भूगोल एक विषय के रूप में (Geography as a Discipline) || 11th Class Geography Ch-1 ( Book-1) || Notes in Hindi

 भूगोल एक विषय के रूप में

(Geography as a Discipline)



❇️ पृथ्वी हमारा घर है :-

🔹पृथ्वी हमारा घर है ।

🔹पृथ्वी के चारों ओर अलग- अलग तत्व दिखाई देते हैं ।

🔹जिनमें मृदा वनस्पति, मैदान, पहाड़, नदियाँ, मौसम, सूर्य का प्रकाश, घर, सड़क, अस्पताल, खेत, पार्क, स्कूल, उद्योग, ऑफिस, व्यापारिक संस्थान आदि ।

🔹इनमें बहुत से तत्त्व प्रकृति के अंग हैं ।

🔹जबकि कुछ का निर्माण मानव ने किया है प्रकृति के सहयोग से ।

🔹जो प्रकृति के तत्वों होते है उन्हें प्राकृतिक के तत्व कहते हैं ।

🔹जबकि मानव द्वारा निर्मित तत्वों को मानवीय तत्व या सांस्कृतिक तत्व कहते हैं ।

❇️ इरेटॉस्थेनीज़ :-

🔹 इरेटोस्थनीज 276 ईसापूर्व से 195–194 ईसा पूर्व को भूगोल का पिता कहा जाता है ।

🔹 इरेटोस्थनीज यूनान के एक गणितज्ञ, भूगोलविद, कवि, खगोलविद एवं संगीत सिद्धानतकार थे ।

🔹 Geography शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम ग्रीक विद्वान इरेटॉस्थेनीज़ ने किया था ।

❇️ भूगोल :-

🔹 ‘ भूगोल ‘ ग्रीक भाषा में दो शब्दों GEO अर्थात पृथ्वी तथा Graphos अर्थात वर्णन करना से बना है । इस तरह इसका शाब्दिक अर्थ ‘ पृथ्वी का वर्णन करना है ।

🔹 ‘ इरेटॉस्थनीज , नामक ग्रीक विद्वान ने ( 276-194 ई• पू• ) में Geography शब्द का प्रयोग किया था । वर्तमान समय में भूगोल शब्द का अर्थ है कि ‘ पृथ्वी के धरातल पर पाई जाने वाली स्थानिक ( Spatial ) तथा सामायिक ( Temporal ) विभिन्नताओं ( Varations ) के अध्ययनं को भूगोल कहते हैं । 

❇️ वैज्ञानिक विषय के रूप में भूगोल :-

🔹 भूगोल एक वैज्ञानिक विषय है । एक परिपक्व वैज्ञानिक विषय के रूप में भूगोल निम्नलिखित तीन वर्गो के प्रश्नों से संबंधित है :-

🔶 ( 1 ) क्या ? 

🔹 कुछ प्रश्न ऐसे होते है जो भूतल पर पाई जाने वाली प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक विशेषताओं के प्रतिरूप की पहचान से जुड़े हुए होते हैं , जो ‘ क्या ‘ प्रश्न का उत्तर देते है ।

🔶 ( 2 ) कहाँ ? 

🔹 कुछ ऐसे भी प्रश्न होते हैं जो पृथ्वी पर भौतिक एंव सांस्कृतिक तत्वों के वितरण से जुड़े हुए होते हैं , ये ‘ कहाँ ‘ प्रश्न से संबद्ध होते हैं ।

🔶 ( 3 ) क्यों ? 

🔹 कुछ प्रश्न कौन – से तत्व कहाँ स्थित हैं , से संबंधित सूचीबद्ध सूचनाओं से जुड़े हुए होते हैं । ये प्रश्न व्याख्या अथवा तत्वों एवं तथ्यों के मध्य कार्य कारण संबंध से जुड़े हुए होते हैं । भूगोल का यह पक्ष ‘ क्यों प्रश्न जुड़ा हुआ होता है ।

❇️ हमें भूगोल विषय का अध्ययन क्यों करना चाहिये ?

