क्यों चूक करते थे ? उत्तर- ( i ) इस्तमरारी बंदोबस्त के अधीन ज़मींदारों द्वारा लिया जाने वाला भू - राजस्व बहुत अधिक निश्चित किया गया था । (ii)इस्तमरारी बंदोबस्त को लागू किए जाने के समय कृषि उत्पादों की कीमतें बहुत कम थीं ।

(iii) ज़मींदारों के अधिकार बहुत सीमित कर दिए गए थे । 

प्रश्न 2. ग्रामीण बंगाल के बहुत से इलाकों में जोतदार एक ताकतवर हस्ती क्यों था ? 

उत्तर- ( i ) जोतदारों ने बड़े - बड़े भू - भागों पर अपना नियंत्रण कर लिया था ।

 ( ii ) स्थानीय व्यापार एवं साहूकारी का कारोबार भी उनके नियंत्रण में था ।

 ( iii ) गाँववासी सीधे जोतदारों के नियंत्रण में रहते थे ।

( iv ) जोतदार अपने समर्थक रैयत के हितों का पूरा ध्यान रखते।

 ( v ) जोतदारों का बटाईदारों पर पूर्ण नियंत्रण रहता था । 

प्रश्न 3.जमींदार लोग अपनी जमीदारियों पर किस प्रकार नियंत्रण बनाए रखते थे ? 

उत्तर- ( 1 ) जमींदार के लटियाल नए खरीददार को गाँव की जमीन में नहीं घुसने देते थे ।

( ii ) गाँव की रैयत भी गाँव के जमींदार के प्रति वफ़ादार रहती थी । 

( iii ) जमींदार फ़र्जी अथवा बेनामी बिक्री से सरकार की परेशानी में डाल देते थे ।

 प्रश्न 4. जमींदारों की शक्ति को नियंत्रित करने के उद्देश्य से कंपनी ने क्या पग उठाए ? 

उत्तर ( 1 ) उनकी सैन्य टुकड़ियों को भंग कर दिया गया । 

( ii ) उनसे न्याय एवं स्थानीय पुलिस व्यवस्था के अधिकार छीन लिए गए ।

 ( iii ) उनके द्वारा लिया जाने वाला सीमा शुल्क समाप्त कर दिया गया । 

प्रश्न 5. ब्रिटिश शासनकाल में किसानों की दरिद्रता के कोई तीन कारण क्या थे ?

 उत्तर- ( 1 ) किसानों से बहुत अधिक भू - राजस्व वसूल किया जाता था । 

( 2 ) सरकार द्वारा कृषि सुधारों की उपेक्षा की गई थी ।

 ( iii ) साहूकारों द्वारा किसानों का बहुत शोषण किया जाता था । 

प्रश्न 6. ब्रिटिश शासनकाल में दस्तकारों की बर्बादी के मुख्य कारण क्या थे ?

 उत्तर – ( 1 ) औद्योगिक क्रांति के कारण इंग्लैंड का माल भारतीय माल की अपेक्षा अधिक सस्ता एवं सुंदर था ।

 (ii)अंग्रेजों ने 1813 ई ० में भारत के साथ मुक्त व्यापार की नीति अपनाई । इस कारण इंग्लैंड का तैयार माल बिना किसी बाधा के भारत आने लगा । 

( iii )अंग्रेजों ने रेलों का विकास करके अपने माल को सुदूर गाँवों में पहुँचाया ।

 ( iv ) . अनेक यूरोपीय देशों ने भारतीय वस्तुओं के आयात पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए थे ।

( v ) देशी राज्यों का अंत होने से भारतीय लघु उद्योगों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा ।

 प्रश्न 7. अंग्रेजों की भू - राजस्व प्रणाली पर संक्षिप्त नोट लिखें । 

उत्तर- अंग्रेजों ने भारत में तीन प्रकार की भू - राजस्व प्रणालियाँ आरंभ कीं इनके नाम थे- बंगाल का इस्तमरारी बंदोबस्त , रैयतवाड़ी बंदोबस्त एवं महालवाड़ी बंदोबस्त लार्ड कार्नवालिस ने 1793 ई ० में बंगाल में इस्तमरारी अथवा स्थायी बंदोबस्त को लागू किया था । 1820 ई ० में थामस मुनरो ने मद्रास में रैयतवाड़ी बंदोबस्त को लागू किया था । महालबाड़ी बंदोबस्त गाँव के समूचे भाईचारे साथ किया जाता था । इसे उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश एवं पंजाब में लागू किया गया था । इन भू - राजस्व प्रणालियों का ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा । 

 प्रश्न 8 बंगाल के स्थायी बंदोबस्त से क्या अभिप्राय है ? 

