आधुनिकीकरण के रास्ते (Paths to Modernization) || 11th Class History Ch-11 || Notes in Hindi


आधुनिकीकरण के रास्ते

(Paths to Modernization)



❇️ चीन :-

🔹 चीन एक विशालकाय द्वीप है , जिसमें कई तरह की जलवायु वाले क्षेत्र सम्मिलित हैं ।

🔹 चीन का सबसे प्रमुख जातीय समूह ‘ हान ‘ है और प्रमुख भाषा चीनी है । 

❇️ चीन में साम्यवादी सरकार की स्थापना :-

🔹 चीन में साम्यवादी सरकार की स्थापना 1949 में हुई ।

❇️ जापान :-

🔹 चीन के विपरित जापान एक द्वीप श्रृंखला है , जिसमें चार बड़े द्वीप समूह हैं होंशू , क्यूशू , शिकोकू और होकाइदो ।

🔹 12 वीं सदी के प्रारम्भ में जापान पर शोगुनों का शासन कायम हुआ जो सैद्धान्तिक रूप से राजा थे ।

🔹 1603 से 1867 के मध्य तक तोकुगावां वंश के लोग शोगुन पद पर कायम थे ।

❇️ डायट :-

🔹 ‘ डायट ‘ जापानी संसद का नाम है और यह जर्मन विचारधारा पर आधारित थी ।

❇️ फुकुज़ावा यूकिची :-

🔹 ‘ फुकुज़ावा यूकिची ‘ मेज़ी काल के प्रमुख बुद्धिजीवियों में से एक थे । उनका कहना था कि जापान को अपने में से एशिया को निकाल फेंकना चाहिए ।

❇️ चीन में छींग राजवंश का अंत :-

🔹 1644 से 1911 तक चीन में छींग राजवंश का शासन था । 19 वीं सदी के शुरुआत में चीन का पूर्वी एशिया पर प्रभुत्व था । यहाँ छींग राजवंश का शासन था । कुछ ही दशकों के भीतर चीन अशांति की गिरफ्त में आ गया और औपनिवेशिक चुनौती का सामना नहीं कर पाया । छींग राजवंश कारगर सुधार करने में असफल रहा और देश गृहयुद्ध की लपटों में आ गया , और छींग राजवंश के हाथों से राजनितिक नियंत्रण चला गया ।

❇️ 19 वीं सदी में जापान में औद्योगिक अर्थतंत्र की रचना :-

🔹 18 वीं सदी के अंत और 19 वीं सदी के शुरुआत में जापान ने अन्य एशियाई देशों की तुलना में काफी अधिक प्रगति की ।

🔹 जापान एक आधुनिक राष्ट्र – राज्य के निर्माण में , औद्योगिक अर्थतंत्र की रचना में चीन को काफी पीछे छोड़ दिया । 

🔹 ताइवान ( 1895 ) तथा कोरिया ( 1910 ) को अपने में मिलाते हुए एक औपनिवेशिक साम्राज्य कायम करने में सफल रहा । 

🔹 उसने अपनी संस्कृति और अपने आदर्शों की स्रोत – भूमि चीन को 1894 में हराया और 1905 में रूस जैसी यूरोपीय शक्ति को पराजित करने में कामयाब रहा । 

❇️ चीन और जापान के भौगोलिक स्थिति में अंतर :-

🔶 चीन :-

🔹 चीन एक विशालकाय महाद्वीप देश है ।

🔹 यहाँ की जलवायु में विविधता पाई जाती है । 

🔹 यहाँ कई राष्ट्रिय भाषाएँ हैं । 

🔹 खानों में क्षेत्रीय विविधता पाई जाती है । 

🔶 जापान :- 

🔹 जापान एक द्वीप श्रृंखला वाला देश है । 

🔹 इसमें चार मुख्य द्वीप शामिल हैं , मुख्य द्वीपों की 50 प्रतिशत से अधिक जमीन पहाड़ी है । 

🔹 यहाँ की प्रमुख भाषा जापानी है । 

🔹 जापान बहुत ही सक्रीय भूकंप क्षेत्र में है । 

❇️ आधुनिक दुनियाँ में धीमी चीनी प्रतिक्रिया :-

🔹 जापान के समक्ष देखा जाय या अन्य यूरोपीय देशों को के साथ तुलना की जाए तो चीनी प्रतिक्रिया धीमी रही और उनके सामने कई कठिनाइयाँ आईं । 