🔸 ‘ भूगोल का अध्ययन हमारे लिए अति आवश्यक है क्योंकि :- 

🔹भूगोल के अध्ययन से हमें मानव समाजों में पायी जाने वाली विभिन्नता को समझने में आसानी होती है । जिससे वैश्विक शान्ति और भाई – चारे की भावना प्रबल होती है । 

🔹 भूगोल हमको भू पृष्ठ की विविधताओं को समझने तथा स्थान व समय अर्थात Space and Time के संदर्भ में ऐसी विभिन्नताओं को पैदा करने वाले कारकों की तलाश करने की योग्यता देता है । 

🔹 भूगोल मानचित्र के जरिये वास्तविक पृथ्वी को जानने और धरातल पर विभिन्न तत्वों के दृश्य ज्ञान की कुशलता विकसित करता है । 

🔹 भूगोल में आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों जैसे :- भौगोलिक सूचना तंत्र ( GIS ) संगणक मानचित्र- कला ( Computer Cartography ) दूर संवेदन ( Remote Sensing ) के अध्ययन ने ज्ञान और कुशलता को प्राप्त करने तथा राष्ट्रीय विकास में सहयोग करने की दक्षता प्रदान की है । 

🔹 इसने विश्व में व्यापार – वाणिज्य में वृद्धि के साथ – साथ प्रशासन चलाने , भ्रमण व पर्यटन को बढ़ावा दिया है ।

❇️ भूगोल के अध्ययन की दो प्रमुख उपागम है ।

🔹( 1 ) क्रमबद्ध उपागम

🔹( 2 ) प्रादेशिका उपागम

❇️ क्रमबद्ध भूगोल ( Systematic Geography ) :-

🔹  क्रमबद्ध भूगोल में एक विशिष्ट भौगोलिक तत्व का अध्ययन किया जाता है । 

🔹 क्रमबद्ध विधि किसी क्षेत्र का समाकलित ( Integrated ) रूप प्रस्तुत करती है । 

🔹 यह विधि राजनैतिक इकाइयों पर आधारित होती है । 

🔹 यह अध्ययन , खोज व तथ्यों को प्रस्तुत करती है । 

🔹 इस अध्ययन में एक घटक जैसे जलवायु के आधार पर विभिन्न प्रकार व उप – प्रकार निश्चित किए जाते हैं । 

❇️  प्रादेशिक भूगोल ( Regional Geography ) :-

🔹 प्रादेशिक भूगोल में किसी एक प्रदेश का सभी भौगोलिक तत्वों के संदर्भ में एक इकाई के रूप में अध्ययन किया जाता है । 

🔹 प्रादेशिक विधि एकाकी रूप प्रस्तुत करती है । 

🔹 यह विधि भौगोलिक इकाइयों पर आधारित है । 

🔹 यह विधि किसी प्रदेश के वातावरण तथा मानव के बीच अंतर्संबंध प्रस्तुत करती है । 

🔹 इस अध्ययन में प्रदेशों का सीमांकन किया जाता है । इसे प्रादेशीकरण कहते हैं ।

❇️ प्रादेशिक भूगोल की विभिन्न शाखाएँ :-

🔹 प्रादेशिक उपागम पर आधारित प्रादेशिक भूगोल की निम्नलिखित शाखाएँ हैं – 

🔶 क ) प्रादेशिक / क्षेत्रीय अध्ययन 

🔶 ख ) प्रादेशिक नियोजन

🔶 ग ) प्रादेशिक विकास

🔶 घ ) प्रादेशिक विवेचना / विश्लेषण

❇️ भूगोल की दो मुख्य शाखाएँ हैं :-

🔹 1 ) भौतिक भूगोल ( Physical Geography )

🔹 2 ) मानव भूगोल ( Human Geography )