उत्तर- लॉर्ड कार्नवालिस ने 1793 ई ० में बंगाल का इस्तमरारी ( स्थायी ) बंदोबस्त लागू किया । इस बंदोबस्त के अनुसार —

 ( i ) सरकार ने जमींदारों को भूमि का स्वामी मान लिया । उन्हें उस समय तक इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता था जब तक कि वे अपना निश्चित भू - राजस्व सरकार को देते रहें । 

(ii) जमींदारों से लिया जाने वाला भू - राजस्व सदैव के लिए निश्चित कर दिया गया । इसमें कमी या जमींदार के पास ही रहता था । वृद्धि नहीं की जा सकती थी । सरकार ने भू - राजस्व की दर 10/11 भाग निश्चित की । शेष भाग जमींदार के पास ही रहता था।

 ( iii ) फसलों के किसी कारण भी नष्ट होने की सूरत में भी जमींदारों को निश्चित भू - राजस्व समय पर जमा करवाना होता था । ऐसा न कर सकने की सूरत में सरकार उसकी जमीन का कुछ भाग बेच सकती थी ।

प्रश्न 9 बंगाल के स्थायी बंदोबस्त के प्रमुख लाभ बताएं । 

उत्तर–( 1 ) इस कारण सरकार की प्रतिवर्ष की आय निश्चित हो गयी । अतः इसके लिए प्रशासनिक योजनाएँ बनाना सुगम हो गया।

( ii ) अन्य विभागों की ओर उचित ध्यान दे सकी । अब सरकार को भू - राजस्व एकत्र करने की उलझन से मुक्ति मिल गई । अतः वह प्रशासन के अन्य विभागों की ओर उचित ध्यान दे सकी।( iii ) अंग्रेजों ने जमींदारों को सदैव के लिए भूमि का स्वामी बना दिया था । अतः वे अंग्रेज़ों के पक्के समर्थक बन गए । 

प्रश्न 10. स्थायी बंदोबस्त क्या था ? इसके दो गुण बताइए ।

उत्तर- ( i ) लॉर्ड कार्नवालिस ने 1793 ई ० में बंगाल का इस्तमरारी ( स्थायी ) बंदोबस्त लागू किया । इस बंदोबस्त के अनुसार सरकार ने ज़मींदारों को भूमि का स्वामी मान लिया । उन्हें उस समय तक इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता था जब तक कि वे अपना निश्चित भू - राजस्व सरकार को देते रहें । 

 ( ii ) अब सरकार को भू - राजस्व एकत्र करने की उलझन से मुक्ति मिल गई । अतः वह प्रशासन के अन्य विभागों की ओर उचित ध्यान दे सकी ।

 ( iii ) अंग्रेजों ने ज़मींदारों को सदैव के लिए भूमि का स्वामी बना दिया था । अतः वे अंग्रेजों के पक्के समर्थक बन गए ।

प्रश्न 11. स्थायी बंदोबस्त के क्या दुष्परिणाम निकले ?

 उत्तर- ( i ) स्थायी बंदोबस्त में कृषकों के हितों की पूरी तरह अवहेलना की गई थी ।

( ii ) स्थायी बंदोबस्त के कारण सरकार को भविष्य में भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ी । 

( iii ) स्थायी बंदोबस्त के कारण क्योंकि सरकार को प्रतिवर्ष भारी घाटा हो रहा था इसलिए उसने अपनी आय को बढ़ाने के उद्देश्य से ग़ैर - कृषक वर्गों पर भारी कर लगा दिए अनुचित तथा अन्यायपूर्ण कार्यवाही थी । 

प्रश्न 12. रैयतवाड़ी व्यवस्था क्या थी ? वर्णन कीजिए । 

 उत्तर- 1820 ई ० में मद्रास ( चेन्नई ) के गवर्नर थामस मुनरो ने एक नया बंदोबस्त लागू किया जिसे रैयतवाडी . बंदोबस्त कहते थे । बाद में इसे बंबई ( मुंबई ) में भी लागू किया गया । इस बंदोबस्त के अंतर्गत सरकार ने रेयत शर्त थी कि वे समय पर निश्चित लगान सरकार के पास जमा करवाते रहें । किसानों से लिया जाने वाला भू - राजस् या किसानों के साथ सीधा समझौता किया । उन्हें भूमि का स्वामी मान लिया गया । इसके लिए केवल एक ही 20 से 30 वर्षों के बाद पुन : बढ़ाया जा सकता था ।

