समय की शुरुआत से
(From the Beginning of Time)
❇️ मानव :-
🔹 56 लाख वर्ष पहले पृथ्वी पर ऐसे प्राणियों का प्रादुर्भाव हुआ जिन्हें हम मानव कह सकते हैं। आधुनिक मानव 1,60,000 साल पहले पैदा हुआ ।
❇️ आधुनिक मानव के उद्भव के दो सिद्धांत :-
🔹 क्षेत्रीय निरंतरता मॉडल सिद्धांत :- अनेक क्षेत्रों में अलग – अलग स्थानों पर मानव की उत्पत्ति हुई ।
🔹 प्रतिस्थापन का सिद्धांत :- मानव का उद्भव अफ्रीका में हुआ तथा वहाँ से भिन्न – भिन्न इलाकों में फैले ।
❇️ पुरातत्वविद् :-
🔹 यह वह वैज्ञानिक है जो मानव इतिहास का अध्ययन खुदाई से मिले अवशेषों के अध्ययन के द्वारा करता है ।
❇️ आदिमानव के इतिहास की जानकारी के प्रमुख स्रोत :-
🔹 जीवाश्मों ( Fossil ) ।
🔹 पत्थर के औजारों ।
🔹 आदि मानव द्वारा गुफाओं में की गई चित्रकारियाँ हैं ।
❇️ जीनस :-
🔹 इसके लिए हिन्दी मे ‘ वंश ‘ शब्द का प्रयोग किया जाता है ।
❇️ जीवाश्म :-
🔹 ‘ जीवाश्म ‘ ( Fossil ) पुराने पौधे , जानवर या मानव के उन अवशेषों या छापों के लिए प्रयुक्त किया जाता है जो एक पत्थर के रूप में बदलकर अक्सर किसी चट्टान में समा जाते हैं और फिर लाखों सालों तक उसी रूप में पड़े रहते हैं ।
❇️ प्रजाति :-
🔹 प्रजाति या स्पीशीज ( Species ) जीवों का एक ऐसा समूह होता है जिसके नर – मादा मिलकर बच्चे पैदा कर सकते हैं और उनके बच्चे भी आगे प्रजनन करने यानी संतान उत्पन्न करने में समर्थ होते हैं ।
❇️ ऑन दि ओरिजिन ऑफ स्पीशीज :-
🔹 चार्ल्स डार्विन द्वारा लिखित पुस्तक ऑन दि ओरिजिन ऑफ स्पीशीज ( on the origin of species ) 24 नवम्बर सन् 1859 को प्रकाशित की जिनमें यह दलील दी गई मानव का विकास जानवरों से हुआ है । जानवरों से ही क्रमिक रूप से विकसित होकर अपने वर्तमान रूप में आया है ।
❇️ प्राइमेट :-
🔹 स्तनपायी प्राणियो के एक अधिक बड़ा समूह है । इसमें वानर , लंगूर और मानव शामिल हैं ।
❇️ होमो :-
🔹 लातिनी भाषा का शब्द है जिनका अर्थ है “आदमी” । इसमें स्त्री पुरूष दोनों शामिल है ।
❇️ होमो के प्रकार :-
🔶 होमो – वैज्ञानिकों ने इसे कई प्रजातियों में बाँटा है ।
🔹 होमो हैविलिस :- औजार निर्माता ।
🔹 होमो एरेक्टस :- सीधे खड़े होकर पैरों के बल चलने वाले ।
🔹 होमो सैपियंस :- चितनशील मनुष्य ।
❇️ आस्ट्रेलोपिथिकस :-
🔹 यह लातिनी भाषा के शब्द ‘ आस्ट्रल ‘ जिसका अर्थ दक्षिणी और यूनानी भाषा के ‘ पिथिकस ‘ का अर्थ है ‘ वानर ‘ है से मिलकर बना है । यह नाम इसलिए दिया गया क्योंकि मानव के आध्य रूप में उसकी एप ( वानर ) अवस्था के अनेक लक्षण बरक़रार रहे ।
❇️ आस्ट्रेलोपिथिकस की विशेषताएँ :-
🔹 आस्ट्रेलोपिथिकस का मस्तिस्क होमो की अपेक्षा बड़ा होता था ।
🔹 इनके जबड़े भारी होते थे ।
🔹 इनके दांत भी बड़े होते थे ।