❇️ भौतिक भूगोल :-

🔹 भौतिक भूगोल का प्राकृतिक भूगोल से प्रत्यक्ष सम्बन्ध है ।

🔹  भौतिक भूगोल की सभी शाखाएं प्राकृतिक भूगोल के अंतर्गत आती हैं ।

🔹 भूगोल की सभी शाखाएँ – आर्थिक भूगोल , जनसंख्या भूगोल , अधिवास भूगोल , सामाजिक भूगोल , राजनीतिक भूगोल , आदि – विषयों से घनिष्ठता से जुड़ी हैं , क्योंकि इनमें सभी स्थानिक विशेषताएँ जुडी हुई हैं ।

🔹 एक भूगोलवेत्ता को गणित एवं कला में निपुण होना चाहिए क्योकि भूगोल में अक्षांश एवं देशान्तरों का अध्ययन करना पड़ता है जिसके लिए गणित का ज्ञान आवश्यक है एवं मानचित्र तैयार करने के लिए कला का ज्ञान होना आवश्यक है ।

❇️ भौतिक भूगोल का महत्त्व :-

🔹 भौतिक भूगोल में भूमंडल , वायु मंडल , जल मंडल , जैव मंडल , खाद्य श्रृंखला , मिट्टियाँ , मृदा पार्श्विका ( Profile ) आदि का अध्ययन किया जाता है , ये प्रत्येक तत्व मानव के लिए महत्व पूर्ण है । 

🔹 भौतिक भूगोल प्राकृतिक संसाधनों के मूल्यांकन तथा प्रबंधन से जुड़े विषय के रूप में विकसित हो रहा है । 

🔹 भौतिक पर्यावरण संसाधन प्रदान करता है तथा मानव इन संसाधनों का उपयोग करते हुए अपना आर्थिक और सांस्कृतिक विकास सुनिश्चित करता है । 

🔹 सतत विकास के लिए भौतिक वातावरण का ज्ञान नितांत आवश्यक है जो भौतिक भूगोल के महत्त्व को रंखांकित करता है ।

❇️ भौतिक भूगोल की प्रमुख शाखाओं का वर्णन  :-

🔹 भौतिक भगोल की निम्नलिखित चार प्रमुख शाखाएँ है : 

🔶 भू आकृतिक विज्ञान :- भूपृष्ठ पर पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के भू – लक्षणों , जैसे – महाद्वीपों , पर्वतों पठारों , मैदानों , नदी घाटियों आदि का जननिक अध्ययन है । 

🔶 जलवायु विज्ञान :- इसमें जलवायु तथा इसके संघटक तत्वों का क्रमबद्ध अध्ययन किया जाता है । वर्षा , तापमान , वायुदाब , पवन , आंधी आदि जलवायु मुख्य घटक है ।

🔶 जल विज्ञान :- इसमें महासागरों , नदियों , झीलों , हिमानियों तथा जलवाष्प द्वारा प्रकृति तथा मानव जीवन में जल की भूमिका का अध्ययन किया जाता है। 

🔶 मृदा भूगोल :- इसमें मृदा के निर्माण की प्रक्रिया उनके प्रकार , उत्पादकता स्तर तथा उनके वितरण का अध्ययन किया जाता है ।

❇️ भौतिक भूगोल के अध्ययन का मानव जीवन के लिए महत्व :-

🔹 भौतिक भूगोल , भूगोल की एक महत्वपूर्ण शाखा है , क्योंकि यह समस्त भूगोल के अध्ययन को ठोस आधार प्रदान करता है । 

🔹 भूगोल की यह सबसे महत्वपूर्ण तथा आधारभूत शाखा भूमंडल , वायुमंडल , जल मंडल तथा जैव मंडल के अध्ययन से संबंधित है । 

