Chapter - 1
ईंटे, मनके तथा अस्थियाँ – हड़प्पा सभ्यता (Bricks, Beads and Bones – Harappan Civilization
2 अंको वाले प्रश्न
1.हड़प्पा किस नदी के किनारे स्थित है?
उतर- हड़प्पा पाकिस्तान के मिंटगुमरी जिले में रावी नदी के किनारे स्थित है यह हड़प्पा सभ्यता का खोजा गया प्रथम स्थल था।
2. हड़प्पा सभ्यता की खोज किसने की?
उतर-इसकी खोज 1921 ईस्वी में आर बी दयाराम साहनी ने की थी।
3 हड़प्पा सभ्यता को काँस्य सभ्यता क्यों कहा जाता है ?
उतर- हड़प्पा सभ्यता को काँस्य सभ्यता इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस सभ्यता के लोग बड़े पैमाने पर काँसे का प्रयोग करते थे ।
4. हड़प्पा सभ्यता को सिंधु घाटी सभ्यता के नाम से क्यों जाना जाता है?
उतर-हड़प्पा सभ्यता को सिंधु घाटी सभ्यता के नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि इस सभ्यता के आरंभिक केंद्र सिंधु नदी की घाटी से मिले थे ।
5. हड़प्पा सभ्यता का विकसित चरण क्या था ?
उतर - हड़प्पा सभ्यता का विकसित चरण 2600 ई ० पू ० से 1900 ई ० पू ० था ।
6.सिंधु घाटी की सभ्यता कितनी पुरानी है ?
उत्तर - सिंधु घाटी की सभ्यता 5000 वर्ष पुरानी है ।
7.हड़प्पा संस्कृति के चार प्रमुख स्थलों के नाम लिखिए ।
उत्तर - हड़प्पा संस्कृति के चार प्रमुख स्थलों के नाम मोहनजोदड़ो , हड़प्पा , लोथल एवं संघोल थे ।
8. भारत के किन्हीं तीन राज्यों के नाम बताइए जहाँ हड़प्पा संस्कृति फैली थी ।
उत्तर भारत के तीने राज्यों के नाम जहाँ हड़प्पा संस्कृति फैली थी ये थे - पंजाब , राजस्थान एवं गुजरात ।
9.हड़प्पा नगर की कोई दो विशेषताएँ लिखें ।
उत्तर हड़प्पा नगर की कोई दो विशेषताएँ इस प्रकार से हैं
1.यह हड़प्पा सभ्यता का मिलने वाला सबसे विशाल नगर था ।
2. इस नगर की शत्रुओं से सुरक्षा के लिए इसके चारों ओर एक विशाल दीवार बनाई गई थी ।\
10. मोहनजोदड़ो से क्या अभिप्राय है? इस केंद्र की सबसे पहले खोज का काम किसने और कब आरंभ किया ?
उत्तर मोहनजोदड़ो से अभिप्राय है मृतकों का टीला। इस केंद्र की सबसे पहले खोज का काम राखाल दास बनर्जी ने 1922 ई ० में आरंभ किया था । \
11.मोहनजोदड़ो क्यों प्रसिद्ध है ?
उत्तर 1.मोहनजोदड़ो हड़प्पा सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा नगर था।
2. यह नगर वहाँ मिलने वाले विशाल स्नानागार के कारण सबसे प्रसिद्ध था ।
3. मोहनजोदड़ो यहाँ से मिलने वाली काँसे की नर्तकी की मूर्ति तथा बड़ी संख्या में प्राप्त मुहरों के कारण प्रसिद्ध था ।
12.किन्हीं चार पुरातत्वविदों के नाम बताएँ जिन्होंने मोहनजोदड़ो के उत्खनन में उल्लेखनीय योगदान दिया ।
उत्तर- सर जॉन मार्शल , अर्नेस्ट मैके , एच ० हरग्रीन्ज तथा जी ० एफ ० डेल्स ने मोहनजोदड़ो के उत्खनन में ल्लेखनीय योगदान दिया
13. मोहनजोदड़ो से हमें कितने कुएँ प्राप्त हुए हैं ? इनका महत्त्व क्या था ?