🔹 हाथों की दक्षता सिमित थी ।
🔹 सीधे खड़े होकर चलने की क्षमता अधिक नहीं थी ।
🔹 ये अपना अधिक समय पेड़ों पर गुजरते थे ।
❇️ आस्ट्रेलोपिथिकस और होमो में अंतर :-
🔶 आस्ट्रेलोपिथिकस :-
🔹 आस्ट्रेलोपिथिकस का मस्तिस्क होमो की अपेक्षा बड़ा होता था ।
🔹 इनके जबड़े भारी होते थे ।
🔹 इनके दांत भी बड़े होते थे ।
🔹 हाथों की दक्षता सिमित थी ।
🔹 सीधे खड़े होकर चलने की क्षमता अधिक नहीं थी ।
🔹 ये अपना अधिक समय पेड़ों पर गुजरते थे ।
🔶 होमो :-
🔹 इनका मस्तिष्क आस्ट्रेलोपिथिकस की अपेक्षा छोटा होता था ।
🔹 इनके जबड़े हल्के होते थे ।
🔹 इनके दांत छोटे आकार के होते थे ।
🔹 ये हाथों का अच्छा उपयोग कर लेते थे ।
🔹 इनमें सीधे खड़े होकर चलने की क्षमता अधिक थी ।
❇️ होमिनॉइड :-
🔹 यह बन्दरों से कई तरह से भिन्न होते हैं , इनका शरीर बन्दरों से बड़ा होता है और इनकी पूछ नहीं होती ।
❇️ होमिनॉइड की विशेषताएँ :-
🔹 होमिनॉइड ( Hominoids ) बंदरों से कई तरह से भिन्न होते हैं ।
🔹 उनका शरीर बंदरों से बड़ा होता है और उनकी पूँछ नहीं होती ।
🔹 होमिनिडों के विकास और निर्भरता की अवधि भी अधिक लंबी होती ।
❇️ होमोनिड :-
🔹 ‘ होमिनिड ‘ होमिनिडेइ ( Hominidae ) नामक परिवार के सदस्य होते हैं इस परिवार में सभी रूपों के मानव प्राणी शामिल हैं ।
❇️ होमोनिड की विशेषताएँ :-
🔹 इनके मस्तिस्क का आकार बड़ा होता था ।
🔹 इनके पास पैरों के बल सीधे खड़े होने की क्षमता होती थी ।
🔹 ये दो पैरों के बल चलते थे ।
🔹 इनके हाथों में विशेष क्षमता जिससे वह औजार बना सकता था और उनका इस्तेमाल कर सकता था ।
❇️ होमोनिडों के अफ्रीका में उदभव के प्रमाण :-
🔸 इसके दो प्रमाण है:
🔹 अफ़्रीकी वानरों ( एप ) का समूह होमोनिडों से बहुत गहराई से जुड़ा है ।
🔹 सबसे प्राचीन होमोनिड जीवाश्म , जो आस्ट्रेलोपिथिकस वंश ( जीनस ) से है , जो पूर्वी अफ्रीका में पाए गए है । और अफ्रीका के बाहर पाए गए जीवाश्म इतने पुराने नहीं है ।
❇️ होमोनिड और होमो नाइड में अंतर :-
🔶 होमोनिड :-
🔹 इनका होमोनाइडो की तुलना में मस्तिष्क छोटा होता था ।
🔹 ये सीधे खड़े होकर पिछले दो पैरों के बल चलते थे ।
🔹 इनके हाथ विशेष किस्म के होते थे जिसके सहारे ये हथियार बना सकते थे और इन्हें इस्तेमाल कर सकते थे ।
🔹 इनकी उत्पति लगभग 56 लाख वर्ष पूर्व माना जाता है ।
🔶 होमोनाइड :-
🔹 इनका मस्तिष्क होमोनिड की तुलना में बड़ा होता है ।
🔹 वे चौपाए थे , यानी चारों पैरों के बल चलते थे , लेकिन उनके शरीर का अगला हिस्सा और अगले दोनों पैर लचकदार होते थे ।
🔹 इनकी हाथों की बनावट भिन्न थी और ये औजार का उपयोग करना नहीं सीखे थे ।
🔹 इनकी उत्पति होमोनीडों की उत्पत्ति से पहले का माना जाता है ।
❇️ आदिकालीन मानव किस प्रकार भोजन ग्रहण करता था ?
