अध्याय - 8
आधारिक संरचना
❇️ आधारिक संरचना :-
🔹 आधारिक संरचना से अभिप्राय उस सहायक संरचना से है जिसके द्वारा कृषि , उद्योग व वाणिज्य आदि मुख्य उत्पादन क्षेत्रकों की विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती हैं , जिनका वस्तुओं व सेवाओं के उत्पादन पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है ।
❇️ आधारिक संरचनाओं के प्रकार :-
- आर्थिक आधारिक संरचना ( ऊर्जा दूरसंचार यातायात )
- सामाजिक आधारिक संरचना ( शिक्षा स्वास्थ्य नागरिक सुविधाएं )
🔹 आर्थिक और सामाजिक आधारिक संरचना दोनों एक साथ अर्थव्यवस्था के सम्पूर्ण विकास में सहायता करती है । दोनों एक दूसरे के पूरक व सहायक है ।
❇️ आधारिक संरचना का महत्व :-
- अर्थव्यवस्था की कार्यप्रणाली में सहायता करता है ।
- कृषि का विकास
- बेहतर जीवन की गुणवत्ता
- रोजगार प्रदान करता है ।
- बाह्य प्रापण में सहायता करता है ।
❇️ भारत में आधारिक संरचना की स्थिति :-
🔹 जनगणना 2001 के अनुसार ग्रामीण परिवारों में केवल 56 % के पास ही बिजली उपलब्ध थी ।
🔹 नल के पानी की उपलब्धता केवल 24 % ग्रामीण परिवारों तक ही सीमित है और शेष परिवार खुले स्रोतों से पानी का उपयोग करते हैं ।
🔹 भारत अपनी GDP का केवल 5 % आधारिक संरचना पर निवेश करता है जो कि चीन व इन्डोनेशिया से कहीं नीचे है ।
❇️ ऊर्जा :-
🔹 यह अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । आर्थिक विकास व ऊर्जा की माँग के बीच धनात्मक सहसंबंध है ।
❇️ ऊर्जा का स्रोत :-
🔶 व्यवसायिक ऊर्जा :- ऊर्जा के उन स्रोतों से होता है जिनकी एक कीमत होती है और उपयोगकर्ताओं को उनके लिए कीमत चुकानी पड़ती है ।
🔶 गैर व्यवसायिक ऊर्जा :- ऊर्जा के वे सभी स्रोत सम्मिलित है जिनकी सामान्यता कोई कीमत नहीं होती ।
🔶 परम्परागत स्रोत :- इन स्रोतों का उपयोग मनुष्य लम्बे समय से कर रहा है । ऊर्जा के ये साधन सीमित है ।
🔶 गैर परम्परागत स्रोत :- इनका उपयोग हाल ही में शुरू हुआ है । ये स्रोत असीमित है ।
❇️ व्यवसायिक ऊर्जा के उपभोग का क्षेत्रवार ढाँचा :-
🔹 व्यवसायिक ऊर्जा के कुल उपभोग का सबसे बड़ा हिस्सा 45% औद्योगिक क्षेत्र का है । लेकिन औद्योगिक क्षेत्र की हिस्सेदारी में गिरावट आई है यह 1950 – 51 में 62.6% से घटकर 2012 – 13 में 45% रह गई है ।
🔹 परिवार क्षेत्र ( 22% ) व कृषि क्षेत्र ( 18% ) में विद्युत के उपभोग में निरंतर वृद्धि हो रही है ।
🔹 व्यवसायिक ऊर्जा उपभोग भारत में कुल ऊर्जा उपभोग का लगभग 65% है । इसमें सबसे बड़ा हिस्सा 55% कोयले का , 31% तेल का , 11% प्राकतिक गैस और 3% पनबिजली का सम्मिलित है ।
❇️ शक्ति :-
🔹 शक्ति , आधारिक संरचना का सबसे महत्वपूर्ण घटक है ।
❇️ शक्ति सृजन के स्रोत :-
- तापीय शक्ति 71.28%
- पन – बिजली 25.99%
- परमाणु शक्ति 2.73%
❇️ ऊर्जा क्षेत्र के समक्ष चुनौतियाँ :-
- विद्युत उत्पादन की अपर्याप्तता ,
- निम्न संयंत्र लोड फैक्टर
- जनता के सहयोग का अभाव
- बिजली बोर्डों को हानियाँ
- परमाणु शक्ति के विकास की धीमी प्रगति
- कच्चे माल की कमी
