नागरिकता (Citizenship) || 11th Class Pol. Science Ch-6 ( Book-2) || Notes in Hindi

 नागरिकता

(Citizenship)



❇️ नागरिकता :-

🔹 नागरिकता से अभिप्राय एक राजनीतिक समुदाय की पूर्ण और समान सदस्यता से है जिसमें कोई भेदभाव नहीं होता । राष्ट्रों ने अपने सदस्यों को एक सामूहिक राजनीतिक पहचान के साथ ही कुछ अधिकार भी दिए है । इसलिए हम सबंद्ध राष्ट्र के आधार पर स्वंय को भारतीय , जापानी या जर्मन कहते हैं । 

🔹 अधिकतर लोकतांत्रिक देशों में नागरिकों को अभिव्यक्ति का अधिकार , मतदान या आस्था की स्वतंत्रता , न्यूनतम मजदूरी या शिक्षा पाने का अधिकार शामिल किए जाते हैं । 

🔹 नागरिक आज जिन अधिकारों का प्रयोग करते है उन्हें उन्होंने एक लंबे संघर्ष के बाद प्राप्त किया है जैसे 1789 की फ्रांसीसी क्रांति , दक्षिण अफ्रीका में समान नागरिकता प्राप्त करने के लिए लंबा संघर्ष आदि । 


नोट :- नागरिकता से संबंधित प्रावधानों का वर्णन संविधान के तीसरे खंड तथा संसद द्वारा तत्पश्चात पारित कानूनों से हुआ हैं । 


❇️ नागरिक :-

🔹 वह व्यक्ति जो किसी राज्य अथवा देश का पूर्ण सदस्य हो नागरिक कहलाता है ।

❇️ विदेशी :-

🔹 जो व्यक्ति किसी अन्य राज्य के नागरिक होते है और अस्थायी रूप से दुसरे देश में आया हो । ऐसे व्यक्ति को उस राज्य या देश में विदेशी कहा जाता है ।

❇️ नागरिक एवं विदशी में अंतर :-

🔶 नागरिक :-

🔹 निवास : ये स्थाई होते हैं । 

🔹 अधिकार : इनकों सभी राजनितिक अधिकार प्राप्त होते हैं । 

🔹 कर्तव्य : इन्हें राज्य के सभी क़ानूनी कर्तव्यों का पालन अनिवार्य होता है । 

🔹 प्रतिबंध : इन्हें राज्य में घूमने व निवास पर कोई प्रतिबंध नहीं होता ।

🔶 विदेशी :-

🔹 निवास : ये अस्थाई होते हैं । 

🔹 अधिकार : इनकों सिर्फ सामाजिक अधिकार प्राप्त होते हैं । 

🔹 कर्तव्य : ये अपने मूल देश के प्रति ही वफादार होते है और अन्य देश के क़ानूनी कर्तव्यों के पालन के लिए वाध्य नहीं है । 

🔹 प्रतिबंध : इन्हें एक निश्चित समयसीमा , जगह में निवास करना होता है ।

❇️ नागरिकता के प्रकार :-

🔹 जन्मजात नागरिकता :- वह नागरिकता जिसमें किसी व्यक्ति को राज्य में जन्म के आधार पर प्राप्त हो जन्मजात नागरिकता कहते है । 

🔹 राज्यप्रद्त नागरिकता :- जब किसी व्यक्ति को राज्य द्वारा किसी विशेष परिस्थितियों के कारण नागरिकता प्रदान की गयी हो तो इसे राज्यप्रदत नागरिकता कहते है । 

🔹  इकहरी नागरिकता :- वह नागरिकता जो कोई देश अपने नागरिको को प्रदान करता है जिसमे वह किसी भी राज्य का बासी हो परन्तु वह नागरिक कहलाता है ।

🔹 दोहरी नागरिकता :- जब किसी व्यक्ति को देश कि भी और प्रान्त कि भी नागरिकता प्राप्त हो तो उसे धोरी नागरिकता कहते है उद अमेरिका , फ्रांस 

❇️ नागरिकता प्राप्त करने के तरीके :-

🔹 विवाह के आधार पर 

🔹 लंबे निवास के आधार पर 

🔹 गोद लेने पर 

🔹 संपत्ति खरीदने पर 

🔹 सरकारी सेवा

🔹 विद्वान् होने पर 

❇️ नागरिकता त्याग के तरीके :-

🔹 त्याग पत्र 

🔹 विवाह कर लेने पर 

🔹 अनुपस्तिथि

🔹 विदेश में नौकरी 

🔹 देश द्रोह 

❇️ सार्वभौमिक नगारिकता :-

🔹 हम यह मान लेते हैं कि किसी देश की पूर्ण सदस्यता उन सबको उपलब्ध होनी चाहिए जो सामान्यतः उस देश के निवासी है , वहां काम करते या जो नागरिकता के लिए आवदेन करते हैं किंतु नागरिकता देने की शर्ते सभी तय करते हैं । अवांछित नागरिकता से बाहर रखने के लिए राज्य ताकत का इस्तेमाल करते हैं परंतु फिर भी व्यापक स्तर पर लोगों का देशांतरण होता है । 