🔹 आधुनिक दुनिया का सामना करने के लिए उन्होंने अपनी परंपराओं को पुनः परिभाषित करने का प्रयास किया।

🔹 अपनी राष्ट्र – शक्ति का पुनर्निर्माण करने और पश्चिमी व जापानी नियंत्रण से मुक्त होने की कोशिश की । 

🔹 उन्होंने पाया कि असमानताओं को हटाने और अपने देश के पुनर्निर्माण के दुहरे मकसद को वे क्रांति के जरिए ही हासिल कर सकते हैं ।

❇️ मेजी पुनर्स्थापना :-

🔹 मेजी पुनर्स्थापना का अर्थ है , प्रबुद्ध सरकार का गठन | सन 1867 – 68 के दौरान मेजी वंश का उदय हुआ और देश में विद्यमान विभिन्न प्रकार का असंतोष मेजियों की पुनर्स्थापना का कारण बना ।

❇️ मेजियों के पुनर्स्थापना के पीछे कारण :- 

🔹 देश में तरह – तरह का असंतोष था ।

🔹 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व कूटनीतिक संबंधों की भी मांग की जा रही थी ।

❇️ मेजी शासन के अंतर्गत जापान में अर्थव्यवस्था का आधुनिकरण :-

🔹 कृषि पर कर ।

🔹 जापान में रेल लाइन बिछाना ।

🔹 वस्त्र उद्योगों के लिए मशीनों का आयात ।

🔹 मजदूरों का विदेशी कारीगरों द्वारा प्रशिक्षण ।

🔹 विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए विदेश भेजना ।

🔹 आधुनिक बैंकिंग व्यवस्था का प्रारंम्भ ।

🔹 कंपनियों को कर में छुट और सब्सिडी देना ।

❇️ फुकोकु – क्योहे  :-

🔹 जिसका अर्थ है समृद्ध देश और मजबूत सेना ।

❇️ जापान में मेजियों द्वारा शिक्षा एवं विद्यालयी व्यवस्था में बदलाव :-

🔹 लडके और लड़कियों के लिए स्कूल जाना अनिवार्य ।

🔹 पढाई की फ़ीस बहुत कम करना ।

🔹 आधुनिक विचारों पर जोर देना ।

🔹 राज्य के प्रति निष्ठा और जापानी इतिहास के अध्ययन पर बल दिया गया ।

🔹 किताबों के चयन और शिक्षकों के प्रशिक्षण पर नियंत्रण ।

🔹 माता – पिता के प्रति आदर , राष्ट्र के प्रति वफ़ादारी और अच्छे नागरिक बनने की प्रेरणा दी गई ।

❇️ जापान में मेजियों द्वारा पर्यावरण पर उद्योगों के विकास का प्रभाव :-

🔹 लकड़ी जैसे प्राकृतिक संसाधनों की मांग से पर्यावरण पर विनाशकारी प्रभाव ।

🔹 औद्योगीकरण के कारण वायु प्रदूषण , जल प्रदूषण का बढ़ना ।

🔹 कृषि उत्पादों में कमी का प्रमुख कारण लोगों का शहरों की तरफ पलायन ।

❇️ चियांग काईशेक के कार्य :-

🔹 वारलार्ड्स पर नियन्त्रण करना ।

🔹 साम्यवा दियों का खात्मा ।

🔹 सेक्यूलर और ‘ इहलौकिक ‘ कन्फ्यूशियसवाद की हिमायत की । राष्ट्र का सैन्यकरण का प्रयास ।

🔹 महिलाओं के चार सद्गुण पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया । सतीत्व , रूप – रंग , वाणी और काम ।

❇️ देश को एकीकृत करने में असफलता के कारण :-

🔹 संकीर्ण सामाजिक आधार ।

🔹 सीमित राजनीतिक दृष्टि ।

🔹 पूँजी नियमन और भूमि अधिकारों में समानता लाने में असमर्थता ।

🔹 लोगों की समस्या पर ध्यान न देकर , फौजी व्यवस्था थोपने का प्रयास किया ।

❇️ चीनी बहसों में तीन समूहों के नजरिए :-

🔹 कांग योवेल ( 1858 – 1927 ) या लियांग किचाऊ ( 1873 – 1929 ) ।

🔹 गणतंत्र के दुसरे राष्ट्राध्यक्ष सन यान – सेन |

🔹 चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ।

❇️ आधुनिक चीन की शुरुआत :-

🔹 आधुनिक चीन की शुरुआत सोलहवीं और सत्रहवीं सदी में पश्चिम के साथ उसका पहला सामना होने के समय से माना जाता है ।