 प्रश्न 13. महालवाड़ी व्यवस्था क्या थी ? महालवाड़ी प्रथा से क्या अभिप्राय है ।

उत्तर–पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में राबर्ट बरड तथा जेम्स थामसन नामक बंदोबस्त लागू किया । बाद में इस बंदोबस्त को पंजाब में अंग्रेज महलवाड़ी बंदोबस्त की मुख्य विशेषताएँ बताइए । उत्तर पश्चिमी उत्तर अधिकारियों ने बंदोबस्त गाँव के महालवाड़ी लागू किया गया । यह भी समूचे भाईचारे के साथ किया जाता था । गाँवों के समूह ' महाल ' कहलाते थे । इसलिए उनके साथ किए गए बंदोबस्त को महालवाड़ी बंदोबस्त कहा जाने लगा । इस बंदोबस्त के अंतर्गत सरकार को भू - राजस्व देने की जिम्मेदारी गाँवों के भाईचारे की होती थी । 

प्रश्न 14. ब्रिटिश नीतियों का भारत के किसानों पर क्या प्रभाव पड़े ?

 उत्तर – ब्रिटिश नीतियों का भारत के किसानों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा । बंगाल के इस्तमरारी बंदोबस्त के द्वारा जमींदारों को भूमि का स्वामी मान लिया गया था । वे कृषकों का बहुत अधिक शोषण करते थे । रैयतवाड़ी बंदोबस्त में ज़मींदारों का स्थान सरकार ने ले लिया । भूमि को अब बेचने , उसे गिरवी रखने अथवा हस्तांतरित करने की आज्ञा मिल गई । किसानों की स्थिति इतनी शोचनीय हो गई थी कि उन्हें दो समय भर पेट खाना भी नहीं मिलता था ।

 प्रश्न 15. पाँचवीं रिपोर्ट क्या थी ?

 उत्तर- पाँचवीं रिपोर्ट एक ऐसी रिपोर्ट है जिसे एक प्रवर समिति द्वारा तैयार किया गया था । यह उन रिपोर्टों में से पाँचवीं थी जिसे भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रशासन एवं क्रियाकलापों संबंधी तैयार किया गया था । इसे 1813 ई ० में ब्रिटिश संसद में पेश किया गया था । इस रिपोर्ट में 1002 पृष्ठ थे । इसमें 800 से अधिक पृष्ठों में परिशिष्ट दिए गए थे । इनमें जमींदारों एवं रैयतों की अर्जियाँ , भिन्न भिन्न जिलों के कलेक्टरों की रिपोर्ट तथा बंगाल एवं मद्रास के राजस्व एवं न्यायिक प्रशासन पर लिखित टिप्पणियों को सम्मिलित किया गया था । 

प्रश्न 16. झूम खेती से आपका क्या अभिप्राय है ?

उत्तर – पहाड़िया लोग अपने निर्वाह के लिए झूम खेती करते थे । वे जंगल के एक छोटे से हिस्से में झाड़ियों से को काटकर एवं घास - फूस को जलाकर ज़मीन को साफ़ कर लेते थे । वे अपने कुदाल से जमीन को थोड़ा खुरच कर उसमें बीज डाल देते थे । वे जमीन को उपजाऊ बनाने के उद्देश्य से राख की पोटाश का प्रयोग करते थे । वे कुछ वर्षों तक एक स्थान पर खेती करते थे तथा उसके पश्चात् वे नए क्षेत्र में चले जाते थे ।

प्रश्न 17 पहाड़िया लोगों के जीवन में वनों का क्या महत्त्व था।

 उत्तर—पहाड़िया लोगों के जीवन में वनों का विशेष महत्व था । वे इमली के पेड़ों के मध्य झोपड़ियाँ बनाकर आम के पेड़ों की छाँव में आराम करते थे । वे वनों में शिकार करते थे । वे खाने के लिए महुआ के एकत्र करते थे एवं बेचने के लिए रेशम के कोया एवं काठकोयला के लिए लकड़ियाँ एकत्र करते थे । उनके वन में बन अनिष्ठ रूप से जुड़े हुए थे । के लिए पेड़ों के नीचे उगने वाले छोटे - छोटे पौधे चारे का काम करते थे । इस प्रकार पहाड़िया लोगों के जीवन में वन घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए थे।

 प्रश्न 18. पहाडिया लोगों के मुखिया के बारे में आप क्या जानते हैं ?