उत्तर- ( 1 ) मोहनजोदड़ो से हमें 700 कुएँ प्राप्त हुए हैं ।
( 2 ) इनका प्रयोग जलपान एवं स्नान के लिए किया जाता था ।
14. विशाल स्नानागार कहाँ मिला है ? इसके सरोवर का आकार लिखो ।
उत्तर - 1. इसके नजदीक एक कुआँ था जिससे सरोवर में पानी भरा जाता था ।
2.सरोवर का फ़र्श और सरोवर तक जाने वाली सीढ़ियाँ पक्की ईंटों की बनी होती थीं ।
16 .मोहनजोदड़ो स्थित राजपथ के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर 1. मोहनजोदड़ो स्थित प्रमुख सड़क को राजपथ कहा जाता था ।
2. यह राजपथ 10 मीटर चौड़ा था ।
3. इसके दोनों ओर रोशनी का पर्याप्त प्रबंध किया गया था ।
17.कालीबंगन से क्या अभिप्राय है ? यह कहां स्थित है ?
उत्तर 1. कालीबंगन से अभिप्राय है काले रंग की चूड़ियाँ ।
2. यह राजस्थान के गंगानगर , तिले में स्थित है ।
18.कालीबंगन क्यों प्रसिद्ध है ?
उत्तर कालीबान काले रंग की चूड़ियाँ बनाने के लिए प्रसिद्ध है ।
19.लोथल क्यों प्रसिद्ध है ?
उत्तर 1. यह नगर अपनी बहुत बड़ी बंदरगाह के कारण सुविख्यात था । इस बंदरगाह से पश्चिमी एशिया के देशों से बहुत व्यापार चलता था ।
2. यहाँ पर मनके बनाने का उद्योग भी मिला है ।
20. धौलावीरा कहाँ स्थित है ? इस नगर की खोज कब तथा किसने की ?
उत्तर 1.धौलावीरा गुजरात में स्थित है ।
2. इस नगर की खोज 1967-68 ई ० में जे ० पी ० जोशी ने की ।
21. चन्हुदड़ो क्यों प्रसिद्ध है ।
उत्तर -1. यहाँ बड़ी संख्या में मनके बनाए जाते थे ।
2.यहाँ शंख की कटाई , मुहर निर्माण तथा बाट भी बनाए जाते थे ।
3.यह धातुकर्म के लिए भी जाना जाता था ।
22. हड़प्पा नगर योजना के संबंध में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर- 1.हडप्पा नगर एक विशेष ढंग से बनाए जाते थे । इन नगरों को सड़कें खुली और चौड़ी होती थी ।
2. लोगों के मकान एक जैसे बने होते थे । ये मकान पक्के , खुले और हवादार होते थे । कुछ मकान दो या इससे अधिक मंजिलों के भी होते थे ।
3.प्रत्येक मकान में रसोई घर , कुओं तथा स्नानागार होता यागिदि काली - वे निकास के लिए बालिगों की अच्छी व्यवस्था थी ।
23. हड़प्पा सभ्यता के भवनों की कोई दो विशेषताएं लिखिए ।
उत्तर 1.उनके भवन पक्की ईंटों के बने होते थे ।
2.उनके भवन खुले तथा हवादार होते थे ।
24. हड़प्पा सभ्यताकी सड़कों के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-1. ये सड़कें नगर के प्रत्येक ओर बनाई जाती थीं ।
2. ये सड़कें काफी चौड़ी होती थीं । सड़कों की चौड़ाई 13 फुट से लेकर 34 फुट तक होती थी ।
3. सड़कें इस ढंग से बनाई जाती थीं कि इन पर पड़ी गंदगी वायु से अपने आप साफ़ हो जाती थी ।
25. हड़प्पा सभ्यता की निकास प्रणाली की दो विशेषताएँ लिखिए ।
