आतंकवाद (Terrorism)
- आतंकवाद आतंकवाद हिंसा का एक गैर - कानूनी तरीका है जो लोगों को डराने के लिये आतंकवादियों द्वारा प्रयोग किया जाता है । आज , आतंकवाद एक सामाजिक मुद्दा बन चुका है । इसका इस्तेमाल आम लोगों और सरकार को डराने - धमकाने के लिये हो रहा है । बहुत आसानी से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये विभिन्न सामाजिक संगठन , राजनीतिज्ञ और व्यापारिक उद्योगों के द्वारा आतंकवाद का इस्तेमाल किया जा रहा है । लोगों का समूह जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं उन्हें आतंकवादी कहते हैं ।
परिचय :-
- आतंकवादी समूहों का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच आतंक पैदा करना होता हैं और वे लोगों को निरंतर इसी डर और खौफ के साथ देखना पसंद करते हैं तथा इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए वो समय - समय पर विभिन्न छोटी - बड़ी आतंकवादी गतिविधियाँ करते रहते हैं ।
- आतंकवाद आज किसी सीमा का मोहताज नहीं है यह न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में अपने पैर पसार चुका है परंतु इस विचार में परिवर्तन की बात की जाए तो 9/11 ( अमेरिका ) की घटना के बाद इसे एक वैश्विक समस्या के रूप में परिभाषित किया गया है ।
- भारत की बात की जाये तो यहाँ लगभग 100 से भी अधिक आतंकवादी संस्थाएँ चल रही हैं और वे देश में तनाव और भय का माहौल उत्पन्न करने में सफल भी रही हैं ।
- इन आतंकवादी समूहों द्वारा कई आतंकवादी गतिविधियाँ की गई है ।
- भारत अपने पड़ोसी देश द्वारा मुख्य रूप से पाकिस्तान द्वारा किए गए आतंकवादी कृत्यों से बहुत क्षतिग्रस्त हुआ है।
भारत में सक्रिय आतंकवादी:-
- संगठन जैश - ए - मोहम्मद : यह जम्मू - कश्मीर में संचालित एक पाकिस्तानी आतंकवादी समूह हैं , जिसका उद्देश्य जम्मू - कश्मीर पर कब्जा करना है । इस समूह ने घाटी के अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए कई आतंकवादी हमलों को भी अंजाम दिया है ।
- लश्कर- ए-तैयबा : यह एक इस्लामबाद आतंकवादी समूह है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ - साथ भारत के जम्मू - कश्मीर के क्षेत्रों में भी काम कर रहा है । इसे पाकिस्तान द्वारा वित्त पोषित किया जाता है और ये भारत में कई बड़े आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है ।
- माओवादी : 2004 के वामपंथी आतंकवादियों और भारत सरकार के बीच वार्ता के बाद , नक्सली समूहों के विलय से इस आतंकवादी समूह का . लश्कर - ए - तैयबा निर्माण हुआ था ।
- यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम ( उल्फा ) : यह आतंकवादी समूह भारतीय राज्य असम में विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है ।
भारत में आतकवाद का कारण:-
- भारत में आतंकवाद के व्यापक प्रसार के कई कारण हैं ।
- भारत में मुख्य रूप से चार प्रकार के आतंकवाद है । इसमें धार्मिक आतंकवाद , नार्को आतंकवाद , वामपंथी आतंकवाद और एथनो - राष्ट्रवादी आतंकवाद शामिल हैं ।
- विभिन्न आतंकवादी संगठनों से जुड़े आतंकवादी अलग - अलग कारणों से एक जुट हो सकते हैं , परंतु उनके अधीन चल रहे सभी आतंकवादी संगठनों का मुख्य उद्देश्य समान ही होता है और यह आम जनता के बीच बड़े स्तर पर भय और दहशत पैदा करने के लिए सदैव तैयार रहते हैं ।
भारत में आतंकवादी हमला:-
भारत में कई आतंकवादी हमलों को देखा जा सकता है जिन्होंने जनता के बीच भय तथा डर खौफ पैदा किया है और बड़े पैमाने पर विनाश का कारण बना है । कुछ प्रमुख आतंकवादी हमलों के निम्नलिखित है जिसने पिछले कुछ वर्षों में भारत को बुरी तरीके से प्रभावित किया हैं -
- मुंबई सीरियल ब्लास्ट : 12 मार्च 1993 को पूरे मुंबई में सीरियल धमाके हुए । इन धमाकों के पीछे डी कंपनी का हाथ था । इस हमले में 257 लोग मारे गए थे , जबकि 713 लोग घालय हुए थे ।
- कोयम्बटूर धमाका : 14 फरवरी 1998 में इस्लामिक ग्रुप अल उम्माह ने कोयंबटूर में 11 अलग - अलग जगहों पर 12 बम धमाके किए । इसमें आतंकवादी 60 लोगों की मौत हो गई , जबकि 200 लोग घायल हुए थे । ठीक उसके अगले साल 3 नवंबर , 1999 को श्रीनगर के बादाम बाग में हुए हमले में 10 जवान शहीद हो गए ।