उत्तर– पहाड़िया लोग समूहों में रहते थे । प्रत्येक समूह एक मुखिया के अधीन होता था । मुखिया के अनेक थे । वह अपने समूह में एकता बनाए रखता था । वह समूह के लोगों के मध्य उत्पन्न होने वाले झगड़ों का निर्णय था । वह अन्य समूहों तथा मैदानी लोगों के साथ लड़ाई छिड़ने पर अपने समूह का नेतृत्व करता था । इस प्रकार उसे व्यापक शक्तियां प्राप्त थी । वह तब तक सत्ता में रहता था जब तक समूह के लोग उसके साथ होते थे ।

 प्रश्न 19. पहाड़िया लोगों के जीवन की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए । 

उत्तर- ( i ) पहाड़िया लोग समूहों में रहते थे ।

 ( ii ) वे झूम खेती करते थे । 

( ii ) वनों का उनके जीवन में विशेष महत्त्व होता था ।

 प्रश्न 20. पहाड़ियों के प्रति ब्रिटिश सरकार की नीति कैसी थी ?

उतर — पहाड़ियों द्वारा मैदानी इलाकों में लगातार किए जा रहे आक्रमणों से ब्रिटिश अधिकारी बहुत परेशान थे । उनके द्वारा पहड़ियों पर नियंत्रण पाने के अब तक किए गए सभी प्रयास विफल रहे थे । अतः 1770 के दशक ब्रिटिश अधिकारियों ने पहाड़ियों के प्रति क्रूर नीति अपना ली । उनका पीछा कर बड़ी संख्या में मौत के घाट उतार दिया गया । किंतु इस नीति के वांछित परिणाम न निकले । अतः विवश होकर 1780 के दशक में भागलपुर कलेक्टर ऑगस्टस क्लीवलैंड ने पहाड़ियों के साथ मित्रता की नीति अपनाने का निर्णय किया । इस नीति के धीन पहाड़िया मुखियाओं को वार्षिक भत्ता दिया जाना आरंभ किया गया । इसके बदले उनसे यह आशा की गई । वे अपने अधीन क्षेत्रों में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखेंगे तथा अपने लोगों को अनुशासन में रखेंगे ।

 प्रश्न 21. पहाड़िया लोग मैदानी क्षेत्रों पर आक्रमण क्यों करते थे ?

 उत्तर- ( i ) अकाल के दिनों में खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए । 

( ii ) मैदानी लोगों को अपनी ताकत दर्शाने के लिए ।

 ( iii ) बाहरी लोगों से अपने राजनीतिक संबंध बनाने के लिए । 

प्रश्न 22. संथाल राजमहल की पहाड़ियों में कैसे पहुंचे ? 

उत्तर- संथाल 1780 ई ० के दशक में बंगाल आने लगे थे । बंगाल के जमींदार उन्हें खेती के लिए नयी भूमि को तैयार करने एवं खेती का विस्तार करने के उद्देश्य से भाड़े पर रखते थे । ब्रिटिश अधिकारियों ने उन्हें जंगल हाल में बसने का निमंत्रण दिया । जब ब्रिटिश अधिकारियों के पहाड़ियों को अपने नियंत्रण में करने तथा उन्हें ज्यायो कृषि के लिए राजी करने के सभी प्रयास विफल रहे तो उन्होंने अपना ध्यान संथालों की ओर किया । जड़िया लोगों ने वनों को काटने एवं हल का प्रयोग करने से इंकार कर दिया था । इसके अतिरिक्त पहाड़ियों का व्यवहार बहुत उपद्रवी था । दूसरी ओर संथाल बहुत आदर्शक बसेरे वाले सिद्ध हुए । उन्हें वनों का सफाया करने एवं वहाँ खेती करने से कोई परहेज न था । वे भूमि को पूरी ताकत लगाकर जोतते थे ।

 प्रश्न 23. दामिन - इ - कोह के कारण संथालों के जीवन में कौन - से परिवर्तन आए ?

 उत्तर- ( i ) संथाल अब अपने खानाबदोश जीवन को छोड़कर स्थायी रूप से बस गए थे ।

 ( ii ) वे कई प्रकार की व्यापारिक फसलों की खेती करने लगे थे ।

 ( iii ) वे साहूकारों एवं व्यापारियों से लेन - देन करने लगे थे ।

 प्रश्न 24. संथालों में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विद्रोह क्यों किया ?

 उत्तर- ( 1 ) जमींदारों द्वारा संचालों पर किए जा रहे अत्याचार । 

 ( ii ) साहूकारों द्वारा संथालों का किया जा रहा शोषण । 

(iii)राजस्व अधिकारियों द्वारा संथालों का किया जा रहा शोषण ।

 ( iv ) पुलिस द्वारा संथालों की संपत्ति को बलपूर्वक छानना एवं उनकी स्त्रियों को अपमानित करना । 

प्रश्न 25 , बुकानन कौन था ?