उत्तर- 1.हड़प्पा सभ्यता के समय लोगों ने गंदे पानी के निकास के लिए नालियों की बड़े वैज्ञानिक ढंग से व्यवस्था की हुई थी ।
2. ये नालियाँ शहर के बाहर किसी बड़े नाले में जा गिरती थीं ।
26. हड़प्पा सभ्यता के शिल्प उत्पादन के किन्हीं चार प्रसिद्ध केंद्रों के नाम लिखें ।
उत्तर - हड़प्पा सभ्यता के शिल्प उत्पादन के चार प्रसिद्ध केंद्रों के नाम मोहनजोदड़ो , धौलावीरा , नागेश्वर एवं बालाकोट थे ।
27. हड़प्पा सभ्यता के किन्हीं दो केंद्रों के नाम लिखें जो मनके बनाने के लिए प्रसिद्ध थे
उत्तर - हड़प्पा सभ्यता के दो केंद्रों के नाम जो मनके बनाने के लिए प्रसिद्ध थे - चन्हुदड़ो एवं लोथर
28. किन्हीं चार पदार्थों के नाम बताएं जिनसे हड़प्पा सभ्यता के लोग मनके तैयार करते थे ।
उत्तर - हहप्पा सभ्यता के लोग कानीलियन , जैस्पर , शंख , हाथी दांत , सोना , कोसा , तांबा , सेलखड़ी एवं स्फाटिक आदि से मनके तैयार करते थे ।
29.हड़प्पा सभ्यता से हमें किस पदार्थ के सर्वाधिक मनके प्राप्त हुए हैं ? इन मानकों का सर्वाधिक लोकप्रिय आकार कौन - सा था ?
उत्तर -1. हड़प्पा सभ्यता में हमें सेलखड़ी पदार्थ के सर्वाधिक मनके प्राप्त हुए हैं ।
2.इन मनकों का सर्वाधिक लोकप्रिय आकार बेलनाकार था।
30. हड़प्पा सभ्यता के लोगों द्वारा शिल्प उत्पादन के लिए प्रयोग किए जाने वाले चार प्रकार के कच्चे मालों का नाम लिखें ।
उत्तर - हड़प्पा सभ्यता के लोगों द्वारा शिल्प उत्पादन के लिए प्रयोग किए जाने वाले चार प्रकार के कच्चे माली के नाम सोना , चाँदी , हाथी दाँत एवं लाजवर्द मणि थे ।
31. हड़प्पा सभ्यता के कौन - से दो स्थल शंख से बनी वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध थे ?
उत्तर - हड़प्पा सभ्यता के नागेश्वर एवं बालाकोट नामक स्थल शंख से बनी वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध थे ।
32. हड़प्पा सभ्यता के लोग तकनीकी विज्ञान में प्रवीण थे । कोई दो उदाहरण दीजिए ।
उत्तर -1. हड़प्पा सभ्यता के लोग विभिन्न प्रकार के बर्तन एवं आभूषण बनाना जानते थे ।
2. उस समय मुहरें एवं मनके बनाने की कला काफी उन्नत थी ।
33. हड़प्पा सभ्यता के लोग लाजवर्द मणि एवं ताँबा कहाँ से मंगवाते थे ?
उत्तर - हड़प्पा सभ्यता के लोग लाजवर्द मणि अफगानिस्तान स्थित शोर्तुघई से एवं ताँबा राजस्थान एवं गगान ( ओमान ) से मंगवाते थे ।
34. हड़प्पा सभ्यता की कृषि की कोई दो विशेषताएँ लिलिए ।
उत्तर - 1. हड़णा सभ्यता के लोगों का मुख्य कावसाय कृषि था ।
2. उस समय खेतों को जोतने के लिए बैलों का प्रयोग किया जाता था ।
35. हड़प्पा सभ्यता के किन स्थलों से हमें नहरों एवं जलाशयों के साक्ष्य मिले हैं ?
