अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO )
- वर्ष 2019 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ( International Labour Organization and ILO ) ने अपनी 100 वीं वर्षगांठ मनाई ।
- यह संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र त्रिपक्षीय संस्था है । यह श्रम मानक निर्धारित करने , नीतियाँ को विकसित करने एवं सभी महिलाओं तथा पुरुषों के लिये सभ्य कार्य को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम तैयार करने हेतु 187 सदस्य देशों की सरकारों , नियोक्ताओं और श्रमिकों को एक साथ लाता है ।
- वर्ष 1919 में वर्साय की संधि द्वारा राष्ट्र संघ की एक संबद्ध एजेंसी के रूप में इसकी स्थापना ।
- वर्ष 1946 में यह संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध पहली विशिष्ट एजेंसी बन गया ।
- मुख्यालय : जेनेवा , स्विट्जरलैंड
- स्थापना का उद्देश्य : वैश्विक एवं स्थायी शांति हेतु सामाजिक न्याय आवश्यक है ।
जानने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य:-
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानवाधिकारों एवं श्रमिक अधिकारों को बढ़ावा देता है ।
- वर्ष 1969 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन को निम्नलिखित कार्यों के लिये नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया-
- विभिन्न सामाजिक वर्गों के मध्य शांति स्थापित करने हेतु ।
- श्रमिकों के लिये सभ्य कार्य एवं न्याय का पक्षधर ।
- अन्य विकासशील राष्ट्रों को तकनीकी सहायता प्रदान करना ।
- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने निम्नलिखित क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई-
- महामंदी के दौरान श्रमिक अधिकारों को सुनिश्चित करना ।
- वि - औपनिवेशिकरण की प्रक्रिया ।
- पोलैंड में सॉलिडैरिटी ( व्यापार संगठन ) की स्थापना ।
- दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद पर विजय ।
- वर्तमान में यह एक न्यायसंगत वैश्वीकरण हेतु नैतिक एवं लाभदायक ढाँचे के निर्माण में आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है ।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की संरचना:-
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO ) तीन मुख्य निकायों सरकारों , नियोक्ताओं एवं श्रमिकों के प्रतिनिधियों के माध्यम से अपना कार्य संपन्न करता है ।
1. अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन :- यह अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों एवं अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO ) की व्यापक नीतियों को निर्धारित करता है । यह प्रतिवर्ष जेनेवा में आयोजित किया जाता है । इसे प्राय : अंतर्राष्ट्रीय श्रम संसद के रूप में संदर्भित किया जाता है ।
- सामाजिक एवं श्रम संबंधी प्रश्नों पर चर्चा के लिये भी यह एक प्रमुख मंच है ।
2. शाषी निकाय :- यह अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO ) की कार्यकारी परिषद है । प्रतिवर्ष जेनेवा में इसकी तीन बैठकें आयोजित की जाती है ।
- यह अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO ) के नीतिगत निर्णयों का निर्धारण एवं कार्यक्रम तथा बजट तय करता है , जिन्हें बाद में स्वीकृति हेतु सम्मेलन ' ( Conference for Adoption ) में प्रस्तुत किया जाता है ।
- संचालन निकाय एवं श्रम संगठन के कार्यालय के कार्यों में त्रिपक्षीय समितियों द्वारा सहायता की जाती है जो कि प्रमुख उद्योगों को कवर करती हैं ।
- व्यावसायिक प्रशिक्षण , प्रबंधन विकास , व्यावसायिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य , औद्योगिक संबंध , श्रमिकों की शिक्षा तथा महिलाओं और युवा श्रमिकों की विशेष समस्याओं जैसे मामलों पर विशेषज्ञों की समितियों द्वारा भी इसे समर्थन प्राप्त होता है ।
3. अंतर्राष्ट्रीय श्रम कार्यालय :- यह अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन का स्थायी सचिवालय है ।
- यह अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO ) की संपूर्ण गतिविधियों के लिये केंद्र बिंदु है , जिसे संचालन निकाय की समीक्षा एवं महानिदेशक के नेतृत्व में तैयार किया जाता है ।
- विशेष रुचि के मामलों की जाँच हेतु समय - समय पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO ) सदस्य राष्ट्रों की क्षेत्रीय बैठकें संबंधित क्षेत्रों के लिये आयोजित ।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के कार्य:-
- सामाजिक तथा श्रम मुद्दों को हल करने हेतु निर्देशित समन्वित नीतियों एवं कार्यक्रमों का निर्माण करना ।
- अभिसमयों के रूप में अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों को अपनाना तथा उनके कार्यान्वयन को नियंत्रित करना ।
- सामाजिक एवं श्रम समस्याओं को सुलझाने में सदस्य राष्ट्रों की सहायता करना ।
- मानवाधिकारों (काम करने का अधिकार , संघ की स्वतंत्रता , सामूहिक वार्ता , बलपूर्वक श्रम से सुरक्षा , भेदभाव से सुरक्षा , आदि) का संरक्षण करना ।
- सामाजिक एवं श्रम मुद्दों पर कार्यों का अनुसंधान तथा प्रकाशन करना ।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के लक्ष्य:-
- कार्य के मानकों एवं मौलिक सिद्धांतों तथा अधिकारों को बढ़ावा देना और उन्हें वास्तविक धरातल पर लाना ।
- सभ्य कार्य सुनिश्चित करने हेतु महिलाओं एवं पुरुषों के लिये अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करना ।
- सभी के लिये सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना तथा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों की प्रभावशीलता को बढ़ाना ।
- त्रिपक्षीय एवं सामाजिक संवाद को मजबूत करना ।
भारत और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के कार्य:-
- भारत अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO ) का संस्थापक सदस्य है और यह वर्ष 1922 से अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO ) के संचालन निकाय का स्थायी . सदस्य है ।
- भारत में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO ) का पहला कार्यालय वर्ष 1928 में स्थापित किया गया था । अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO ) और इसके भागीदारों के मध्य परस्पर विश्वास एवं सम्मान इसके अंतर्निहित सिद्धांतों के रूप में स्थापित है । यह निरंतर संस्थागत क्षमताओं के निर्माण तथा भागीदारों की क्षमताओं को मजबूत करने का आधार है ।