🔸 आदिकालीन मानव विभिन्न तरीकों से भोजन ग्रहण करता था ।
🔹 संग्रहण
🔹 शिकार
🔹 मछली पकड़ना
🔹 अपमार्जन
❇️ अपमार्जन :-
🔹 इसका अर्थ है त्यागी हुई वस्तुओं की सफाई करना या भक्षण करना ।
❇️ संचार, भाषा और कला :-
🔸 भाषा के विकास पर कई प्रकार के मत हैं जैसे :-
🔹 होमिनिड भाषा में अंगविक्षेप ( हाव – भाव ) या हाथों का संचालन ( हिलाना ) शामिल था ।
🔹 उच्चरित भाषा से पहले गाने या गुनगुनाने जैसे मौखिक या ( अ ) – शाब्दिक संचार का प्रयोग होता था ।
🔹 मनुष्य की वाणी का प्रारंभ संभवतः आह्वाहन या बुलावों की क्रिया से हुआ था जैसा कि नर – वानरों में देखा जाता है । प्रारंभिक अवस्था में मानव बोलने में बहुत कम ध्वनियों का प्रयोग करता होगा । धीरे – धीरे ये ध्वनियाँ ही आगे चलकर भाषा के रूप में विकसित हो गई ।
❇️ बोली जाने वाली भाषा की उत्पति :-
🔹 ऐसा माना जाता है होमो हैबिलिस के मस्तिष्क में कुछ ऐसी विशेषताएँ थी जिनके कारण उनके लिए बोलना संभव हुआ होगा । भाषा का विकास सबसे पहले 20 लाख वर्ष पूर्व हुआ । स्वर – तंत्र का विकास लगभग दो लाख वर्ष पहले हआ । इसका संबंध खास तौर से आधुनिक मानव से है ।
❇️ शिकारी संग्राहक समाज :-
🔹 यह समाज शिकार करने के साथ – साथ आर्थिक क्रियाकलापों में लगे रहते थे , जैसे – जंगलों में पाई जाने वाली छोटी – छोटी चीजों का विनिमय और व्यापार करना इत्यादि ।
❇️ हदज़ा जनसमूह :-
🔹 यह शिकारियों तथा संग्राहकों का एक छोटा समूह है , जो ” लेक इयासी ‘ खारे पानी की विभ्रंश घाटी में बनी झील के आस – पास रहते हैं । ये लोग हाथी को छोडकर बाकी सभी किस्म के जानवरों का शिकार करते हैं एवं उनका माँस खाते हैं ।
🔹 हादजा लोग जमीन एवं उसके संसाधनों पर अपना अधिकार नहीं जताते । इनके पास शिकार के लिए असीमित मात्रा में पशु उपलब्ध होने के बावजूद ये लोग अपने भोजन के लिए मुख्य रूप से जंगली साग – सब्जियों पर ही निर्भर रहते हैं । संभवतः इनके भोजन का 80% भाग वनस्पतिजन्य होता है ।
❇️ आल्टामीरा की गुफा की विशेषताएँ :-
🔹 आल्टामीरा स्पेन में स्थित एक गुफा – स्थल है । यह गुफा इसके छत पर बने चित्रकारियों के लिए प्रसिद्ध है । इसकी चित्रकारियों में रंग की बजाय किसी प्रकार की लेई ( पेस्ट ) का इस्तेमाल किया गया है । यह चित्रकारीयाँ बहुत ही पुरानी हैं परन्तु देखने में ये आधुनिक लगती है जिस पर पुरातत्वविद भी विश्वास नहीं कर पाते हैं ।
❇️ हिमयुग का प्रारंभ :-
🔹 हिमयुग का आरंभ लगभग 25 लाख वर्ष पहले , ध्रुवीय हिमाच्छादन से हुआ था । इसमें पृथ्वी के बड़े – बड़े भाग बर्फ से ढक गए इससे जलवायु तथा वनस्पति की स्थिति में बड़े – बड़े परिवर्तन आए । तापमान और वर्षा में कमी हो जाने के कारण , जंगल कम हो गए और घास का मैदानों का क्षेत्रफल बढ़ गया ।
❇️ हिमयुग का अंत :-
🔹 लगभग तेरह हजार वर्ष पहले अंतिम हिमयुग का अंत हो गया । जिससे मनुष्यों में अनेक परिवर्तन आए ।
🔹 जैसे – खेती करना , पशुपालन इत्यादि ।