उत्तर - हड़प्पा सभ्यता के शोर्तुघई स्थल से हमें नहरों तथा धौलावीरा स्थल से हमें जलाशयों के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं ।
36. हड़प्पा सभ्यता के लोगों को किस पशु का ज्ञान नहीं था ?
उत्तर - हड़प्पा सभ्यता के लोगों को घोड़े का ज्ञान नहीं था ।
37. गणेश्वर - जोधपुरा संस्कृति ( Ganeshwar - Jodhpura culture ) से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- पुरातत्वविदों ने खेतड़ी क्षेत्र से मिले साक्ष्यों के आधार पर इसे गणेश्वर - जोधपुरा संस्कृति का नाम दिया । यहाँ के मृदभाँड हड़प्पाई मृदभाँडों से भिन्न थे ।
38. किन्हीं दो देशों के नाम बताएँ जिनके साथ हड़प्पा सभ्यता के लोगों का व्यापार चलता था।
उत्तर हड़प्पा सभ्यता के लोगों का व्यापार मगान ( ओमान ) तथा दिलमुन ( बहरीन द्वीप ) के साथ चलता था ।
39. हड़प्पा सभ्यता के लोग विदेशों से कौन - सी वस्तुएँ प्राप्त करते थे ?
उत्तर - हड़प्पा सभ्यता के लोग विदेशों से सोना , चाँदी , ताँबा , बहुमूल्य पत्थर एवं शृंगार की वस्तुएँ प्राप्त करते थे
40. हड़प्पा सभ्यता के लोग विदेशों को कौन - सी वस्तुएँ निर्यात करते थे ?
उत्तर - हड़प्पा सभ्यता के लोग विदेशों को सूती वस्त्र , आभूषण , मोती एवं हाथी दाँत निर्यात करते थे
41. सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के धार्मिक जीवन की कोई दो विशेषताएं लिखिए
उत्तर-सिंधु घाटी सभ्यता के लोग देवी माँ की सबसे अधिक पूजा करते थे ।
42. वैदिक काल से पूर्व मनुष्य किस प्रकार का सामाजिक जीवन व्यतीत करता था
उत्तर - 1. समाज में महिलाओं को उच्च स्थान प्राप्त था ।
2. वे खाने - पीने एवं हार - शृंगार के बहुत शौकीन थे ।
3. वे विभिन्न साधनों से अपना मनोरंजन करते थे ।
43. सिंधु घाटी के लोग मृतकों का संस्कार कैसे करते थे ?
उत्तर - हड़प्पा सभ्यता के लोगों में शवों के विसर्जन को तीन प्रथाएँ प्रचलित थीं । प्रथम विधि के अनुसार शव को पूरी तरह जला दिया जाता था , जो राख बच जाती थी उसे एक बर्तन में डाल कर दवा दिया जाता था । द्वितीय विधि के अनुसार पूरे शव को कब्रों में दफना दिया जाता था । तृतीय विधि के अनुसार शव को कुछ समय के लिए किसी खुले स्थान पर रख दिया जाता था । पशु - पक्षियों के खाने के बाद उसका अस्थि - पंजर शेष रह जाता था तो उसे दफना दिया जाता था ।
3 अंको वाले प्रश्न
1. हड़प्पा सभ्यता की जानकारी के क्या स्रोत हैं ?