❇️ विश्व नागरिकता :-

🔹 आज हम एक ऐसी दुनिया में रहते है जो आपस में एक दूसरे से जुड़ा है संचार के साधन , टेलिविजन या इंटरनेट ने हमारे संसार को समझने के ढंग में भारी परिवर्तन किया है । एशिया की सूनामी या बड़ी आपदाओं के पीड़ितों की सहायता के लिए विश्व के सभी भागों से उमड़ा भावोद्गार विश्व समाज की उभार को ओर इशारा करता है । इसी को विश्व नागरिकता कहा जाता है । यही ‘ विश्व ग्राम ‘ व्यवस्था का आधार भी है । 

❇️ विश्व नागरिकता से लाभ :-

🔹 इससे राष्ट्रीय समीओं के दोनों तरफ उन समस्याओं का समाधान करना सरल होगा जिसमें बहुत देशों की सरकारों और लोगों की संयुक्त कार्यवाही जरूरी होती है । इससे प्रवासी या राज्यविहीन लोगों की समस्या का सर्वमान्य निबटान करना आसान हो सकता है ।

❇️ संपूर्ण और समान सदस्यता :-

🔹 इसका अभिप्राय है नागरिकों को देश में जहां चाहें रहने , पढ़ने , काम करने का समान अधिकार व अवसर मिलना तथा सभी अमीर – गरीब नागरिकों को कुछ मूलभूत अधिकार एवं सुविधाएं प्राप्त होना है । 

❇️ प्रवासी :-

🔹 काम की तलाश में लोग एक शहर से दूसरे शहर तथा देश से दूसरे देश की ओर की जाते है , तब वे प्रवासी कहलाते है 

🔹 निर्धन प्रवासियों का अपने – अपने क्षेत्रों में उसी प्रकार स्वागत नहीं होता जिस प्रकार कुशल और दौलतमंद प्रवासियों का होता है । 

🔹 प्रतिवाद ( विरोध ) का अधिकार हमारे संविधान में नागरिकों के लिए सुनिश्चित की गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का एक पहलू है बशर्ते इससे दूसरे लोगों या राज्य के जीवन और संपत्ति को क्षति नहीं पहुंचनी चाहिए ।

❇️ राज्यकृत नागरिकता :-

🔹 कोई नागरिक अपनी राष्ट्रीय पहचान को एक राष्ट्रगान , झंडा , राष्ट्रभाषा या कुछ खास उत्सवों के आयोजन जैसे प्रतीकों द्वारा प्रकट कर सकता है । लोकतांत्रिक देश यथासंभव समावेशी होते हैं जो सभी नागरिकों को राष्ट्र के अंश के रूप में अपने को पहचानने की इजाजत देता है । जैसे फ्रांस , जो यूरोपीय मूल के लोगों को ही नहीं अपितु उत्तर अफ्रीका जैसे दूसरे क्षेत्रों से आए नागरिकों को भी अपने में सम्मिलित करता है इसे राज्यकृत नागरिकता कहते हैं । 

❇️ राज्यकृत नागरिकता के तरीके :-

🔹 पंजीकरण 

🔹 देशीकरण  

🔹 वंश परंपरा 

🔹 किसी भू क्षेत्र का राजक्षेत्र में मिलना 

❇️ विस्थापन के कारण :-

🔹 युद्ध , अकाल , उत्पीड़न 

❇️ शरणार्थी का अर्थ :-

🔹 विस्थापन के कारण जो लोग न तो घर लौट सकते है और न ही कोई देश उन्हें अपनाने को तैयार होता है तो वे राज्यविहीन या शरणार्थी कहलाते हैं । 

❇️ प्रतिवाद के तरीके :-

🔹 नागरिक समूह बनाकर , प्रदर्शन कर के , मीडिया का इस्तेमाल कर , राजनीतिक दलों से अपील कर या अदालत में जाकर जनमत और सरकारी नीतियों को परखने और प्रभावित करने के लिए स्वतंत्र है । 

❇️ समान अधिकार :-

🔹 शहरों में अधिक संख्या झोपड़पट्टियों और अवैध कब्जे की भूमि पर बसे लोगों की हैं । ये लोग हमारे बहुत काम के है | इनके बिना एक दिन भी नहीं गुजारा जा सकता जैसे सफाईकर्मी , फेरीवाले , घरेलू नौकर , नल ठीक करने वाले आदि ।

🔹 सरकार , स्वंय सेवी संगठन भी इन लोगों के प्रति जागरूक हो रहे है । सन 2004 में एक राष्ट्रीय नीति बनाई गई जिससे लाखों फुटपाथी दुकानदारों को स्वतंत्र कारोबार चलाने का बल प्राप्त हुआ । 

🔹 इसी प्रकार एक और वर्ग है जिसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है वह है आदिवासी और वनवासी समूह । ये लोग अपने निर्वाह के लिए जंगल और दूसरे प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहते हैं ।