- निजी क्षेत्र की कम भूमिका
❇️ विद्युत संकट से निपटने हेतु सुझाव :-
- प्लाट लोड फैक्टर में सुधार
- उत्पादन क्षमता में वृद्धि
- संचारण व वितरण की क्षति पर नियंत्रण
- विद्युत उत्पादन में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश तथा निजीकरण को प्रोत्साहन ।
- नवीकरण स्रोतों का प्रयोग ।
❇️ स्वास्थ्य आधारित संरचनाओं की स्थिति :-
🔹 संघ सरकार , स्वास्थ्य व परिवार कल्याण की केन्द्रीय समिति के द्वारा विस्तृत नीतियों व योजनाओं को बनाती है ।
🔹 ग्राम स्तर पर सरकार द्वारा कई किस्म के अस्पताल स्थापित किए गए है ।
🔹स्वास्थ्य आधारित संरचनाओं के विस्तार के फलस्वरूप ही जानलेवा बीमारियों जैसे चेचक , कुष्ट रोगों का लगभग उन्मूलन सम्भव हो सका है ।
❇️ निजी क्षेत्र की भूमिका :-
🔹 भारत में 70 % से अधिक अस्पताल निजी क्षेत्र द्वारा संचालित है ।
🔹 लगभग 60 % डिस्पेंसरी निजी क्षेत्र द्वारा संम्मीलित होती है ।
🔹 स्वास्थ्य देखरेख प्रदान करने में सरकार की भूमिका फिर भी महत्वपूर्ण है क्योंकि गरीब व्यक्ति निजी स्वास्थ्य सेवाओं में भारी खर्चे के कारण केवल सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर रह सकते हैं ।
🔹 सामुदायिक और गैर लाभकारी संस्थाएँ :-
🔹 एक अच्छी स्वास्थ्य देखरेख व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण पहलू सामुदायिक भागीदारी होती है उदाहरण के लिए :-
- 1 ) अहमदाबाद में SEWA
- 2 ) नीलगिरी में ACCORD
❇️ भारत में चिकित्सा पर्यटन :-
🔹 भारत में स्वास्थ्य सेवाएँ अन्य देशों में समान स्वास्थ्य सेवाओं की लागत की तुलना में सस्ती है । परन्तु भारत को अधिक विदेशियों को आकर्षित करने के लिए अपनी स्वास्थ्य आधारित संरचना को बेहतर करने की आवश्यकता है ।
❇️ स्वास्थ्य व स्वास्थ्य आधारित संरचनाओं के संकेतक :-
🔹 स्वास्थ्य क्षेत्र पर व्यय G . D . P . का केवल 4.8% है ।
🔹 भारत में दुनिया की जनसंख्या का लगभग 17% है परन्तु यह विश्व वैश्विक भार के भयावह 20% को सहन करता है ।
🔹 प्रत्येक वर्ष लगभग लाख बच्चे पानी से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के कारण मर जाते हैं ।
❇️ ग्रामीण – शहरी विभाजन :-
🔹 भारत की जनसंख्या का 70 % ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है परन्तु अस्पतालों का केवल 20 % और कुल दवाखानों का 50 % ग्रामीण क्षेत्र में है ।
🔹 ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र X – Ray या खून कर जाँच की सुविधा भी प्रदान नहीं करते जोकि आधारभूत स्वास्थ्य देखरेख का अंग है ।
🔹 भारत में नगरीय और ग्रामीण स्वास्थ्य देखरेख में बड़ा विभाजन है ।
❇️ महिला स्वास्थ्य :-
🔹 लिंगानुपात 1991 में 945 से गिरकर 2001 में 927 हो गया । यह देश में बढ़ते कन्या भ्रूण हत्या की घटनाओं को दर्शाता है ।
🔹 15 से 49 आयुवर्ग के बीच की विवाहित महिलाओं में से 50 % से अधिक को एनीमिया है ।
🔹 निजी – सार्वजनिक साझेदारी दवाओं व चिकित्सा दोनों में प्रभावपूर्ण ढंग से विश्वसनीयता , गुणवता और पहुँच सुनिश्चित कर सकती है ।