❇️ जेसुइट मिशनरियाँ :-

🔹 जेसुइट मिशनरियों ने चीन में खगोल विद्या और गणित जैसे पश्चिमी विज्ञानों को वहाँ पहुँचाया ।

❇️ पहला अफीम युद्ध :-

🔹 पहला अफीम युद्ध ब्रिटेन और चीन के बीच ( 1839 1942 ) हुआ । इस युद्ध में ब्रिटेन ने अफीम के फायदेमंद व्यापार को बढ़ाने के लिए सैन्य बलों का इस्तेमाल किया ।

❇️ पहला अफीम युद्ध का परिणाम :-

🔹 इस युद्ध ने सताधारी क्विंग राजवंश को कमजोर किया ।

🔹 सुधार तथा बदलाव के माँगों को मजबूती दी ।

❇️ सन यात – सेन :-

🔹 सन यात – सेन के नेतृत्व में 1911 में मांचू साम्राज्य को समाप्त कर दिया गया और चीनी गणतंत्र की स्थापना की गई । वे आधुनिक चीन के संस्थापक माने जाते हैं । वे एक गरीब परिवार से थे और उन्होंने मिशन स्कूलों से शिक्षा प्राप्त की जहाँ उनका परिचय लोकतंत्र व ईसाई धर्म से हआ । उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई की , परंतु वे चीन के भविष्य को लेकर चिंतित थे । उनका कार्यक्रम तीन सिद्धांत ( सन मिन चुई ) के नाम से प्रसिद्ध है ।

❇️ सन यात – सेन के तीन सिद्धांत :-

🔸 ये तीन सिद्धान्त हैं :-

🔹 राष्ट्रवाद :– इसका अर्थ था मांचू वंश – जिसे विदेशी राजवंश के रूप में माना जाता था – को सत्ता से हटाना , साथ – साथ अन्य साम्राज्यवादियों को हटाना ।

🔹 गणतांत्रिक सरकार की स्थापना :– अन्य साम्राज्यवादियों को हटाना तथा गणतंत्र की स्थापना करना ।

🔹समाजवाद :– जो पूँजी का नियमन करे और भूस्वामित्व में समानता लाए । सन यात – सेन के विचार कुओमीनतांग के राजनीतिक दर्शन का आधार बने । उन्होंने कपड़ा , खाना , घर और परिवहन , इन चार बड़ी आवश्यकताओं को रेखांकित किया ।

❇️ ताइवान में लोकतंत्र की स्थापना :-

🔹 1975 में चियांग काइशेक की मौत के बाद धीरे – धीरे शुरू हुआ और 1887 में जब फौजी कानून हटा लिया गया तथा विरोधी दलों को क़ानूनी इजाजत मिल गई , तब इस प्रक्रिया ने गति पकड़ी । पहले स्वतंत्र मतदान ने स्थानीय ताइवानियों को सत्ता में लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी ।

❇️ चीन द्वारा अपनाये गये आधुनिकीकरण के तरीके :-

🔹 साम्यवादी दल का कड़ा नियंत्रण ।

🔹 आर्थिक खुलेपन और विश्व बाजार से संबंध बनाने की नीति ।

🔹 सामन्तवाद का खात्मा ।

🔹 शिक्षा का विस्तार हुआ ।

🔹 विदेशी साम्राज्यवाद से लड़ने का कार्यक्रम ।

🔹 निजी कारखानों और भू – स्वामित्व का अंत ।

🔹 अर्थव्यवस्था पर सरकारी नियंत्रण ।

🔹 तेजी से औद्योगिकरण ।

🔹 बाजार संबंधी सुधार किए गए ।

🔹 एक ही दल की सरकार ।

🔹 आधुनिकीकरण का श्रेय साम्यवादी दल ।

🔹 पुरानी असमानताओं का अंत ।

🔹 केंद्रीकृत सरकार की स्थापना ।

❇️ जापान द्वारा अपनाये गए आधुनिकता के मार्ग :-

🔹 पारंपरिक कौशल और प्रथाओं का प्रयोग ।

🔹 पश्चिम का अनुकरण ।

🔹 जापानी राष्ट्रवाद ।

🔹 निष्ठावान नागरिक बनना ।

🔹 सम्राट के प्रति वफादार रहने की शिक्षा ।




इतिहास विश्व इतिहास के कुछ विषय

Chapter 1: - समय की शुरुआत से (From the Beginning of Time)

