अरब विद्रोह (ARAB SPRING) || Ch-2 B-1 Pol. Science Class 12th || New Topic || Hindi Medium || NCERT CBSE


अरब विद्रोह

अरब विद्रोह का अर्थ :-

  • अरब विद्रोह अरब के देशो द्वारा अपनी तानाशाह सरकार के खिलाफ किया गया एक लोकतंत्र समर्थक विद्रोह था जो की ट्यूनीशिया (अरब देश) से शुरू हुआ था ।

अरब विद्रोह की शुरुआत :-

  • ट्यूनीशिया के एक सब्जी और फल विक्रेता मोहम्मद बोउजिजी ने अपनी दुकान के लाइसेन्सेस का आवेदन किया हुआ था लेकिन इन्हे लाइसेंस की अनुमति नहीं मिल रही थी ।

  • 17 दिसंबर को जब ये अपना सामान  बेचने के लिए अपने स्थान पर पहुंचे तो वहा पर कोई और विक्रेता फल बेच रहा था और जब इन्होने इस बारे मे वहा की पुलिस से बातचीत की तो पुलिस ने इनका सभी सामान छीन लिया और इनके साथ बहुत मारपीट की गयी ।

  • अपने साथ हुए इस दुर्व्यवहार के कारण इन्होने ट्यूनीशिया के एक सरकारी दफ्तर के सामने आत्मदाह कर लिया।

  • इनकी मृत्यु के बाद वहा के लोगो ने अपनी तानाशाह सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया |

  • सरकार ने विद्रोह को रोकने के लिए लोगो के ऊपर गोलिया तक चलवा दी लेकिन फिर भी विद्रोह को नहीं रोका जा सका ।

  • उस वक्त वहा पर EL ABIDINE BEN ALI का शासन था ।

  • इनकी सरकार ने विद्रोह को रोकने के लिए वहा पर कर्फ्यू लगवा दिया लेकिन फिर भी लोगो को शांत नहीं किया जा सका और अंत में बेन अली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा ।

  • अरब क्रांति को जैस्मिन क्रांति के नाम से भी जाना जाता है ।

अरब क्रांति ट्यूनीशिया से निम्लिखित अरब देशो में फैला :-

  1. मिस्र (EGYPT) 

  2. लीबिया 

  3. सीरिया 

  4. यमन 

  5. मोरक्को आदि ।

अरब विद्रोह का मुख्य उद्देश्य :-

  • तानाशाह को समाप्त करना

  • भ्रष्ट शासको से मुक्ति 

  • लोकतंत्र को स्थापित करने के लिए 

  • आर्थिक स्वतंत्रता के लिए

  • भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए 

  • गरीबी, बेरोजगारों की समाप्ति के लिए आदि ।

अरब विद्रोह के परिणाम :-

  • अरब क्रांति का सबसे अधिक लाभ सिर्फ ट्यूनीशिया को ही हुआ और क्योकि इसका लाभ सभी अरब देशो को नहीं हुआ इसलिए इस क्रांति को ज्यादा सफल नहीं माना जाता।

  • लीबिया और सीरिया जैसे देशो में बाहरी हस्तक्षेप के कारण विद्रोह सफल नहीं हुआ।

  • यमन जैसे देशो में सैनिक शासन द्वारा क्रांति को दबा दिया गया जिससे वहा सैनिक शासन मजबूत हुआ ।

  • सऊदी अरब ने जनता को खुश करने और विद्रोह को कम करने के लिए संवैधानिक सुधार किये और लोगों को बहुत सी सुविधाएँ प्रदान की ।

  • कुवैत , लेबनान जैसे देशो ने भी विद्रोह को कम करने के लिए कुछ प्रसाशनिक सुधार किये ।






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