🔹 भौतिक भूगोल के इन सभी तत्वों ( भू – आकृतियों , जल – प्रवाह व उच्चावच ) का विशेष महत्व है क्योंकि ये मानव के क्रियाकलापों को प्रभावित करते हैं । 

🔹 उदाहरणतया मैदानों का प्रयोग कृषि के लिए किया जाता है । उपजाऊ मिट्टी , कृषि को ठोस आधार प्रदान करती है । सभी मानवीय क्रियाकलाप को ठोस आधार प्रदान करती है । सभी मानवीय क्रियाकलाप भौतिक भूगोल की विभिन्न शाखाओं से प्रभावित होते हैं ।

❇️ मानव भूगोल :-

🔹 मानव भूगोल भूपृष्ठ पर मानवीय अथवा सांस्कृतिक तत्वों का अध्ययन करता है । घर , गाँव , कस्बे , नगर , रेलवे , सड़कें , पुल आदि मनुष्य द्वारा बनाए जाते हैं और मानवीय तत्व कहलाते हैं । इसलिए मानव भूगोल बहुत ही विस्तृत विषय है ।

❇️ मानव भूगोल की निम्नलिखित शाखाएं  :-

🔹 सास्कृतिक भूगोल । 

🔹 सामाजिक भूगोल । 

🔹 जनसंख्या भूगोल । 

🔹 नगरीय भूगोल ।

🔹 ग्रामीण भूगोल ।

🔹 आर्थिक भूगोल ।

🔹 कृषि भूगोल । 

🔹 औद्योगिक भूगोल । 

🔹 राजनैतिक भूगोल ।

🔹 व्यापार एंव परिवहन भूगोल ।

❇️ आगमन पद्धति ( Inductive Method ) :-

🔹 आगमन पद्धति के अन्तर्गत भूगोलवेत्ता तथ्यों का एक समुच्चय ( Set of Facts ) एकत्रित कर लेता है । इनमें पाई जाने वाली समानताओं को छाँट लेता है और नियम निर्मित करता है । यह अध्ययन ‘ विशेष से सामान्य के सिद्धांत ‘ ( From specific to general ) पर आधारित है । 

❇️ निगमन पद्धति ( Deductive Method ) :-

🔹 इसके अन्तर्गत कहे गये आधार पर वाक्य से निष्कर्ष निकाले जाते हैं । यह विधि सामान्य से विशेष ( From general to specific ) के सिद्धांत ‘ पर आधारित है ।

❇️ भूगोल किस प्रकार ऐतिहासिक घटनाओं को प्रभावित करता है ?

🔹 दूरी :- दूरी ने विश्व इतिहास को बदलने में एक प्रभावशाली कारक का काम किया है । 

🔹 क्षेत्रीय विस्तार :- क्षेत्रीय विस्तार ने युद्ध के दौरान , विशेषकर पिछली शताब्दी में , अनेक देशों को सुरक्षा प्रदान की है । 

🔹 विस्तृत समुद्र :- विशाल समुद्र ने नया विश्व प्रदान कर उसकी भूमि को युद्ध से बचाया है ।

❇️ भूगोल सामाजिक व प्राकृतिक विज्ञानों से संबंध क्यों बनाता है ?

🔹 भूगोल प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों के साथ घनिष्ठता से जुड़ा हुआ है । इसका अपना एक विधितंत्र एवं उपागम है , जो इसे अन्य विज्ञानों से अलग करता है । 

🔹 भूगोल का दूसरे विषयों के साथ परासरणी ( Osmotic ) संबंध होता है , जबकि दूसरे विषयों का अपना निजी विषय क्षेत्र होता है । 

🔹 भूगोल व्यष्टिपरक सूचनाओं के बहाव को अवरूद्ध नहीं करता , जैसे कि शरीर की कोशिका झिल्ली रक्त बहाव को अवरूद्ध नहीं करती ।

🔹 भूगोलवेत्ता सहयोगी विषयों से प्राप्त सूचनाओं एवं आंकड़ो का इस्तेमाल करते हुए क्षेत्रीय संदर्भ में उनका संश्लेषण विश्लेषण करता है । 