Chapter 2: - लेखन कला और शहरी जीवन (Writing and City Life)

Chapter 3: - तीन महाद्वीपों में फैला हुआ साम्राज्य (An Empire Across Three Continents)

Chapter 4:- इस्लाम का उदय और विस्तार (The Central Islamic Lands )

Chapter 5:- यायावर साम्राज्य (Nomadic Empires)

Chapter 6:- तीन वर्ग (The Three Orders)

Chapter 7:- बदलती हुई सांस्कृतिक परम्पराएँ (Changing Cultural Traditions)

Chapter 8:- संस्कृतियों का टकराव (Confrontation of Cultures)

Chapter 9:- औद्योगिक क्रांति (The Industrial Revolution)

Chapter 10:- मूल निवासियों का विस्थापन (Displacing Indigenous Peoples)

Chapter 11:- आधुनिकीकरण के रास्ते (Paths to Modernization)

राजनीति विज्ञान  भारत का संविधान : सिद्धांत और व्यवहार

Chapter 1:- संविधान क्यों और कैसे (Constitution because and how)

Chapter 2:- भारतीय संविधान में अधिकार (Rights in the Indian Constitution)

Chapter 3:- चुनाव और प्रतिनिधि (Election and Representative)

Chapter 4:- कार्यपालिका (Executive)

Chapter 5:- विधायिका (Legislature)

Chapter 6:- न्यायपालिका (Judiciary)

Chapter 7:- संघवाद (Federalism)

Chapter 8:- स्थानीय शासन (Local Government)

Chapter 9:- संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ (Constitution a living document)

Chapter10:- संविधान का राजनितिक दर्शन (Political Philosophy of the Constitution)

 

 

- राजनितिक सिद्धांत

Chapter 1:- राजनीतिक सिद्धांत एक परिचय (Political Theory - An Introduction)

Chapter 2:- स्वतंत्रता (Freedom)

Chapter 3:- समानता (Equality)

Chapter 4:- सामाजिक न्याय (Social justice)

Chapter 5:- अधिकार (Rights)

Chapter 6:- नागरिकता (Citizenship)

Chapter 7:- राष्ट्रवाद (Nationalism)

Chapter 8:- धर्मनिरपेक्षता (Secularism)

Chapter 9:- शांति (Peace)

Chapter 10:- विकास (Development)

 

 

भूगोल   भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत

Chapter 1:- भूगोल एक विषय के रूप में (Geography as A Discipline)

Chapter 2:- पृथ्वी की उत्पत्ति एंव विकास (The Origin and Evolution of the Earth)

Chapter 3:- पृथ्वी की आन्तरिक संरचना (Interior of the Earth)

Chapter 4:- महासागरों और महाद्वीपों का वितरण (Distribution of Oceans and Continents)

Chapter 5:- खनिज एंव शैल (Minerals and Rocks)

Chapter 6:- आकृतिक प्रक्रियाएँ (Geomorphic Processes)

Chapter 7:- भू आकृतियाँ तथा उनका विकास (Landforms and their Evolution)

Chapter 8:- वायुमण्डल का संघटन एवं संरचना (Composition and Structure of Atmosphere)

Chapter 9:- सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान (Solar Radiation , Heat Balance and Temperature)

Chapter 10:- वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसमी प्रणालियाँ (Atmospheric Circulation and Seasonal Systems)

Chapter 11:- वायुमंडल में जल (Water in the Atmosphere)

Chapter 12:- विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन (World Climate and Climate Change)

Chapter 13:- महासागरीय जल (Ocean Water)

Chapter 14:- महासागरीय जल संचलन (Movements of Ocean Water)

Chapter 15:- पृथ्वी पर जीवन (Life on the Earth)

Chapter 16:- जैव विविधता एवं संरक्षण (Biodiversity and Conservation)

 

 

 भारत : भौतिक पर्यावरण

Chapter 1:- भारत स्थिति (India - Location)

Chapter 2:- संरचना तथा भू - आकृति विज्ञान (Structure and Physiography)

Chapter 3:- अपवाह तंत्र (Drainage System)

Chapter 4:- जलवायु (Climate)

Chapter 5:- प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation)

Chapter 6:- मृदा (Soils)

Chapter 7:- प्राकृतिक आपदाएं और संकट (Natural Hazards and Disaster)

 

 

 


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