उत्तर - हड़प्पा सभ्यता की जानकारी के हमें अनेक स्रोत उपलब्ध हैं । हड़प्पा सभ्यता की खुदाई से हमें अनेक प्रकार के भवनों , सड़कों एवं स्नानागारों से हमें हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना के बारे में महत्त्वपूर्ण जनकारी प्राप्त होती है हड़प्पा सभ्यता से मिलने वाली मूतियों , मुहरों , खिलौनों एवं आभूषणों से हमें हड़प्पा काल की कला के बारे में जानकारी प्राप्त होती है । हड़प्पा काल की पुरावस्तुएँ भी इस काल पर महत्त्वपूर्ण प्रकाश डालती हैं।
2. हड़प्पा सभ्यता के नामकरण के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर - हड़प्पा सभ्यता को विभिन्न नामों से जाना जाता है । हड़प्पा सभ्यता को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि सिंधु घाटी सभ्यता के सर्वप्रथम , चिह्न हड़प्पा के स्थान पर मिले हैं । इसे सिंधु घाटी सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस सभ्यता के आरंभिक केंद्र सिंधु नदी की घाटी क्षेत्र में मिले हैं । यह सभ्यता कांस्ययुग सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है क्योंकि इस सभ्यता के लोग अपने बर्तन , मूर्तियाँ तथा औजार बनाने के लिए काँस्य का प्रमुख रूप से प्रयोग करते थे इसे सिंधु - सरस्वती अथवा सरस्वती सभ्यता भी कहा जाता है क्योंकि इस सभ्यता के लगभग 80 % केंद्र सरस्वती नदी ( जो अब सूख गई है ) के तट पर स्थित थे , जो कि सिंधु तथा गंगा के मध्य बहती थी ।
3. हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना के संबंध में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर - हड़प्पा सभ्यता के नगर विशेष ढंग से बनाये जाते थे । इन नगरों की सड़कें खुली और चौड़ी होती थीं । सड़कों पर रोशनी की व्यवस्था भी की जाती थी । नगरों को छोटे - छोटे भागों में बाँटा जाता था , जिनकी रक्षा की जाती थी । लोगों के मकान भी एक जैसे बने होते थे । ये मकान पक्के , खुले और हवादार होते थे। कुछ मकान दो या इससे अधिक मंजिलों के भी होते थे । प्रत्येक मकान में रसोई घर , कुआँ तथा स्नानागार होता था । गंदे पानी के निकास के लिए नालियों की अच्छी व्यवस्था थी ।
4. हड़प्पा संस्कृति के मुख्य केंद्रों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर - हड़प्पा संस्कृति के हमें पाकिस्तान एवं भारत से अनेक स्थल मिले हैं । 1921 में आर ० बी ० दयाराम साहनी ने हड़प्पा स्थल की सर्वप्रथम खोज की । यह हड़प्पा संस्कृति का सबसे विशाल स्थल था । मोहनजोदड़ो हड़प्पा संस्कृति का दूसरा प्रसिद्ध स्थल था । यह हड़प्पा संस्कृति के मिले सबसे विशाल स्नानागार , गोदाम घर , काँसे मुहर निर्माण के लिए प्रसिद्ध था । लोथल स्थल अपनी बंदरगाह के कारण , कालीबंगन अपनी चूड़ियों के कारण एवं धौलावीरा मनके के उद्योग के लिए प्रसिद्ध थे
5. हड़प्पा नगर के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर - हड़प्पा सिंधु घाटी सभ्यता से मिलने वाले नगरों में सबसे विशाल था । यह पश्चिमी पंजाब के मिंटगुमरी सड़कें और गलियाँ चौड़ी थीं । रात्रि के समय प्रकाश की बढ़िया व्यवस्था थी । इस नगर से हमें बहुत - से गोदाम घर , मूर्तियाँ , वर्तन और मुहरें प्राप्त हुई हैं जो इस सभ्यता पर भरपूर प्रकाश डालती हैं । इस नगर की शत्रुओं से सुरक्षा के लिए इसके चारों ओर एक विशाल दीवार बनाई गई थी ।
6. मोहनजोदड़ो नगर की मुख्य विशेषताएँ क्या थी ?
