Class 12 Economics Chapter 4 सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था (Government Budget and the Economy) Notes In Hindi

 अध्याय - 4

सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था


❇️ बजट :-

🔹 यह आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित व्ययों एवं अनुमानित प्राप्तियों का वार्षिक वित्तीय विवरण है ।

❇️ बजट के मुख्य उद्देश्य :-

  • संसाधनों का पुनः आवंटन 
  • आय व धन का पुनः वितरण 
  • आर्थिक स्थिरता 
  • सार्वजनिक उद्यमों का प्रबन्ध
  • आर्थिक विकास 
  • निर्धनता एवं बेरोजगारी उन्मूलन 

❇️ बजट के घटक :-

🔹 बजट को दो भागों में बाँटा जाता है :-

  • ( a ) राजस्व बजट 
  • ( b ) पूँजीगत बजट 

❇️ राजस्व बजट :-

🔹 राजस्व बजट सरकार की वित्तीय वर्ष में अनुमानित राजस्व प्राप्तियों व राजस्व व्यय का ब्यौरा है ।

❇️ पूंजीगत बजट :-

🔹 पूंजीगत बजट एक वित्तीय वर्ष में अनुमानित पूंजीगत प्राप्तियों तथा अनुमानित पूंजीगत व्ययो का विवरण है ।

❇️ बजट प्राप्तियाँ :-

🔹 इससे तात्पर्य एक वित्तीय वर्ष की अवधि में सरकार की सभी स्रोतों से अनुमानित मौद्रिक प्राप्तियों से है । 

🔹 बजट प्राप्तियों को निम्न दो उप – वर्गों में बाँटा जा सकता है :-

  • राजस्व प्राप्तियाँ
  • पूँजीगत प्राप्तियाँ ।

❇️ राजस्व प्राप्तियां :-

🔹 यह वह प्राप्तियां होती है जिनसे सरकार की परिसंपत्तियों में कोई कमी नहीं होती ।

🔹 उदाहरण :- ( सार्वजनिक क्षेत्र की उद्गमो कि आय )

❇️ पूंजीगत प्राप्तियां :-

🔹 यह वे प्राप्तियां होती है जिनसे सरकार की देयता उत्पन्न होती है ।

🔹उदाहरण :- (सरकार द्वारा ऋणों के माध्यम से कोष प्राप्त करना)

❇️ राजस्व प्राप्तियाँ ओर पूंजीगत प्राप्तियां में अंतर :-

राजस्व प्राप्तियाँपुँजीगत प्राप्तियाँ
ये सरकार की परिसम्पत्तियों को कम नहीं करती हैं ।ये सरकार की परिसम्पत्तियों को कम कर देती है । 
ये सरकार के दायित्वों में वृद्धि नहीं करती है ।ये सरकार के दायित्वों में वृद्धि करती है । 
ये आवर्ती प्रकृति की होती है । ये आवर्ती प्रकृति की नहीं होती ।

❇️ प्रत्यक्ष कर :-

🔹 प्रत्यक्ष कर वह कर है जो उसी व्यक्ति द्वारा दिया जाता है जिस पर वह कानूनी रूप में लगाया जाता है । इस कर का भार अन्य व्यक्तियों पर नहीं टाला जा सकता है । 

🔹 उदाहरण :- आय कर , सम्पत्ति कर । 

❇️ अप्रत्यक्ष कर :-

🔹 अप्रत्यक्ष कर वे कर हैं जो लगाए तो किसी एक व्यक्ति पर । जाते हैं किंतु इनका आंशिक या पूर्ण रूप से भुगतान किसी अन्य व्यक्ति को करना पड़ता है । इस कर का भार अन्य व्यक्तियों पर टाला जा सकता है ।

🔹  उदाहरण :- बिक्री कर , मूल्य वृद्धि कर ( VAT ) , GST

❇️ बजट व्यय :-

🔹 इससे तात्पर्य एक वित्तीय वर्ष की अवधि में सरकार द्वारा विभिन्न मदों के ऊपर की जाने वाली आनुमानित व्यय से है । 

❇️ बजट व्यय के प्रकार :-

🔹 बजट व्यय को निम्न दो मुख्य उप वर्गों में बाँटा जाता है , 

  • राजस्व व्यय
  • पूँजीगत व्यय 

❇️ राजस्व व्यय :-

🔹 ये सरकार की परिसम्पत्तियों में वृद्धि नहीं करते हैं । ये सरकार के दायित्वों में कोई कमी नहीं करते हैं । जैसे – ब्याज का भुगतान , आर्थिक सहायता , कानून व्यवस्था बनाये रखने पर व्यय आदि । ये आवर्ती प्रकृति के होते हैं । 

❇️ पूँजीगत व्यय :-

🔹 ये सरकार की परिसम्पत्तियों में वृद्धि करते हैं । सरकार के दायित्वों में कमी करते हैं । जैसे विद्यालय भवनों का निर्माण , पुराने ऋण का भुगतान , वित्तीय परिसम्पत्तियों का क्रय इत्यादि । ये आवर्ती प्रकृति के नहीं होते ।

❇️ राजस्व घाटा :-

🔹 जब सरकार के कुल राजस्व व्यय उसकी कुल राजस्व प्राप्तियों से अधिक हो । 

❇️ राजस्व घाटे के प्रभाव :-

  • यह सरकार की भावी देनदारियों में वृद्धि करता है । 
  • यह सरकार के अनावश्यक व्ययों की जानकारी देता है । 
  • यह ऋणों के बोझ को बढ़ाता है ।

❇️ राजकोषीय घाटा :-

🔹 कुल व्यय की उधार रहित कुल प्राप्तियों पर अधिकता । 

नोट :- राजकोषीय घाटा = कुल व्यय – उधार के बिना कुल बजट प्राप्तियाँ

❇️ राजकोषीय घाटे के प्रभाव :-

  • यह मुद्रा स्फीति को बढ़ाता है ।
  • देश ऋण – जाल में फंस जाता है । 
  • यह देश के भावी विकास तथा प्रगति को कम करता है । 

❇️ प्राथमिक घाटा :-

🔹 राजकोषीय घाटे में से ब्याज अदायगियों को घटाने से प्राथमिक घाटे का पता चलता है । 

नोट :- प्राथमिक घाटा = राजकोषीय घाटा – ब्याज अदायगियाँ 

❇️ प्राथमिक घाटे के प्रभाव :-

  • इससे पता चलता है कि भूतपूर्व नीतियों का भावी पीढ़ी पर क्या भार पड़ेगा । 
  • शून्य या प्राथमिक घाटे से अभिप्राय है कि सरकार पुराने ऋणों का ब्याज चुकाने के लिए उधार लेने को मजबूर है । 
  • यह ब्याज अदायगियों रहित राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए सरकार की उधार जरूरतों को दर्शाता है ।

❇️ विनिवेश :-

🔹 सरकार द्वारा सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों की बिक्री विनिवेश है ।

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