🔹 मानचित्र जो भूगोलवेताओं का एक महत्वपूर्ण उपकरण है , क्षेत्रीय प्रतिरूप को दृश्यरूप में दर्शाता है ।

❇️ भूगोल का अन्य सामाजिक शास्त्रों से सम्बन्धित :-

🔹 भूगोल की प्रमुख शाखा मानव भूगोल का अन्य सामाजिक विज्ञानों के विषयों जैसे इतिहास , अर्थशास्त्र , राजनीतिशास्त्र , समाजशास्त्र दर्शनशास्त्र , जनांकिकी आदि के साथ निकट का सम्बन्ध है । 

🔹 जो इस प्रकार है :-

🔸 इतिहास तथा भूगोल का आपस में गहरा सम्बन्ध है क्योंकि ये दोनों विषय क्रमशः काल तथा स्थान के अध्ययन से सम्बंधित हैं । 

🔸 राजनीतिशास्त्र में राज्य , क्षेत्र जनसंख्या , प्रभुसत्ता आदि का विश्लेषण सम्मिलित है जबकि राजनितिक भूगोल में एक क्षेत्रीय इकाई के रूप में राज्य तथा उसकी जनसंख्या के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन किया जाता है ।

🔸 भूगोल की एक उपशाखा आर्थिक भूगोल तथा अर्थशास्त्र का घनिष्ट संबंध है । अर्थशास्त्र तथा आर्थिक भूगोल की विषय वस्तु में बहुत सी समानताएँ पाई जाती हैं ।

🔹 इसी प्रकार जनसंख्या भूगोल जनांकिकी से , सामाजिक भूगोल समाजशास्त्र से , तथा सांस्कृतिक भूगोल मानवशास्त्र से सम्बंधित हैं । 

❇️ भूगोल का अन्य विषयों से संबंध :-

🔹 अर्थशास्त्र :- आर्थिक भूगोल

🔹 इतिहास :- ऐतिहासिक भूगोल

🔹 राजनीति शास्त्र :- राजनैतिक भूगोल

🔹 जल विज्ञान :- समुद्र विज्ञान

🔹 जलवायु विज्ञान :- मौसम विज्ञान

🔹पादप और प्राणी भूगोल :- वनस्पति एवं प्राणी विज्ञान

🔹जनसंख्या भूगोल :- जनांकिकी

🔹पर्यावरण विज्ञान :- पर्यावरण भूगोल

❇️ मानव और प्रकृति के अन्तर्संबंध :-

🔹 मानव के अनुकूलन ( Adaptation ) तथा आपरिवर्तन अर्थात ( Modification ) के माध्यम से प्रकृति के साथ समझौता किया है । 

🔹 मानव ने उच्च तकनीकी एंव प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग करके प्राकृतिक वातावरण में परिवर्तन किए हैं । 

🔹 तकनीकी के क्रमिक विकास के साथ मानव अपने ऊपर भौतिक पर्यावरण के द्वारा कसे हुए बंधन को ढीला करने में सक्षम हो गया है । तकनीकी ने श्रम की कठोरता को कम करके श्रम – क्षमता को बढ़ाया है तथा कार्य के दौरान अवकाश का प्रावधान किया है ।




इतिहास विश्व इतिहास के कुछ विषय

Chapter 1: - समय की शुरुआत से (From the Beginning of Time)

Chapter 2: - लेखन कला और शहरी जीवन (Writing and City Life)

Chapter 3: - तीन महाद्वीपों में फैला हुआ साम्राज्य (An Empire Across Three Continents)

Chapter 4:- इस्लाम का उदय और विस्तार (The Central Islamic Lands )

Chapter 5:- यायावर साम्राज्य (Nomadic Empires)

Chapter 6:- तीन वर्ग (The Three Orders)