उत्तर - मोहनजोदड़ो , हड़प्पा सभ्यता का दूसरा महत्त्वपूर्ण नगर है । यह सिंध ( पाकिस्तान ) के लरकाना जिला में स्थित है । मोहनजोदड़ो का शाब्दिक अर्थ है , ' मृतकों का टीला ' । इस नगर की खोज 1922 ई ० में आर ० डी ० बनर्जी ने की थी । यह नगर सिंधु नदी के किनारे पर स्थित था । इस नगर की सात परतें मिली हैं । इससे यह अनुमान लगाया जाता है कि यह नगर सात बार बना और उजड़ा । यह नगर यहाँ से सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे विशाल स्नानागार , गोदाम घर , काँसे की नर्तकी की मूर्ति और बहुसंख्या में प्राप्त मुहरों के कारण सुविख्यात था । यह एक बड़ा व्यापारिक केंद्र भी था।
7. मोहनजोदड़ो किस लिए प्रसिद्ध है ?
उत्तर - मोहनजोदड़ो हड़प्पा सभ्यता का दूसरा सबसे बड़ा नगर था । यह नगर वहाँ मिलने वाले विशाल स्नानागार के कारण सबसे प्रसिद्ध था । यह आश्चर्यजनक बात है कि 5000 वर्ष पूर्व हड़प्पा सभ्यता के लोगों ने इतने बड़े स्नानागार का निर्माण कैसे किया । इसके अतिरिक्त मोहनजोदड़ो यहाँ मिलने वाली काँसे की नर्तकी की मूर्ति तथा बड़ी संख्या में प्राप्त मूहरी के कारण प्रसिद्ध था । यह हड़प्पा सभ्यता का एक प्रसिद्ध व्यापारिक नगर भी था।
8. मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार की मुख्य विशेषताएँ क्या थीं ?
उत्तर - 1. यह पक्की ईंटों से बनाया गया था ।
2. यह 180 फुट लंका तथा 108 फुट चौड़ा है । इसके मध्य 39 फुट लंबा , 23 फुट चौड़ा तथा 8 फुट गहरा तालाब बना हुआ था
3. स्नानागार के तालाब में उतरने तथा चढ़ने के लिए सीढ़ियाँ बनी हुई थीं । तालाब में पानी भरने के लिए इसके निकट एक कुआँ बनाया गया था ।
9. लोथल क्यों प्रसिद्ध है ?
उत्तर यह नगर गुजरात प्रांत के जिला अहमदाबाद में स्थित है । इस नगर की खोज 1955 ई ० में एस ० आर ० राव ने की थी । यह नगर अपनी बहुत बड़ी बंदरगाह के कारण सुविख्यात था । इस बंदरगाह से पश्चिमी एशिया के देशों से बहुत व्यापार चलता था । इसके अतिरिक्त यहाँ से मनके बनाने का उद्योग के साक्ष्य भी मिले हैं । यहाँ से प्राप्त खंडहरों से हमें हड़प्पा संस्कृति के स्नानागार , सड़कों और नालियों के विषय में ज्ञान प्राप्त हुआ है । अन्य नगरों की भाँति लोथल के दुर्ग को दीवार से घेरा नहीं गया था । इसे कुछ ऊँचाई पर अवश्य बनाया गया था ।
10. धौलावीरा के संबंध में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर - यह नगर गुजरात में स्थित है । इस नगर की खोज 1967-68 ई ० में जे ० पी ० जोशी ने की थी । इस नगर का व्यापक पैमाने पर उत्खनन आर ० एस ० बिष्ट ने 1990-91 ई ० में किया । यह नगर 100 हेक्टेयर क्षेत्र में फ़ैला हआ था । यह भारत में हड़प्पा सभ्यता का सबसे विशाल नगर था । यह नगर अपनी भवन निर्माण कला ,जल निकासी व्यवस्था एवं मनके बनाने के लिए प्रसिद्ध था । यहाँ से मनकों में छेद करने के विशेष उपकरण बड़ी मात्रा में उपलब्ध हुए हैं । यहाँ बड़ी मात्रा में जलाशयों के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं । इनका प्रयोग खेतों की सिंचाई के लिए किया जाता था ।