🔹 नागरिकों के लिए समान अधिकार का अर्थ है नीतियाँ बनाते समय भिन्न – भिन्न लोगों की भिन्न – भिन्न जरूरतों का तथा दावों का ध्यान रखना ।

❇️ नगारिक और राष्ट्र :-

🔹 भारतीय संविधान ने अनेक विविधतापूर्ण समाजों को समायोजित करने का प्रयास किया है । इसने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति जैसे अलग – अलग समुदायों , महिलाओं , अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के कुछ सुदूरवर्ती समुदायों को पूर्ण तथा समान नागरिकता देने का प्रयास किया है ।






इतिहास विश्व इतिहास के कुछ विषय

Chapter 1: - समय की शुरुआत से (From the Beginning of Time)

Chapter 2: - लेखन कला और शहरी जीवन (Writing and City Life)

Chapter 3: - तीन महाद्वीपों में फैला हुआ साम्राज्य (An Empire Across Three Continents)

Chapter 4:- इस्लाम का उदय और विस्तार (The Central Islamic Lands )

Chapter 5:- यायावर साम्राज्य (Nomadic Empires)

Chapter 6:- तीन वर्ग (The Three Orders)

Chapter 7:- बदलती हुई सांस्कृतिक परम्पराएँ (Changing Cultural Traditions)

Chapter 8:- संस्कृतियों का टकराव (Confrontation of Cultures)

Chapter 9:- औद्योगिक क्रांति (The Industrial Revolution)

Chapter 10:- मूल निवासियों का विस्थापन (Displacing Indigenous Peoples)

Chapter 11:- आधुनिकीकरण के रास्ते (Paths to Modernization)

राजनीति विज्ञान  भारत का संविधान : सिद्धांत और व्यवहार

Chapter 1:- संविधान क्यों और कैसे (Constitution because and how)

Chapter 2:- भारतीय संविधान में अधिकार (Rights in the Indian Constitution)

Chapter 3:- चुनाव और प्रतिनिधि (Election and Representative)

Chapter 4:- कार्यपालिका (Executive)

Chapter 5:- विधायिका (Legislature)

Chapter 6:- न्यायपालिका (Judiciary)

Chapter 7:- संघवाद (Federalism)

Chapter 8:- स्थानीय शासन (Local Government)

Chapter 9:- संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ (Constitution a living document)

Chapter10:- संविधान का राजनितिक दर्शन (Political Philosophy of the Constitution)

 

 

- राजनितिक सिद्धांत

Chapter 1:- राजनीतिक सिद्धांत एक परिचय (Political Theory - An Introduction)

Chapter 2:- स्वतंत्रता (Freedom)

Chapter 3:- समानता (Equality)

Chapter 4:- सामाजिक न्याय (Social justice)

Chapter 5:- अधिकार (Rights)

Chapter 6:- नागरिकता (Citizenship)

Chapter 7:- राष्ट्रवाद (Nationalism)

Chapter 8:- धर्मनिरपेक्षता (Secularism)

Chapter 9:- शांति (Peace)

Chapter 10:- विकास (Development)

 

 

भूगोल   भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत

Chapter 1:- भूगोल एक विषय के रूप में (Geography as A Discipline)

Chapter 2:- पृथ्वी की उत्पत्ति एंव विकास (The Origin and Evolution of the Earth)

Chapter 3:- पृथ्वी की आन्तरिक संरचना (Interior of the Earth)

Chapter 4:- महासागरों और महाद्वीपों का वितरण (Distribution of Oceans and Continents)

Chapter 5:- खनिज एंव शैल (Minerals and Rocks)

Chapter 6:- आकृतिक प्रक्रियाएँ (Geomorphic Processes)

Chapter 7:- भू आकृतियाँ तथा उनका विकास (Landforms and their Evolution)

Chapter 8:- वायुमण्डल का संघटन एवं संरचना (Composition and Structure of Atmosphere)

Chapter 9:- सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान (Solar Radiation , Heat Balance and Temperature)

Chapter 10:- वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसमी प्रणालियाँ (Atmospheric Circulation and Seasonal Systems)

Chapter 11:- वायुमंडल में जल (Water in the Atmosphere)

Chapter 12:- विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन (World Climate and Climate Change)

Chapter 13:- महासागरीय जल (Ocean Water)

Chapter 14:- महासागरीय जल संचलन (Movements of Ocean Water)

Chapter 15:- पृथ्वी पर जीवन (Life on the Earth)

Chapter 16:- जैव विविधता एवं संरक्षण (Biodiversity and Conservation)

 

 

 भारत : भौतिक पर्यावरण

Chapter 1:- भारत स्थिति (India - Location)

Chapter 2:- संरचना तथा भू - आकृति विज्ञान (Structure and Physiography)

Chapter 3:- अपवाह तंत्र (Drainage System)

Chapter 4:- जलवायु (Climate)

Chapter 5:- प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation)

Chapter 6:- मृदा (Soils)

Chapter 7:- प्राकृतिक आपदाएं और संकट (Natural Hazards and Disaster)

 

 

 


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