Chapter 7:- बदलती हुई सांस्कृतिक परम्पराएँ (Changing Cultural Traditions)

Chapter 8:- संस्कृतियों का टकराव (Confrontation of Cultures)

Chapter 9:- औद्योगिक क्रांति (The Industrial Revolution)

Chapter 10:- मूल निवासियों का विस्थापन (Displacing Indigenous Peoples)

Chapter 11:- आधुनिकीकरण के रास्ते (Paths to Modernization)

राजनीति विज्ञान  भारत का संविधान : सिद्धांत और व्यवहार

Chapter 1:- संविधान क्यों और कैसे (Constitution because and how)

Chapter 2:- भारतीय संविधान में अधिकार (Rights in the Indian Constitution)

Chapter 3:- चुनाव और प्रतिनिधि (Election and Representative)

Chapter 4:- कार्यपालिका (Executive)

Chapter 5:- विधायिका (Legislature)

Chapter 6:- न्यायपालिका (Judiciary)

Chapter 7:- संघवाद (Federalism)

Chapter 8:- स्थानीय शासन (Local Government)

Chapter 9:- संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ (Constitution a living document)

Chapter10:- संविधान का राजनितिक दर्शन (Political Philosophy of the Constitution)

 

 

- राजनितिक सिद्धांत

Chapter 1:- राजनीतिक सिद्धांत एक परिचय (Political Theory - An Introduction)

Chapter 2:- स्वतंत्रता (Freedom)

Chapter 3:- समानता (Equality)

Chapter 4:- सामाजिक न्याय (Social justice)

Chapter 5:- अधिकार (Rights)

Chapter 6:- नागरिकता (Citizenship)

Chapter 7:- राष्ट्रवाद (Nationalism)

Chapter 8:- धर्मनिरपेक्षता (Secularism)

Chapter 9:- शांति (Peace)

Chapter 10:- विकास (Development)

 

 

भूगोल   भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत

Chapter 1:- भूगोल एक विषय के रूप में (Geography as A Discipline)

Chapter 2:- पृथ्वी की उत्पत्ति एंव विकास (The Origin and Evolution of the Earth)

Chapter 3:- पृथ्वी की आन्तरिक संरचना (Interior of the Earth)

Chapter 4:- महासागरों और महाद्वीपों का वितरण (Distribution of Oceans and Continents)

Chapter 5:- खनिज एंव शैल (Minerals and Rocks)

Chapter 6:- आकृतिक प्रक्रियाएँ (Geomorphic Processes)

Chapter 7:- भू आकृतियाँ तथा उनका विकास (Landforms and their Evolution)

Chapter 8:- वायुमण्डल का संघटन एवं संरचना (Composition and Structure of Atmosphere)

Chapter 9:- सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान (Solar Radiation , Heat Balance and Temperature)

Chapter 10:- वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसमी प्रणालियाँ (Atmospheric Circulation and Seasonal Systems)

Chapter 11:- वायुमंडल में जल (Water in the Atmosphere)

Chapter 12:- विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन (World Climate and Climate Change)

Chapter 13:- महासागरीय जल (Ocean Water)

Chapter 14:- महासागरीय जल संचलन (Movements of Ocean Water)

Chapter 15:- पृथ्वी पर जीवन (Life on the Earth)

Chapter 16:- जैव विविधता एवं संरक्षण (Biodiversity and Conservation)

 

 

 भारत : भौतिक पर्यावरण

Chapter 1:- भारत स्थिति (India - Location)

Chapter 2:- संरचना तथा भू - आकृति विज्ञान (Structure and Physiography)

Chapter 3:- अपवाह तंत्र (Drainage System)

Chapter 4:- जलवायु (Climate)

Chapter 5:- प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation)

Chapter 6:- मृदा (Soils)

Chapter 7:- प्राकृतिक आपदाएं और संकट (Natural Hazards and Disaster)

 

 

 


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