- जम्मू कश्मीर विधानसभा पर हमला : 1 अक्टूबर 2001 को जैश - ए - मोहम्मद ने 3 आत्मघाती हमलावरों ने विधानसभा भवन पर कार बम हमला किया इसमें 38 लोग मारे गए ।
- भारतीय संसद पर हमला : 13 दिसंबर 2001 में लश्करए तैयबा और जैशए मोहम्मद के 5 आतंकवादी भारत के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले संसद भवन परिसर में घुस गए । हालांकि सुरक्षा बलों ने आतंकियों को मार गिराया और आतंकी अपने मंसूबे में नाकाम हो गए । हमले के समय संसद भवन में 100 राजनेता मौजूदा थे । इस हमले में 6 पुलिसकर्मी और 3 संसद भवन कर्मी मारे गए ।
- दिल्ली सीरियल बल ब्लास्ट : 29 अक्टूबर 2005 में दीवाली से 2 दिन पहले आतंकियों ने 3 बम धमाके किए । 2 धमाके सरोजनी नगर और पहाड़गज जैसे मुख्य बाजारों में हुए । तीसरा धमाका गोविंदपुरी में एक बस में हुआ । इसमें कुल 63 लोग मारे गए जबकि 210 लोग घायल हुए थे ।
- मुंबई ट्रेन धमाका : 11 जुलाई 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों में अलग - अलग 7 बम विस्फोट हुए । सभी विस्फोटक फर्स्ट क्लास कोच में बम रखे गए थे । इन धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ था । इसमें कुल 210 लोग मारे गए थे और 715 लोग जख्मी हुए थे ।
- असम में धमाके : राजधानी गुवाहाटी में 30 अक्टूबर 2008 को विभिन्न जगहों पर कुल 18 धमाके आतंकियों द्वारा किए गए । इन धमाकों में कुल 81 लोग मारे गए थे जबकि 470 लोग घायल हुए ।
- 26/11 मुंबई आतंकी हमला : 26 नवंबर , 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आत्मघाती हमलावरों ने सीरियल बम धमाकों के अलावा कई जगहों पर अंधाधुंध फायरिंग की । आतंकियों ने नरीमन हाउस , होटल ताज और होटल ओबेराय को कब्जे में ले लिया था । इस हमले में करीब 180 लोग मारे गए थे और करीब 300 लोग घायल हुए थे । आतंकवादी कसाब पकड़ा गया था , जिसे मुकदमे के बाद फांसी दे दी गई ।
- पुलवामा आतंकी हमला : 14 फरवरी 2019 जम्मू से कश्मीर जा रहे पुलवामा के पास CRPF काफिले पर फिदायिन हमला किया गया जिसमें CRPF के 4 जवान शहोए हुए जिसको जिम्मेदारों पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश - ए - महमद ने ली ।
आतंकवाद के साधन:-
1. परंपरागत साधनः
- लोगों को बंधक बनाना और हाइजैकिंग ।
- भवनों , विशेषकर सरकारी जनता पवनों का बलपूर्वक अधिग्रहण करना ।
- हथियारों , बस , आईईडो , हथगोलों , बारुदी सुरंगों का प्रयोग करते हुए व्यक्तियों और संपत्ति पर आक्रमण करना।
- वर्तमान में आत्मरती हमलों और अपहरणों करने का आश्रय लेने में वृद्धि हो रही है ।
2. गैर - परंपरागत साधन :
- आतंकवादियों द्वारा जनसंहार के हथियार के रूप में न्यूक्लियर , रासायनिक अथवा जैविक हथियार प्राप्त करना साथ ही साइबर आंतकवाद और पर्यावरणीय आतंकवाद जैसे गंभीर खतरे भी है ।
3. साइबर - आतंकवाद ( Cyber - terrorism ) :
- साइवर - आतंकवाद , आतंकवाद और साइबरस्पेस का संयोजन है ।
- इसे मुख्यतः राजनीतिक अथवा सामाजिक हितों की पूर्ति के लिये अथवा सरकार या लोगों को भयभीत अथवा पीड़ित करने के आशय से कप्यूटरों , नेटवर्क और उसमें संग्रहीत सूचना के विरुद्ध गैर - कानूनी आक्रमण और आक्रमण की धमको के अर्थ में समझा जा सकता है ।
- साइबर - आतंकवाद सूचना और सचार प्रौद्योगिकियों में उन्नति के कारण विकसित आतंकवादी कार्यनीति का सर्वाधिक उन्नत साधन हैं जो आतंकवादियों को न्यूनतम शारीरिक जोखिम के अपना कार्य करने में समर्थ बनाता है ।
निष्कर्ष:-
- आतंकवाद ने भारत को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है । आतंकवादी हमलों की वजह से हजारों निषों को जान गई है ।
- आतंकवाद विरोधी एजेंसियों और उनकी उच्च रणनीतियों के गठन के बावजूद भी , आतंकवादी समूह अभी भी आतंकवादी गतिविधियों को पूरा करने में सफल है ।
- आतंकवादी हमलों के लिए भारत सरकार की प्रतिक्रिया कभी भी उतनी कठोर नहीं है जितनी होनी चाहिए ।
- आतंकवादी गतिविधियों के लिए उचित रणनीतिक प्रतिक्रिया के अभाव , आतंकवादी संगठनों को निडरता से ऐसी गतिविधियों को करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है