उत्तर- फ्रांसिस बुकानन एक चिकित्सक था । उसने 1794 ई ० से 1815 ई ० तक बंगाल चिकित्सा सेवा में कार्य किया । वह कुछ समय तक भारत के गवर्नर लॉर्ड वेलेजली का शल्य चिकित्सक रहा । उसने कलकत्ता ( कोलकाता ) के अपने प्रवास के दौरान कलकत्ता में अलीपुर चिड़ियाघर की स्थापना की । उसने बंगाल सरकार के अनुरोध पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकार क्षेत्रों में आने वाली भूमि का विस्तृत सर्वेक्षण किया । 1815 ई ० में वह इंग्लैंड वापस चले गए थे । वह अपनी माता की मृत्यु के पश्चात् उसकी जायदाद के वारिस बन गए थे । अतः उन्होंने उनके वंश के नाम हैमिल्टन को अपना लिया । इस कारण उन्हें बुकानन हैमिल्टन के नाम से भी जाना जाता है ।

 प्रश्न 26. डेविड रिकार्डो कौन था ? 

 उत्तर- डेविड रिकार्डों 19 वीं शताब्दी के आरंभ में इंग्लैंड का एक विख्यात अर्थशास्त्री था । उसके विचारानुसार पू - स्वामी को उस समय प्रचलित औसत राजस्व लेने का अधिकार होना चाहिए । यदि भूमि से औसत राजस्व से तो भू - स्वामी को अधिशेष आमदनी होगी । इस पर सरकार को कर लगाना चाहिए । यदि लगाएगी तो किसान किरायाजीवियों में बदल जाएंगे । इस कारण उनकी अधिशेष आय का भूमि अधिक आमदनी होने वह कर सुधारों में निवेश नहीं होगा ।

 प्रश्न 27. दक्कन के रैयत ऋणदाताओं के प्रति क्रुद्ध क्यों थे ? 

उत्तर- ( i ) ऋणदाता बहुत अधिक ब्याज पर रैयत को ऋण देते थे ।

(ii) वे बहुत कुटिल एवं धोखेबाज़ थे । वे ख़ाली बंध पत्रों पर किसानों के हस्ताक्षर करवा लेते थे तथा बाद में इनमें जाली आंकड़े भर लेते थे । 

( iii ) वे किसानों द्वारा ऋण चुकाए जाने के बदले कोई रसीद नहीं देते थे ।

 ( iv ) वे किसानों को कम कीमत पर फसल बेचने के लिए बाध्य करते थे ।

प्रश्न 28. 1875 ई ० में हुए दक्कन विद्रोह के प्रमुख कारण क्या थे ? 

उत्तर – ( 1 )1865 ई ० में अमेरिकी गृहयुद्ध के बंद होने से बंबई के कपास उत्पादकों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा ।

(ii)कंपनी द्वारा भू - राजस्व की माँग में बहुत अधिक वृद्धि कर दी गई ।

(iii) साहूकारों द्वारा किया जा रहा किसानों का घोर शोषण ।

 प्रश्न 29. ब्रिटिश सरकार ने दक्कन विद्रोह के दमन के लिए कौन - से पग उठाए ? 

उत्तर- ( i ) उसने विद्रोही किसानों के गाँवों में पुलिस थाने स्थापित कर दिए । 

( ii ) उसने विद्रोहियों के दमन के लिए सेना को बुला लिया । 

( iii ) उसने विद्रोही नेताओं को कड़ी सजाएँ दीं ।

 प्रश्न 30. दक्कन दंगा रिपोर्ट को इतिहासकारों के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण माना जाता है ? 

उत्तर- दक्कन दंगा आयोग की रिपोर्ट इतिहासकारों के लिए उन दंगों का अध्ययन करने संबंधी बहुमूल्य ' सामग्री उपलब्ध कराती है । इसमें आयोग ने दंगा पीड़ित जिलों का भ्रमण किया । इन जिलों में रहने वाले किसानों , साहूकारों एवं चश्मदीद गवाहों के बयान संकलित किए । भिन्न - भिन्न क्षेत्रों में राजस्व की दरों , कीमतों एवं ब्याज के संबंध में विस्तृत आँकड़े एकत्रित किए गए । इनके अतिरिक्त जिला कलेक्टरों द्वारा भेजी गई विभिन्न रिपोर्टो को भी संकलित किया गया ।

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